शिक्षा मंत्रालय
नई शिक्षा नीति भारत में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाएगी-श्री धर्मेंद्र प्रधान
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने उत्कृष्ट संकाय सदस्यों और नवोन्मेषी छात्रों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया
विश्वेश्वरैया सर्वक्षेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार और स्वच्छ व स्मार्ट परिसर पुरस्कार विजेताओं को प्रदान किए गए
Posted On:
05 SEP 2021 7:21PM by PIB Delhi
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में 17 संकाय सदस्यों को एआईसीटीई-विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जबकि 3 संकाय सदस्यों को प्रबंधन शिक्षा में एआईसीटीई-डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने आज विजेताओं को छात्र विश्वकर्मा अवॉर्ड क्लीन एंड स्मार्ट कैंपस अवॉर्ड 2020 से भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सचिव, उच्च शिक्षा श्री अमित खरे; अध्यक्ष, एआईसीटीई, प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे, उपाध्यक्ष, एआईसीटीई, प्रो. एमपी पूनिया और सदस्य सचिव, एआईसीटीई प्रो. राजीव कुमार ने भी विजेताओं को बधाई दी और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के महत्व को रेखांकित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब हम आजादी के 75 साल पूरे कर रहे हैं, तो नागरिकों के पास भारत को आगे ले जाने, उसे आकार देने की इच्छाशक्ति है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारत के शैक्षिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन 2047 के तहत, अगले 25 वर्षों के लिए मार्ग प्रशस्त करने की उम्मीद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा से हम में से प्रत्येक को अधिक जिम्मेदार और वैश्विक नागरिक बनना होगा। केंद्रीय मंत्री ने इन 4 पुरस्कारों को शुरू करने के लिए एआईसीटीई को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रयासों को मान्यता देने के अलावा इन पुरस्कारों ने नवाचार की चिंगारी भी पैदा की है।
श्री प्रधान ने कहा कि एआईसीटीई विश्वेश्वरैया पुरस्कारों का उद्देश्य मेधावी संकायों को सम्मानित करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा की लगातार बदलती जरूरतों के लिए खुद को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित करना है और इस तरह ज्ञान समाज के लिए प्रभावी रूप से योगदान करना है। उन्होंने कहा कि डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार इसी साल शुरू किया गया और इसे प्रबंधन शिक्षा में शिक्षण उत्कृष्टता व संस्थागत नेतृत्व के लिए संकाय सदस्यों को प्रदान किया जाता है।
श्री प्रधान ने इस बात को रेखांकित किया कि छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार सामाजिक चुनौतियों को समझने के लिए हमारे छात्रों को एक मंच प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य नया और कम लागत वाला समाधान उपलब्ध कराना है। इस साल फिर से, परिषद ने छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार 2020 को 'भारत की आर्थिक रिकवरी पोस्ट कोविड : रिवर्स माइग्रेशन और पुनर्वास योजना को आत्मनिर्भर भारत में सहयोग' थीम पर घोषित किया। मंत्री ने बताया कि विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के लिए बहुत उपयोगी और रचनात्मक समाधान विकसित करने वाली छात्रों की 24 टीमों को सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन छात्रों का जोश, उत्साह, नवीनता और कड़ी मेहनत निकट भविष्य में भारत को नवीन विचारों को उत्पन्न करने का केंद्र बिंदु बनाएगी।
मंत्री ने सभी पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की और समाज में उनके योगदान की सराहना की। छात्रों के प्रदर्शित किए गए प्रोजेक्टों को देखते हुए, उन्होंने छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार जीतने वाली टीमों की नवीनता और प्रयासों की प्रशंसा की और भारत के उज्ज्वल भविष्य पर भरोसा व्यक्त किया।
शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने छात्रों और अन्य सभी हितधारकों को प्रेरित किया। उन्होंने उन्हें अपनी संबंधित गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि ठोस सामाजिक परिणाम हासिल किए जा सकें।
चयनित तकनीकी संस्थानों को क्लीन एंड स्मार्ट कैंपस अवॉर्ड, 2020 प्रदान किया गया। इस पुरस्कार का उद्देश्य सभी हितधारकों के साथ जुड़ाव की तलाश करना है, मुख्य रूप से छात्र समुदाय को व्यापक गुंजाइश (स्कोप) और क्षमता की ओर ध्यान आकर्षित करना है जो प्रौद्योगिकी अमूर्त उद्देश्यों जैसे कि स्वच्छता, स्थिरता, पर्यावरण आदि के लिए प्रदान करता है। विजेता संस्थानों ने पर्यावरण के लिए काफी चिंता और प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। सभी संस्थानों को अपनी गतिविधियों को स्थिर, स्वच्छ और हरित पर्यावरण नीति के तहत करना चाहिए।
विजेताओं की सूची
एआईसीटीई- विश्वेश्वरैया और डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार 2021
क्रमांक
|
विजेता का नाम
|
राज्य
|
संस्थान का नाम
|
विषय
|
1
|
चिन्मय साहा
|
केरल
|
भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान
|
रेडियो भौतिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स
|
2
|
विकास महादेव फले
|
महाराष्ट्र
|
वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान
|
मैकेनिकल इंजीनियरिंग
|
3
|
शहनाज़ अयूब
|
उत्तर प्रदेश
|
बुंदेलखंड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, झांसी
|
इलेक्ट्रॉनिक और संचार प्रौद्योगिकी
|
4
|
नीलम दुहान
|
हरियाणा
|
जे सी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
|
कंप्यूटर इंजीनियरिंग
|
5
|
मधु एस नायर
|
केरल
|
कंप्यूटर विज्ञान विभाग, कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
|
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
|
6
|
पेरुमल सुप्रजा
|
तमिलनाडु
|
एस.आर. एम विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान
|
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
|
7
|
विश्वनाथ हेली दलवी
|
महाराष्ट्र
|
रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान
|
केमिकल इंजीनियरिंग
|
8
|
ज्योति गजरानी
|
राजस्थान
|
इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर
|
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
|
9
|
दीपक कुमार
|
गुजरात
|
इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्कूल
|
इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग
|
10
|
संजुला बाबूता
|
दिल्ली
|
फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च स्कूल
|
फार्मेसी
|
11
|
जयबालन श्रीकांत
|
तमिलनाडु
|
श्री रामचंद्र फैकल्टी ऑफ फार्मेसी
|
फार्मेसी
|
12
|
संदीपन प्रल्हाद नरोते
|
महाराष्ट्र
|
गवर्नमेंट रेसिडेंस वूमेन पॉलिटेक्निक, तसगांव
|
इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग
|
13
|
सौरभ खरे
|
एमपी
|
डॉ. बी. आर. अंबेडकर पॉलिटेक्निक कॉलेज, ग्वालियर
|
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
|
14
|
कल्पेश एच वंदारा
|
गुजरात
|
जीएमबी पॉलिटेक्निक – राजुला
|
कंप्यूटर इंजीनियरिंग
|
15
|
संजय नीलकंठ तालबार
|
महाराष्ट्र
|
श्री गुरु गोबिंद सिंहजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
|
इलेक्ट्रॉनिक और दूरसंचार इंजीनियरिंग
|
16
|
कायारोगनम पलानी कुमार
|
तमिलनाडु
|
श्री साई राम प्रौद्योगिकी संस्थान
|
मैकेनिकल इंजीनियरिंग
|
17
|
हरविंदर सिंह
|
पंजाब
|
गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज
|
मैकेनिकल इंजीनियरिंग
|
18
|
मधु वीरराघवन
|
कर्नाटक
|
टी ए पई प्रबंधन संस्थान
|
मैनेजमेंट
|
19
|
पूजा सुसान थॉमस
|
गुजरात
|
एमआईसीए
|
मैनेजमेंट
|
20
|
राहुल सिंह
|
यूपी
|
बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी
|
मैनेजमेंट
|
क्लीन एंड स्मार्ट कैंपस अवॉर्ड पाने वाले विजेताओं की सूची
