रक्षा मंत्रालय

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया


“देश को महामारी से बचाने से लेकर सशस्त्र बलों के शस्त्रागार को मजबूत करने तक, डीआरडीओ का भारी योगदान है”

Posted On: 25 JAN 2021 3:52PM by PIB Delhi

भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने 25 जनवरी 2021 को हैदराबाद स्थित डीआरडीओ में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। उन्होंने कॉम्प्लेक्स में इंटिग्रेटेड वेपन सिस्टम डिजाइन सेंटर का उद्घाटन किया। इस दौरान माननीय उपराष्ट्रपति को मिसाइल कॉम्प्लेक्स प्रयोगशालाओं जैसे कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और अनुसंधान केंद्र इमरत (आरसीआई) में चल रही विभिन्न परियोजनाओं और तकनीकी विकास के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें स्वदेसी रूप से विकसित मिसाइल प्रणालियों और एवियोनिक्स प्रौद्योगिकियों की एक श्रृंखला भी दिखाई गई।

 

माननीय उपराष्ट्रपति ने उन्नत प्रौद्योगिकी विकास के लिए उपयोग की जा रही डीआरडीओ प्रौद्योगिकियों और विभिन्न परीक्षण सुविधाओं में गहरी रुचि दिखाई।

 

इंटिग्रेटेड वेपन सिस्टम डिजाइन सुविधा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) सिस्टम और बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (बीएमडी) सिस्टम के लिए डिजाइन क्षमता और कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम के विकास को और बढ़ाएगी। यह केंद्र अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों के लिए समग्र सिस्टम डिजाइन और मूल्यांकन पद्धति पर जोर देगा। साथ ही मिसाइलों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह भविष्य में अत्यधिक जटिल एयरोस्पेस और रक्षा प्रणालियों को प्राप्त करने की दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

 

वैज्ञानिकों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए, माननीय उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2021 में नए क्षितिज, अवसर और कई नई चुनौतियां सामने आएंगी। इस अवसर पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए श्री नायडू ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी वैज्ञानिकों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई दी। साथ ही कहा कि डीआरडीओ के प्रयासों से सफल मिशनों की श्रृंखला जैसे कि एचएसटीडीवी, एसएमएआरटी, एटीजीएम, एनजीएआरएम, एचईएलआईएनए, एनएजीब्रह्मोस आदि के रूप में अभूतपूर्व तकनीकी प्रगति हुई है। उन्होंने उल्लेख किया कि डीआरडीओ वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व का एक प्रतीक और पथप्रदर्शक है और यह शाश्वत सीखने का स्थान है। कोविड महामारी के दौरान डीआरडीओ द्वारा निभाई गई भूमिका ने दूसरों के अनुकरण के लिए एक उदाहरण पेश किया है।

 

उन्होंने आगे कहा कि डीआरडीओ द्वारा स्वदेसी रक्षा प्रणालियों की एक श्रृंखला के विकास ने सरकार को 101 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए आत्मविश्वास दिलाया।

 

डॉ. कलाम को याद करते हुए श्री नायडू ने कहा कि देश के वैज्ञानिक संस्थानों को क्रमिक विकास के मोड में कभी काम नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें वैज्ञानिक प्रयासों में लगातार छलांग लगाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने डॉ. कलाम की विरासत को बनाए रखने के लिए वैज्ञानिकों की प्रशंसा की।

 

उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम चाहते थे कि भारत एक महाशक्ति बने। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि वैज्ञानिकों के पास आत्मानिभर भारत बनाने के लिए अपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि, युवा टेक्नो-प्रीनियर्स, उद्योगों, शिक्षाविदों का हाथ पकड़ना, उनका मार्गदर्शन करना और एक मजबूत और तकनीकी रूप से श्रेष्ठ देश बनाने के लिए एक साथ चलना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमने मिसाइलों में सराहनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, और उम्मीद की है कि ऐसा करने से हम मिसाइलों के क्षेत्र में शीर्ष निर्यातक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि, युवा टेक्नो-प्रीनियर्स, उद्योगों और शिक्षाविदों को प्रोत्सताहित करना, उनका मार्गदर्शन करना और एक मजबूत व तकनीकी रूप से श्रेष्ठ देश बनाने के लिए एक साथ चलना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमने मिसाइल क्षेत्र में सराहनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और उम्मीद है कि ऐसा करने से हम मिसाइलों के क्षेत्र में शीर्ष निर्यातक बन सकते हैं।

 

श्री नायडू ने इसी परिसर में एक नई मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी व संगोष्ठी हॉल का भी उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में मिसाइल प्रौद्योगिकियों और हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया जाएगा और यह केंद्र विकासात्मक गतिविधियों के लिए रीढ़ होगा। यह हॉल मिसाइल कॉम्प्लेक्स के नॉलेज मैनेजमेंट पहलों का एक हिस्सा है, जो कि मिसाइल समुदाय के बीच निरंतर सीखने और तकनीकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह डीआरडीओ समुदाय के लाभ के लिए वैज्ञानिक अभियानों, आभासी प्लेटफॉर्मों पर संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और तकनीकी व्याख्यानों के आयोजन का केंद्र होगा।

 

उन्होंने डीडीआरएंडडी के सचिव और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी. सतीश रेड्डी के बेहतरीन नेतृत्व में डीआरडीओ द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। इस दौरान मिसाइल और स्ट्रेटेजिक सिस्टम के डायरेक्टर जनरल श्री एमएसआर प्रसाद भी मौजूद थे और उन्होंने विभिन्न मिसाइल तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया।

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