कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

संकल्प - समावेशी विकास को बढ़ावा देने और जिला कौशल समितियों को मजबूत करने के लिए


एमएसडीई ने शैक्षणिक भागीदार के रूप में नौ आईआईएम के साथ मिलकरएमजीएनएफ का शुभारंभ किया

डीएसडीपी पुरस्कारों के मूल्यांकन भागीदार के रूप में आईआईटी दिल्ली और आईआईटी खड़गपुर को शामिल किया

Posted On: 13 FEB 2021 4:24PM by PIB Delhi

केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडे ने आज ट्रांसफ़ॉर्मिंग स्किलिंग थ्रू स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप अंडर संकल्पऔर महात्मा गांधी नेशनल फैलोशिप (एमजीएनएफ) एवं अन्य पहलों के शुभारंभ से जुड़े एक समारोहकी अध्यक्षता की।

संकल्प (स्किल्स एक्वीजीशन एंड नॉलेज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन) जिला कौशल प्रशासन और जिला कौशल समितियों (डीएससी) को मजबूत करने के लिए विश्व बैंकऋण समर्थित एक कार्यक्रम है।

इसदो - वर्षीय शैक्षणिक कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के साथ जमीन पर व्यावहारिक अनुभव एक अंतर्निहित घटक के रूप मेंमिलता है। एमजीएनएफ के तहत शोधार्थियों को डीएससी के साथ संलग्न होने के साथ-साथ समग्र कौशल तंत्र को समझने में अकादमिक विशेषज्ञता और तकनीकी दक्षता प्राप्त होगी और जिला कौशल विकास योजनाओं (डीएसडीपी) के निर्माण तंत्र के माध्यम से जिला स्तर पर कौशल विकास योजनाओं का प्रबंधन करने में मदद करेगा।

पहले परीक्षण (एमजीएनएफ) में एमजीएनएफकी सफल शुरुआत के बाद, जिसमें 69 जिलों में 69 शोधार्थी काम कर रहे थे, मंत्रालय अब एमजीएनएफ का विस्तार देश के सभी बाकी जिलों में कर रहा है। एमजीएनएफ में अकादमिक उत्कृष्टता और प्रतिष्ठा के स्तर को बनाए रखने के लिएमंत्रालय सिर्फआईआईएम के साथ अकादमिक साझेदारी कर रहा है औरएमजीएनएफ के देशव्यापी शुरुआत के लिए नौ आईआईएम -आईआईएम बैंगलोर, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम कोझीकोड, आईआईएम विशाखापत्तनम, आईआईएम उदयपुर, आईआईएम नागपुर,आईआईएम रांची और आईआईएमजम्मू - कोइस साझेदारी में शामिल किया है।

इसके अलावा, एमएसडीई ने केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और लक्षद्वीप के जिला स्तर के अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम संचालित करने के उद्देश्य से केरल इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन (केआईएलए) के साथ भागीदारी की है। केआईएलएको कौशल विकास कार्यक्रमों केकारगर योजना - निर्माण के लिए विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने और उसका संचालन करने का लक्ष्य दिया गया है, जिसका उद्देश्य जिले के अधिकारियों की क्षमताओं का निर्माण और उसमें बढ़ोतरी करना है। केआईएलएप्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए प्रशिक्षण एवं उससे संबद्ध सामग्री जुटाएगा और संबंधित राज्य / राज्यों में स्थानीय जरूरतों और प्रशिक्षण की आवश्यकता के मूल्यांकन के आधार पर सामग्री को विकसित या अनुकूलित भी करेगा।

प्रशिक्षक से जुड़े तंत्र को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से, संकल्प कार्यक्रम सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मोड में ट्रेनर ऑफ़ ट्रेनर (टीओटी) प्रणाली का समर्थन करेगा, जो उद्योग जगत और तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण (टीवीईटी) से जुड़े तंत्र के बीच एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण है। इस दिशा में, इसके उद्देश्यों को पूरा करने के लिएएक 'क्लस्टर दृष्टिकोण' अपनाया गया है और औरंगाबाद में जीआईजेड- विकसित ऑटोमोटिव क्लस्टर को परीक्षण (पायलट) के लिए चुना गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए एमएसडीई, ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी), इंडो-जर्मन प्रोग्राम फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (जीआईजेड- आईजीवीईटी) और महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास मिशन के प्रमुख हितधारकों के बीच एक रणनीतिक साझेदारी की गईहै। डोमेन ज्ञान, शैक्षणिक कौशल और औद्योगिक अनुभव पर ध्यान देने के साथ टीवीईटी प्रशिक्षकों की तैयारी पर जोर दिया गया है।

