विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

अभिनव स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए दिए जाने वाले प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार 2020 के लिए 12 कंपनियों का चयन

Posted On: 22 FEB 2021 3:36PM by PIB Delhi

अभिनव स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के सफल व्यावसायीकरण के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार 2020 के लिए कुल 12 कंपनियों का चयन किया गया है।

उनका चयन तीन श्रेणियों- स्वदेशी प्रौद्योगिकी, एमएसएमई और स्टार्टअप्स के तहत किया गया है। हर साल अपने दायरे को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड इन तीन श्रेणियों के तहत प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां मांगता है। ये पुरस्कार विभिन्न उद्योगों को उनके और उनके प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को एक टीम के रूप में काम करते हुए बाजार में नवीनता लाने और 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन में योगदान देने के लिए दिए जाते हैं। 

यह पुरस्कार प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा 2019-20 में दिए गए थे। यह भारत सरकार का सांविधिक निकाय है, जो प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहा है। विजेताओं के 128 आवेदनों को प्रख्यात प्रौद्योगिकीविदों और एक कड़े दो-स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया द्वारा पूरी तरह से जांच के बाद चुना गया था।

टीडीबी स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण और घरेलू अनुप्रयोगों के लिए आयातित प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन के लिए काम करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसकी स्थापना 1996 में अभिनव स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए भारतीय कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।

अपनी स्थापना के बाद से इस बोर्ड ने प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए 300 से अधिक कंपनियों को वित्तीय सहायता दी है। टीडीबी द्वारा वर्षों से समर्थित कंपनियों में भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, शांता बायोटेक्निक्स बायोकॉन इंडिया लिमिटेड, रेवा इलेक्ट्रिक कार कंपनी टाटा मोटर्स (इंडिका के लिए), ज़ेन टेक्नोलॉजीज वीईएम टेक्नोलॉजीज सु काम पावर सिस्टम लिमिटेड, सहाजानंद लेजर टेक्नोलॉजी लिमिटेड आदि शामिल रही हैं।

अनुलग्नक:

निम्नलिखित तीन श्रेणियों में वर्ष 2019-20 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है: -

श्रेणी 1: स्वदेशी प्रौद्योगिकी के सफल व्यवसायीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

यह पुरस्कार एक औद्योगिक ईकाई को दिया जाता है जिसने स्वदेशी तकनीक का सफलतापूर्वक विकास और व्यवसायीकरण किया हो। यदि प्रौद्योगिकी डेवलपर/ प्रदाता और प्रौद्योगिकी का व्यवसाय करने वाली कंपनी दो अलग-अलग संगठन हैं तो प्रत्येक को 25 लाख रुपए और एक ट्रॉफी पुरस्कार के रूप में दी जाएगी।

इस वर्ष इन दो कंपनियों को पुरस्कार के लिए चुना गया है-

क) कंपनी- मैसर्स एल एंड टी स्पेशल स्टील एंड हेवी फोर्जिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, सूरत

प्रौद्योगिकी प्रदाता: न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, मुंबई

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राष्ट्रीय पुरस्कार- मैसर्स एलएंड टी स्पेशल स्टील एंड हेवी फोर्जिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, सूरत

भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए परमाणु ऊर्जा संयंत्र महत्वपूर्ण हैं। स्टीम जेनरेटर, ब्लीड कंडेनसर और परमाणु संयंत्रों के अन्य उप-प्रणालियों को अत्यधिक सटीक और उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ महत्वपूर्ण भारी फोर्जिंग की आवश्यकता होती है। इन खास फोर्जिंग्स को लगभग पिछले छह दशकों से आयात किया जा रहा था जिससे कीमती विदेशी खजाने की वृद्धि हुई और स्वदेशी उत्पादन के पूरे तंत्र को विकसित करने का अवसर मिला।

