वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि खिलौने भारत की गुणवत्ता, विशिष्टता, नवाचार, पर्यावरण अनुकूलता और रोमांच को प्रदर्शित करने के एक प्रतीक बन सकते हैं


आभासी खिलौना मेले को 4 मार्च तक बढ़ाया गया

Posted On: 02 MAR 2021 7:49PM by PIB Delhi

वाणिज्य और उद्योग, रेलवे, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि खिलौने भारत की गुणवत्ता, विशिष्टता, नवाचार, पर्यावरण अनुकूलता और भारतीय खिलौनों के प्रति रोमांच को प्रदर्शित करने के प्रतीक बन सकते हैं। भारत खिलौना मेला (टीआईटीएफ) 2021 के समापन समारोह में बोलते हुए श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के एक हिस्से के रूप में इस अभियान की शुरुआत की जिससे खिलौने की वास्तविक क्षमता को समझा और भारत में खिलौनों को लेकर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि खिलौना उद्योग हमारे बच्चों के प्रारंभिक वर्षों में उनके विकास में मदद करने की क्षमता रखते हैं। इस वर्चुअल समापन समारोह में कपड़ा सचिव और भारत सरकार व राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

मंत्री ने कहा कि भारत खिलौना मेला (टीआईटीएफ) 2021 ने हमारे कारीगरों, एमएसएमई, स्टार्टअप, युवा डिजाइनरों और विचारकों के लिए एक अवसर तैयार किया। मनोविज्ञान को तकनीक से और पर्यावरण अनुकूलता को पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ना सफलता का सूत्र है। उन्होंने कहा कि हमारे खिलौने न केवल हमारी समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि हमारे बच्चों के दिमाग को विकसित करने में उन्हें प्रशिक्षित करने की बड़ी क्षमता रखते हैं।

श्री गोयल ने कहा कि हमारा मिशन न केवल भारत को खिलौनों में आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि भारत में निर्मित और विकसित खिलौनों के साथ एक वैश्विक प्लेयर बनना भी है जिससे दुनियाभर में ब्रांड इंडिया बनाने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि सरकार ने दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ खिलौना क्षेत्र की पहचान चैंपियन क्षेत्रों में से एक के रूप में की है और देश में टॉय क्लस्टर विकसित करने की योजना बनाई है।

इस अवसर पर कपड़ा सचिव श्री यूपी सिंह ने घोषणा की कि लोगों की मांग पर वर्चुअल टॉय फेयर को दो दिनों के लिए और यानी 4 मार्च तक बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि तय किया गया है इस आभासी खिलौना मेले के बाद स्वदेशी खिलौनों को बढ़ावा देने के लिए 10-12 क्षेत्रीय खिलौना मेले भी आयोजित किए जाएंगे।

भारत खिलौना मेले ने एक टॉय डिजाइन चैलेंज भी किया। दो श्रेणियों में खिलौनों के डिजाइन के चैलेंज में 225 प्रविष्टियां आईं: 1. पेशेवर 2. गैरपेशेवर। हर श्रेणी में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र के साथ 1 लाख रुपये, 50 हजार और 25 हजार रुपये के नकद पुरस्कार रखे गए। कपड़ा सचिव ने टॉय डिजाइन चैलेंज के विजेताओं के नामों की घोषणा की है, जो इस प्रकार है -

 

1. पेशेवर श्रेणी

  • प्रथम पुरस्कार- आदित्य गुप्ता
  • द्वितीय पुरस्कार- गरिमा कौशिक
  • तृतीय पुरस्कार- अदिति गणपति

 

2. गैरपेशेवर श्रेणी

  • प्रथम पुरस्कार- नव्य शुक्ला
  • द्वितीय पुरस्कार- संजना रामकृष्णन
  • तृतीय पुरस्कार- एशा विजयन

 

