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केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत सरकार के दफ्तरों में लंबित कार्यों को निपटाने के लिए 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2021 तक चलने वाले विशेष अभियान का शुभारंभ किया


इस अभियान के दौरान नागरिक केन्द्रित शासन के अंतर्गत सभी लंबित शिकायतों और मामलों का निपटारा किया जाएगा : डॉ जितेंद्र सिंह

अभियान में, रद्दी हो चुकी और पुरानी अनुपयोगी वस्तुओं को भी दफ्तर परिसरों से बाहर किया जाएगा ताकि कार्यस्थल को स्वच्छ बनाया जा सके: डॉ जितेंद्र सिंह

Posted On: 01 OCT 2021 5:28PM by PIB Delhi

केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अन्तरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत सरकार के दफ्तरों में लंबित कार्यों को निपटाने के लिए 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2021 के बीच चलने वाले विशेष अभियान हेतु एक समर्पित पोर्टल का आज शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान नागरिक केन्द्रित शासन के अंतर्गत सभी लंबित शिकायतों और मामलों का निपटारा किया जाएगा ताकि आम आदमी के जीवन को सुगम बनाया जा सके।

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उद्घाटन कार्यक्रम में भारत सरकार के सभी सचिवों तथा संबद्ध, अधीनस्थ और स्वायत्त निकायों के कई विभागाध्यक्षों के अलावा अभियान के लिए नामित नोडल अधिकारी भी शामिल हुए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार का प्रयास 'न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन' का है, जिसके अंतर्गत पारदर्शिता में सुधार लाने का उल्लेखनीय लक्ष्य हासिल किया गया है और 2014 से अब तक अनुपयोगी हो चुके 1500 से अधिक कानूनों को हटाया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 में इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से जन शिकायत के मामलों में 10 गुणा की वृद्धि हुई जो वास्तव में इस सरकार पर नागरिकों के भरोसे को प्रतिबिम्बित करता है। जन शिकायतों की संख्या 2014 में जहां 2 लाख थी, वहीं अब इन शिकायतों के निपटारे में तेजी से सुधार हो रहा है और 96 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मुख्य मंत्र है कि कल्याणकारी योजनाओं के सभी लाभ अंतिम पंक्ति में अंतिम व्यक्ति तक पहुँचें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष अभियान का उद्देश्य इस अभियान की अवधि में प्रत्येक मंत्रालय तथा विभाग और उसके संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों को प्राप्त होने वाली जन शिकायतों के साथ-साथ संसद सदस्यों, राज्य सरकारों, अंतर-मंत्रालयी परामर्श और संसदीय आश्वासनों से प्राप्त होने वाले संदर्भों का समय पर और प्रभावी निपटारा सुनिश्चित करना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह अभियान भारत के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'स्वच्छ भारत मिशन-शहरी' के दूसरे चरण के शुभारंभ के बाद चलाया जा रहा है, ऐसे में यह और भी आवश्यक हो जाता है कि इस विशेष अभियान के दौरान अस्थायी फाइलों की उपयोगिता की पहचान की जाये और मौजूदा निर्देशों के अनुसार उन फाइलों को हटा दिया जाये, ताकि कार्यस्थलों पर स्वच्छता सुनिश्चित की जा सके।

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प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) इस अभियान के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। विभाग ने इस उद्देश्य के लिए एक समर्पित डैशबोर्ड विकसित किया है और भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग में विशेष अभियान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया गया है। अभियान संबंधी प्रगति की सचिवों या विभागाध्यक्ष द्वारा दैनिक आधार पर निगरानी की जानी चाहिए। इस अभियान से संबंधी समर्पित पोर्टल https://pgportal.gov.in/scdpm विकसित किया गया और इसे 22 सितंबर 2021 से लाइव किया गया है, ताकि मंत्रालय और विभाग निर्धारित मापदंडों के अनुरूप सूचनाएँ दर्ज कर सकें।

इस विशेष अभियान से पूर्व, तैयारी के चरण में 13 सितंबर, 2021 से 30 सितंबर, 2021 के बीच विभागों और मंत्रालयों द्वारा तैयारियां की गईं। प्रारंभिक चरण में, मंत्रालयों और विभागों ने लंबित मामलों की स्थिति की पहचान की है। पहले चरण में लंबित जन शिकायतों के 2 लाख से अधिक मामलों और 4.5 लाख से अधिक कागज़ी फाइलों की पहचान की गई, जिनका निपटारा किया जा सकता है। स्वच्छता अभियान, 2179 अभियान साइट पर चलाया जाएगा और 301 नियमों/प्रक्रियाओं की पहचान की गई है, जिनका सरलीकारण किया जाना है।

एमजी /एएम/ डीटी/वाईबी


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