उप राष्ट्रपति सचिवालय
भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने में अनुसंधान एवं विकास के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र आवश्यक है - उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने परिणामोन्मुखी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को बढ़ाने का आह्वान किया
भारत उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है
उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों का आह्वान करते हुए कहा कि छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता की भावना का संचार करें
उद्योग जगत को युवाओं के स्टार्ट-अप उद्योगों का सहयोग करके, धन उपलब्ध कराकर और पोषण करके उनकी सहायता करनी चाहिए : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया
Posted On:
13 SEP 2021 1:18PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, स्वास्थ्य और गरीबी जैसी समकालीन चुनौतियों का समाधान करने वाले परिणामोन्मुखी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत के साथ अधिक संपर्क स्थापित करें।
आज पुडुचेरी में पुडुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान है, जो विकसित देशों को बाकी देशों से आगे रखता है। उन्होंने छात्रों से सामाजिक रूप से प्रासंगिक अनुसंधान करने और राष्ट्र को मजबूत बनाने और लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशी लाने के लिए नए विचारों के साथ आने के लिए कहा।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (पीटीयू) केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जिसका गठन 1986 में स्थापित पांडिचेरी इंजीनियरिंग कॉलेज को अपग्रेड करके किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन, विनिर्माण और ड्रोन प्रौद्योगिकियों जैसे विविध क्षेत्रों में 15 स्टार्ट-अप को सफलतापूर्वक इनक्यूबेट करने के लिए संस्थान में स्थापित अटल इनक्यूबेशन सेंटर की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने भारत के दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि निजी उद्यमों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने के साथ, इस क्षेत्र में कई आशाजनक स्टार्ट-अप सामने आए हैं।
यह बताते हुए कि 45 प्रतिशत स्टार्ट-अप की नेतृत्व टीमों में एक महिला उद्यमी है, उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह स्वस्थ प्रवृत्ति अधिक महिलाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करेगी। महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री नायडु ने जाति, धर्म और लिंग के नाम पर बनाई गई कृत्रिम बाधाओं को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कहा कि उन्हें यह देखने के लिए एक पीढ़ी तैयार करनी चाहिए ताकि सभी प्रकार के सामाजिक भेदभाव समाप्त हो जाएं।
विशाल युवा जनसंख्या को न्यू इंडिया की मुख्य ताकत बताते हुए, उन्होंने शिक्षण संस्थानों से छात्रों में नवाचार, उद्यमशीलता और प्रयोग की भावना का संचार करने का आग्रह किया ताकि वे देश को आगे ले जा सकें।
स्टार्ट-अप को समर्थन देने के लिए परिभाषा को व्यापक बनाने, नियमों को सरल बनाने और कर में छूट प्रदान करने जैसे कई सरकारी उपायों की चर्चा करते हुए, उन्होंने उद्योग जगत को भी आगे आने और युवा उद्यमियों का समर्थन करने, धन उपलब्ध कराने और उनके उद्यमों को विकसित करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए बेहतर उद्योग-अकादमिक साझेदारी को आगे बढ़ाना होगा।
उपराष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षण किट और सस्ते वेंटिलेटर के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और रसद में नवाचारों के बीच जीवन रक्षक नवाचारों के साथ आने के लिए भारतीय स्टार्ट-अप की भी प्रशंसा की।
शिक्षा क्षेत्र महामारी से सबसे अधिक प्रभावित बताते हुए, श्री नायडू ने कहा कि सबसे बुरा समय समाप्त होता दिख रहा है और हम कोविड के बाद की भरपाई की ओर ध्यान दे रहे हैं। यह कहते हुए कि ऑनलाइन शिक्षा कक्षा में सीखने का विकल्प नहीं हो सकती, उन्होंने छात्रों के जल्द से जल्द स्कूलों और कॉलेजों में लौटने की आवश्यकता पर बल दिया। देश भर में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े नि:शुल्क टीकाकरण कार्यक्रम की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने जनप्रतिनिधियों से टीके के प्रति हिचकिचाहट के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने और यह ध्यान रखने का आग्रह किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों के सभी लोग टीकाकरण करवाएं।
तकनीकी शिक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए पांडिचेरी इंजीनियरिंग कॉलेज की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कॉलेज ने केंद्रशासित प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पुद्दुचेरी के लोगों को अपना पहला राज्य विश्वविद्यालय मिलने पर बधाई देते हुए, श्री नायडू ने कहा कि यह उत्कृष्टता के लिए कई अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग और नए पाठ्यक्रम शुरू करने में स्वायत्तता। उन्होंने पीटीई की स्थापना को पुडुचेरी केंद्रशासित प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
महान क्रांतिकारी योगी, दार्शनिक और कवि, श्री अरबिंदो के शब्दों को याद करते हुए, उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा केवल करियर बनाने या आजीविका कमाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य अनुशासित और सक्षम नागरिकों को मातृभूमि की सेवा के लिए प्रतिबद्ध करना है। उन्होंने पीटीयू के शिक्षकों और छात्रों से कहा, “इन पंक्तियों को आपके भविष्य के प्रयासों में आप सभी के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करने दें।”
इस बात पर जोर देते हुए कि हमारे युवाओं को श्री अरबिंदो, सुब्रमण्यम भारती और चिदंबरम पिल्लई जैसे महान नेताओं के जीवन और कार्यों के बारे में पता होना चाहिए, उपराष्ट्रपति ने उनके जीवन की कहानियों को हमारे स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने का आह्वान किया।
दुनिया भर में हाल के दिनों में जंगल की आग, बाढ़ और लू जैसी चरम मौसम की घटनाओं की चर्चा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और सभी से प्रकृति का सम्मान करने और सद्भाव में रहने का आह्वान किया।
पुद्दुचेरी के उपराज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन, मुख्यमंत्री श्री एन. रंगासामी, पुद्दुचेरी विधानसभा के अध्यक्ष श्री इमबलम आर. सेल्वम, पुद्दुचेरी विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री पी. राजावेलु, पुद्दुचेरी सरकार के मंत्री श्री ए. नमस्सिवयम, श्री के. लक्ष्मी नारायणन, श्री एके साई श्री जे. सरवनन, पुद्दुचेरी विधान सभा के सदस्य श्री पी.एम.एल. कल्याण सुंदरम, पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. विवेकानंदन और अन्य मणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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