सूचना और प्रसारण मंत्रालय

एक कुत्ता और आदमी- बिना शर्त प्रेम की लीक से हटकर कहानी


मुझे इस फिल्म को बनाने के लिए अपनी सारी बचत खर्च करनी पड़ी : सिद्धार्थ त्रिपाठी

कोयला खनन के कारण शौकी और उसके कुत्ते खेरू को उनके गांव से विस्थापित किया जा रहा है, लेकिन खेरू के लिए शौकी का बिना शर्त प्रेम उसे उससे अलग नहीं होने देता। इंसान और उसके पालतू जानवर के बीच संबंधों की कहानी, छत्तीसगढ़ी भाषा की इस फिल्म के केंद्र में है, जिसे गोवा में भारत के 51वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में दिखाया गया। भारतीय पैनोरमा फीचर फिल्म को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता अनुभाग में भी चुना गया है।

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फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद पणजी, गोवा में आज 23 जनवरी 2021 को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्देशक सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा, 'मैंने लीक से हटकर इस कहानी पर फिल्म बनाने के बारे में दो बार नहीं सोचा।'

चूंकि कोयला खनन के कारण पूरा गांव विस्थापित होने वाला है, शौकी को खनन कंपनी की ओर से वहां से जाने का अंतिम नोटिस दे दिया जाता है। इसके बाद उसके मन में एक अतार्किक सोच जन्म लेती है कि खेरू उसी रात मर जाएगा। शौकी की रात कुत्ते की मौत के बारे में सोचते हुए, भूख और घबराहट में बीतती है।

'इस फिल्म को बनाने के लिए मुझे अपनी सारी बचत खर्च करनी पड़ी। मुझे फिल्म के वितरण के दौरान भी समस्याओं का सामना करना पड़ा।'

निर्देशक ने कहा कि स्थानीय दृश्य को स्क्रीन पर दिखाना आसान था क्योंकि वह उस जगह, लोगों और वहां की संस्कृति से अच्छी तरह से परिचित हैं।

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पटकथा लेखन की प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'कोई भी कहानी अपने आप बढ़ती जाती है और उससे काफी अलग होती है जो आपने शुरुआत में कागज पर लिखी होती है। व्यावहारिक तौर पर यह बदलाव फिल्म निर्माण के समय आता है।'

त्रिपाठी ने साल 2000 में एसआरएफटीआई, कोलकाता से सिनेमैटोग्राफी में स्नातक किया है। 'ए डॉग एंड हिज मैन' उनकी पहली फीचर फिल्म है।

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