आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स ने इन्क्लूसिवसिटीज सेंटर के शुभारंभ के उपलक्ष्य में एक वेबिनार का आयोजन किया
जीआईजेड इंडिया के रणनीतिक सहयोग से स्थापित यह सेंटर शहरी विकास में समावेशी दृष्टिकोण को मुख्यधारा में लाने की दिशा में काम करेगा
Posted On:
09 JUL 2021 3:08PM by PIB Delhi
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स ने इन्क्लूसिव सिटीज सेंटर के शुभारंभ के उपलक्ष्य में "समावेशी शहर - भारतीय शहरों कोसभी के लिए अधिक सुलभ, सुरक्षित और समावेशी बनाने के दृष्टिकोण" विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) की 45वीं वर्षगांठ समारोह का एक हिस्सा था। इस वेबिनार का उद्देश्य समावेशिता से जुड़े विमर्श को मुख्यधारा में लाना है और शहरों में सभी के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए विभिन्न विचारकों, पेशेवरों, शोधकर्ताओं और शहरी विकास के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की भागीदारी को सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर एनआईयूए में वरिष्ठ सलाहकार श्री अजय सूरी ने इस केंद्र की रणनीति और इसकी पांच साल की कार्ययोजना प्रस्तुत की। जीआईजेड इंडिया में सतत शहरी एवं औद्योगिक विकास के क्लस्टर को ऑर्डिनेटर श्री एर्न्स्ट डोएरिंग ने समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए जीआईजेड और एनआईयूए के बीच की साझेदारी की मुख्य विशेषताओं के बारे में चर्चा की।
पैनल सत्र में भाग लेने वाले प्रमुख विशेषज्ञों ने समावेशी शहरों के विचार और शहरों में मौजूद विभिन्न हाशिए के समूहों की चिंताओं के बारे में अपनी बात रखी। इन पैनलिस्टों में द वर्ल्ड बैंक के सीनियर अर्बन स्पेशलिस्ट श्री अभिजीत शंकर रे, यूनाइटेड किंगडम सरकार की एफसीडीओ सुश्री ममता कोहली, सेफ्टीपिन की सुश्री कल्पना विश्वनाथ, बीवीएलएफ की सुश्री रुश्दा मजीद, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय की सुश्री सुकन्या कृष्णमूर्ति शामिल थीं। इस सत्र का संचालन जीआईजेड में वरिष्ठ सलाहकार सुश्री अपर्णा दासद्वारा किया गया। इसमें शहरी विकास में समावेशिता, शहरी क्षेत्रों में महिलाओं एवंदिव्यांग व्यक्तियों की जरूरतों और शहरी विरासत आदि जैसे विषयों पर चर्चा की गई और उन पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इस वेबिनार को वेब कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर एनआईयूए के सोशल मीडिया हैंडल के जरिए लाइव स्ट्रीमिंग के साथ संचालित किया गया।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) में संयुक्त सचिव और स्मार्ट सिटीज मिशन के मिशन निदेशक श्री कुणाल कुमार, आईएएस, ने मुख्य वक्ता के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अपने संबोधन में उन्होंने कहा,“भविष्य के शहरों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बुनियादी शहरी अवसंरचना और सेवाएं सुलभ, उपयोगकर्ता के अनुकूल और आर्थिक स्थिति, उम्र, क्षमता और लिंग से परे सभी लोगों की जरूरतों का समावेश करती हैं। सुलभता को सार्वजनिक हित में एक निवेश के रूप में देखने की जरूरत है जोकि लचीला, टिकाऊ और समावेशी शहरी विकास सुनिश्चित करने के एक बड़े लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देती है।”
अपने स्वागत भाषण में, एनआईयूए के निदेशक श्री हितेश वैद्यने शहरी एजेंडे में एक समग्र दृष्टिकोण के रूप में समावेशन को मुख्यधारा में लाने से जुड़े अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा, “हमारे दृष्टिकोण में एक शहर को अवश्य ही विविध समुदायों और विभिन्न सामाजिक - आर्थिक पृष्ठभूमि से जुड़े अलग - अलग आयु वर्गों एवं क्षमताओं वाले लोगों का प्रतिनिधि होना चाहिए। यह दृष्टिकोण स्थानीय स्तर पर बेहतर शहरी नियोजन और नीति निर्माण के माध्यम से सभी की जरूरतों को समझता है और उन्हें पूरा करने की दिशा में काम करता है। यह सामाजिक, शहरी और आर्थिक विषमताओं को समाप्त करने और समावेशी, सुरक्षित एवं सुलभ शहरी विकास को बढ़ावा देने के दोहरे लक्ष्य पर जोर देता है।”
एनआईयूए में स्थापित इन्क्लूसिव सिटीज सेंटर (आईसीसी) का उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देने के इरादे से शहर के प्राधिकारियों की संस्थागत मजबूती के लिए उपयुक्त उपकरण और ढांचा विकसित करना है। इसमें समावेशी शहरों से जुड़ी वैश्विक स्तर की अच्छी प्रथाओं से मिली सीख को साझा करने के लिए एक ज्ञान भंडार (नॉलेज रिपॉजिटरी) का भी प्रस्ताव है। आईसीसी सभी के जीवन की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के लिए शहरों को साक्ष्य-आधारित योजना निर्माण और निवेश के क्षेत्र में सुविधा प्रदान करेगा। यह शहरी गरीबों, विकलांग व्यक्तियों, महिलाओं, बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सहित शहर के निवासियों के सबसे कमजोर लोगों पर ध्यान केन्द्रित करेगा। यह सेंटर शहरों में स्थानिक, सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल समावेशन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए विभिन्न गतिविधियों को लागू करेगा।
एनआईयूए के बारे में (https://www.niua.org/)
1976 में स्थापित, एनआईयूए स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑग्मेंटेशन योजना (हृदय), अटल मिशन फॉर रिजूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) आदि जैसी शहरी विकास परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए नीति निर्माण, अनुसंधान और क्षमता निर्माण में भारत सरकार को सहयोग दे रहा है।
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