परमाणु ऊर्जा विभाग ने इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण के साथ-साथ हाई-टेक विनिर्माण और सेवाओं के बड़े समूह लार्सन एंड टुब्रो और भारत के एकमात्र परमाणु ऊर्जा उत्पादक न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल)  के बीच एक संयुक्त उद्यम की परिकल्पना की थी ताकि इस तरह के भारी फोर्जिंग का उत्पादन किया जा सके। एलएंडटी स्पेशल स्टील एंड हैवी फोर्जिंग (एलटीएसएसएचएफ) ने सुविधा स्थापित करने के बाद 700 मेगावॉट की क्रिटिकल फोर्जिंग को सफलतापूर्वक विकसित किया है जिसमें 125 टन की मेल्ट क्षमता है और एक ओपन डाई प्रेस है जो 9000-10000 टन का बल लगा सकती है। एनपीसीआईएल ने इस स्वदेशी क्षमता के विकास के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया जिसने भारत को भारी और जटिल परमाणु फोर्जिंग के वैश्विक प्रमुख उत्पादक निर्माताओं की लीग में लाकर खड़ा कर दिया।

ख) कंपनी: मैसर्स विनती ऑर्गेनिक्स लिमिटेड, मुंबई

प्रौद्योगिकी प्रदाता:  सीएसआईआर-इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ कैमिकल टेक्नॉलजी (सीएसआईआर-आईआईसीटी), हैदराबाद

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राष्ट्रीय पुरस्कार- मैसर्स विनती ऑर्गेनिक्स लिमिटेड, मुंबई

विनती ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (वीओएल) को 1989 में स्थापित किया गया था और यह एक विशेष रसायन कंपनी है जो सुगंधित, मोनोमर, पॉलिमर और अन्य विशेष उत्पादों का उत्पादन करती है। व्यावसायिक रूप से विनिर्माण विशेष रसायनों के लिए नई प्रक्रिया विकसित करने के लिए वीओएल सीएसआईआर संस्थानों जैसे राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशालाओं (एनसीएल), भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद (आईआईसीटी) के साथ मिलकर काम कर रही है।

कंपनी जिसने सीएसआईआर-आईआईसीटी के साथ काम करते हुए पी-टर्ट ब्यूटाइल टोल्यूने-पीटीबीटी (इसोबाइलीन का उपयोग करते हुए टोलुइन का क्षारीकरण) बनाने के लिए तकनीक विकसित की और इसके बाद पीटीबीटी को पी-टी-ब्यूटाइल बेंजोइक एसिड (पीटीबीबीए) के ऑक्सीकरण के बाद और वीओएल को लाइसेंस दिया। कंपनी ने आईआईसीटी, अपनी स्वयं की आरएंडडी/ क्वालिटी कंट्रोल टीम और डिटेल इंजीनियरिंग कंपनियों की मदद से महाराष्ट्र में मुंबई-गोवा हाईवे पर चिपलून के पास एमआईडीसी लोटे में संयंत्र का निर्माण कर प्रौद्योगिकी का व्यवसायीकरण किया।

पीटीबीबीए का उपयोग इसके मिथाइल एस्टर (वीओएल द्वारा बनाया जा रहा है) के निर्माण में किया जाता है जो एवोबेनज़ोन के निर्माण में उपयोग होता है। PTBBA में एल्केड रेजिन और पीवीसी स्टेबलाइजर्स के निर्माण में भी उपयोग होता है। वीओएल से पहले पीटीबीबीए का निर्माण शुरू हुआ, इसे चीन से आयात किया जा रहा था। वर्तमान में वीओएल पीटीबीबीए की स्थानीय मांग के साथ-साथ अमेरिका यूरोप और कोरियामें विभिन्न ग्राहकों को निर्यात कर रहा है।

श्रेणी 2: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को राष्ट्रीय पुरस्कार

इस श्रेणी में से हर उस चयनित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को 15 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाता है जिसने स्वदेशी तकनीक पर आधारित उत्पाद का सफलतापूर्वक व्यवसायीकरण किया है। इस बार चार कंपनियों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है: -

क) मैसर्स एकेएस इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा:-

कंपनी सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करती है, जिसमें ऑडिटिंग, कंसल्टेंसी, अनुपालन, नेटवर्क सुरक्षा, एप्लीकेशन सुरक्षा, साइबर फोरेंसिक और आईटी सुरक्षा प्रशिक्षण शामिल है। साथ ही ये साइबर सुरक्षा उत्पाद भी विकसित करती है। कंपनी 14 से अधिक वर्षों के लिए शीर्ष ग्रेड साइबर सुरक्षा सेवाओं और उत्पादों के प्रतिपादन में बड़ा नाम रही है। कंपनी ने इंटीग्रेटेड एंटी डीडीओएस और वेब एप्लीकेशन फायरवॉल विकसित किया है जो नेटवर्क से एप्लीकेशन लेवल लेयर तक व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है। यह उत्पाद संगठनों को 360-डिग्री सुरक्षा सुनिश्चित करता है। Haltdos मशीन लर्निंग का इस्तेमाल उन रियल टाइम खतरों की पहचान करने में करता है जो HTTP रिक्वेस्ट में किसी भी ज्ञात अटैक वैक्टर से मेल नहीं खाते हैं।

