सूचना और प्रसारण मंत्रालय
पहले हाइब्रिडअंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का समापन, विश्व सिनेमा की उत्कृष्ट फिल्मों को सम्मानित किया गया
51 वे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दूसरे विश्व युद्ध की डेनमार्क की कहानी पर बनी फिल्म “इनटू द डार्कनेस” को गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड
ताइवानी निर्देशक चेननियेन को “द साइलेंट फॉरेस्ट” के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक अवार्ड से सम्मानित, फिल्म के अभिने ताझू चुआन लियू को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया
पोलिश अभिनेत्री जोफिया स्टेफिज “आई नेवर क्राय” में भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित
बांग्लादेश और भारत एक हैं, अलग नहीं": इंडियन पर्सनालिटी ऑफ़ द ईयर पुरस्कार विजेता बिस्वजीत चटर्जी
फिल्म महोत्सव ने कोविड-19 के बीच अनुकूलता और महामारी के बाद की उम्मीद जगाई है : जीनत अमान
सिनेमा दिल से नहीं दिमाग से उपजता है, अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव जैसे फिल्म समारोह हमें याद दिलाते हैं कि दुनिया एक है: श्री भगत सिंह कोश्यारी, राज्यपाल, गोवा
फिल्म महोत्सव ने सभी बाधाओं को दूर कर हम इंसानों के बीच की नजदीकी को सुनिश्चित किया है: श्री बाबुल सुप्रियो, केंद्रीय मंत्री
फिल्म महोत्सव कोविड-19 पर इंसानी जज्बे की जीत है: सूचना और प्रसारण सचिव
51वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में विश्व सिनेमा की उत्कृष्ट फिल्में सम्मानित
दूसरे विश्व युद्ध में डेनमार्क की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म“ इन टू द डार्कनेस” को हाल में संपन्न 51वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में गोल्डन पीकॉक अवार्ड हासिल हुआ।इस फिल्म में डेनमार्क की एक इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री के मालिक की कहानी को दर्शाया गया है जिसे नाजी सेनाओं के लिए उत्पादन करने को मजबूर किया जाता है। गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड के अंतर्गत 40 लाख रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई है जो कि निर्देशक एंडर्स रफैन और निर्माता लेन बोर्गलम के बीच समान रूप से वितरित होगी। दोनों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव केगोवा में 24 जनवरी 2021 को आयोजित पहले हाइब्रिड संस्करण के समापन समारोह में पुरस्कारों की घोषणा की गई। ताइवानी निर्देशक, लेखक और निर्माता चेननियेन को उनकी 2020 की मंदारिन फिल्म “द साइलेंट फॉरेस्ट” के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के सिल्वर पीकॉक से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए सिल्वर पीकॉक पुरस्कार के अंतर्गत प्रमाण पत्र और ₹15 लाख की पुरस्कार राशि दी जाती है।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सिल्वर पीकॉक अवार्ड 17 वर्षीय झू चुआन लियू को दिया गया।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए सिल्वर पीकॉक अवार्ड पोलिश अभिनेत्री जोफिया स्टेफिज को पियोत्र दोमालेदस्की की पोलिश फिल्म “आई नेवर क्राय” के लिए प्रदान किया गया।
फिल्म महोत्सव का विशेष ज्यूरी अवार्ड बुल्गारिया के निर्देशक कामिन कालेव को 2020 की उनकी फिल्म “फरवरी” के लिए दिया गया। कालेव को सिल्वर पीकॉक, प्रमाण पत्र और ₹15लाख की पुरस्कार राशि दी गई।
विशेष उल्लेख पुरस्कार भारतीय निर्देशक कृपाल कलिता को उनकी असमिया फिल्म “ब्रिज” के लिए दिया गया। कलिता को अवार्ड के अंतर्गत प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। निर्देशक की पहली फिल्म का पुरस्कार ब्राजील के निर्देशक कैसियो परेरा दोस सांतोस को 2020 की उनकी पुर्तगाली फिल्म “वेलेंटीना” के लिए प्रदान किया गया।फिल्म टाइटल के नाम के ही पात्र की कहानी है जो 17 वर्षीय ट्रांसजेंडर ब्राज़ीली लड़की है जिसका एकमात्र लक्ष्य है अपनी मां के साथ सामान्य जिंदगी बिताना।
