विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारत में गहन प्रौद्योगिकी-आधारित अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए अपनी तरह का पहला उपक्रम शुरू करने के लिए एसईआरबी-डीएसटी ने इंटेल इंडिया के साथ साझेदारी की

Posted On: 29 JUN 2021 5:55PM by PIB Delhi

भारतीय अनुसंधान समुदाय जल्द ही गहन प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में उद्योग-प्रासंगिक अनुसंधान के अवसरों को प्राप्त करने में सक्षम होगा जो अनूठे तथा परिवर्तनकारी हैं, और राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक वैधानिक निकाय, विज्ञान और अभियंत्रिकी अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा 29 जून, 2021 को इंटेल इंडिया के सहयोग से शुरू की गई 'फंड फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च एंगेजमेंट (एफआईआरई)' नामक अपनी तरह के पहले शोध उपक्रम द्वारा अवसरों को प्रस्तुत किया जायेगा।

इस पहल से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)/मशीन लर्निंग (एमएल), प्लेटफॉर्म सिस्टम, सर्किट और आर्किटेक्चर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), सामग्री और उपकरणों, सुरक्षा, आदि के क्षेत्र में अनुसंधान के अवसरों में वृद्धि होगी।

डीएसटी सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने इस पहल के शुभारंभ के अवसर पर कहा, "विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2021 के मसौदे में विस्तृत रूप से सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ विज्ञान और अभियंत्रिकी के आगामी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देना हमारा दृष्टिकोण है।"

 

प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा, "एसईआरबी-डीएसटी अभूतपूर्व विचारों का आदान-प्रदान करने और अभिनव अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक साझा मंच पर उद्योग और शिक्षाविदों को एक साथ लाने के लिए एक नई पहल है। मेरा मानना ​​है कि यह सहयोग वैज्ञानिक अनुसंधान में अन्वेषण के लिए कई नए द्वार खोलेगा, जिससे भारत प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।"

 

एसईआरबी के सचिव प्रोफेसर संदीप वर्मा ने जोर देकर कहा कि एसईआरबी-एफआईआरई मजबूत विचारों के लिए समर्थन लाने का वादा करता है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से भविष्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषयगत क्षेत्रों में अधिक सहयोग के एक नए मॉडल के साथ शिक्षा और उद्योग में विशेषज्ञता लाने का लक्ष्य है।

 

प्रो. वर्मा ने कहा, “एसईआरबी-इंटेल सहयोग वैज्ञानिकों के लिए इंटेल के साथ हाथ मिलाने और विज्ञान और अभियंत्रिकी में अनुसंधान के लिए एक प्रेरक वातावरण बनाने का एक उत्कृष्ट अवसर होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से एक तालमेल बनाया जा सकता है जो उद्योग-विशिष्ट समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करेगा।''

 

एफआईआरई कार्यक्रम भारत में प्रमुख अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) संगठनों के सहयोग से नवीन प्रौद्योगिकी समाधानों को बढ़ावा देने और शैक्षिक अनुसंधान को मजबूत करने के लिए एक सह-वित्त पोषण तंत्र के साथ सरकार और उद्योग की एक संयुक्त पहल है। इंटेल इंडिया के सहयोग से इस पहल की कल्पना की गई है। इसे अन्य उद्योग सदस्यों तक भी बढ़ाया जा रहा है, जिससे इसका प्रभाव और पहुंच बढ़ेगी।

 

इंटेल इंडिया में वैश्विक आपूर्ति शृंखला के राष्ट्रीय प्रबंधक, जितेंद्र चड्ढा ने बताया कि एफआईआरई अपनी तरह की एक अनूठी सहयोगी पहल है जिसका उद्देश्य भारत में अनुसंधान की संस्कृति को बदलना और प्रौद्योगिकी ईकोसिस्टम को मजबूत करना है। यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एआई, एमएल, क्लाउड, एज और सुरक्षा जैसे प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में प्रभावशाली शोध परिणाम देगा।

 

कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक चक्र (आमतौर पर साल में एक या दो बार) में अत्यधिक प्रभावशाली अनुसंधान परियोजनाओं का चयन करना है, जिनमें राष्ट्रीय या वैश्विक स्तर पर सफलता की संभावना है। यह वित्त-पोषण, मार्गदर्शन और उद्योग सम्पर्क के साथ शैक्षिक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं का सहयोग करेगा।

 

अगले चरण के रूप में, एफआईआरई कार्यक्रम एक प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) साझा करेगा और भारतीय अनुसंधान समुदाय को अनुसंधान प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित करेगा।

 

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