सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

2021 -22 बजट में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग का वार्षिक परिव्यय वित्त वर्ष 2020-21 के संशोधित वार्षिक परिव्यय की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक : श्री आर. सुब्रह्मण्यम


अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए मैट्रिक के आगे की पढ़ाई के​ लिए केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 5 गुना की वृद्धि

अनुसूचित जाति बहुल 3500 गांवों के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री अनूसूचित जाति अभ्युदय योजना के तहत 1800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए

डीएनटी/ एनटी/ एसएनटी (एसईईडी) के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए बजट में प्रधानमंत्री कल्याण योजना के नाम से शुरु की गई नई योजना लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित

Posted On: 04 FEB 2021 4:31PM by PIB Delhi

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के लिए इस बार के आम बजट में वित्त वर्ष 2021-22 का वार्षिक परिव्यय 10517.62 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है जो कि वित्त वर्ष 2020-21 के संशोधित वार्षिक परिव्यय (8207.56 करोड़ रुपये)की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है।विभाग के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में निर्धारित वार्षिक बजटीय परिव्यय का लगभग 76 प्रतिशत केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्यों के लिए आवंटित किया गया है। अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में सभी मंत्रालयों के लिए बजटीय आवंटन 2020-21 के 83256 रुपये की तुलना में 51.65 प्रतिशत बढ़ाकर 126259 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव श्री आर सुब्रह्मण्यम ने इस बार के आम बजट में  सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण क्षेत्र के लिए की गई प्रमुख व्यवस्थाओं के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि  परिचालन दक्षता, तालमेल और पारदर्शिता के सिद्धांतों के आधार पर विभाग की मौजूदा योजनाओं को नए रुप में परिकल्पित किया गया है। तदनुसार (31) योजनाएं जो 2020-21 तक कार्यान्वित की जा रही थीं उन्हें स्पष्ट परिणामों वाली 19 योजनाओं में एकीकृत कर नया रूप दिया गया है। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि इससे मुख्य मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जा सकेगा। मैट्रिक छात्रवृत्ति में केन्द्र के हिस्से की निधि में5 गुना की बढ़ोतरी अनुसूचित जाति के बेहद गरीब परिवारों के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। छात्रवृत्ति  मिलने में देरी न हो इसके

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लिए इसे सीधे लाभार्थी छात्रों के बैंक खातों में डीबीटी के जरिए भेजा जाएगा।  

 

योजना के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए, सचिव ने कहा कि 6 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए 2021-22 में 3500 अनुसूचित जाति बहुसंख्यक गाँवों के व्यापक विकास के लक्ष्य के साथ तीन योजनाओं के विलय के बाद प्रधानमंत्री अनूसूचित जाति अभ्युदय योजना बनाई गई है। और इसके लिए 1800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि विअधिसूचित जनजातियों ,अधिसूचित जनजातियों और अर्ध अनुसूचित जनजातियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए के बजटीय आवंटन के साथ एक नई योजना  प्रधान मंत्री कल्याण योजना  नए वित्त वर्ष में लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य बीमा, गुणवत्ता वाली कोचिंग, आजीविका तथा डीएनटी एनटी और एसएनटी के लिए घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। इससे कुल 1.82 लाख डीएनटी, एनटी और एसएनटी समुदाय के लोग लाभान्वित होंगे।

सचिव ने कहा कि बेहद गरीब लोगों के लिए आजीविका और उद्यम के साधन जुटाने के लिए स्माइल नाम से एक नयी योजना शुरु की गई है। यह योजना भिखारियों और ट्रांसजेंडरों के लिए मौजूदा योजनाओं का विलय करके बनायी गयी है। इसके लिए 70 करोड़ रुपए का बजटीय परिव्यय मंजूर किया गया है। योजना का उद्देश्य राज्य सरकारों, केन्द्रशासित प्रदेशों, स्थानीय शहरी निकायों, गैर सरकारी संगठनों, सामुदायिक संगठनों और संस्थाओं के समर्थन से इन लोगों के लिए पुनर्वास, चिकित्सा , शिक्षा और कौशल विकास आदि जैसी सुविधाओं की व्यवस्था करना है। इस योजना के जरिए लगभग 60,000 सबसे गरीब लागों को सम्मान के साथ जीवन जीने का मौका मिलेगा।

श्री सुब्रमण्यम ने स्पष्ट किया कि सिल्वर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड  के नाम से विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी। इसके तहत  बुजुर्गों के कल्याण के लिए नए उत्पाद लेकर आने वाले स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।इसके अलावा कंपनियों को कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के जरिए इस योजना में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने का काम भी किया जाएगा।  इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन "एल्डरलाइन" इस साल शुरू कर दी जाएगी जिसके माध्यम से बुजुर्ग किसी भी तरह की संकट की घड़ी में अपनी समस्या के समाधान के लिए संपर्क कर सकेंगे।

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सचिव  ने नई योजनाओं के विभिन्न घटकों के साथ साथ श्रेष्ठ, अव्यय, नशा मुक्त भारत अभियान, पीएम दक्ष और असीम जैसी योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन का विवरण भी दिया।

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