विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और बाढ़ प्रबंधन जैसी पानी की समस्याओं के लिए प्रौद्योगिकी नवीन समाधान प्रदान करती है

Posted On: 11 MAR 2021 10:01AM by PIB Delhi

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आआईटी) खड़गपुर स्थित तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र जल शुद्धिकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसने देश के कई राज्यों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और बाढ़ के पानी के प्रबंधन की दिशा में अच्छा काम किया है।

 

आईआईटी खड़गपुर स्थित जल शुद्धिकरण तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र (सीटीईडब्ल्यूपी) ने एक कुशल, कम लागत वाली नैनो फिल्टरेशन आधारित तकनीक विकसित की है जिसनें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में तीन अलग-अलग स्थानों पर 25 हजार लोगों की स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित की है। यह पानी भारी धातुओं से मुक्त है जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक माने जाते हैं। मेम्ब्रेन सेपरेशन लेबोरेटरीज, सीएसआईआर-भारतीय रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) जल प्रौद्योगिकी पहल (डब्ल्यूटीआई) के सहयोग से अत्यधिक कॉम्पैक्ट वर्टीकल मॉड्यूलर नैनोफिल्टरेशन मेम्ब्रेन सिस्टम का प्रोटोटाइप विकसित किया है जो भू-जल में मौजूद भारी धातुओं को हटाने का काम करता है। इसकी क्षमता एक घंटे में 100 से 300 लीटर पानी को साफ करने की है और यह टेक्नोलॉजी हाइड्रोफिलाइज्ड पॉलियामाइड मेम्बरेन प्रणाली पर आधारित है जो भूजल में मौजूद भारी धातु जैसे आयरन को हटाने में काफी मददगार है। इसमें ऐसे पंप होते हैं जो पानी को पहले प्रिफिल्टर असेंबली में बल पूर्वक भेजते हैं जहां उसमें मौजूद ठोस तत्व, रंग एवं गंध को हटाया जाता है और इसके बाद इसे स्पायरल वुंड मेम्बरेन मॉड्यूल से गुजारा जाता है जहां भारी धातुओं को हटाया जाता है। इस प्रक्रिया में आयरन, आर्सेनिक और पानी की अधिक कठोरता को समाप्त किया जाता है और अंत में पराबैंगनी प्रकाश की मदद से टैंक अथवा पाइपलाइनों में मौजूद रोगाणुओं के नष्ट किया जाता है।

 

असम के उत्तर गुवाहाटी के एक प्राथमिक स्कूल में बच्चे ऐसा पानी पीते थे जिसमें अत्यधिक आयरन और सीओडी पाया गया था तथा इससे बदबू भी आती थी लेकिन अब आईआईटी गुवाहाटी ने स्कूल में जलशोधन संयंत्र (300 लीटर प्रति घंटा) को स्थापित किया है और लाठियाबागीछा प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पानी की पहले की समस्या से छुटकारा मिल गया है। इस संयंत्र को डीएसटी के सहयोग से रसायन मुक्त इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है और यह पानी में मौजूद आयरन और ऑर्सेनिक की मात्रा कम करने, उसमें कुल घुलित सॉल्वेंट, रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) जैविक ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) को बीआईएस की निर्धारित सीमा से नीचे लाने में सक्षम है।

 

स्कूल के 120 से अधिक छात्रों के साथ-साथ लाठियाबागीछा गांव के (500 से अधिक) लोग इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वे साफ पानी पिएंगे और अब उनके स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस शोधित जल का उपयोग स्कूल में दोपहर का भोजन पकाने में भी होता है।

 

सीएसआईआर-आईआईसीटी की टीम ने एक सरल, सस्ती हैंडपंप संचालित होलो फाइबर अल्ट्राफिल्ट्रेशन प्रणाली भी विकसित की है जो चलाने में आसान है तथा हल्की और कम जगह घेरती है। डीएसटी के तकनीकी सहयोग से इसे विकसित किया गया है और यह पॉलीइथर्सल्फ़ोन होलो फाइबर मेम्बरेन पर आधारित है। हैंडपंप द्वारा पैदा किए गए दवाब से बाढ़ का पानी मेम्बरेन मॉड्यूल में जाता है जहां इसे साफ तथा विसंक्रमित कर दिया जाता है और झिल्ली के बाहरी किनारे पर लगाया गया एक छोटा क्लोरीन बॉक्स पानी में मौजूद मुक्त क्लोरीन को साफ कर देता है। हाल ही में कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बाढ़ के दौरान ऐसे कुल 24 जल संयंत्रों को स्थापित किया गया था ताकि 50,000 लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।

 

इस केंद्र की ओर से विकसित की गई नई तकनीकों की मदद से पानी में पाए जाने वाली भारी धातुओं को हटाने और बाढ़ के पानी को पीने योग्य बनाने में मदद मिलेगी जिससे स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

 

 

प्रोटोटाइप -1: भूजल में मौजूद भारी धातुओं को साफ करने के लिए अत्यधिक कॉम्पैक्ट, ऊर्ध्वाधर मॉड्यूलर नैनोफिल्ट्रेशन झिल्ली प्रणाली का डिज़ाइन।

 

प्रोटोटाइप -2: आपदा प्रबंधन के लिए हैंडपंप संचालित होलो फाइबर अल्ट्राफिल्ट्रेशन मेम्बरेन प्रणाली का विकास।

 

प्रोटोटाइप 3: असम में उत्तर गुवाहाटी के लाठियाबागिछा प्राथमिक विद्यालय में स्थापित।

 

[ इस विषय में अधिक जानकारी के लिए, डॉ. सरशेंदु डे, प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी खड़गपुर (943473636; sde@che.iitkgp.ac.in); डॉ. एस. श्रीधर, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, आईआईसीटी हैदराबाद (8790748674; ईमेल: s_sridhar@iict.res.in); डॉ. मिहिर कुमार पुरकैत, प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी गुवाहाटी, मोबाइल: 9954248807; ईमेल: mihir@iitg.ac.in से संपर्क किया जा सकता है]

***

एमजी/एएम/जेके/एसके



(Release ID: 1704046) Visitor Counter : 306


Read this release in: English , Urdu , Punjabi