पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय

​​​​​​​पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालयश्री पीयूष गोयल, श्री धर्मेंद्र प्रधान और श्री मनसुख मंडाविया ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ चक्रवात यास के लिए तैयारियों पर बातचीत की


श्री गोयल ने कहा केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि चक्रवात में जान-माल का न्यूनतम नुकसान हो

Posted On: 24 MAY 2021 3:51PM by PIB Delhi

केंद्रीय रेल, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री मनसुख मंडाविया के साथ आज चक्रवात यास की तैयारियों पर उद्योग जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। बैठक में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), शिपिंग, रेलवे और विभिन्न राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक माननीय प्रधानमंत्री की पहल के बाद बुलाई गई थी, जैसा कि इस महीने की 16 तारीख को चक्रवात तौकते की तैयारियों की जांच के लिए किया गया था।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव के धीरे-धीरे उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने और 26 मई की सुबह तक उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों के पास बंगाल की उत्तर पश्चिमी खाड़ी तक पहुंचने की संभावना है। इसके 26 मई की शाम तक इसके एक अति भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में पारादीप और सागर द्वीपों के बीच उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है।

एनडीएमए ने बताया कि जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए पहले ही एहतियाती उपाय किए जा चुके हैं। सभी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और वे बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए आपसी तालमेल से काम कर रही हैं। संबंधित विभागों और राज्य सरकारों के साथ तैयारियों को लेकर बैठकें हो चुकी हैं। मछली पकड़ने वाली सभी नौकाओं को तट पर वापस लाया गया है।

नौवहन महानिदेशक ने बताया कि उन्होंने और बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं, और एक दिन में चार बार सलाह भेजी जा रही है। गाइडलाइंस और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत कदम उठाए जा रहे हैं।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में कल से पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया जाएगा और हवा की गति तेज होने पर मालगाड़ियों को भी नियंत्रित किया जाएगा। रेलवे ने पहले ही आपातकालीन उपकरण और राहत सामग्री को रणनीतिक स्थानों पर भेज दिया है और मरम्मत का काम जल्द से जल्द किया जाएगा। राउरकेला से ऑक्सीजन एक्सप्रेस की आवाजाही वैकल्पिक मार्गों से जारी रहेगी।

राज्य सरकार के अधिकारियों ने चक्रवात यास के प्रभाव को कम करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों और अपने-अपने क्षेत्रों में बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए उनकी तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से चिकित्सा आपूर्ति के लिए आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए गए हैं। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए सलाह और निर्देश भी जारी किए हैं।

उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा कि समय पर सूचना साझा करने से उन्हें स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास मिलता है। सभी हितधारकों के बीच तालमेल और सहयोग की भावना ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों से उन्हें लगता है कि वे प्रभावी तरीके से स्थिति का सामना करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कई सुझाव भी दिए, जो उन्हें लगा कि कठिनाइयों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्थित योजना बना रही हैं कि लोगों और संपत्ति को कम से कम नुकसान हो। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों से, हाल ही में आए सुपर साइक्लोन तौकते को अच्छी तरह से संभाला गया था, और आशा व्यक्त की कि चक्रवात यास से भी बिना अधिक क्षति के निपटा जायेगा। उन्होंने कहा कि इसे सुनिश्चित करने में उद्योग के भागीदार अहम भूमिका निभा सकते हैं। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कल और गृह मंत्री ने आज तैयारियों की समीक्षा की और केंद्रीय मंत्री भी संबंधित अधिकारियों के साथ इसमें शामिल हैं। उन्होंने आग्रह किया कि राहत आपूर्ति को ठीक से संचालित किया जाए, संचार और बिजली की न्यूनतम कमी सुनिश्चित की जाए, मोबाइल और टॉर्च पूरी तरह से चार्ज रखे जाएं और डीजी सेट पूरी तरह से ईंधन से भरे हुए होने चाहिए। श्री गोयल ने स्थिति की निरंतर निगरानी रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों और संकटग्रस्त सभी लोगों की मदद करने का भी आह्वान किया।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आश्वासन दिया कि पूर्वी भारत से देश के बाकी हिस्सों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पीएनजी मंत्रालय ने क्षेत्र में विभिन्न तेल और गैस कंपनियों, जहाजों और डॉक आदि का पूरा आकलन किया है और हाल के अनुभव से सीखते हुए न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं।

श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि चक्रवात तौकते से पहले उद्योग जगत के साथ बैठक करने से अधिकारियों के साथ-साथ उद्योग जगत को भी मदद मिली। बेहतर जागरूकता, सूचना की उपलब्धता और समन्वय ने नुकसान को कम करने में मदद की और हर कोई स्थिति को संभालने के लिए बेहतर तरीके से तैयार था। उन्होंने कहा कि इससे एहतियाती कदम उठाने में मदद मिली है और चक्रवात के बाद राहत, बचाव और पुनर्वास के कदम भी प्रभावी तरीके से उठाए गए हैं।

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