कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा 2020- कार्मिक,लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय

केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में रचनात्मक सुधार का मार्ग प्रशस्त करते हुए कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए)के गठन को मंजूरी दी

केंद्र ने "मिशन कर्मयोगी" - सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी)का शुभारंभ किया

डाकिये के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए घर तक (डोरस्टेप) सेवा शुरू की गई

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार 2020योजना को सुधार के साथफिर शुरू किया गया

भारत में अब तक 23 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में नौकरियों के लिए साक्षात्कार समाप्त किए गए

Posted On: 31 DEC 2020 2:23PM by PIB Delhi

वर्ष 2020 के दौरान कार्मिक,लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की निम्नलिखित पहल हैं:

  1. केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में रचनात्मक सुधार का मार्ग प्रशस्त करते हुए कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए)के गठन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त, 2020 में केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में रचनात्मक सुधार का मार्ग प्रशस्त करते हुए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

भर्ती प्रक्रिया में सुधार - युवाओं के लिए एक बड़ा वरदान

वर्तमान में, सरकारी नौकरियों की तलाश करने वाले उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए कई भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है, जिनके लिए समान पात्रता की शर्तें निर्धारित की गई हैं। इसके लिए उम्मीदवारों को कई भर्ती एजेंसियों को परीक्षा शुल्क देना पड़ता है और विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है। ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्मीदवारों के साथ ही संबंधित भर्ती एजेंसियों पर एक बोझ जैसी हैं। इसके साथ ही इसमें टाले जा सकने वाले / बार-बार के खर्च,कानून एवं व्यवस्था / सुरक्षा से संबंधित मुद्दे और परीक्षा स्थल से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक परीक्षा में औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं।इनकी जगह एक सामान्य पात्रता परीक्षा इन उम्मीदवारों को परीक्षा में एक ही बार शामिल होने और उच्च स्तर के अगले चरण की परीक्षा के लिए इनमें से किसी भी एक या सभी भर्ती एजेंसियों के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएगा। यह वास्तव में सभी उम्मीदवारों के लिए एक वरदान साबित होगा।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए)

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) नामक एक बहु-एजेंसी निकाय समूह बी और समूह सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों की संक्षिप्त सूची बनाने हेतु एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगा। एनआरए में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय / वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि होंगे। एनआरएएक ऐसी विशेष संस्था होगी जो केंद्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम उपायों के साथ काम करेगी।

परीक्षा केंद्रों तक पहुंच

देश के हर जिले में परीक्षा केंद्र होने से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों तक पहुंच बढ़ेगी। 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा के बुनियादी ढांचे बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित करने से उम्मीदवारों को उनके निवास स्थल के पास ही परीक्षा देने की सुविधा मिल सकेगी। इससे लागत, प्रयास,सुरक्षा सहित कई और मामलों में काफी लाभ होगा। इस प्रस्ताव से न केवल ग्रामीण उम्मीदवारों तक पहुंच बढ़ाने में आसानी होगी, बल्कि यह दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण उम्मीदवारों को भी परीक्षा देने के लिए प्रेरित करेगा और इस तरह,केंद्र सरकार की नौकरियों में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाएगा। नौकरी के अवसरों को लोगों के करीब ले जाना एक बड़ा कदम है जो युवाओं के जीवन को सुखमय और आसान बनाएगा।

गरीब उम्मीदवारों को बड़ी राहत

वर्तमान में,उम्मीदवारों को विभिन्न एजेंसियों द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है। परीक्षा शुल्क के अलावा,उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र तक जाने-आने, वहां रहने, खाने-पीने और इस तरह के अन्य खर्चों के लिए अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। एक एकल परीक्षा से उम्मीदवारों पर पड़ने वाला यह वित्तीय बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा।

महिला उम्मीदवारों को बहुत लाभ होगा

विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उम्मीदवारों को विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें काफी दूर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए परिवहन के साथ ही ठहरने के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था करनी पड़ती है। उन्हें कभी-कभी दूर स्थित इन केंद्रों तक पहुंचने में साथ देने के लिए उपयुक्त व्यक्ति की तलाश करनी पड़ती है। प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र का होना आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों और विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा।

ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों के लिए विशेष लाभ (बोनांजा)

वित्तीय और अन्य बाधाओं को देखते हुए,ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवारों को यह सोचना पड़ता है कि उन्हें किस परीक्षा में शामिल होना चाहिए और किसमें नहीं। लेकिन,एनआरए के तहत, महज एक परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को एक साथ कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। एनआरए प्रथम चरण / टियर-1परीक्षा का आयोजन करेगा जो कई अन्य पदों पर चयन के लिए पहला ठोस कदम होगा।

