संस्‍कृति मंत्रालय

श्री प्रहलाद सिंह पटेल और श्री हरदीप सिंह पुरी ने आईजीएनसीए के लिए नवीकृत जनपथ भवन का उद्घाटन किया


हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि महान भारतीय संस्कृति दुनिया में चमके: श्री प्रह्लाद सिंह पटेल

आईजीएनसीए के स्थायी परिसर में विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी और दुनिया भर में इसकी सराहना की जाएगी: श्री हरदीप पुरी

Posted On: 01 JUL 2021 7:39PM by PIB Delhi

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल और आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के लिए नवीकृत जनपथ भवन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद और इंदिरा गांधी कला केंद्र ट्रस्ट की सदस्य डॉ. सोनल मानसिंह और आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने भाग लिया। आज के इस समारोह में संस्‍कृति मंत्रालय में सचिव श्री राघवेंद्र सिंह, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव श्री सच्चिदानंद जोशी, आईजीएनसीए के न्यासी, दोनों मंत्रालयों और सीपीडब्‍ल्‍यूडी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इस अवसर बोलते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि आईजीएनसीए के भविष्य के विकास की प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारे देश की संस्कृति को सुरक्षित एवं संरक्षित करने की हमारी व्‍यापक योजनाएं शुरू की गई हैं। एक महान सांस्कृतिक केंद्र के रूप में आईजीएनसीए के विकास से कला एवं संस्कृति के विकास में सही तरीके से मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि कलाकार के लिए उसकी कला ही उसकी साधना है और हमें उसके विकास के लिए सही माहौल तैयार करना होगा। पुष्पक विमान का उदाहरण देते हुए मंत्री ने आगे कहा कि विरासत को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए तकनीक एवं कार्यप्रणाली का दस्तावेजीकरण करना महत्वपूर्ण है ताकि इसे भावी पीढ़ी द्वारा उपयोग किया जा सके और उसे समझा जा सके। श्री पटेल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि महान भारतीय संस्कृति दुनिया में चमके।

श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हम स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उत्सव में पहले ही प्रवेश कर चुके हैं और ऐसे में मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि भारत एक युवा देश है लेकिन इसकी सभ्‍यता काफी पुरानी और महान है। कला एवं संस्कृति किसी महान सभ्यता को परिभाषित करने वाले आवश्यक घटक हैं। पुनर्निर्मित जनपथ होटल कला के साथ-साथ अनुसंधान एवं सार्वजनिक गतिविधियों के लिए एक प्रमुख संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करेगा। यह विविध पारंपरिक एवं समकालीन कलाओं के बीच निरंतर रचनात्मक गतिविधियों और महत्वपूर्ण संवादों के लिए एक मंच प्रदान करेगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि आधुनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं के बेहतर एकीकरण की आवश्यकता थी जिसमें प्रयोगशालाओं के बेहतर सुविधाएं, अभिलेखीय कक्षों, अभिलेखीय सामग्री के लिए विशेष भंडारण, दस्तावेजों, पांडुलिपियों, मूल्यवान कला आदि के लिए बेहतर सुविधाएं आदि शामिल हैं।

मंत्री पुरी ने आगे कहा कि दुनिया भर में प्रदर्शन कला एवं संग्रहालय केंद्रों का दौरा करने वाले तमाम लोगों ने हमेशा इसे एक बाधा के रूप में देखा कि हम अपनी संस्कृति की व्‍यापक एवं विशाल समृद्धि को अपनी जनता के लिए नहीं खोल पा रहे हैं क्‍योंकि हमारी कुछ बुनियादी सीमाएं थीं। श्री पुरी ने आगे बताया कि आज आईजीएनसीए को अपनी गतिविधियों के लिए कहीं अधिक स्वागत योग्य एवं व्यापक जगह मिल गई है लेकिन यह महज पहला कदम है। आईजीएनसीए जब जामनगर हाउस में अपने अंतिम स्थान पर पहुंचेगा तो उसके पास एक विश्वस्तरीय सुविधा होगी और दुनिया भर में उसे सराहना मिलेगी।

पुनर्निर्मित जनपथ होटल में आईजीएनसीए के लिए एक नए अस्थायी घर के उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध गायिका एवं 'उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार' से सम्मानित श्रीमती सुधा रघुरामन जी द्वारा मंगलाचरण के भावपूर्ण गायन के साथ हुई। श्री गोपाल रघुरामन जी ने बांसुरी पर उनका साथ दिया।

जब तक आईजीएनसीए के स्थायी भवन का निर्माण नहीं हो जाता तब तक इस केंद्र को अस्थायी रूप से जनपथ होटल भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। आईजीएनसीए में अस्थायी भवन के लिए पेशेवर तरीके से 3 लाख किताबें, माइक्रो फिल्मों में 30 लाख पांडुलिपियां, डिजिटल माध्यम में भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के 1 लाख 8 हजार चित्रों, सैकड़ों तेल चित्रों, मूर्तियों, मुखौटे एवं अन्य सामग्रियों सहित 16 हजार शूटिंग टेप को व्यवस्थित रूप से स्थानांतरित किया गया है। यह अस्थायी परिसर होटल जनपथ में एक 5 मंजिला अत्याधुनिक कार्यालय के तौर पर बनाया गया है जिसमें संस्थान के सदस्यों के लिए पर्याप्त जगह एवं सुविधाओं के साथ-साथ आधुनिक उपकरण, सभागार, स्टूडियो और एम्फी-थिएटर भी हैं। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा इन कार्यों को प्रभावी ढंग से किया गया है।

आईजीएनसीए का स्थायी परिसर सी-हेक्सागोन पर जामनगर हाउस या नई दिल्ली में इंडिया गेट सर्कल में बनेगा।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) कलाकृतियों, पांडुलिपियों, पुस्तकों, चित्रों, मूर्तियों एवं भारतीय संस्कृति की विरासत को दर्शाने वाली सभी चीजों के अमूल्य संग्रह का घर है। आईजीएनसीए की परिकल्पना सभी कलाओं के अध्ययन एवं अनुभव को शामिल करने वाले एक केंद्र के रूप में की गई थी- जहां प्रत्येक रूप अपने आप में पूर्ण है।

यहां लिखित एवं मौखिक, रचनात्मक और आलोचनात्मक कला साहित्य हैं। इसके अलावा यहां वास्तुकला, मूर्तिकला, पेंटिंग एवं ग्राफिक्स से लेकर विस्तृत दृश्य के साथ संगीत, नृत्य एवं रंगमंच के रूप में अपने व्यापक अर्थों में प्रदर्शन कला हैं। इसमें मेले, त्यौहार एवं जीवन शैली के वे सभी घटक शामिल हैं जिनका एक कलात्मक आयाम है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र अपनी स्थापना के बाद से अपनी गरिमा एवं प्रतिष्ठा के लिए एक विश्वस्तरीय परिसर की तलाश कर रहा था। केंद्र सरकार द्वारा तैयार सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत आईजीएनसीए को उसकी प्रतिष्ठा एवं गरिमा प्रदान की गई है।

 

*****

एमजी/एएम/एसकेसी/एसएस



(Release ID: 1732187) Visitor Counter : 297


Read this release in: English , Urdu , Punjabi