प्रतिष्ठित आईसीएफटी यूनेस्को गांधी अवॉर्ड अमीन नायफे की 2020 की अरबी फिल्म “200 मीटर्स” को दिया गया। यह पुरस्कार उस फिल्म को दिया जाता है जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को सर्वश्रेष्ठ ढंग से दिखाती है। इस पुरस्कार के अंतर्गत प्रमाण पत्र और मेडल प्रदान किया गया। यह पुरस्कार इंटरनेशनल काउंसिल फॉर फिल्म, टेलीविजन एंड ऑडियो विजुअल कम्युनिकेशन (आईसीएफटी) पेरिस के साथ भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के बीच भागीदारी के तौर पर प्रदान किया जाता है।
पुरस्कारों का फैसला 51वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए गठित अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी के द्वारा किया गया जिसमें विश्व भर से जाने-माने फिल्मकारों को सम्मिलित किया गया था। इस निर्णायक मंडल में अर्जेंटीना के निर्देशक पाब्लो सीजर अध्यक्ष थे। उनके अलावा श्रीलंका से प्रसन्ना विथानगे, ऑस्ट्रिया के अबू बकर शॉकी, भारत से प्रियदर्शन और बांग्लादेश से रुबायत हुसैन सदस्य के तौर पर शामिल थे।
निर्णायक मंडल के अध्यक्ष पाब्लो सीजर ने अपने वीडियो संदेश में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा की श्रेणी में फिल्मों के मूल्यांकन का ज्यूरी को मौका देने के लिए महोत्सव को धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा,“महोत्सव के लिए चुनी गई फिल्मों की भिन्नता और विविधतापूर्ण विषयों को देखकर हमें बहुत खुशी हुई है। खासकर ऐसी फिल्मों को जो व्यक्तिगत आजादी, बच्चों तथा दुनिया के सभी लोगों के अधिकारों, महिलाओं के सशक्तिकरण और कुछ लोगों के साथ पेश आए ऐसे अतीत को दिखाती हैं जो हम में से कोई भी नहीं चाहेगा कि दोबारा हो। फिल्म महोत्सव को ऐसी फिल्मों के चयन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद जो कि सामग्री और सौंदर्य बोध से भरपूर थीं।“
अगले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव तक
बॉलीवुडकी जानी-मानी अभिनेत्री सुश्री जीनत अमान और सांसद तथा अभिनेता श्री रवि किशन गोवा के तालेगांव में स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी इनडोर स्टेडियम में आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक समापन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और निर्माता बिस्वजीत चटर्जी को “इंडियन पर्सनैलिटी आफ द ईयर अवॉर्ड” इस मौके पर दिया गया। गोवा के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री बाबुल सुप्रियो की गरिमामय उपस्थिति के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी विशिष्ट हस्तियां इस कार्यक्रम में मौजूद थीं।
अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी के सदस्य निर्देशक श्री प्रियदर्शन नायर, आईएफएफआई संचालन समिति के सदस्य श्री शाजी एन करुण, श्री राहुल रवैल, सुश्री मंजू बोरा और श्री रवि कोट्टाराक्कारा तथा देश-विदेश की मशहूर हस्तियों ने समारोह में भाग लिया।
जानी मानी अभिनेत्री और समापन समारोह की मुख्य अतिथि जीनत अमान ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के महामारी के बीच में अनुकूलता के प्रतीक के रूप में सामने आने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा, “महामारी की वजह से फिल्म उद्योग को अनुकूल वातावरण की जरूरत थी और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ही ऐसी एक संस्था है जो सही समय और सही स्थान पर प्रभावी ढंग से यह उपलब्ध कराने में समर्थ हो सकती है। अब जब हम महामारी के बाद की दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं जिसकी एक झलक हम यहां फिल्म प्रेमियों की इस उपस्थिति में महसूस कर सकते हैं, तोमैं निश्चित रूप से यह मानती हूं कि इस महोत्सव में चयनित सभी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय फिल्में ऐसी दुनिया कीउम्मीदें जगायेंगी जहां विविध विषयों, संस्कृति, समाजों के प्रति बेहतर समझ हो।“