ख) मैसर्स एसवीपी लेजर टेक्नॉलजी प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई:-

कंपनी ने कई पेटेंट तकनीकों के साथ स्वदेशी रूप से विकसित किए गए मिशन क्रिटिकल डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलजी जैसे मल्टीसीएनसी टीएम सीएनसी (MultiCNC TM CNC) कंट्रोलर, ऑटोसीएएम2डी सीएएम (AutoCAM2D CAM) सॉफ्टवेयर और विभिन्न सीएनसी नियंत्रित मशीनों जैसे ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग, पीसीबी, फ़र्नीचर, फोम फैब्रिकेशन आदि का विकास किया है। उत्पादों को कनाडा, यूएसए, यूके, यूएई, ओमान, फिलीपींस आदि देशों में निर्यात किया गया है।

ग) मैसर्स कान बायोसिस प्राइवेट लिमिटेड, पुणे:-

कंपनी ने स्पीड कोम्पोस्ट का उपयोग करके चावल के भूसे को यथा-स्थान मिलाने के लिए एक एरोबिक प्रक्रिया विकसित की है। वैश्विक स्टबल बर्निंग और ग्लोबल कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन के लिए सबसे अच्छी विधि के कारण जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए उत्पाद भारतीय समाधान हो सकता है।

घ) मैसर्स एल्गलआर न्यूट्राफार्म्स प्राइवेट लिमिटेड, तंजावुर

कंपनी एल्गलआर ने माइक्रोकल्गा से एक महत्वपूर्ण ओमेगा-3 फैटी एसिड डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) का उत्पादन करने के लिए एक ग्रीन टेक्नोलॉजी विकसित की है। माइक्रोकल्गा से निकाला गया डीएचए सौ प्रतिशत वीगन है और वर्तमान में इसे ' एल्गलआर (AlgalR) के डीएचए (DHA)के नाम से बेचा जाता है। एल्गल डीएचए हृदय रोगों और ब्रेन स्ट्रोक को रोक सकता है। यह छोटे बच्चों के बीच मस्तिष्क के कार्यों में सुधार करता है, और यह गर्भवती महिलाओं में भ्रूण के मस्तिष्क के विकास और वयस्कों के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। एल्गलआर भारत, अमेरिका, यूरोप, कोरिया, फ्रांस और ब्राजील से प्रति वर्ष 2000 मीट्रीक टन एल्गल डीएचए की मांग प्रदान करती है। इस उत्पाद के और अधिक व्यवसायीकरण से अंततः हमारे आयात में 500 मिलियन अमरीकी डालर की कमी आएगी और राजस्व में लगभग 500 करोड़ प्रतिवर्ष की वृद्धि होगी।

श्रेणी 3: प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

यह पुरस्कार व्यावसायीकरण की संभावनाओं के साथ नई तकनीक का वादा करने के लिए एक प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को दिया जाता है। ट्रॉफी के अतिरिक्त पुरस्कार में 15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार शामिल है। इस साल इन पुरस्कारों के लिए छह स्टार्ट-अप चुने गए हैं। ये इस प्रकार हैं: -

  • मैसर्स आरएआर इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली:-

यह कंपनी नई पीढ़ी के सक्रिय औद्योगिक शॉक एब्जॉर्बर को डिजाइन करने, विकसित करने और निर्माण के क्षेत्र में काम करती है। साथ ही बफ़र्स को फिर से पेलोड मापदंडों पर लोड करती है। हथियार नियंत्रक को वास्तविक समय की प्रतिक्रिया की जानकारी, निवारक रखरखाव की स्थिति में इसकी कार्य स्थितियों और चेतावनी उत्पन्न करना और विफलता या असामान्य पुनरावृत्ति विशेषता के मामले में अलार्म पैदा करना इसक कार्य की खास विशेषताओं में शामिल है। एक बार सक्रिय रिकॉयल डैम्पर्स को सफलतापूर्वक विकसित करके हथियार प्रणाली में लागू कर दिया गया तो उसके बाद इस तकनीक को हथियार से फायरिंग के दौरान उत्पन्न कंपन को खत्म करने के लिए आगे बढ़ाया जाएगा ताकि निशाने में और अधिक सटीकता पाई जा सके।

