कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (एपीआई) के 76वें वार्षिक सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया


डॉ. जितेन्द्र सिंह ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में भारतीय चिकित्सकों के योगदान की सराहना की

Posted On: 06 MAR 2021 4:57PM by PIB Delhi

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय; कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में भारतीय चिकित्सकों के योगदान की सराहना की और कहा कि कोविड महामारी ने प्रतिकूल परिस्थितियों में एक अवसर प्रदान किया और भारतीय चिकित्सा बिरादरी ने दुनिया के सामने यह साबित करने का बीड़ा उठाया कि भारत न केवल आत्मनिर्भर हो सकता है, बल्कि अन्य राष्ट्रों को भी निर्भरता प्रदान कर सकता है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवा चिकित्सकों, विशेष रूप से युवा रेजिडेंट डॉक्टरों की  सराहना करते हुए कहा कि इन्होने कोरोना वारियर्स के रूप में प्रशंसित होने का गौरव प्राप्त किया है और सभी बाधाओं के बावजूद भारत को विजयी होने में मदद की है, जबकि कम आबादी वाले देश महामारी की चुनौतियों से जूझ रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत कोविड  वैक्सीन पेश करने वाले दुनिया के पहले देशों में शामिल है और अब यह अन्य देशों को भी वही वैक्सीन प्रदान कर रहा है।

एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (एपीआई) के 76 वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जो इस वर्ष महामारी के मद्देनजर वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया है, मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहला एपीआई सम्मेलन जिसमें मैंने भाग लिया था, वह संभवत: काठमांडू में आयोजित एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया का 38 वां वार्षिक सम्मेलन था और उसके बाद 2014 तक यानी सरकारी कामों में अत्यधिक व्यस्त होने तक वे सभी एपीआई सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने यह भी याद किया कि उन्हें हर साल नियमित रूप से चिकित्सा की एपीआई पाठ्यपुस्तक में एक अध्याय के योगदान का अवसर मिलता था, जिसे चिकित्सा के विभिन्न दिग्गजों द्वारा संपादित किया जाता था।

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इन वर्षों में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एपीआई ने लम्बा रास्ता तय किया है और हमारी पीढ़ी से कई लोगों की उम्र भी ज्यादा हो गयी है, लेकिन उन्हें यह संतुष्टि है कि हम में से अधिकांश ने एपीआई में मेहनत और ईमानदारी से एपीआई के संस्थापकों द्वारा मिली विरासत के अनुरूप अपना सर्वश्रेष्ट देने की पूरी कोशिश की। एपीआई के संस्थापक, आजादी के बाद के भारतीय चिकित्सा इतिहास में प्रतिष्ठित हस्तियों में शुमार किये जाते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस वर्ष के एपीआई सम्मेलन की थीम "एंगेजिंग माइंड्स: एम्पॉवरिंग मेडिसिन" का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विषय वर्त्तमान समय के लिए उपयुक्त है। भारतीय चिकित्सकों ने दुनिया को बिना भौतिक संपर्क के दिमाग का उपयोग करने और कभी भौतिक तथा कभी वर्चुअल साधनों के माध्यम से असली वायरस से लड़ने की कला सिखाई है।

इस अवसर पर डॉ. एस एम सपत्नेकर और डॉ वाई पी मुंजाल सम्मानित अतिथि थे। सम्मलेन को संबोधित करने वाले अन्य लोगों में शामिल थे – आयोजन के अध्यक्ष डॉ सिद्धार्थ एन शाह और आयोजन के सचिव डॉ. शशांक आर जोशी। आयोजन के संयुक्त सचिव डॉ.अंगम वोरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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