अभिनेता और सांसद श्री रवि किशन का कार्यक्रम के दौरान सम्मान किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा,“फिल्मों के उनके करियर का एक लंबा इतिहास है मैं स्कूल के दिनों में रामलीला में सीता मैया का किरदार निभाता था और वहां से मेरे अभिनय जीवन की शुरुआत हुई थी, मुझे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के इस मंच पर आकर बहुत खुशी हुई है। मैंने खूबसूरत गोवा में कई फिल्मों की शूटिंग की है।”
गोवा के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी नेमहामारी के असाधारण समय के बावजूद महोत्सव के आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा,“सिनेमा न केवल हमारे देश को बल्कि हमारी पड़ोसी देशों को भी एकजुट कर रहा है। मैं भारतीय सिनेमा और फिल्मकारों को सैल्यूट करता हूं। फिल्म महोत्सव सीखने का अवसर है और हमें यह याद दिलाने का भी अवसर है कि पूरी दुनिया अनेक मतभेदों के बावजूद भी एक है। सिनेमा दिमाग को नहीं बल्कि दिल को छूता है, यह दिमाग से नहीं बल्कि दिल से उपजता है।”
सभा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि आईएफएफआई के इस संस्करण ने सभी अवरोधों पर विजय प्राप्त की है और उत्कृष्टता के उपयुक्त मंच के रूप में उभरा है। “आईएफएफआई 51 एक उपलब्धि है, क्योंकि महामारी के बीच हमने एक हाइब्रिड मोड में इसका आयोजन किया। महोत्सव ने कई बाधाओं को पार किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम मनुष्यों के बीच आपसी संबंध और निकटता के लिए कोई अवरोध ना रहे। जब महान निर्देशक हमें प्रबुद्ध करने और हमारा मनोरंजन करने के लिए फ़िल्में बनाते हैं, तो बड़ा पर्दा हमारा मनोरंजन करता है, हमें रुलाता है और हमें प्रभावित करता है। यह हमारी भावनाओं को भव्य रूप प्रदान करता है। भारत, जो दुनिया में सबसे अधिक फिल्में बनाता है, ने सिनेमा का उत्सव मनाने के शेष विश्व के साथ मिलकर काम किया है।”
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को रचनात्मकता का एक अद्भुत प्रतीक बताया और सभी फिल्म शख्सियतों, प्रतिनिधियों और आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “मैं भारत और दुनिया के सभी फिल्मकारों को गोवा में आने और शूटिंग करने का आमंत्रण देता हूं। हम 52वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।“
इस वर्ष के इंडियन पर्सनालिटी ऑफ़ द ईयर पुरस्कार प्राप्त करते हुए, अनुभवी अभिनेता बिस्वजीत चटर्जी ने कहा: “मुझे इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए मैं भारत सरकार तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय को दिल से धन्यवाद देता हूं। इस साल, बांग्लादेश हमारा फोकस देश है, एक ऐसा देश जिसके साथ मेरा गहरा संबंध है। जब बांग्लादेश पर हमला हो रहा था, तब मुंबई में मेरे साथ महान निर्देशक ऋत्विक घटक थे और हम बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के भाषणों से प्रेरित थे। फिर ऋत्विक दा के सुझाव पर, हमने ‘देयर फ्लोज पद्मा, द मदर रिवर ’डॉक्यूमेंट्रीबनाई और इसे मैंने बाद में ढाका जाकर बंगबंधु को भेंट किया। उनके कमरे में दो चित्र लगे थे, एक गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का और दूसरा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का। बांग्लादेश से मिले प्यार को मैं कभी नहीं भूल सकता। बांग्लादेश और भारत एक हैं, हम भाई हैं; हम अलग नहीं हैं।”
एक वीडियो संदेश में, दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कठिन समय में सिनेमा को जीवन्त रखने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “महोत्सव चुनौती को अवसर में बदलने का एक बेहतरीन उदाहरण है।”
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने कहा कि यह महोत्सवकोविड-19 के ऊपर मानवीय भावना की विजय का प्रतीक है। आईएफएफआईका यह संस्करण विशेष है, क्योंकि यह हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया है। “ऐसा एशिया में पहली बार हुआ है। यह फिल्म महोत्सव भारत की श्रेष्ठ कलाओं के साथ-साथ विकसित तकनीकों पर प्रकाश डालता है।“
