जल शक्ति मंत्रालय

13 मार्च 2021 को जल जीवन मिशन पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

Posted On: 12 MAR 2021 7:21PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत 13 मार्च 2021 को जल जीवन मिशन पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्री व ग्रामीण जल आपूर्ति प्रभारी शामिल होंगे। इस दौरान जल जीवन मिशन के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी, जो गांव के हर घर में 2024 तक जल का कनेक्शन पहुंचाने का केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। जलशक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया, सचिव डीडीडब्लूएस श्री पंकज कुमार, अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक श्री भरत लाल सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे। इस सम्मेलन में योजना, कार्यान्वयन और प्रगति के साथ ही आगे बढ़ने को लेकर चर्चा की जाएगी जिससे गांवों के बचे हुए घरों में जल्द से जल्द नल का कनेक्शन पहुंचाया जा सके।

जनता के स्वास्थ्य और कल्याण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए केंद्रीय बजट 2021-22 में 2020-21 के 11,500 करोड़ रुपये की तुलना में 2021-22 में 50,011 करोड़ रुपये हो गया है। बजट घोषणा के तुरंत बाद, माननीय प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन 2021-22 के कार्यान्वयन को गति देने के लिए विचार आमंत्रित करने के लिए एक उच्चस्तरीय चर्चा की थी, जिसमें निजी क्षेत्र, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और विभिन्न हितधारकों ने हिस्सा लिया था।

15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से पूरे देश में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और अब तक 3.79 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण घरों में नल का कनेक्शन दिया जा चुका है। शुरुआत से ही जल जीवन मिशन अपने मकसद पर अडिग रहा है और अब तक 3.79 करोड़ से ज्यादा परिवारों को नल का कनेक्शन प्रदान किया गया है यानी 7 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों (36.65%) को अपने घरों में साफ पानी मिलना शुरू हो गया है, यानी एक तिहाई से ज्यादा ग्रामीण घरों में नलों के जरिए पीने का पानी पहुंच रहा है। 52 जिलों, 672 ब्लॉकों, 42,322 पंचायतों और 81,863 गावों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को अपने घर में नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

सम्मेलन में माननीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत 'पेयजल गुणवत्ता परीक्षण और निगरानी' और जेजेएम- जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली (डब्लूक्यूएमआईएस) का भी शुभारंभ करेंगे। मिशन ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ साझेदारी में डब्लूक्यूएमआईएस पर ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप विकसित किया है। पूर्ण स्वचालित डेटा प्रबंधन प्रणाली पानी के नमूनों का परीक्षण करेगी और पीने के पानी की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करेगी, और दूषित होने पर उसके निपटारे की कार्रवाई भी शुरू करेगी। पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के तहत पहली बार पानी की गुणवत्ता के आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे।

मिशन के तहत अगले तीन वर्षों के लिए सालाना 1 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश के साथ ही 12 करोड़ घरेलू नल का कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। आगे, देश के बचे हुए गांवों के लिए जल से संबंधित कार्यों की योजना बनाई गई है। 'हर घर जल' कार्यक्रम का उद्देश्य जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के निर्माण, जल गुणवत्ता परीक्षण और संचालन व प्रबंधन (ओएंडएम) के लिए 20 लाख कुशल और अर्ध-कुशल कार्यबल तैयार करना है। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण भारत में लोगों को दीर्घकालिक जल आपूर्ति प्रणालियों की स्थिरता की तरफ ले जाना है।

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