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नमामि गंगे ने एनआईयूए के साथ मिलकर आयोजित की गयी राष्ट्रीय स्तर की थीसिस प्रतियोगिता 'री-इमेजिनिंग अर्बन रिवर' के विजेताओं की घोषणा की

Posted On: 19 AUG 2021 7:33PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और नेशनल इंस्टीट्यूट फोर अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने सितंबर 2020 में एक राष्ट्रीय स्तर की थीसिस प्रतियोगिता 'री-इमेजिनिंग अर्बन रिवर' का आयोजन किया था। यह आयोजन दोनों संगठनों द्वारा देश के शहरों में नदी-संवेदनशील विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्यान्वित की जा रही एक संयुक्त परियोजना के तहत किया गया था। यह शहरी नदी के मुद्दों के समाधान की परिकल्पना और शोध की खातिर युवा मस्तिष्कों को जोड़ने के लिए अपनी तरह की पहली पहल है। इस थीसिस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों की बौद्धिक क्षमता और रचनात्मकता का दोहन करना है ताकि वे शहरों से होकर बहने वाली नदियों और उनसे जुड़ी विशेषताओं के दृष्टिकोण तथा प्रबंधन की पुन: कल्पना कर सकें। प्रतियोगिता के तीन विषय थे - जल निकायों और / या आर्द्रभूमि की पुन: कल्पना, पर्यावरण के अनुकूल रिवरफ्रंट परियोजनाओं का विकास और नदी पर्यटन को बढ़ावा देना। देश भर के प्रमुख संस्थानों के छात्रों ने 19 अगस्त, 2021 को नई दिल्ली के इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में अपनी थीसिस प्रस्तुत की।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा ने कहा, "नमामि गंगे कई नवीन विशेषताओं के साथ एक एकीकृत कार्यक्रम है और नदी के कायाकल्प में नए विचारों और दृष्टिकोणों को प्राप्त करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ है।" उन्होंने बताया कि इस थीसिस प्रतियोगिता के पीछे विचार युवा शोधकर्ताओं और विद्वानों के साथ लगातार जुड़ना था जो एकीकृत तरीकों से सोच सकते हैं और नियोजन से जुड़े नये दृष्टिकोण रख सकते हैं। वे नए और नवोन्मेषी विचार भी साझा कर सकते हैं। श्री मिश्रा ने इस तरह की सोच को समाज में स्थायी रूप से शामिल करने के लिए नदी और शहर का एक गठबंधन विकसित करने का विचार भी साझा किया।

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने अपने विशेष संबोधन में शहरी क्षेत्रों में नदी पर्यटन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की सफलता के किस्सों और इंदौर को अधिशेष जल संपन्न शहर बनाने का हवाला देते हुए कहा, “हम इतने सालों से जिस विकास की योजना बना रहे थे, वह विकास आज हो रहा है।” सचिव ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, "अब आपको अपनी परियोजनाओं पर काम करने के लिए सरकार की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं है। आप में से प्रत्येक के पास इसे एक बड़ी सफलता बनाने की क्षमता है।"

इस कार्यक्रम में प्रायोजित थीसिस परियोजना प्रतियोगिता का दूसरा संस्करण शुरू किया गया। इस वर्ष के विषय होंगे - 'नदी प्रदूषण को कम करना', 'जल निकायों का कायाकल्प', 'एक जीवंत नदी क्षेत्र बनाना', 'नदी से संबंधित अर्थव्यवस्था का निर्माण' और 'नदी प्रबंधन गतिविधियों में नागरिकों को शामिल करना'। प्रविष्टियां ईमेल: urvers@niua.org  पर भेजी जा सकती हैं। प्रवृष्टि जमा करने की अंतिम तिथि 26 सितंबर, 2021 है।

 

एमजी/एएम/पीके


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