रेल मंत्रालय
भारत-नेपाल रेल संपर्क सेवा और बेहतर होगी
भारत और नेपाल के बीच जयनगर-कुर्था रेल संपर्क सेवा मार्च 2021 तक बिजलपुरा तक बढ़ा दी जाएगी
इस महत्वपूर्ण रेल संपर्क सेवा को मूर्त रूप देने के लिए पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर), इरकॉन और केआरसीएल ने हाथ मिलाया है
भारत सरकार कुर्था से 17 किमी आगे बिजलपुरा तक के रेल खंड के निर्माण पर लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं
नेपाल सरकार से परियोजना के लिए भूमि मिलने के बाद बिजलपुरा से आगे बर्दिबास तक नई लाइन का निर्माण किया जाएगा
भारतीय रेल संचालन और रखरखाव की प्रक्रिया की जानकारी साझा कर बीजी यात्री रेल सेवा के संचालन में नेपाल को पूर्ण सहयोग दे रही है
Posted On:
16 JAN 2021 9:52PM by PIB Delhi
जयनगर-कुर्था 34.90 किलोमीटर लंबा रेल खंड जयनगर- बिजलपुरा-बर्दिबास रेल (68.72 किलोमीटर) परियोजना का एक हिस्सा है जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इस परियोजना के पहले चरण के तहत, बिहार के मधुबनी जिले में जयनगर से रेल लाइन को नेपाल में कुर्था से जोड़ा गया है। मार्च 2021 तक इसका विस्तार बीजलपुरा तक कर दिया जाएगा। भारत सरकार ने बिजलपुरा तक के खंड के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं जो कुर्था से 17 किमी आगे जाता है। बिजलपुरा के बाद, नेपाल सरकार द्वारा परियोजना के लिए भूमि सौंपने के बाद बर्दीबास तक नई लाइन का निर्माण किया जाएगा।
जयनगर भारत-नेपाल सीमा से 4 किलोमीटर दूर है। इस मार्ग में नेपाल का प्रसिद्ध तीर्थस्थल जनकपुर पड़ता है, जो जयनगर से 29 किलोमीटर दूर है। यह परियोजना इरकॉन द्वारा चलाई जा रही है। इसके इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचे के काम पूरे हो चुके हैं। इस मार्ग पर रेल सेवा संचालित करने के लिए कोंकण रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड केआरसीएल द्वारा 1600 एचपी डेमू यात्री रेक के 2 सेटों की आपूर्ति की गई है। इन 2 डेमू रेक में गैर वातानुकूलित कोच के अलावा 2 वातानुकूलित कोच हैं। इन 2 रेकों को 18 सितंबर, 2020 को नेपाल को सौंप दिया गया था। यह नेपाल में पहली बड़ी लाइन वाली यात्री रेल सेवा होगी। इससे पहले 2014 तक जयनगर और जनकपुर के बीच नेपाल द्वारा संचालित एक छोटी लाइन रेल सेवा ही चल रही थी। भारतीय रेल नेपाल के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ नेपाल रेल कंपनी के साथ संचालन और रखरखाव प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी साझा करके बड़ी लाइन रेल सेवा चलाने के लिए नेपाल को पूरा सहयोग दे रही है। भारत सरकार द्वारा नेपाल रेलवे के साथ इस खंड में यात्री रेल सेवा परिचालन शुरू करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार और साझा की गई है। नेपाल रेल कंपनी इस लाइन के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी तब तक केआरसीएल को सौंपने पर विचार कर रही है जब तक कि वह स्वयं ऐसा करने में सक्षम नहीं हो जाती। नेपाल और भारत दोनों जयनगर और कुर्था के बीच रेल सेवा शुरू करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि आवश्यक तकनीकी और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद, जल्द ही यह सेवा शुरू हो जाएगी।
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