नागरिक उड्डयन मंत्रालय
राज्यों में विमानन बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नगालैंड और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा
Posted On:
27 AUG 2021 7:57PM by PIB Delhi
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राज्य में विमानन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के मामलों में तेजी लाने के लिए उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने देश में बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने के लिए अगले 4-5 वर्षों में 20,000 करोड़ रुपये रुपये की लागत से देश में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार की शुरुआत की है।
श्री सिंधिया ने केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन का ध्यान निम्नलिखित मुद्दों की ओर आकर्षित किया है जो केरल में विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहे हैं:
- भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने राज्य में 152.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता का अनुमान लगाया है जिसे राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं सौंपा गया है। इसमें से 137 एकड़ का उपयोग एप्रन के विकास, नए टर्मिनल भवन और कार्गो कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए किया जाएगा और शेष 15.25 एकड़ का उपयोग कार पार्किंग के लिए किया जाएगा।
- क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क निधि न्यास (रीजनल एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट -आरएसीएफटी) के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वाईटैलिटी गैप फंडिंग –वीजीएफ) शेयर के रूप में राज्य सरकार की ओर से 5.29 करोड़ रुपये की राशि बकाया है।
इसी प्रकार, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते समय, श्री सिंधिया ने मध्य प्रदेश में विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित मुद्दों को रेखांकित किया है :
- भारत स्काउट और गाइड को स्थानांतरित करने के लिए भोपाल हवाई अड्डे पर हवाई अड्डे की सीमा के बाहर 20.67 एकड़ भूमि की आवश्यकता है;
- खजुराहो हवाई अड्डे पर बुनियादी पट्टी (बेसिक स्ट्रिप) और परिचालन आवश्यकताओं के लिए 20 एकड़ भूमि की आवश्यकता है;
- नागरिक प्रखंड (सिविल एन्क्लेव) के विस्तार के लिए ग्वालियर हवाई अड्डे पर 110 एकड़;
- इंदौर हवाई अड्डे पर दूसरे रनवे और संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अतिरिक्त 2314.52 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
- रीजनल एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट (आरएसीएफटी) के लिए वीजीएफ शेयर के रूप में राज्य सरकार की ओर से 1.79 करोड़ रुपये रुपये की राशि बकाया हैं।
- राज्य सरकार इंदौर-दुबई मार्ग पर अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालन के लिए 100% वीजीएफ सहायता प्रदान करने के लिए अपनी सहमति दे सकती है। राज्य सरकार की सहमति प्राप्त होने के बाद एयरलाइनों द्वारा बोली लगाने के लिए मार्ग रखे जाएंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे को पत्र लिखते हुए, श्री सिंधिया ने निम्नलिखित मुद्दों पर का उल्लेख किया है जो महाराष्ट्र में विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहे हैं:
- भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने बेसिक स्ट्रिप और अतिरिक्त बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अकोला हवाई अड्डे पर 234.21 एकड़ भूमि की आवश्यकता का अनुमान लगाया है। इसमें से मात्र 149.95 एकड़ भूमि ही एएआई को सौंपी गई है। शेष 84.26 एकड़ जमीन अभी सौंपी जानी है।
- रनवे विस्तार के लिए औरंगाबाद हवाई अड्डे पर 182 एकड़ भूमि और कोड "ई" प्रकार के विमान के संचालन हेतु इसे उपयुक्त बनाने के लिए समानांतर टैक्सी ट्रैक की आवश्यकता है।
- गोंदिया हवाईअड्डे पर गांव की सड़क की दिशा परिवर्तन करने ( डायवर्जन) और शहर की ओर विकास के लिए 47.60 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
- कोल्हापुर हवाई अड्डे पर रनवे विस्तार और एबी-320 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए हवाई अड्डे के विकास के लिए एप्रोच लाइट लगाने के लिए 64 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
- अमरावती और रत्नागिरी हवाई अड्डों के विकास के लिए 95 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। आरसीएस-उड़ान परिचालन शुरू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा इन हवाई अड्डों को विकसित करने की आवश्यकता है।
- सोलापुर में चिमनी को जल्द से जल्द हटाने पर विचार किया जा सकता है, ताकि सोलापुर हवाई अड्डे को आरसीएस-उड़ान के तहत जोड़ा जा सके।
- रीजनल एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट (आरएसीएफटी) के लिए वीजीएफ शेयर के रूप में राज्य सरकार की ओर से 12.02 करोड़ रुपये रुपये की राशि बकाया है ।
- राज्य सरकार पुणे-दुबई, पुणे-बैंकॉक, पुणे- माले, पुणे-सिंगापुर, पुणे-काठमांडू और पुणे-कुआलालंपुर मार्गों पर अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालन के लिए 100% वीजीएफ सहायता प्रदान करने के लिए अपनी सहमति दे सकती है। शत-प्रतिशत व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वाईटैलिटी गैप फंडिंग –वीजीएफ) पर राज्य सरकार की सहमति प्राप्त होने के बाद एयरलाइनों द्वारा बोली लगाने के लिए मार्ग रखे जाएंगे।
श्री सिंधिया ने नगालैंड के मुख्यमंत्री श्री नेफ्यू रियो का ध्यान निम्नलिखित मुद्दों पर आकर्षित किया है जो नगालैंड में विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहे हैं:
- पहले चरण में एबी-320 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए रनवे को 310 मीटर तक बढ़ाने के लिए 107 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
- दूसरे चरण में शहर की ओर विकास, 600 मीटर तक रनवे का विस्तार और हैंगर, आरईएसए (दौड़ पट्टी एवं सुरक्षा क्षेत्र -रनवे एंड सेफ्टी एरिया) और पृथक्करण क्षेत्र (आइसोलेशन बे) के साथ एबी-320 प्रकार के विमानों के संचालन हेतु रनवे स्ट्रिप क्लीयरेंस के लिए 230 एकड़ भूमि क्षेत्र की आवश्यकता है।
- क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क निधि न्यास (रीजनल एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट –आरए सीएफटी) के लिए वीजीएफ हिस्सेदारी के रूप में राज्य सरकार की ओर से 31.07.2021 तक 0.18 करोड़ रुपये की राशि बकाया है।
श्री सिंधिया ने निम्नलिखित मुद्दों पर श्री नवीन पटनायक का ध्यान आकर्षित किया है जो ओडिशा में विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहे हैं:
- भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने चरण --II के लिए झारसुगुडा में 178 एकड़ भूमि की आवश्यकता का अनुमान लगाया है I
- आरसीएस- उड़ानों के संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा शीघ्रातिशीघ्र जैपोर और उत्कल हवाई अड्डे का विकास किया जाना आवश्यक है I
- क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क निधि न्यास (रीजनल एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट –आरए सीएफटी) के लिए वीजीएफ हिस्सेदारी के रूप में राज्य सरकार के पास एक करोड़ 48 लाख रुपये की राशि बकाया है।
- राज्य सरकार भुवनेश्वर-दुबई, भुवनेश्वर-अबूधाबी, भुवनेश्वर-बैंकाक,भुवनेश्वर-कुआला लूम्पुर, भुवनेश्वर-कोलम्बो, भुवनेश्वर-सिंगापुर तथा भुवनेश्वर-काठमांडूमार्गों पर अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालन के लिए 100% वीजीएफ सहायता प्रदान करने के लिए अपनी सहमति दे सकती है। शत-प्रतिशत व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वाईटैलिटी गैप फंडिंग –वीजीएफ) पर राज्य सरकार की सहमति प्राप्त होने के बाद एयरलाइनों द्वारा बोली लगाने के लिए मार्ग रखे जाएंगे।
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