वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

भारत में पिछले 7 वर्षों में पेटेंट प्रदान करने में 572 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है


2013-14 के दौरान 4,227 पेटेंट प्रदान किए जाने की तुलना में 2020-21 में 28,391 पेटेंट प्रदान किए गए

श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार 2020 प्रदान किए

केंद्र सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव (15 अगस्त, 2021 से 15 अगस्त, 2022) में आईपीआर मामलों पर 10 लाख छात्रों को प्रशिक्षण एवं जागरूकता प्रदान किया जाएगा

75 वर्षों (1940-2015) के दौरान 11 लाख की तुलना में पिछले 4 वर्षों (2016-2020) में 14.2 लाख ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 2020 में 33 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ 48वें स्थान पर रही है ( 2015-16 में 81वें स्थान पर थी)

आईपी में लोगों के जीवन में बदलाव लाने और अरबों लोगों को आजीविका प्रदान करने की क्षमता है: केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल

बौद्धिक संपदा से सशक्त बनकर, भारत दुनिया में नवाचार का पावरहाउस बन सकता है: श्री गोयल

श्री गोयल ने कहा कि हमें भारत को "विश्व का डिजाइन हब" बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए

भारत में स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजाइन इन इंडिया की सफलता के लिए बौद्धिक संपदा बहुत ह

Posted On: 17 AUG 2021 7:17PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज एक कार्यक्रम के दौरान विजेताओं को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार, 2020 से सम्मानित किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव डॉ. गिरिधर अरमाने और उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित हुए।

समारोह को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने सभी विजेताओं को बधाई दिया और आशा व्यक्त किया कि वे भविष्य में भी इस प्रकार के अनुकरणीय कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार शिक्षा से लेकर स्टार्ट-अप्स तक विभिन्न क्षेत्रों के योगदान के साथ वास्तविक रूप से समावेशी रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान समय में प्रौद्योगिकी और आइडिया को विकास का दोहरे इंजन माना जाता है और आईपीआर वह ईंधन है जिसके माध्यम से उन्हें शक्ति प्राप्त होती है तथा यह पुरस्कार न केवल व्यक्तियों और संस्थानों के नवप्रवर्तक विचारों को मान्यता प्रदान करता है बल्कि अन्य लोगों के लिए प्रेरणा के रूप में भी कार्य करता है। उन्होंने कहा कि देश में समावेशी प्रगति और आईपीआर कानूनों को मजबूती प्रदान करने के लिए आईपी क्रांति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार का सृजन करने, गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धात्मकता और विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

श्री गोयल ने कहा कि बौद्धिक संपदा से सशक्त बनाकर, भारत दुनिया में ‘नवाचार का पावरहाउस’ बन सकता है। श्री गोयल ने कहा कि वास्तव में बौद्धिक संपदा अधिकार, भारत की प्रगति के वास्तविक समय की प्रस्तुति करता है और बौद्धिक संपदा अधिकार को भारत की समृद्धि अधिकार तक बढ़ा कर ले जाता है। श्री गोयल ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को "विश्व का डिजाइन हब" बनाने के लिए होना चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि जिस प्रकार से भौगोलिक सीमाएं हमारे देश के हितों की रक्षा करती हैं, उसी प्रकार से बौद्धिक संपदा हमारे देश की संभावनाओं का संरक्षण करती है। श्री गोयल ने कहा कि बौद्धिक संपदा देश की प्रगति की आधारशिला है और हमारे युवाओं की प्रतिभा का प्रदर्शन करती है। यह स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजाइन इन इंडिया की सफलता के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के मार्गदर्शन में, भारत ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत आईपीआर व्यवस्था एवं एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करनें में बहुत हद तक प्रगति की है।

श्री गोयल ने आगे कहा कि आईपी में लोगों के जीवन में बदलाव लाने और अरबों लोगों के लिए आजीविका का निर्माण करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आईपी की पहचान हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धात्मक होने में भारत की क्षमता का निर्माण करने की दिशा में सबसे मूल्यवान परिसंपत्तियों में से एक के रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे आईपी अधिकारों में यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जो कोई भारत में आविष्कार करता है, वह न केवल यहां पर संरक्षित है बल्कि उसके समृद्ध होने की भी गारंटी है। इस चुनौतीपूर्ण समय में एक मजबूत आईपीआर व्यवस्था उद्योग के विस्तार को सशक्त एवं सक्रिय बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में एक प्रमुख पहल- "क्रिएटिव इंडिया, इनोवेटिव इंडिया" के लिए एक राष्ट्रीय आईपीआर नीति रही है।

उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख पहल में से एक शुल्क रियायतें भी रही हैं जैसे कि ऑनलाइन फाइलिंग पर 10% की छूट, स्टार्ट-अप और छोटी संस्थाओं के लिए 80% की शुल्क रियायत आदि। उन्‍होंने कहा कि आईपीआर फाइलिंग प्रक्रियाएं अब ज्यादा संक्षिप्त, समयबद्ध, उपयोगकर्ता के अनुकूल और ई-लेनदेन के लिए संगत बन गई हैं। उन्होंने कहा कि व्यापक ई-फाइलिंग सुविधा, पेटेंट और ट्रेडमार्क अनुप्रयोगों का इलेक्ट्रॉनिक प्रसंस्करण, आईपीआर प्राप्ति की इच्‍छा करने वाले लोगों के लिए पारदर्शिता और पहुंच प्राप्ति में सहायक साबित हो रही है। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि इनमें शामिल प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

- 2013-14 के दौरान प्रदान किए गए 4,227 पेटेंटों की तुलना में 2020-21 में 28,391 पेटेंट (572% की बढ़ोत्तरी)।

-दिसंबर 2016 में पेटेंट की जांच पड़ताल करने का समय 72 महीने था, जिसे दिसंबर 2020 में घटाकर 12-24 महीने कर दिया गया।

- 75 वर्षों (1940-2015) के दौरान 11 लाख की तुलना में 4 वर्षों (2016-2020) में 14.2 लाख ट्रेडमार्कों का रजिस्ट्रेशन किया गया।

श्री गोयल ने कहा कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 2020 में 33 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ 48वें स्थान पर आ चुकी है ( 2015-16 में यह 81वें स्थान पर थी)। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स के शीर्ष 25 देशों में शामिल होने वाली महत्वाकांक्षी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें मिशन मोड पर काम करना चाहिए।

समापन भाषण में श्री गोयल ने कहा कि हमें मानवता के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करने हेतु कार से लेकर कंप्यूटर तक और सिलाई मशीन से लेकर अंतरिक्ष यान तक सभी लोगों को डिजाइन तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को अपने आईपी व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा दक्ष बनाने के लिए आइडिया में योगदान करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर श्री गोयल ने निम्न घोषणाएं की-

• सभी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान (सरकारी/सहायता प्राप्त/निजी) को आईपीआर के लिए 80% शुल्क में कटौती प्रदान करना, चाहे वह संस्थान भारत में हो या विदेश में।

• वर्तमान समय में किसी संस्थान के लिए कुल शुल्क (फाइलिंग + प्रकाशन + नवीकरण शुल्क) लगभग 4,24,500 रुपये है, जो कि घटकर लगभग 84,900 रुपये की जाएगी, जो कि दुनिया भर में शीर्ष पेटेंट कार्यालयों के शुल्क के बराबर होगी।

• इस आजादी के अमृत महोत्सव (15 अगस्त, 2021 से लेकर 15 अगस्त, 2022) में, सीजीपीडीटीएम कार्यालय (आईपी कार्यालय) द्वारा 10 लाख छात्रों को प्रशिक्षण एवं जागरूकता प्रदान किया जाएगा।

श्री गोयल ने आईपी कार्यालय के सभी अधिकारियों को "ब्रेन ऑफ इंडिया" का भरोसेमंद संरक्षक बनने के लिए उनके प्रयासों और योगदानों की सराहना की। उन्होंने सभी लोगों से श्रेष्ठ प्रतिभा, आइडिया और प्रौद्योगिकी को आकर्षित करने के लिए भारत को एक चुंबकीय शक्ति में बदलने के लिए अपने लक्ष्य को उच्चतम स्तर पर रखने का आग्रह किया।

यह उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) पुरस्कार, पेटेंट डिजाइन एवं व्यापार चिह्न महानियंत्रक का कार्यालय (सीजीपीडीटीएम, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रदान किए जाते हैं, जिससे कि आईपी निर्माण, व्यावसायीकरण और प्रवर्तन के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों, उद्यमों, पुलिस इकाइयों और अन्य कानूनी संस्थाओं को शामिल करते हुए शीर्ष उपलब्धियां प्राप्त करने वाले लोगों की पहचान करके उन्हें पुरस्कृत किया जा सके, जिन्होंने देश में आईपी पारिस्थितिकी प्रणाली को मजबूती प्रदान करने और रचनात्मकता एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।

पुरस्कार विजेताओं की सूची के लिए यहां पर क्लिक करें।

 

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