नागरिक उड्डयन मंत्रालय
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उड़ान के तहत क्षेत्रीय संपर्क में सुधार


श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने हरियाणा,मणिपुर,जम्मू-कश्मीर,अंडमान एवं निकोबार और दादरा नागर हवेली के मुख्यमंत्रियों/ प्रशासनिक प्रमुखों को पत्र लिखा

Posted On: 01 SEP 2021 9:43PM by PIB Delhi

नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)-उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के अंतर्गत विमानन आधारभूत ढ़ांचा तैयार करने में तेजी लाने के उद्देश्य से व्यक्तिगत हस्तक्षेप के लिए मणिपुर और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों, केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह व जम्मू कश्मीर के उप राज्यपालों और दादर नगर हवेली के प्रशासक को पत्र लिखा है। नागर विमानन मंत्रालय ने वर्ष 2016 में आरसीएस- उड़ान योजना पेश की थी, जिसका उद्देश्य हवाई यात्रा को किफायती बनाकर देश में सेवा से वंचित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों से क्षेत्रीय हवाई संपर्क में विस्तार करना है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री बीरेन सिंह को पत्र लिखकर श्री सिंधिया ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने उड़ान योजना के अंतर्गत एनईआर में विभिन्न स्थानों को जोड़ने के लिए जिरिबाम, तामेंगलांग, मोरेह, पारबंग और थैनलोन में हेलीपोर्ट बनाने का फैसला किया है। ये हेलीपोर्ट राज्य सरकार द्वारा विकसित किए जाने हैं। उन्होंने बताया कि हेलीपोर्ट के सुधार/ विकास के लिए मंत्रालय ने जिरिबाम को 15 करोड़ रुपये, मोरेह को 8 करोड़ रुपये, पारबंग को 8.5 करोड़ रुपये, तामेंगलांग को 8 करोड़ रुपये और थैनलोन को 13.5 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है, जो राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति के आधार पर जारी किए जाने हैं।

इसी प्रकार, श्री सिंधिया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर बताया कि उड़ान के तहत विभिन्न स्थानों को जोड़ने के लिए हिसार और अंबाला हवाई अड्डों का विकास करने का फैसला किया गया है। नागर विमान मंत्रालय ने आधारभूत ढ़ांचे के सुधार के लिए हिसार हवाईअड्डे को 33 करोड़ रुपये और अंबाला हवाईअड्डे को 40 करोड़ रुपये देना तय किया गया है, जो प्रतिपूर्ति आधार पर राज्य सरकार को दिए गए हैं। राज्य सरकार से रनवे और अन्य हवाईअड्डा संबंधी गतिविधियों के प्राथमिकता के आधार पर तेजी से विस्तार का अनुरोध करते हुए, श्री सिंधिया ने कहा कि आरसीएस-उड़ान के अंतर्गत हिसार से नए संभावित रूट हवाईअड्डे के सुधार के बाद शुरू किए जा सकते हैं।

अंडमान निकोबार द्वीप समूहों के उप राज्यपाल एडमिरल डी के जोशी (सेवानिवृत्त) को लिखते हुए,श्री सिंधिया ने निम्नलिखित मुद्दों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया :

  • आरसीएस- उड़ान के अंतर्गत वाटर एयरोड्रम्स का विकास : स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप और लॉन्ग द्वीप पर प्रस्तावित वाटर एयरोड्रम्स के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का काम जहाजरानी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक एजेंसी अंडमान एंड लक्षद्वीप हार्बर वर्क्स (एएलएचडब्ल्यू) को सौंपा गया है। एक समयबद्ध परियोजना होने के कारण, उड़ान के अंतर्गत अंडमान निकोबार द्वीप समूहों में समुद्री विमान सेवाओं का समय पर संचालन सुनिश्चित करने के लिए अपेक्षित अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है। 
  • पोर्ट ब्लेयर में वाटर एयरड्रम का विकास : चयनित विमानन कंपनी ‘स्पाइसजेट’ का पोर्ट ब्लेयर- स्वराज द्वीप, पोर्ट ब्लेयर- शहीद द्वीप और पोर्ट ब्लेयर-लॉन्ग आइलैंड के बीच आवंटित रूटों पर नॉन-एम्फीबियस समुद्री विमान के साथ परिचालन का इरादा है। इससे पोर्ट ब्लेयर पर भी वाटर एयरड्रम सुविधा का विकास जरूरी हो गया है। प्रशासन से जल्द से जल्द पोर्ट ब्लेयर पर जल्द से जल्द नई लोकेशन की पहचान करने और जरूरी पूर्व- व्यहार्यता सर्वेक्षण आदि के लिए एएआई को इस संबंध में सूचित करने का अनुरोध किया गया है।
  • पोर्ट ब्लेयर से अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क : पर्यटन की अपार संभावनाओं के साथ, अंडमान निकोबार द्वीप समूह अनुकूल रूप से सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, म्यांमार और इंडोनेशिया जैसे देशों के काफी पास में स्थित है। पोर्ट ब्लेयर पर वीएसआई हवाई अड्डे को हर श्रेणी के यात्रियों के लिए सभी वैध दस्तावेजों (ई-वीजा सहित) के साथ भारत में प्रवेश के लिए नामित किया जा चुका है। इसके अलावा, भारत सरकार द्वीप समूहों की यात्रा पर आने वाले विदेशी यात्रियों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र स्वीकृति (आरएपी) में छूट दे दी है।

