श्रम और रोजगार मंत्रालय
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ई-श्रम पोर्टल:   केन्द्रीय मुख्य श्रम आयुक्त ने मथुरा रिफाइनरी में ट्रेड यूनियनों और मीडिया के साथ बातचीत की

Posted On: 11 SEP 2021 7:17PM by PIB Delhi

श्री डी.पी.एस. नेगी, मुख्य श्रम आयुक्त (केन्द्रीय) ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए हाल ही में शुरू किये गये ई-श्रम पोर्टल की विशेषता और फायदों पर मथुरा रिफाइनरी, आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, पीजीसीआईएल, गेल के शीर्ष प्रबंधन और एसबीआई, पीएनबी, बीओबी के वरिष्ठ अधिकारियों और ट्रेड यूनियन के नेताओं से मुलाकात की और साथ ही मीडिया के साथ बातचीत की। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एनआईसी के तकनीकी सहयोग से असंगठित श्रमिकों का आधार के साथ जुड़े नेशनल डेटाबेस ऑफ अनऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स (एनडीयूडब्ल्यू)  तैयार करने के लिये असंगठित श्रमिकों के ऑनलाइन पंजीकरण का एक ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है। इस बदलाव लाने वाली पहल की शुरुआत केन्द्रीय श्रम और रोजगार और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 26 अगस्त, 2021 को करने के साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सौंपी है। असंगठित श्रमिकों का यह केन्द्रीकृत डेटाबेस राज्य सरकारों के साथ सहयोग में तैयार किया जायेगा। मथुरा रिफाइनरी के वरिष्ठ प्रबंधन ने भी रिफाइनरी में औद्योगिक संबंधों पर विस्तृत प्रस्तुति दी जो बहुत संतोषजनक पायी गयी।

 

श्री नेगी ने ट्रेड यूनियन के नेताओं से राज्य में असंगठित श्रमिकों के पोर्टल में पंजीकरण को सुगम बनाने में दृढ़ सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाये गये एक अभूतपूर्व उपाय में, ई-श्रम पोर्टल देश के 38 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों के मुफ्त पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगा और उन तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को पहुंचाने में सहायता करेगा। यह पोर्टल निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, अनियमित और किसी प्लेटफार्म के जरिये काम करने वाले श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू कामगारों, कृषि श्रमिकों, दूध कारोबार में लगे कामगारों, मछुआरों, ट्रक चालकों आदि सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सेवाएं देगा। उन्होने कहा प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को खास यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ  एक ई-श्रम कार्ड दिया जायेगा, जिसकी मदद से वे देश भर में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पा सकेंगे और ये कार्ड सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को श्रमिकों तक पहुंचाने में सहायता करेगा।

श्री नेगी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केन्द्रीकृत होने की वजह से डेटाबेस, निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों और प्रवासी श्रमिकों जैसे कामगारों के लिए आवश्यक सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी फायदों की पोर्टेबिलिटी से श्रमिकों के लिये जरूरी इन लाभों तक देश भर में  उनकी पहुंच सुनिश्चित करेगा। इसके अतिरिक्त ई-श्रम पोर्टल पर प्रत्येक पंजीकृत असंगठित श्रमिक के लिए 2 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर का भी प्रावधान है। यदि कोई कर्मचारी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत है और दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर 2 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1 लाख रुपये के लिए पात्र होगा।

मीडियाकर्मियों और ट्रेड यूनियनों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने असंगठित श्रमिकों के इस डेटाबेस को बनाने में राज्य सरकारों की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होने कहा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अपने आंकड़े होंगे और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें मुख्य रूप से अपने संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ई-श्रमपोर्टल पर पंजीकृत करेंगी और इन आंकड़ों का उपयोग राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों द्वारा पात्रता के अनुसार असंगठित श्रमिकों तक विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।"

ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण से श्रमिकों को होने वाले विभिन्न लाभों पर प्रकाश डालते हुए, श्री नेगी ने कहा कि रिफाइनरी, पेट्रो कंपनियों और राष्ट्रीयकृत बैंकों में असंगठित श्रमिकों (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) की भारी उपस्थिति को देखते हुए, संबंधित प्रबंधन को पोर्टल पर श्रमिकों का जल्द से जल्द पंजीकरण कराने के हर संभव प्रयास करने चाहिये ताकि वे योजनाओं के लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की आवश्यकता और फायदों के बारे में विभिन्न हितधारकों को संवेदनशील बनाने के लिए उन तक पहुंचने के ऐसे कई कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है।

एमजी/एएम/एसएस


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