सीईटी स्कोर तीन साल के लिए वैध होगा, अगले प्रयासों पर कोई रोक नहीं

उम्मीदवार का सीईटी स्कोर नतीजे की घोषणा की तारीख से अगले तीन साल की अवधि के लिए वैध होगा। सर्वश्रेष्ठ वैध स्कोर को उम्मीदवार का वर्तमान स्कोर माना जाएगा। ऊपरी आयु सीमा के अधीन सीईटी में उपस्थित होने के लिए उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। ऊपरी आयु सीमा में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को छूट सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार दी जाएगी। यह उन उम्मीदवारों की कठिनाइयों को कम करने का काम करेगा जो हर साल इन परीक्षाओं की तैयारी करने और इनमें शामिल होने के लिए काफी समय देते हैं और पैसा भी खर्च करते हैं।

मानकीकृत परीक्षा

एनआरए उन सभी गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12 वीं पास) और मैट्रिक(10 वीं पास) उम्मीदवारों के तीन स्तरों के लिए एक अलग सीईटी आयोजित करेगा,जिनके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस)द्वारा भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाती है। सीईटी स्कोर स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर,भर्ती के लिए अंतिम चयन परीक्षा के अलग-अलग विशिष्ट स्तरों (II, III आदि) के माध्यम से किया जाएगा जो संबंधित भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित किया जाएगा। इस परीक्षा का पाठ्यक्रम सामान्य होगा क्योंकि यह एक मानक होगा। इससे उन अभ्यर्थियों की तैयारी का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी करने के लिए बाध्य हैं।

 

परीक्षा केंद्र का चयन

उम्मीदवारों को एक सामान्य पोर्टल पर पंजीकरण करने और अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र चुनने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें केंद्र आवंटित किए जाएंगे। इसका अंतिम उद्देश्य एक ऐसी स्थिति तक पहुंचना है,जिसमें उम्मीदवार अपनी पसंद के केंद्रों पर अपनी परीक्षा दे सकें।

एनआरए द्वारा पहुंच बढ़ाने की गतिविधियां

विभिन्न भाषाएं

सीईटी कई भाषाओं में कराई जाएगी। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों को परीक्षा देने में बहुत सुविधा होगी और उन्हें चयनित होने का एक समान अवसर मिल सकेगा।

स्कोर - कई भर्ती एजेंसियों के लिए उपयुक्त

प्रारंभ में स्कोर का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि कुछ समय बाद केंद्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां ​​भी सीईटी स्कोर को अपनाएंगी। इसके अलावा,सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य एजेंसियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की एजेंसियों के लिए भी इसका इस्तेमाल होगा। इस प्रकार, आने वाले समय में,सीईटी स्कोर को केंद्र सरकार,राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र में अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। इससे इन संगठनों को भर्ती प्रक्रिया में होने वाले खर्च और लगने वाले समय को बचाने में मदद मिलेगी।

भर्ती प्रक्रिया को छोटा करना

यह एकल पात्रता परीक्षा नौकरियों में बहाली प्रक्रिया को काफी हद तक कम करेगी। कुछ विभागों ने किसी दूसरे स्तर के परीक्षण से बचने और सीईटी स्कोर, शारीरिक परीक्षण तथा चिकित्सा जांच के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का संकेत दिया है। यह भर्ती प्रक्रिया को बहुत छोटा कर देगा और युवाओं के एक बड़े वर्ग को लाभान्वित करेगा।

वित्तीय परिव्यय

 

सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसे तीन वर्षों की अवधि में खर्च किया जाना है। यह राशि एनआरए के गठन के अलावा,117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा के बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के काम में खर्च की जाएगी।

  1. केंद्र ने "मिशन कर्मयोगी" - सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर, 2020 में निम्नलिखित संस्थागत संरचना के साथ सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी)शुरू करने को मंजूरी दी है: -

  1. प्रधानमंत्री के सार्वजनिक मानव संसाधन (एचआर) परिषद,क्षमता निर्माण आयोग।
  2. क्षमता निर्माण आयोग
  3. ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए डिजिटल परिसंपत्तियों और प्रौद्योगिकी मंच का स्वामित्व लेने और उनके संचालन के लिए विशेष प्रयोजन साधन (एसपीवी)।
  4. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में समन्वय इकाई।

मुख्य विशेषताएं

एनपीसीएससीबी को सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण की नींव रखने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है ताकि उनमें भारतीय संस्कृति और संवेदनाओं का प्रवाह बनाए रखा जा सके और वे दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों और प्रथाओं से सीखते रहने के दौरान अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें। इस कार्यक्रम को एक एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण– आईजीओटीकर्मयोगीप्लेटफॉर्म की स्थापना करके चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांत निम्नलिखित होंगे:

एचआर प्रबंधन को 'नियम आधारित' से 'भूमिका आधारित' में बदलने का समर्थन करना। सिविल सेवकों को काम का आवंटन उनके पद की आवश्यकताओं के अनुसार उनकी दक्षता (विशेषज्ञता) का ख्याल रखते हुए करना,