श्री सिंधिया ने कहा कि विमानन कंपनियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को प्रोत्साहन देने के लिए, अंडमान निकोबार प्रशासन ने एटीएफ पर वैट 10 प्रतिशत से घटाकर 0 प्रतिशत कर दिया है। इसी प्रकार, रक्षा मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को तीन साल की अवधि के लिए पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर लैंडिंग शुल्क से भी छूट दी है। इस संदर्भ में नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) ने पोर्ट ब्लेयर से अंतर्राष्ट्रीय परिचालन के संबंध में भारतीय विमानन कंपनियों साथ परामर्श किया था। विमानन कंपनियों ने वीजीएफ समर्थन के साथ अंतर्राष्ट्रीय उड़ान परिचालनों के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन को उचित लगता है तो वह पोर्ट ब्लेयर से सिंगापुर, कुआलालंपुर, बैंकॉक आदि अंतर्राष्ट्रीय स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ान परिचालनों के लिए 100 प्रतिशत वीजीएफ समर्थन उपलब्ध कराने पर अपनी सहमति दे सकता है। 100 प्रतिशत वीजीएफ समर्थन के लिए यूटी प्रशासन की सहमति मिलने पर, उड़ान अंतर्राष्ट्रीय टेम्पलेट के प्रावधानों के तहत विमानन कंपनियों की बिडिंग के लिए रूटों की पेशकश की जाएगी।

जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा को पत्र लिखते हुए, श्री सिंधिया ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने हाल में उड़ान-4.1 के अंतर्गत बिडिंग के विशेष चरण में ‘कारगिल-जम्मू-कारगिल’ और ‘कारगिल-श्रीनगर-कारगिल’ रूटों की पेशकश की थी। हालांकि, इन रूटों के लिए कोई भी बोली हासिल नहीं हुई। नागर विमान मंत्रालय समय-समय पर विमानन कंपनियों और हवाईअड्डा परिचालकों जैसे हितधारकों के साथ सहयोग में सेवा से वंचित क्षेत्रों में हवाई संपर्क में सुधार के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा।

श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय ने श्रीनगर से अंतर्राष्ट्रीय परिचालन शुरू करने के लिए भारतीय विमानन कंपनियों के साथ परामर्श किया था। विमानन कंपनियों ने व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) समर्थन के साथ अंतर्राष्ट्रीय उड़ान परिचालन शुरू करने की इच्छा व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि यदि यूटी प्रशासन को उचित लगता है तो वह श्रीनगर से दम्मान, शारजाह और मस्कट को अंतर्राष्ट्रीय उड़ान परिचालन के लिए वीजीएफ समर्थन उपलब्ध कराने पर सहमति दे सकता है। वीजीएफ समर्थन के लिए यूटी प्रशासन की सहमति मिलने पर, योजना दस्तावेज के प्रावधानों के तहत अगले चरण के दौरान बोली के लिए विमानन कंपनियों को रूटों की पेशकश की जाएगी।

श्रीनगर को जोड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय रूटों के लिए प्रति लेग आवश्यक सब्सिडी इस प्रकार है :-

  • श्रीनगर से दम्मान : 5,00,624/-रुपये
  • श्रीगनर से शारजाह: 4,38,836/-रुपये
  • श्रीनगर से मस्कट: 4,16,272/-रुपये

केन्द्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली के प्रशासक श्री प्रफुल्ल के पटेल को लिखते हुए, श्री सिंधिया ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने हाल में उड़ान 4.1 के अंतर्गत बिडिंग के विशेष चरण में ‘दमन-दीव-दमन’ और ‘दमन-अहमदाबाद-दमन’ रूटों की पेशकश की थी। इसमें प्राप्त बोलियां आकलन के अग्रिम चरण में और जल्द ही इन्हें अंतिम रूप दिया जा सकता है। दमन हवाई अड्डा इंडियन कोस्ट गार्ड से संबंधित है और समझा जाता है कि यूटी प्रशासन वहां पर एक सिविल एन्क्लेव विकसित कर रहा है। मंत्रालय ने दमन हवाई अड्डे के सुधार के लिए 58 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं, जो प्रतिपूर्ति आधार पर यूटी प्रशासन को उपलब्ध कराए जाने हैं। दमन में सिविल एन्क्लेव की स्थापना को प्राथमिकता देने के लिए श्री प्रफुल्ल के पटेल से व्यक्तिगत दखल देने की मांग करते हुए, श्री सिंधिया ने दादर नगर हवेली और दमन व दीव में नागर विमानन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

 

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