पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय

नीति आयोग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक और डैशबोर्ड 2021-22 जारी किया


क्षेत्र में पूर्वी सिक्किम पहले स्थान पर, गोमती दूसरे स्थान और उत्तरी त्रिपुरा जिले तीसरे स्थान पर

Posted On: 26 AUG 2021 6:12PM by PIB Delhi

नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय( एम/डीओएनईआर) ने आज सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को स्थानीय बनाने की दिशा में पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) जिला सतत विकास लक्ष्य सूचकांक (एसडीजी इंडेक्स) रिपोर्ट और डैशबोर्ड 2021-22 के पहले संस्करण को जारी करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया हैI पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) जिला सतत विकास लक्ष्य सूचकांक (एसडीजी इंडेक्स) और डैशबोर्ड संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम  (यूएनडीपी) के तकनीकी समर्थन के साथ, नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय( एम/डीओएनईआर) द्वारा एक सहयोगी प्रयास है जो देश में अपनी तरह का पहला ऐसा प्रयास है, यह उस  पूर्वोत्तर क्षेत्र पर केंद्रित है जो देश के रणनीतिक विकास के महत्व का क्षेत्र है। यह सूचकांक आठ राज्यों-अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के जिलों के सतत विकास लक्ष्यों और उनके संबंधित लक्ष्यों के प्रदर्शन को मापता है और उसी के आधार पर जिलों को क्रमबद्ध करता है।यह सूचकांक नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य भारत सूचकांक (एसडीजी इंडिया इंडेक्स) पर आधारित है-तथा राष्ट्रीय और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों पर एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए प्रमुख और आधिकारिक उपकरण होने के साथ ही जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए एसडीजी पर बेंचमार्किंग प्रदर्शन और रैंकिंग के सामान्य लोकाचार को साझा करता है।

यह सूचकांक सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) प्राप्त करने की दिशा में क्षेत्र और उसके जिलों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह एक अनूठा नीति उपकरण है जिसमें जिला स्तर की प्रगति को मापने, महत्वपूर्ण अंतराल को उजागर करने, संसाधन आवंटन की सुविधा प्रदान करने और आठ पूर्वोत्तर राज्यों, पूर्वोतर क्षेत्र विकास  मंत्रालय और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों में नीति निर्माताओं के लिए एक उपयोगी उपकरण होगा।नीति आयोग के उपाध्यक्ष, डॉ राजीव कुमार, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास  मंत्रालय में राज्य मंत्री, श्री बी एल वर्मा ने  पूर्वोत्तर  क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक और डैशबोर्ड : बेसलाइन रिपोर्ट 2021-22 को  नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  श्री अमिताभ कांत, डोनर मंत्रालय में सचिव श्री इन्द्रजीत सिंह, सयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की प्रभारी  रेजिडेंट प्रतिनिधि सुश्री नादिया रशीद और नीति आयोग में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सलाहकार सुश्री संयुक्ता समद्दर की उपस्थिति में जारी कियाIइस कार्यक्रम में और अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर,मेघालय,मिजोरम,नागालैंड,सिक्किम और त्रिपुरा के मुख्य सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों अन्य वरिष्ठ के अधिकारियों ने भी वर्चुअल रूप से भाग लिया। यूएनडीपी के तकनीकी इनपुट के साथ डोनर  मंत्रालय के सहयोग से नीति आयोग द्वारा डिज़ाइन और विकसित इस  सूचकांक (इंडेक्स) को इस प्राथमिक टूल के सभी हितधारकों अर्थात आठ पूर्वोत्तर राज्यों के साथ व्यापक परामर्श के बाद बनाया गया हैं ।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष, डॉ राजीव कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि “पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक हमारी एसडीजी यात्रा में एक महत्वपूर्ण पडाव है जिसका उद्देश्य यह है कि कोई भी पीछे न रह जाए और यह हमारे पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी आठ राज्यों के जिलों को विशेष रूप से एसडीजी को अपनाने,कार्यान्वयन और निगरानी में सबसे आगे रखकर एसडीजी स्थानीयकरण को मजबूत करेगा।

केंद्रीय डोनर,पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी  ने अपने संबोधन में कहा कि “केंद्रित और संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए विकासात्मक प्रयासों की निगरानी के द्वारा “पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक साक्ष्य-आधारित योजना, संसाधन आवंटन, वित्तीय पहलुओं के साथ ही अन्य क्षेत्रों के प्रभावी पर्यवेक्षण में मदद करेगा।

डोनर और सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने कहा, "पूर्वोत्तर क्षेत्र को आज कुशल कार्य निष्पादन और मजबूत निगरानी के साथ ऐसी उचित योजना  बनाने की जरूरत है और इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी इंडेक्स द्वारा ही बनाया जाएगा।"