क्रमांक
|
क्षेत्र
|
संस्थान का नाम
|
राज्य
|
श्रेणी
|
स्वच्छ और स्मार्ट कैंपस विजेता : प्राकृतिक संसाधन संरक्षण द्वारा परिसर की स्मार्टनेस बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग
|
1
|
दक्षिण-पश्चिम
|
क्रिस्टु जयंती कॉलेज
|
कर्नाटक
|
अन्य कॉलेज (स्टैंडअलोन पीजीडीएम संस्थानों सहित)
|
2
|
दक्षिण
|
श्री साई राम इंजीनियरिंग कॉलेज
|
तमिलनाडु
|
अन्य कॉलेज (स्टैंडअलोन पीजीडीएम संस्थानों सहित)
|
3
|
दक्षिण
|
श्री कृष्णा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
|
तमिलनाडु
|
अन्य कॉलेज (स्टैंडअलोन पीजीडीएम संस्थानों सहित)
|
4
|
दक्षिण
|
थियागराजर पॉलिटेक्निक कॉलेज
|
तमिलनाडु
|
पॉलीटेक्निक
|
5
|
पश्चिम
|
संजीवनी के.बी.पी.पॉलिटेक्निक,कोपरगांव
|
महाराष्ट्र
|
पॉलिटेक्निक
|
6
|
दक्षिण
|
मुरुगप्पा पॉलिटेक्निक कॉलेज
|
तमिलनाडु
|
पॉलिटेक्निक
|
7
|
दक्षिण
|
एस.आर. एम विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान
|
तमिलनाडु
|
यूनिवर्सिटी (डीम्ड यूनिवर्सिटी)
|
8
|
उत्तर पश्चिम
|
यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (यूआईई), घरुआन
|
पंजाब
|
यूनिवर्सिटी (डीम्ड यूनिवर्सिटी)
|
9
|
दक्षिण पश्चिम
|
रेवा विश्वविद्यालय
|
कर्नाटक
|
यूनिवर्सिटी (डीम्ड यूनिवर्सिटी)
|
क्लीन एंड स्मार्ट कैंपस विजेता (आईकेएस)
|
10
|
दक्षिण
|
बन्नारी अम्मान प्रौद्योगिकी संस्थान
|
तमिलनाडु
|
अन्य कॉलेज (स्टैंडअलोन पीजीडीएम संस्थानों सहित) आईकेएस
|
11
|
दक्षिण-मध्य
|
कोनेरू लक्षमैय्या शिक्षा फाउंडेशन
|
आंध्र प्रदेश
|
यूनिवर्सिटी (डीम्ड यूनिवर्सिटी) आईकेएस
|
12
|
दक्षिण
|
कलासलिंगम अनुसंधान और शिक्षा अकादमी
|
तमिलनाडु
|
यूनिवर्सिटी (डीम्ड यूनिवर्सिटी) आईकेएस
|
|
|
|
|
|
|
|
छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार पाने वाले छात्रों के प्रोजेक्ट और समाज के लिए उपयोग
क्रमांक
|
टीम का नाम
|
प्रोजेक्ट का नाम
|
उप-श्रेणी
|
संस्थान का नाम
|
राज्य
|
रैंक
|
1
|
इंटेलि-सेंस
|
दृष्टि- दृष्टिहीनों के लिए एआई संचालित दृश्य सहायक
|
और कोई अन्य आवश्यक सहायता
|
वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी चेन्नई ऑफ कैंपस
|
तमिलनाडु
|
प्रथम
|
2
|
सिनर्जी
|
फीडबैक आधारित स्मार्ट विद्युत मीटर
|
और कोई अन्य आवश्यक सहायता
|
श्री शिवसुब्रमण्य नडार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
|
तमिलनाडु
|
द्वितीय
|
3
|
ब्लू लियो
|
स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट सिस्टम
|
और कोई अन्य आवश्यक सहायता
|
विष्णु प्रौद्योगिकी संस्थान
|
आंध्र प्रदेश
|
तृतीय
|
4
|
मेक्ट्रोनिका
|
बहुउद्देश्यीय चिकित्सा रोबोट
|
पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंचने में बाधाएं
|
भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान
|
छत्तीसगढ़
|
प्रथम
|
5
|
क्लॉटेक
|
निरामय
|
पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंचने में बाधाएं
|
एस.आर. एम विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान
|
तमिलनाडु
|
द्वितीय
|
6
|
शाहुल
|
"+मेडी बी" जीवन बचाने के लिए एक चिकित्सा ड्रोन
|
पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंचने में बाधाएं
|
आदिशंकर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
|
आंध्र प्रदेश
|
तृतीय
|
7
|
इनविंसिबल्स
|
ऐंटी रेप बैंड
|
घरेलू हिंसा से निपटने के लिए एक तंत्र
|
आनंद फार्मेसी कॉलेज
|
गुजरात
|
प्रथम
|
8
|
चैलेंजर्स
|
आईओटी आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महिला सुरक्षा उपकरण
|
घरेलू हिंसा का मुकाबला करने के लिए तंत्र
|
आदित्य प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान
|
आंध्र प्रदेश
|
द्वितीय
|
9
|
मार्वेलस मैनिएक्स
|
सेफ्टी टेजर
|
घरेलू हिंसा का मुकाबला करने के लिए जेंडर-रेसपॉन्सिव तंत्र
|
केसीजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी
|
तमिलनाडु
|
तृतीय
|
10
|
फिनोम्स