इन पहलों पर अपने विचार साझा करते हुए, केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा, “पिछले 6 वर्षों से स्किल इंडिया ने बड़े पैमाने पर क्षमता निर्माण और पूरे देश में व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए बुनियादी ढांचा बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। आगे बढ़ती हमारी यह साझेदारी कौशल प्रशिक्षण की संपूर्ण गुणवत्ता को मजबूत करने पर अधिक केंद्रित होगी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के हाल में शुभारंभ और आईआईएम, आईआईटी , जीआईजेड- आईजीवीईटी, केआईएलए के साथ हमारी संकल्प योजना के तहत आज की शैक्षणिक भागीदारी के साथ, हम जिलों में सशक्तिकरण सुनिश्चित करेंगे ताकि मांग-संचालित कौशल सुनिश्चित हो सके। मुझे विश्वास है कि ये कार्यक्रम हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत के निर्माण के दृष्टिकोण में एक परिवर्तनकारी बदलाव और प्रभाव लाने के हमारे प्रयासों को मजबूती देंगे।

संकल्प के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के शुभारंभ पर, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव, श्री प्रवीण कुमार ने कहा, “आज शुरू किए गए सभी कार्यक्रम जिला कौशल समितियों केकौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए जमीनी स्तर पर संसाधनों की गुणवत्ता और उपलब्धता को मजबूत करने के हमारे फोकस के साथ जुड़े हैं। आईआईएम और आईआईटी जैसे प्रमुख शैक्षणिक, तकनीकी संस्थानों के साथ ये विभिन्न कार्यक्रमप्रशिक्षण मानकों को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, प्रशिक्षकों की क्षमताओं को मजबूत करेंगे और पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत विभिन्न कौशल कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ावा देंगे।

वर्ष 2018 में, एमएसडीई ने संकल्प के तहत "अवार्ड्स फॉर एक्सीलेंस इन डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट प्लानिंग (डीएसडीपी अवार्ड्स)" की स्थापना की है। कौशल विकास की पहल में मौजूद अवरोधों को तोड़कर, एमएसडीई इन पुरस्कारों के माध्यम से जिलों के प्रयासों और दृढ़ संकल्प को पहचानने के लिए सतत प्रयासशील है, जिसका उद्देश्य उत्कृष्टता के लिए जिले के अधिकारियों को एक बॉटम-अप दृष्टिकोण के माध्यम से सशक्त बनाना है, जिससे वे भविष्य में नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। डीएसडीपी पुरस्कारों का दूसरा संस्करण की प्रक्रिया भी जारी है और इस वर्ष भाग लेने वाले जिलों की संख्या पिछली बार के मुकाबले दोगुनी से अधिक हो गई है और देश भर से 460 डीएसडीपी प्राप्त हुए हैं। इस साल, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी खड़गपुर, दोनों, को पुरस्कारों के मूल्यांकन भागीदारों के रूप में शामिल किया गया है।

इस कार्यक्रम के दौरान इस परियोजना के लिए मैनेजमेंट एंड एन्टरप्रेनरशिप एंड प्रोफेशनल स्किल काउंसिल (एमईपीएससी) के साथ साझेदारी में "कार्यस्थल पर लैंगिक संवेदनशीलता और यौन उत्पीड़न की रोकथाम (पीओएसएच) के बारे में कौशल प्रशिक्षण" का शुभारंभ भी हुआ। 1800 प्रशिक्षुओं और 240 प्रशिक्षण पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए छह महीने की अवधि वाली यह परियोजना राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 3 राज्यों में 15 जिलों में लागू की जायेगी।

 

 

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