नीति आयोग

अटल इनोवेशन मिशन ने एटीएल मैराथन 2020 की शीर्ष की 300 टीमों की घोषणा की

Posted On: 22 JUL 2021 6:35PM by PIB Delhi

नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) ने अपनी प्रमुख राष्ट्रीय वार्षिक नवाचार चुनौती 'एटीएल मैराथन 2020' के सफल समापन और उसमें नवाचार से जुड़े देशभर के युवाओं की रिकॉर्ड-तोड़ भागीदारी के बाद आज इस प्रतियोगिता के परिणाम घोषित कर दिए।

इस मैराथन में देशभर के 1000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब ने भाग लिया, जिसमें से नवाचार से जुड़ी शीर्ष की 300 प्रतिभाओं का चयन किया गया। एटीएल मैराथन 2020 में भाग लेने वाले प्रत्येक राज्य की शीर्ष 10 टीमों की भी आज घोषणा की गई। इस साल, एआईएम को पिछले सालों की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक प्रस्तुतियां प्राप्त हुई हैं। एटीएल मैराथन 2020 32 राज्यों और 324 जिलों से प्राप्त हुए 7200 से अधिक नवाचारों का गवाह बना। इस मैराथन में छात्राओं की 57% से अधिक की उत्साहजनक भागीदारी भी रही।

‘एटीएल मैराथन’ अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) की एक प्रमुख प्रतियोगिता है। इसमें अटल इनोवेशन मिशन हर साल नवाचार में रूचि रखने वाली प्रतिभाओं के लिए एक नया विषय रखता है जिसके तहत छात्र अपने एटीएल प्रभारी और सलाहकारों की मदद से छह महीने की अवधि में सावधानीपूर्वक शोध, चिंतन, नई खोज और अपने नवाचारों को कार्यान्वित करते हैं। इसके बाद शीर्ष छात्रों को अपने कौशल और अपनी प्रतिकृति को और आगे विकसित करने तथा बेहतर बनाने के लिए एआईएम के कॉरपोरेट भागीदारों और इन्क्यूबेशन सेंटरों के साथ छात्र इंटर्नशिप कार्यक्रम (एसआईपी) में भाग लेने का मौका मिलता है।

“शोध, चिंतन, नई खोज, कार्यान्वयन – व्यापक हितों के लिए सचेत नवाचार” के महत्वाकांक्षी संकल्प के साथ  इस साल के मैराथन के विषय को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप रखा गया था।

आभासी माध्यम से विजेताओं की घोषणा करते हुए, एआईएम के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि इनमें से सबसे होनहार छात्र आगे ‘छात्र उद्यमिता कार्यक्रम’ (एसईपी) में भाग लेंगे, जोकि उनके नवाचारों को बाज़ार तक ले जाने के लिए 11 महीने की अवधि का बूटकैंप है। हमने छात्रों को स्टार्ट-अप बनाने और यहां तक ​​कि उन्हें अपने उत्पादों को लोकप्रिय ई-कॉमर्स साइटों पर उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने आगे कहा, “इस यात्रा के माध्यम से मैं एक महत्वपूर्ण तथ्य को उजागर करना चाहता हूं - हमारे देश की युवा पीढ़ी अपने समुदाय की समस्याओं को हल करने के लिए एकजुट हो रही है। ये सही मायने में एक आत्मनिर्भर भारत बनाने की सही दिशा में उठाये गए कदम हैं।

उन्होंने कहा, “यह मैराथन आत्मनिर्भर भारत के अपने विचार, इसके निष्पादन और सबसे महत्वपूर्ण रूप से कोविड -19 महामारी, जिसने हम सभी को अपने नवाचारों को परिस्थितियों के हिसाब से ढालने और लचीला बनने के लिए मजबूर किया, की दृष्टि से अनूठा था। परिस्थितियां भले ही दुर्भाग्यपूर्ण थीं, मेरा मानना ​​है कि इसने हम सभी को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया - हमें चुस्त होना चाहिए और रास्ते में अपनी दृष्टि खोए बिना हमेशा बदलती परिस्थितियों के हिसाब से ढलना सीखना चाहिए।”

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