इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

मार्च-2021 में 7.12 करोड़ ई-वे बिल; पिछले तीन साल के दौरान एक महीने में सबसे ज्यादा


पिछले तीन साल में कुल 180.34 करोड़ के ई-वे बिल जनरेट हुए

ई-वे बिल प्रणाली ने कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा सामानों की आपूर्ति की निगरानी में सरकार की मदद की

Posted On: 01 APR 2021 5:52PM by PIB Delhi

जीएसटी व्यवस्था के तहत -वे बिल प्रणाली ने मार्च 2021 के महीने में 7.12 करोड़ -वे बिल उत्पन्न करके नया मुकाम हासिल किया। -वे बिल प्रणाली के तीन साल के अब तक के सफर में किसी भी महीने में जनरेट होने वाले -वे बिल की यह सबसे बड़ी संख्या है। इसी तरह, 24 मार्च 2021 को 27.86 लाख -वे बिल जनरेट हुए जो पिछले तीन साल के दौरान किसी एक दिन में जनरेट होने वाले सबसे ज्यादा बिल हैं। पिछले तीन साल में अब तक लगभग 180.34 करोड़ -वे बिल जनरेट हो चुके हैं।

जीएसटी परिषद के निर्देशों के अनुसार 1 अप्रैल 2018 को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने -वे बिल प्रणाली शुरू की थी। -वे बिल प्रणाली को 1 अप्रैल 2018 से लेकर 16 जून 2018 के बीच चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया। पिछले तीन सालों में -वे बिल प्रणाली ने उच्च उपलब्धता बनाए रखी है।

50,000/- रुपये से अधिक मूल्य के सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए -वे बिल की आवश्यकता पड़ती है। इसने अलग राज्यों के अलग -वे बिल की आवश्यकता को एक -वे बिल से बदल दिया है। -वे बिल ने सामान की आवाजाही में लगने वाले परिवहन समय को घटाने में मदद की है। इसने राज्यों की सीमाओं पर से चेक पोस्ट हटाने को सरल बनाया है और कर अनुपालन कर संग्रह में सुधार किया है।

-वे बिल प्रणाली ने  कोविड-19 महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा सामानों की आपूर्ति की आवाजाही की निगरानी में मदद के लिए सरकारी विभागों को कई रिपोर्ट्स उपलब्ध करवाई हैं।

उपयोगकर्ता के अनुभव और उपयोग में आसान बनाने के लिए इस प्रणाली में नियमित रूप से सुधार किया जाता है। वाहन सिस्टम के साथ वाहन की संख्या के प्रमाणीकरण और सामान की आवाजाही के लिए स्रोत और गंतव्य के बीच के पिनकोड का स्वआकलनइसके प्रमुख सुधार हैं। 

-वे बिल प्रणाली पर आधारित तमाम विश्लेषक रिपोर्ट्स जैसे कि ट्रेंड विश्लेषक, आपूर्ति श्रृंखला, जोखिम विश्लेषक, डेटा विश्लेषक आदि को जीएसटी अधिकारियों के लिए विकसित किया गया है और यह कर चोरी की संख्या पता लगाने में सुविधा प्रदान करते हैं। इस प्रकार -वे बिल प्रणाली की यह रिपोर्ट्स कर संग्रह बढ़ाने में मदद कर रही हैं।

हाल ही में, फास्टटैग डेटा को -वे बिल प्रणाली के साथ मिलाया गया है। एनपीसीआई/एनएचए और एनआईसी सिस्टमों के बीच, 826 टोल प्लाजा के प्रतिदिन औसतन 24 लाख वाणिज्यिक वाहनों के फास्टटैग ट्रांजैक्शन का लेनदेन होता है। यह विवरण नई विश्लेषण रिपोर्ट का उपयोग करके -वे बिल की आवाजाही को ट्रैक करने में जीएसटी अधिकारियों की मदद करेंगे।

01.04.2018 से 31.03.2021 तक के प्रमुख आंकड़े

जनरेट हुए -वे बिलों की संख्या

180.34 करोड़

उपयोग हुए वाहनों की संख्या

2.2 करोड़

लॉग इन यूजर्स की संख्या

37.6 लाख

कंसाइनर्स की संख्या

35 लाख

माल पाने वाले की संख्या

77 लाख

शामिल ट्रांसपोर्टरों की संख्या

0.92 लाख

अधिकारियों द्वारा किए गए सत्यापन की संख्या

7 करोड़

 

-वे बिल के पिछले 6 महीनों के आंकड़ों की तुलना (लाख में)

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001SCON.png

 

-वे बिल के तीन वर्षों के आंकड़े (करोड़ में)

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0028FGK.png

एमजी/एएम/एसटी/डीवी



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