वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
श्री पीयूष गोयल ने लॉजिस्टिक्स पर राज्यों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया
मंत्री ने कहा, सही उत्पाद को सही स्थिति में सही जगह पर सही समय पर सही ग्राहक तक पहुंचाना ही लॉजिस्टिक्स है
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति कारोबारी सुगमता को बेहतर करेगी
Posted On:
19 JAN 2021 8:20PM by PIB Delhi
केंद्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति लॉजिस्टिक्स केंद्रों के लिए बेहतर समन्वय एवं एकीकृत विकास के लिए एक रूपरेखा के तौर पर काम करेगी। फिलहाल यह नीति राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स परिषद और राज्य लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति के साथ परामर्श के तहत है। लॉजिस्टिक्स पर राज्यों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की लॉजिस्टिक्स टीम विभिन्न तकनीकी प्लेटफार्म के जरिये परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने, दस्तावेज तैयार करने और हितधारकों के लिए काफी सरल तरीके से काम करने की कोशिश कर रही है। इससे कारोबारी सुगमता को बेहतर किया जा सकेगा।
श्री गोयल ने आज के सम्मेलन में सहकारी भावना पर जोर देते हुए कहा कि इससे हमारे व्यापारी समुदाय और विभिन्न हितधारकों का लॉजिस्टिक्स में विश्वास बढ़ेगा कि केंद्र और राज्य साथ मिलकर एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स में ग्राहकों की संतुष्टि को सुनिश्चित करना काफी महत्वपूर्ण होता है और इसे हासिल करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा ही लॉजिस्टिक्स है। मंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक्स के लिए 5आर को समझना जरूरी है: राइट प्रोडक्ट, राइट कंडिशन, राइट प्लेस, राइट टाइम और राइट कस्टमर यानी सही उत्पाद को सही स्थिति में सही जगह पर सही समय पर सही ग्राहक तक पहुंचाना ही लॉजिस्टिक्स है। लॉजिस्टिक्स को देश की अर्थव्यवस्था और उद्योग की जीवन रेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बीच हम यह सुनिश्चित करने में सक्षम थे कि किसी एक व्यक्ति को खाद्यान्न, बिजली और आवश्यक वस्तुओं की कमी न होने पाए।
श्री गोयल ने कहा कि भारत में हमारे पास 200 अरब डॉलर का लॉजिस्टिक्स परिवेश है। इसका एक उल्लेखनीय हिस्सा भारतीय रेलवे द्वारा समर्थित है। उन्होंने कहा, 'हम लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने और रेलवे द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं का दायरा बढ़ाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। कोविड संकट का उपयोग एक अवसर के रूप में करते हुए रेलवे ने अपने काम करने के तरके को नए सिरे से दुरुस्त किया है। इसी क्रम में एक शून्य आधारित समय सारणी तैयार की गई थी। कल यानी 18 जनवरी को मालगाड़ी की औसत गति 46.77 किमी प्रति घंटा थी जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 22.47 किमी प्रति घंटा रही थी।
मंत्री ने कहा कि इस साल जनवरी के पहले 18 दिनों में मालगाड़ी की औसत गति पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 97 प्रतिशत अधिक रही। उन्होंने कहा कि डीएफसी ऐसे गलियारे हैं जो केवल माल परिवहन को आगे बढ़ाएंगे। इससे गति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और बड़ी मात्रा में वस्तुओं एवं छोटे पार्सल के परिवहन के जरिये लागत में कमी आएगी। उन्होंने कहा, '2022 तक हमारे पास पूर्वी और पश्चिमी दोनों डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार होंगे और वे भारत के लोगों की सेवा कर रहे होंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर पहले 650 किमी के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन किया। मार्च तक हमारे पास एक और 350 से 400 किमी का डीएफसी तैयार होगा।'
श्री गोयल ने कहा कि भारत दुनिया के सामने विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए लचीलेपन और क्षमता का प्रदर्शन करने में समर्थ है। उन्होंने कहा कि नए भारत के बारे में जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वे विकास के मामले में पिछले सभी रिकॉर्डों को पार करने वाले हैं और वे भारत को एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमारे दृष्टिकोण को सही ठहराने और दुनिया में हमारे लिए उपयुक्त जगह सुनिश्चित कराने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने प्रदर्शित किया है कि इस व्यवधान का मतलब केवल एक कठिनाई होगी जिसे हम अवसर में बदल देंगे।'
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