कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा-नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्यों और  कार्य निर्धारणों को समय पर पूरा


किया जाएगा ताकि इसे देश के सर्वश्रेष्ठ केंद्र शासित प्रदेशों में से एक बनाया जा सके

डॉ. जितेंद्र सिंह और लद्दाख के उपराज्यपाल श्री आर. के. माथुर ने लेह में लद्दाख अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया

2022 के शुभारंभ से पूरे देश में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित किया जाएगा और लद्दाख के लेह और कारगिल में दो केंद्र होंगेः  डॉ. जितेंद्र सिंह कहते हैं

Posted On: 09 SEP 2021 6:46PM by PIB Delhi

युवा उम्मीदवारों की सुविधा के लिए, लद्दाख में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करने के लिए अपना विशेष केंद्र होगा, इसे लेह में स्थापित किया जाएगा और अगले महीने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा के आयोजन के साथ यह संचालित हो जाएगा। इसी तरह, हाल ही में गठित राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के माध्यम से नियोजित सामान्य पात्रता परीक्षा में क्रमशः लेह और कारगिल जिलों में भी एक-एक केंद्र होगा।

इसकी घोषणा करते हुए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगि राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्यों और दिशा-निर्देशों को समय पर पूरा किया जाएगा ताकि इसे देश के सर्वश्रेष्ठ केंद्र शासित प्रदेशों में से एक बनाया जा सके। लेह में लद्दाख के अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए, उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिया गया ऐतिहासिक निर्णय इस नए केंद्र शासित प्रदेश में सभी तरह की नई संभावनाओं का सृजन करेगा क्योंकि प्रधानमंत्री निरंतर रूप से यहाँ के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2022 की शुरुआत से देश भर में एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित की जाएगी और लद्दाख के लेह और कारगिल में दो केंद्र होंगे, जो सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग/शॉर्टलिस्ट करेंगे, जिसके लिए वर्तमान में भर्ती कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) के माध्यम से की जाती है। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक शासन सुधार है, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा सामाजिक सुधार भी है। मंत्री महोदय ने कहा कि यह ऐतिहासिक सुधार सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करेगा, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कैसी भी हो। उन्होंने कहा कि महिलाओं और दिव्यांग उम्मीदवारों और उन उम्मीदवारों के लिए भी एक बड़ा लाभ होगा परीक्षा के लिए कई केन्द्रों पर जाने में आर्थिक रूप से सक्षम नही हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का इस वर्ष से लेह में एक परीक्षा केंद्र होगा, जो 10 अक्टूबर को होने वाली सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2021 के लिए पहली बार संचालित होगा। उन्होंने कहा कि यह लद्दाख क्षेत्र के युवाओं की लंबे समय से चली आ रही लंबित मांग को पूरा करेगा, जिनके अनुसार उन्हें हवाई किराए की वहन क्षमता और अनिश्चित मौसम की स्थिति के कारण देश के अन्य हिस्सों में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में मुश्किल होती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा इसरो लेह के पास हनले में स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला में नाइट स्काई तारामंडल स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा किसी एसआईआर जल्द ही लद्दाख के प्रसिद्ध फल बेरी को बढ़ावा देने, संसाधित करने और व्यवसाय करने के लिए जल्द ही एक विशेष योजना को संचालित करेगा। लद्दाख और अन्य परिधीय क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार के अंतर्गत पहला अवसर था कि लद्दाख को एक विश्वविद्यालय, होटल प्रबंधन संस्थान, एक चिकित्सा और एक इंजीनियरिंग कॉलेज प्रदान किया गया था। उन्होंने श्री मोदी द्वारा घोषित "कार्बन न्यूट्रल" लद्दाख की कार्य योजना को भी रेखांकित किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के शीघ्र बाद से ही, प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए पहले सुधार मंत्रों में से एक "न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन" था। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों में अधिक दक्षता, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त शासनको प्रोत्साहित करनेके साथ-साथ जवाबदेही और विवेकपूर्ण कई सुधार किए गए है। मई 2014 के बाद से कई अभूतपूर्व रूप से लिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजपत्रित अधिकारी से दस्तावेजों को सत्यापित कराने की की पुरानी प्रथा को खत्म करने और उन्हें स्व-सत्यापन के साथ बदलने का निर्णय, 1 जनवरी 2016 से ही केंद्र सरकार में सभी ग्रुप-बी (अराजपत्रित) और ग्रुप-सी पदों के लिए साक्षात्कार की समाप्ति, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 में संशोधन और आईएएस अधिकारियों के लिए सहायक सचिव के रूप में तीन महीने का केंद्र सरकार का कार्यकाल जैसे कदम दूरगामी है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देते हुए कहा कि ये सभी सुधार और सर्वोत्तम प्रथाएं अब नव निर्मित जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में 5 अगस्त 2019 के बाद लागू हैं।

अपने संबोधन में लद्दाख के उपराज्यपाल श्री आर. के. माथुर ने कहा कि जब से नया केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आया है, प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से हर केंद्रीय मंत्रालय और विभाग में लद्दाख के विकास प्रतिमान को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा किलद्दाख में पूरी तरह से नए प्रशासनिक ढांचे के निर्माण के लिए कुछ चुनौतियां हैं क्योंकि अधिकारियों की कमी है और उन्हें नए कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं से परिचित होना है। श्री माथुर ने क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित करने के लिए डीएआर एंड पीजी की सराहना की और कहा कि यह केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने में एक लंबा मार्ग तय करेगा। उन्होंने कहा कि लद्दाख का प्रत्येक नागरिक अब सीपीजीआरएएमएस के माध्यम से अपनी शिकायत का निवारण कर सकता है क्योंकि यह लद्दाख में कार्यशील हो गया है।

डीएआर एंड पीजी के सचिव श्री संजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि क्षमता निर्माण कार्यशाला लद्दाख में आयोजित होने वाला पहला ऐसा आयोजन है, जो सरकारी अधिकारियों को खरीद और वित्तीय प्रबंधन पर केंद्रीय कानूनों जैसे केंद्रीय सचिवालय कार्यालय प्रक्रिया नियमावली (सीएसएमओपी), ईऑफिस, जीईएम को अपनाना और डिजिटल शासनसे पूरी तरह परिचित होने में सक्षम बनाएगा। श्री संजय सिंह ने प्रधानमंत्री के सुधारों के 3 बुनियादी सिद्धांतों-न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन, नियम आधारित भूमिका आधारित दृष्टिकोण और अगली पीढ़ी के सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा किये प्रशासनिक ढांचे का एक नया पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेंगे।

डीएआर एंड पीजी के अपर सचिव श्री वी. श्रीनिवासएलएएचडीसी, लेह के मुख्य कार्यकारी पार्षद श्री ताशी ग्यालसनकारगिल में एलएएचडीसी के मुख्य कार्यकारी पार्षद, श्री फिरोज अहमद खानने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। धन्यवाद प्रस्ताव लद्दाख के आयुक्त/सचिवश्री अजीत कुमार साहू  ने दिया।

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