|
चिकित्सा सहायता ड्रॉयड
|
मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहयोग
|
श्री साईराम इंजीनियरिंग कॉलेज
|
कर्नाटक
|
प्रथम
|
11
|
फायर बर्ड
|
दवा के पालन और बुजुर्गों की निगरानी, मास्क का पता लगाकर और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मिनी रोबोट
|
मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहयोग
|
आर.एम.के. इंजीनियरिंग कॉलेज
|
तमिलनाडु
|
द्वितीय
|
12
|
यंग इनोवेटर्स
|
मस्तिष्क आवृत्ति से नियंत्रित हैंडीकैप व्हील चेयर
|
मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहयोग
|
डॉ. महालिंगम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
|
तमिलनाडु
|
तृतीय
|
13
|
ऐस- द ट्रिक
|
उन्नत यूवी स्वच्छता कक्ष
|
आत्मनिर्भर भारत के मिशन को प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देना
|
सीएमआर प्रौद्योगिकी संस्थान
|
कर्नाटक
|
प्रथम
|
14
|
श्री चक्र
|
लावो
टैब
|
आत्मनिर्भर भारत के मिशन को प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देना
|
नेहरू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च सेंटर
|
केरल
|
द्वितीय
|
15
|
जीएनआईपीएसटी सॉल्युशन स्क्वॉड
|
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए किफायती सैनिटरी पैड का अभिनव निर्माण
|
आत्मनिर्भर भारत के मिशन को प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देना
|
गुरु नानक इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी
|
पश्चिम बंगाल
|
तृतीय
|
16
|
कन्क्वरर्स
|
कोशेप्रो
|
मूल्य वर्धित कृषि प्रक्रियाओं, उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना
|
अग्नि कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी
|
तमिलनाडु
|
प्रथम
|
17
|
टीम सवितार
|
बहु पायरोलिसिस द्वारा मूल्य वृद्धि
|
मूल्य वर्धित कृषि प्रक्रियाओं, उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना
|
जी.बी.पंत इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
|
उत्तराखंड
|
द्वितीय
|
18
|
द ग्रीन बीम
|
एग्रोनोवा- कृषि योग्य खेतों के लिए स्वचालित मानवरहित निरीक्षण और विविध सिंचाई प्रणाली
|
मूल्य वर्धित कृषि प्रक्रियाओं, उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना
|
गुरुनानक इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
|
पश्चिम बंगाल
|
तृतीय
|
19
|
श्रमिक्स
|
श्रमिक्स
|
आजीविका सुनिश्चित करने के लिए पुन: कौशल या कौशल
|
रामकृष्णम राजू इंजीनियरिंग कॉलेज
|
आंध्र प्रदेश
|
प्रथम
|
20
|
इन्फोजॉब्स भारत
|
गांवों में स्मार्ट तरीके से काम करें
|
आजीविका सुनिश्चित करने के लिए पुन: कौशल या कौशल
|
डॉ. महालिंगम इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कॉलेज
|
तमिलनाडु
|
द्वितीय
|
21
|
गो_प्रो
|
इंडिया हाट: स्वदेशी पारंपरिक कौशल और शिल्प को बढ़ावा देने के लिए कौशल मानचित्रण और ई-कॉमर्स
|
आजीविका सुनिश्चित करने के लिए पुन: कौशल या कौशल
|
इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज
|
उत्तर प्रदेश
|
तृतीय
|
22
|
जीसीईके
|
पोर्टेबल एयर कंडीशनिंग उपकरण
|
काम करने की स्थिति; व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सुनिश्चित करना
|
गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कराड
|
महाराष्ट्र
|
प्रथम
|
23
|
केयरल्टस
|
एमक्यूटीटी सर्वर/क्लाइंट का उपयोग कर मैकेनाइज्ड इंट्रावेनस फ्लूइड मॉनिटरिंग और अलर्टिंग सिस्टम
|
काम करने की स्थिति; व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सुनिश्चित करना
|
मनकुला विनयगर प्रौद्योगिकी संस्थान
|
पुदुचेरी
|
द्वितीय
|
24
|
फ्रंटलाइनर
|
4 इन 1 स्मार्ट मास्क
|
काम करने की स्थिति; व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सुनिश्चित करना
|
इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट
|
पश्चिम बंगाल
|
तृतीय
|
एमजी/एएम/एएस
(Release ID: 1752461)
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