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि "क्रियान्वयन के इस दशक' में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्रशासन के बेहतर स्तर पर ले जाना और उनके प्रभाव और परिणामों को अधिक सूक्ष्मता से मापना महत्वपूर्ण है और वास्तव में पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक को इसी लक्ष्य को प्राप्त  करना है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव डॉ इंदर जीत सिंह ने सूचकांक की व्याख्या करते हुए कहा कि “पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी इंडेक्स इस क्षेत्र में अंतर-राज्य और अंतर-राज्यीय असमानताओं को दूर करने और एसडीजी उपलब्धियों में तेजी लाने के लिए पहलों को निर्धारित करने के लिए विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाले  आंकड़े (डेटा) प्रदान करने में बहुत योगदान देगा ।"

 

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की भारत में प्रतिनिधि (प्रभारी) सुश्री नादिया रशीद ने एसडीजी कार्य योजनाओं को विकसित करने और विशेष रूप से पूर्वोत्तर में कार्यान्वयन और निगरानी की क्षमताओं को मजबूत करने में सभी राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए यूएनडीपी की प्रतिबद्धता को दोहराया।

नीति आयोग में सलाहकार सुश्री संयुक्ता समद्दर ने कहा, कि “पूर्वोत्तर क्षेत्र  जिला एसडीजी सूचकांक जिला स्तर पर एसडीजी के स्थानीयकरण की दिशा में त्वरित प्रयासों का प्रतिनिधित्व करता है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एसडीजी इंडिया इंडेक्स से एक प्राकृतिक प्रगति है। यह विकास लक्ष्यों को एसडीजी "वैश्विक से राष्ट्रीय से स्थानीय तक" से संरेखित भी करता है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र  जिला सतत  सूचकांक का उद्देश्य जिला स्तर पर संकेतकों के  समूह  पर प्रगति को चित्रित करना और इस क्षेत्र में क्रियाकलापों  के भविष्य के क्रम  को डिजाइन करने में सहायता करते हुए क्षेत्रीय मुद्दों के साथ-साथ डेटा अंतराल की विश्लेषणात्मक समझ को बढ़ाना है। इस सूचकांक की मॉड्यूलर प्रकृति  इसे स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग, आर्थिक विकास, संस्थानों, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण सहित वैश्विक लक्ष्यों के विस्तृत सेट पर जिलों की प्रगति का आकलन करने के लिए एक नीति उपकरण और एक तैयार दिग्दर्शिका (रेकनर) बनाती है

समग्र परिणाम और निष्कर्ष

वरीयता क्रमबद्धता  के लिए निर्धारित  किए गए 103 जिलों में से 64 जिले अग्रणी श्रेणी के थे, जबकि 39 जिले जिलों के समग्र अंक  और क्रमबद्धता में  ठीक कार्य कर रहे  श्रेणी में थे। सिक्किम और त्रिपुरा के सभी जिले अग्रणी  (फ्रंट रनर) श्रेणी में आते हैं और आकांक्षी या प्राप्तकर्ता (अचीवर) श्रेणी में कोई जिला नहीं है।

 

 

पूर्वी सिक्किम [अंक  75.87] इस क्षेत्र में पहले स्थान पर है, उसके बाद जिले गोमती और उत्तरी त्रिपुरा [ अंक 75.73] दूसरे स्थान पर हैं।

१०३ जिलों का स्कोर किफिरे (नगालैंड –एनएल) से लेकर पूर्वी सिक्किम [एसके] तक फैले 103  जिलों के अंक 53.00 में 75. 87 के बीच हैं I

समग्र स्कोर: अग्रणी  -10  जिले

 

75.87

पूर्वी सिक्किम [एसके ]

75.73

गोमती, उत्तर त्रिपुरा [टीआर ]

75.67

पश्चिमी त्रिपुरा [टीआर ]

74.87

सरचिप [एमजेड ]

74.80

दक्षिणी सिक्किम [एसके ]

73.47

उनाकोटी [टीआर ]

72.87

लुंगलेई [एमजेड ]

72.60

ढलाई i [टीआर ], सिपाहीझाला [टीआर]

72.40

दक्षिणी त्रिपुरा [टीआर ]

72.27

कोलासिब [एमजेड ]

नीचे के 10 जिले

 

नीचे

59.07

लॉन्गलेंग [एनएल ]

58.60

शि योमि [एआर ]

58.27

ईस्ट केमांग [एआर ], फेक [एनएल]

57.40

कामले [एआर ]

56.87

नार्थ  गारो हिल्स [एमएल ]

55.93

मोन [एन एल ]

55.87

ट्युएनसांग [एनएल ]

55.60

क्रा दादी [एआर ]

54.53

जुन्हेबोटो [एनएल ]

53.00

किफिरे [एनएल ]

 

  

संपूर्ण पूर्वोत्तर (एनईआर) एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है:https://wgz.short.gy/NER

 इंटरैक्टिव डैशबोर्ड को यहां देखा जा सकता है:https://sdgindiaindex.niti.gov.in/NER/dashboard/#/

एनईआर जिला एसडीजी इंडेक्स और डैशबोर्ड 2021-22 के लिए कृपया यहां क्लिक करें: बेसलाइन रिपोर्ट का परिचय

    

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