स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस-4), भारत, 2019,नेशनल फैक्ट शीट के विमोचन की अध्यक्षता की


पिछले दशक में स्कूल जाने वाले 13-15 साल के बच्चों के बीच तंबाकू सेवन में 42 प्रतिशत की गिरावट

लड़कियों की तुलना में लड़कों में किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन अधिक

स्कूल जाने वाले बच्चों (13-15 वर्ष) में तंबाकू का उपयोग- अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में सबसे अधिक तथा हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में सबसे कम

29% से अधिक छात्र दूसरों के द्वारा धूम्रपान से प्रभावित

Posted On: 10 AUG 2021 7:16PM by PIB Delhi

श्री मनसुख मंडाविया, केन्द्रीय मंत्री स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने आज नेशनल फैक्ट शीट वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस-4), भारत, 2019 के विमोचन की अध्यक्षता की।

 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में बच्चों और उनके माता-पिता के बीच जागरूकता बढ़ाने और इस संबंध में बच्चों के दृष्टिकोण को आकार देने के लिए शिक्षकों की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, "जितना ज्यादा और जल्दी हम बच्चों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक बनाते हैं, बच्चों में और इसकी वजह से वयस्कों में तंबाकू के उपयोग में कमी को लेकर परिणाम बेहतर होंगे।" उन्होंने साथ ही कहा कि 'तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों' को प्राथमिक विद्यालय से शुरू करते हुए विभिन्न स्तरों पर स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिये।

 

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्लू) के तहत जनसंख्या विज्ञान के लिये अंतरराष्ट्रीय संस्थान (आईआईपीएस) द्वारा 2019 में वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण का चौथा दौर (जीवाईटीएस-4)आयोजित किया गया था। सर्वेक्षण को राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में 13-15 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच लिंग, स्कूल के स्थान (ग्रामीण-शहरी) और स्कूल के प्रबंधन (सार्वजनिक-निजी) के बीच तंबाकू के उपयोग के राष्ट्रीय अनुमान तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया था। जीवाईटीएस के पहले तीन राउंड 2003, 2006 और 2009 में आयोजित किये गये थे।

सर्वेक्षण में 987 स्कूलों (सार्वजनिक-544; निजी-443) के कुल 97,302 छात्रों ने भाग लिया। जिनमें से 13-15 वर्ष आयु वर्ग के 80,772 छात्रों को रिपोर्ट में शामिल किया गया। सर्वेक्षण का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग, तंबाकू को छोड़ना, दूसरों के द्वारा धूम्रपान का असर,पहुंच और उपलब्धता, तंबाकू के दुष्परिणाम बताने वाली जानकारियों तक पहुंच, जागरूकता और० तंबाकू की मार्केटिंग, जानकारी और दृष्टिकोण आदि की जानकारियां पाना था।

माननीय मंत्री को सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों से भी अवगत कराया गया:

तंबाकू का इस्तेमाल

  • 13 से 15 वर्ष की आयु के छात्रों में करीब हर 5 में एक ने अपने जीवन में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद (धूम्रपान, धुआं रहित और किसी भी अन्य रूप) का उपयोग किया। हालांकि, वर्तमान में उपयोग करने वाले (पिछले 30 दिनों के दौरान) 8.5% थे। पिछले दो सर्वेक्षणों के बीच, वर्तमान में उपयोग करने वालों में 42 प्रतिशत (2009-2019) की गिरावट आई है।
  • लड़कों में तंबाकू के सेवन का प्रसार 9.6 प्रतिशत और लड़कियों में 7.4 प्रतिशत था।
  • धूम्रपान से तम्बाकू का सेवन का प्रचलन 7.3 प्रतिशत था। धूम्ररहित तंबाकू उत्पाद के मामले में प्रसार 4.1 प्रतिशत था।
  • 2.8 प्रतिशत छात्रों ने कभी न कभी ई-सिगरेट का उपयोग किया था।
  • किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन लड़कियों की तुलना में लड़कों में अधिक पाया गया।
  • राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में छात्रों के बीच तंबाकू का वर्तमान उपयोग सबसे अधिक अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम (प्रत्येक में 58%) से लेकर सबसे कम हिमाचल प्रदेश (1.1%) और कर्नाटक (1.2%) के बीच है।

 

 

तंबाकू की शुरुआत की उम्र

  • सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले 38 प्रतिशत, बीड़ी का इस्तेमाल करने वाले 47 प्रतिशत और धूम्रपान रहित तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले 52 प्रतिशत ने अपने 10वें जन्मदिन से पहले ही तंबाकू का इस्तेमाल शुरू कर दिया। सिगरेट से धूम्रपान, बीड़ी से धूम्रपान और धूम्रपान रहित तंबाकू के सेवन की शुरुआती औसत आयु क्रमशः 11.5 वर्ष, 10.5 वर्ष और 9.9 वर्ष थी।

तंबाकू का सेवन छोड़ना

  • वर्तमान में तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले 10 में से 2 ने पिछले 12 महीने में धूम्रपान छोड़ने की कोशिश की, वहीं 10 में से अन्य 2 छात्र अब धूम्रपान छोड़ना चाहते थे।
  • वर्तमान में धूम्रपान रहित तंबाकू का इस्तेमाल करने वालों में 27 प्रतिशत ने पिछले 12 महीने में इसे छोड़ने की कोशिश की और अन्य 25 प्रतिशत इसे अब छोड़ना चाहते थे।

दूसरों के द्वारा धूम्रपान का असर

  • दूसरों के द्वारा किये गये धूम्रपान का असर 29.5 प्रतिशत छात्रों (घर पर 11.2 प्रतिशत, सार्वजनिक भवनों, इमारतों के अंदर 21.2 प्रतिशत, सार्वजनिक स्थलों पर 23.4 प्रतिशत) पर पड़ा है।

तंबाकू उत्पादों तक पहुंच और उपलब्धता

  • मौजूदा सिगरेट पीने वालों में से 69 प्रतिशत और मौजूदा बीड़ी पीने वालों में से 78 प्रतिशत ने किसी स्टोर, पान की दुकान, स्ट्रीट वेंडर या वेंडिंग मशीन से सिगरेट/बीड़ी खरीदी।
  • वर्तमान में धूम्रपान करने वाले जिन्होंने सिगरेट या बीड़ी खरीदी थी, उसमें में 45%सिगरेट पीने वालों और 47%बीड़ी धूम्रपान करने वालों को उनकी उम्र देखते हुए भी तंबाकू उत्पाद देने से मना नहीं किया गया।

मीडिया और तंबाकू के दुष्परिणाम बताने वाले संदेश

  • 52 प्रतिशत छात्रों ने मुख्य मीडिया में तंबाकू के दुष्परिणाम बताने वाले संदेशों को देखा।
  • बिक्री स्थलों पर जाने पर 18 प्रतिशत छात्रों ने तंबाकू के विज्ञापन या प्रचार को देखा।

जानकारी और दृष्टिकोण

  • 71 प्रतिशत छात्र मानते हैं कि दूसरे लोगों का सिगरेट पीना उनके लिए हानिकारक है।
  • 58 प्रतिशत छात्रों ने सार्वजनिक भवनों के अंदर धूम्रपान पर प्रतिबंध का समर्थन किया।

स्कूल नीति

  • 85 प्रतिशत स्कूल प्रमुखों को सीओटीपीए, 2003 की जानकारी थी।
  • 83 प्रतिशत स्कूल 'तंबाकू मुक्त स्कूल' बोर्ड प्रदर्शित करने की नीति से अवगत थे।
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सर्वे में राज्यवार तंबाकू सेवन का पैटर्न भी सामने आया।

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