ख) मैसर्स फाइब्रोहील वूंड केयर प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर

इस कंपनी ने सिल्क प्रोटीन को बतौर घाव भरने के लिए बायोमटीरियल के रूप में विकसित करने पर विशेष काम किया है। साथ ही कट ककून और अन्य संबंधित उत्पादों को रेशम के कीड़ों के उत्पादन उद्योग के मूल्य संवर्धन  के रूप में उपयोग किया है। इन उत्पादों का उपयोग गहरे और पुराने घावों या धीमी गति से ठीक हो रहे  या मुश्किल से ठीक होने वाले घावों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

ग) मैसर्स एलथियन टेक इनोवेशन्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद:-

एलथियन टेक इनोवेशन्स ने सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, हैदराबाद से लाइसेंस प्राप्त आरओ मेम्ब्रेन तकनीक पर आधारित अल्ट्रा-प्योर वाटर यूनिट विकसित की है। एल्थियन की किडनी डायलिसिस वॉटर यूनिट्स शुद्ध पानी का उत्पादन करती हैं और एएएमआई मानकों को पूरा करती हैं। मेम्ब्रेन रेज़िन सॉफ़्नर की आवश्यकता को दूर करता है, जिससे नमक की आवश्यकता दूर होती है, और पानी और बिजली की 25 प्रतिशत तक की बचत हो जाती है। एलथियन टाइप -2 और टाइप-1 इकाइयां सस्ती हैं और आयातित उत्पादों के रखरखाव से इनका खर्च कही ज्यादा कम है।

घ) मैसर्स केबीकोल्स साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, पुणे

कंपनी का कार्य विज्ञान रोगाणुओं पर केंद्रित है; सूक्ष्मजीव पर्यावरण से रक्षा करने के लिए एक प्रतिक्रिया और रक्षात्मक तंत्र के रूप में रंगों का उत्पादन करते हैं। सस्ते अपशिष्ट कच्चे माल का उपयोग करके बायोरिएक्टर में पिगमेंट का उत्पादन करने के लिए इस कंपनी द्वारा इन रोगाणुओं की प्रॉपर्टी का पता लगाकर उन्हें निकाला जा रहा है। कंपनी ने  वस्त्र, घरेलू देखभाल, खाद्य पदार्थ और सौंदर्य प्रसाधन आदि क्षेत्रों में इन प्राकृतिक रंगों के इस्तेमाल की अपनी एक रेसिपी विकसित की है।

ड.) मैसर्स शिरा मेडटेक प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद

शिरा मेडटेक ने शिरा क्लैंपविकसित किया है जिससे हर साल भारत में खून की नसों की सर्जरी को आसान बनाने और संभावित रूप से 100,000 लोगों को अंग कटने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। शिरा क्लैंप के साथ कम अनुभव वाले सर्जन भी एक जटिल रक्त वाहिका सर्जरी का प्रयास कर सकते हैं जिसमें त्रुटि की कम संभावना रहती है और सहायता की भी कम आवश्यकता होती है। शिरा क्लैंप अब दुनिया के 10 देशों में सर्जरी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

च) मैसर्स न्यूंड्रा इनोवेशन्स प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर

इस कंपनी ने जयपुरबेल्ट नामक एक्सोस्केलेटन विकसित किया है। जयपुरबेल्ट शरीर की गतिविधियों को प्रतिबंधित किए बिना रीढ़ और कमर पर वजन को एक सीमा तक कम करके भार उठाने की क्षमता रखती है। इसमें एक पेटेंट सिंगल पॉइंट और कॉम्पैक्ट टॉक समायोजन तंत्र है। इससे इस्तेमाल करने वाले की रीढ़ पर भारी काम करने के दौरान तनाव कम पड़ता है। यह सरल और इस्तेमाल के लिए अनुकूल तरीके से लोड भी हो जाती है। यह एक्सोस्केलेटन के इस्तेमाल से सर्जरी से बचा जा सकता है और जटिल कार्यों का आसानी से किया जा सकता है। साथ ही इसे पहनने से रीढ़ और कमर में उत्पन्न विकारों को भी तेजी से ठीक किया जा सकता है।

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एमजी/एएम/पीके



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