वित्‍त मंत्रालय

20 राज्यों ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुधार प्रक्रिया पूरी की


इन्हें 39,521करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई

अरुणाचल प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, गोवा, मेघालय और त्रिपुरा सुधार प्रक्रिया को पूरा करने वाले राज्यों में नवीनतम

Posted On: 20 MAR 2021 12:48PM by PIB Delhi

      कारोबार में सुगमता’ (ईओडीबी) सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। पांच और राज्योंअरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, मेघालय और त्रिपुरा ने व्यय विभाग द्वारा निर्धारित ईज ऑफ डूइंग बिजनेससुधारों को पूरा किया है।

      जो राज्‍य इस प्रणाली को पूरा कर रहे हैं वे राज्‍य सकल घरेलू उत्‍पाद (जीएसडीपी) के 0.25 प्रतिशत के अतिरिक्‍त ऋण के पात्र हैं।उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से सिफारिश प्राप्त होने पर व्यय विभाग ने इन 20 राज्यों को खुले बाजार से 39,521करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दी है।

      कारोबार में सुगमता देश में निवेश के अनुकूल कारोबार के माहौल का महत्‍वपूर्ण सूचक है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार राज्‍य अर्थव्‍यवस्‍था की भविष्‍य की प्रगति तेज करने में समर्थ बनाएंगे। इसलिए भारत सरकार ने मई, 2020 में यह निर्णय लिया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में मदद हेतु सुधार करने वाले राज्‍यों को अतिरिक्‍त ऋण जुटाने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस श्रेणी में निर्धारित सुधार इस प्रकार हैं:

  1. जिला स्तर व्यापक सुधार कार्य योजना के पहले आकलन को पूरा करना।
  2. विभिन्न अधिनियमों के तहत प्राप्त किए गए प्रमाण पत्रों, अनुमोदनों,
    लाइसेंसोंके नवीनीकरण की जरूरतों को समाप्त करना।
  3. कम्पयूटरीकृत केंद्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली को लागू करना। अधिनियमों केतहत जहां निरीक्षकों की तैनाती केन्द्रीय रूप से होती है उस निरीक्षक को बाद के वर्षमें उसी इकाई में कार्य सौंपा जाए। कारोबारी को निरीक्षण से पूर्व सूचना उपलब्‍ध कराई जाए और निरीक्षण के 48 घंटों की अवधि में निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना जरूरी होगा।

कोविड-19 महामारी के दौरान उत्‍पन्‍न चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन जरूरतों को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई 2020 को राज्‍यों की ऋण लेने की सीमा उनके जीएसडीपी की 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। इस विशेष विधान की आधी राशि राज्‍यों द्वारा किए गए नागरिक केन्द्रित सुधारों से जुड़ी थी। सुधारों के लिए चार नागरिक केन्द्रित क्षेत्रों की पहचान की गई थी जो इस प्रकार है-

() एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू करना (बी) ईज और डूइंग बिजनेस सुधार (सी) अर्बन लोकल बॉडी/यूटिलिटी सुधार (डी) ऊर्जा क्षेत्र सुधार।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को पूरा करने वाले राज्‍यों को अतिरिक्‍त ऋण जुटाने का ब्‍यौरा इस प्रकार है।

क्रम संख्‍या

राज्‍य

राशि (करोड़ रुपए में)

1.

आंध्र प्रदेश

2,525

2.

अरुणाचल प्रदेश

71

3.

असम

934

4.

छत्‍तीसगढ़

895

5.

गोआ

223

6.

गुजरात

4,352

7.

हरियाणा

2,146

8.

हिमाचल प्रदेश

438

9.

कनार्टक

4,509

10.

केरल

2,261

11.

मध्‍य प्रदेश

2,373

12.

मेघालय

96

13.

ओडिसा

1,429

14.

पंजाब

1,516

15.

राजस्‍थान

2,731

16.

तमिलनाडु

4,813

17.

तेलंगाना

2,508

18

त्रिपुरा

148

19.

उत्‍तर प्रदेश

4,851

20.

उत्‍तराखंड

702

 

 

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