भारत खिलौना मेला- 2021 के बारे में

भारत खिलौना मेला 2021 खिलौने से जुड़े संगठनों की सक्रिय भागीदारी के साथ अपनी तरह की पहली अंतर-मंत्रालयी पहल है। भारत में खिलौने बनाने वाले उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 27 फरवरी को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भारत खिलौना मेला-2021 का उद्घाटन किया था। इसके जरिए आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल अभियान को भी बढ़ाना है। अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री ने भारतीय खिलौना उद्योग की छिपी हुई क्षमता को बाहर लाने का आह्वान किया। उन्होंने खिलौने की शैक्षणिक क्षमता और बच्चों के सीखने और विकास में उनके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि लोग न केवल खिलौनों को एक उत्पाद के रूप में खरीदते हैं बल्कि उस खिलौने से जुड़े अनुभव से भी जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने उद्योग से ऐसे खिलौने बनाने का आग्रह किया जो न केवल पारिस्थितिकी के लिए बल्कि मनोविज्ञान के लिए भी अच्छा हो। उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी, कर्नाटक में चन्नापटना और राजस्थान में जयपुर के कारीगरों के साथ बातचीत की और पारंपरिक खिलौने बनाने की विरासत को संरक्षित करते हुए उत्पाद नवाचार को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

मेले के लिए 110 से ज्यादा देशों और 30 भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 20 लाख से ज्यादा आगंतुकों ने पंजीकरण किया। मेले में अब तक 39 लाख से ज्यादा आगंतुक आ चुके हैं। अब तक देशभर के 1,074 प्रदर्शकों ने मेले में अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया है। 10 वैश्विक सीईओ/सह-संस्थापकों समेत 103 वक्ताओं के साथ 41 अनूठी पैनल चर्चा, वेबिनार और गतिविधियां आयोजित की गईं।

कार्यक्रम के पहले दिन सीईओ कॉन्क्लेव के दौरान 10 वैश्विक सीईओ और दो केंद्रीय मंत्री- कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी और वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल भारतीय खिलौना उद्योग की क्षमता पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए। चार दिनों तक चले वेबिनार और पैनल चर्चा से लोगों को खिलौना उद्योग को लेकर गहरी समझ विकसित करने में मदद मिली। चार दिनों से अधिक व्यापक विषयों पर केंद्रित सत्रों में खिलौना उद्योग में वैश्विक रुझान, अध्यापन और शिक्षा में खिलौनों का उपयोग और उत्पाद विकास के लिए डिजाइन की भूमिका और मूल्यवर्धन के लिए तकनीक पर बातें हुईं।

कंप्यूटर से संबंधित 16 गतिविधियों ने यूजरों को चार दिनों तक व्यस्त रखा। पारंपरिक खिलौना समूहों- वाराणसी, चन्नापटना, कोंडापल्ली, जयपुर, नरसापुर, किन्नल, अशारीकंडी और एटिकोप्पका के कारीगरों ने 8 शिल्प प्रदर्शनियों के जरिए पारंपरिक खिलौने बनाने की कला और शिल्प के बारे में लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।

मेले में खिलौने बनाने पर विषयगत कार्यशालाएं और बच्चों के लिए ऑनलाइन गतिविधियां, गुड़िया संग्रहालय का वर्चुअल टूर, खिलौना बनाने वाली फैक्ट्री का वर्चुअल टूर और आईआईटी व आईआईएससी द्वारा ड्रोन प्रौद्योगिकियों पर एक डेमो भी हुआ।

वर्चुअल प्रदर्शनी में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले 1,074 प्रदर्शकों ने 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों, 13 पारंपरिक समूहों समेत 60 क्लस्टर्स और पारंपरिक से लेकर आधुनिक तक के 15 उत्पाद खंडों का प्रतिनिधित्व किया। प्रदर्शकों में कारीगर, स्कूल, स्टार्टअप, एमएसएमई, वैश्विक समूह और उद्योग से जुड़े अन्य लोग थे।

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