महोत्सव के निदेशक श्री चैतन्य प्रसाद ने बताया कि किस तरह से आयोजकों ने पहला हाइब्रिड महोत्सव आयोजित किया जो दुनिया में इससे पहले कभी भी कहीं भी आयोजित नहीं किया गया था।“मैंने कहा कि यह अविश्वसनीय था क्योंकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय पहली बार इस तरह का फिल्म महोत्सव हाइब्रिड मोड में आयोजित कर रहा था जिसमें कि भौतिक और वर्चुअल श्रेणियों को संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया जाना था जो कि दुनिया में पहले कभी नहीं हुआ था।“ उन्होंने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा इसके लिए दी गई पूर्ण सहायता और हाइब्रिड मोड में आयोजन करने के उनके दृढ़ विश्वास का उल्लेख किया।“जब महोत्सव को 20-28 नवंबर के आयोजन की परंपरागत तारीखों से आगे बढ़ाया गया तो केंद्रीय मंत्री श्री जावड़ेकर और गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत दोनों ने ही कहा कि हम निश्चित रूप से जनवरी में फिल्म महोत्सव आयोजित करने जा रहे हैं और उन्होंने हमसे हाइब्रिड महोत्सव की तैयारियां शुरू करने के लिए कहा।“
51 वे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की प्रमुख विशेषताएं
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में 15 फिल्में थीं जिनमें से तीन भारतीय फिल्मकारों की थीं। फेस्टिवल कैलिडोस्कोप श्रेणी में फिल्म महोत्सव द्वारा दुनिया के विभिन्न भागों से चुनी गई 12 फिल्में प्रदर्शित की गईं।वर्ल्ड पैनोरमा खंड में 48 फिल्में थीं जिनमें एशिया की 21, भारत की 16, विश्व की 8 और तीन अंतरराष्ट्रीय प्रीमियर फिल्में थीं। पहली फिल्म की श्रेणी के अंतर्गत फिल्म महोत्सव द्वारा सात फिल्में दिखाई गईं जिनमें दो भारतीय फिल्में थीं। दो भारतीय फिल्मों सहित 10 फिल्मों के बीच आईसीएफटी यूनेस्को गांधी मेडल के लिए प्रतिस्पर्धा थी।
फिल्म महोत्सव में इतालवी सिनेमैटोग्राफर विट्टोरियो स्टोरेरो को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। महान सिनेमैटोग्राफर ने कहा कि वे अपने काम का श्रेय अपने साथियों और बर्नाडो बरटोलूसी, फ्रांसिस कोपोला, कार्लोस ओलिविएरा और वुडी एलेन जैसे महान निर्देशकों को देते हैं।
राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम फिल्म बाजार का 14 संस्करण हाइब्रिड रूप से आयोजित हुआ जिसे इस बार वर्चुअल लांच किया गया।
पूर्वावलोकन खंड में महान फिल्मकार सत्यजीत रे की लोकप्रिय क्लासिक फिल्में प्रदर्शित की गईं।भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहब फाल्के की 150वीं जयंती के अवसर पर उनकी चार फिल्में भी प्रदर्शित की गईं। महोत्सव में बीते वर्ष में इस दुनिया को अलविदा कहने वाली 18 फिल्मी हस्तियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इनमें इरफान खान, ऋषि कपूर, एसपी बालासुब्रमण्यम, सौमित्र चटर्जी, सुशांत सिंह राजपूत और बासु चटर्जी शामिल थे।
संदीप कुमार की फिल्म “मेहरून्निसा” विचारोत्तेजक थी जिसमें फिल्म उद्योग में पितृसत्ता को लेकर सवाल उठाए गए।
कियोशी कुरोसावा निर्देशित जापानी फिल्म “वाइफ ऑफ अ स्पाय” के प्रदर्शन के साथ महोत्सव का समापन हुआ। कुरोसावा ने फिल्म महोत्सव के समापन समारोह को वीडियो संदेश के द्वारा संबोधित करते हुए कहा कि वे “वाइफ ऑफ अ स्पाय” को महोत्सव के समापन के अवसर पर दिखाई जाने वाली फिल्म के रूप में चुने जाने पर बहुत ही सम्मानित महसूस कर रहे हैं।फिल्म नेदेश की सीमा को पार करके प्रसिद्धि हासिल की है और मुझे विश्वास है कि कि वह अपने आप में स्वयं ही विस्तार से बताती है और मुझे उसके बारे में कहने की जरूरत नहीं है। यह 1940 के दशक के जापान की एक कहानी है जो एक दंपत्ति पर केंद्रित है जोकि समय की मर्जी पर टिके हुए हैं।
एमजी/एएम/एए
(Release ID: 1692939)
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