जनजातीय कार्य मंत्रालय

ट्राईफेड, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ जनजातीय जिलों में टीकाकरण अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य और आजीविका संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं


इस अभियान के अंतर्गत 6.73 करोड़ कोविड रोधी टीके लगाए गए

जनजातीय समुदायों में कोविड टीकाकरण की गति को बढ़ाने के लिए 15 जुलाई को कोविड टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्यम योजना का शुभारंभ किया गया था

Posted On: 28 SEP 2021 4:36PM by PIB Delhi

इस योजना संबंधी मुख्य बिंदु :

  • इस अभियान का लक्ष्‍य लोगों की आजीविका और स्‍वास्‍थ्‍य को प्रोत्‍साहित करने के लिए भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ के अन्‍तर्गत 45,000 वन धन स्‍वयं सहायता समूह की स्‍थापना।
  • यह अभियान 3 जे - जीवन, जीविका और जागरूकता पर आधारित है।
  • इसके अंतर्गत कोविड टीका लगवाने और कोविड अनुरूप व्‍यवहार अपनाने के लिए स्‍थानीय भाषा में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

 

भारत के जनजातीय समुदायों के बीच कोविड टीकाकरण की गति को तेज करने के लिए 15 जुलाई, 2021 को जनजातीय कार्य मंत्री, भारत सरकार, श्री अर्जुन मुंडा द्वारा “कोविड टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्द्यम” अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान का शुभारंभ इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह और श्री बिश्वेश्वर टुडू, ट्राईफेड के महानिदेशक श्री प्रवीर कृष्णा, और भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडरिको ओफ्रिन तथा यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में मध्य प्रदेश के मंडला और छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित फील्ड कैंप के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लिंक-अप के माध्यम से किया गया था।

ट्राइफेड ने जनजातीय बहुल जिलों में राज्य स्तर पर भागीदार एजेंसियों की मदद से इस अभियान को यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के सहयोग से पूरे देश में चलाने की योजना बनाई है। इन अभियान का लक्ष्य भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) के 45,000 वन धन स्वयं सहायता समूहों (वीडीएसएचजीएस) सक्रिय करना है ताकि स्वास्थ्य के साथ आजीविका को बढ़ावा दिया जा सके। इस अभियान को देश भर के आदिवासी समुदायों को टीकाकरण से जोड़ने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि कोविड टीकाकरण मुफ़्त है, आस-पास के केंद्रों पर उपलब्ध है और यह न केवल अस्पताल में भर्ती होने पर खर्च होने वाले पैसों की बचत में मदद करता है बल्कि मृत्यु से बचाता है और उन्हें अपनी आजीविका कमाने की गतिविधियों को जारी रखने में भी मदद करता है।

यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के सहयोग से ट्राइफेड द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के परिणाम स्‍वरूप एक अनुमान के मु‍ताबिक आदिवासी जिलों में लगभग 6.73 करोड़ टीकाकरण किया गया है।

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यह अभियान 3 जे पर आधारित है:

  • जीवन- प्रत्‍येक जीवन और आजीविका मूल्‍यवान है और टीकाकरण जीवन की रक्षा के लिए महत्‍वपूर्ण तथा मुफ्त है।
  • जीविका- यदि आपने टीका लगवा लिए हैं तो आप बीमारी से डरे बिना आजीविका से जुड़ी अपनी गतिविधियों को जारी रख सकते हैं। यह आपको अस्पताल में भर्ती होने और अन्य लागतों से भी बचाता है।
  • जागरुकता- टीकाकरण के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया और इसे विभिन्न लाभार्थी और आयु समूहों, विशेष रूप से महिलाओं और बुजुर्गों की आबादी की इस तक पहुंच को सुनिश्चित किया गया। वन धन स्वयं सहायता समूहों ने अन्य पक्षों के साथ सहयोग आरम्‍भ किया और आदर्श उद्देश्‍य सेवा के साथ समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। इन समूहों की पंचायतों और गांवों को कोरोना वायरस मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

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यह अभियान आश्वासन, गौरव और आत्म-प्रभावकारिता पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य वन धन स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों को तेज करना है, और हथकरघा, हस्तशिल्प और वन उत्पादों की खरीद, मूल्यवर्धन और विपणन में लगे आदिवासियों के बीच कोविड टीकाकरण की गति में तेजी लाना है। यह अभियान स्वयं सहायता समूहों के नेटवर्क तथा सामान्य सेवा केंद्र, उर्वरक विक्रय केंद्रों, हाट और बाजार, वीडीएसएचजी आदि को सशक्‍त बनाना है। यह टीका लगवाने और कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय भाषाओं में प्रचार उपायों को नियोजित करता है।

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इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए गैर-पारंपरिक भागीदारी और सामुदायिक पहुंच का भी उपयोग किया जाता है जिसमें क्षेत्र में प्रभावी पारंपरिक लोगों की मदद लेना और जनजातीय जिलों में स्थानीय स्वास्थ्य संरचनाओं और ट्राइफेड के प्रभावशाली उपायों के माध्यम से टीकों को अपनाने के लिए सामूहिक कार्रवाई। इस संबंध में सभी राज्यों में लगभग 3000 लोगों की भागीदारी के साथ वेबिनार की एक श्रृंखला भी आयोजित की गई जिसमें वीडीएसएचजी, क्लस्टर, एसआईए, एसएनए, स्फूर्ति टीए, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, आपूर्तिकर्ता, जिला प्रशासन, संबंधित क्षेत्रों के स्थानीय प्रतिनिधि शामिल हो चुके हैं।

वर्चुअल माध्‍यम के साथ-साथ देश भर के लगभग 80 आदिवासी बहुल जिलों में विभिन्न जागरूकता अभियान भी चलाए गए। आदिवासियों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करके अभियान को बढ़ावा देने के लिए जनजातीय जिलों में ट्राइफेड के लगभग 150 प्रभावी प्रतिनिधियों की भी पहचान की गई।

यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के सहयोग से ट्राइफेड द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के परिणाम स्‍वरूप एक अनुमान के मु‍ताबिक आदिवासी बहुल जिलों में लगभग 6.73 करोड़ टीकाकरण किया गया है।

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इस अभियान का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण दोनों कोविड लहरों का प्रभावी मुकाबला करना है, प्राप्त किए गए अनुभव की मदद से आदिवासी जिलों में तीसरी लहर को रोकने के लिए दृढ़ संकल्प लेना और आजीविका से जुड़ी गतिविधियों को कोविड के जोखिम से मुक्त करना है।

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