  1. ऑफ-साइट शिक्षण (सीखना) को पूरा करने के लिए ऑन-साइट शिक्षण (सीखना) पर जोर देना,
  2. साझा प्रशिक्षण अवसंरचना का एक उचित तंत्र बनाना जिसमें प्रशिक्षण सामग्री,संस्थान और कार्मिक शामिल हों,

 

  1. सभी सिविल सेवा पदों को उनकी भूमिकाओं, गतिविधियों और दक्षताओं (एफआरएसी) के ढांचे पर जांचना और प्रत्येक सरकारी संस्थाओं में चिन्हित किए गए एफआरएसी के अनुकूल प्रशिक्षण सामग्री तैयार करना और उनका वितरण करना,
  2. सभी सिविल सेवकों को उनके सीखने के स्व-चालित और अनिवार्य तरीके के अनुरूप व्यावहारात्मक, कार्यात्मक और क्षेत्र विशेष की दक्षता केअनवरत निर्माण और मजबूती के लिए अवसर उपलब्ध कराना,
  3. सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों और उनके संगठनों को सह-निर्माण की दिशा में सीधे अपने संसाधनों का निवेश करने और हर कर्मचारी के लिए वार्षिक वित्तीय सदस्यता के माध्यम से सीखने केअनुकूल और सामान्य माहौल को साझा करने में सक्षम बनाना,
  4. सार्वजनिक प्रशिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, स्टार्ट-टिप्स और व्यक्तिगत विशेषज्ञों सहित कक्षा में सीखने के लिए सामग्री तैयार करने वालों को बढ़ावा देना और उनके साथ साझेदारी करना,
  5. क्षमता निर्माण के विभिन्न पहलुओं, सामग्री निर्माण, यूजर फीडबैक, और दक्षताओं का पता लगाने एवं नीति सुधारों के लिए क्षेत्रों की पहचान करने के संबंध में आईजीओटी -कर्मयोगी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का विश्लेषण करना।

उद्देश्य

आपसी सहयोग और साझेदारी के आधार पर क्षमता निर्माण तंत्र के प्रबंधन और नियमन में एकसमान दृष्टिकोण सुनिश्चित करने की दृष्टि से एक क्षमता निर्माण आयोग की स्थापना का भी प्रस्ताव है।

आयोग की भूमिका निम्नानुसार होगी-

  • वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं को मंजूरी देने में पीएम सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद की सहायता करना।
  • सिविल सेवा क्षमता निर्माण कराने वाले सभी केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों का कार्यात्मक निरीक्षण करना।
  • आंतरिक एवं बाहरी संकाय और अन्य संसाधन केंद्रों सहित साझा अध्ययन सामग्री का निर्माण।
  • हितधारक विभागों के साथ क्षमता निर्माण योजनाओं के कार्यान्वयन का समन्वय और निरीक्षण करना।
  • प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, अध्यापन कला और पद्धति के मानकीकरण के लिए सिफारिशें तैयार करना।
  • सभी सिविल सेवाओं के लिए सामान्य मिड-करियर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए मानदंड निर्धारित करना।
  • सरकार को मानव संसाधन प्रबंधन और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में आवश्यक नीतिगत सुझाव देना।

आईजीओटी -कर्मयोगी मंच भारत में दो करोड़ से अधिक अधिकारियों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक बुनियादी संरचना उपलब्ध कराता है। उम्मीद की जाती है कि यह मंच सामग्री (कंटेंट) के लिए एक जीवंत और विश्व स्तरीय बाजार के रुप में उभरेगा जहां सावधानीपूर्वकतैयार किए गए डिजिटल ई-लर्निंग सामग्री उपलब्ध कराई जाएंगी। क्षमता निर्माण के अलावा, परिवीक्षा अवधि के बाद नौकरी की पुष्टि,तैनाती,कार्य आवंटन और रिक्तियों की अधिसूचना आदि के बाद सेवा संबंधी मामलों को अंततः प्रस्तावित योग्यता ढांचे के साथ एकीकृत किया जाएगा।

मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को अधिक सृजनशील, रचनात्मक, कल्पनाशील, नवाचारी, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकीय रुप से सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना है। विशिष्ट भूमिका के लिए दक्षताओं से युक्त, सिविल सेवक उच्चतम गुणवत्ता वाली कुशल सेवा का वितरण सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे।

वित्तीय पहलू (निहितार्थ)

इसके तहत केंद्र सरकार के लगभग 46 लाख कर्मचारियों को सम्मिलित (कवर) करने के लिए वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि में 510.86 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। खर्च की यह राशि आंशिक रूप से 5 करोड़ (50 मिलियन) अमरीकी डालर की बहुपक्षीय सहायता द्वारा वित्त पोषित है। एनपीसीएससीबी के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी)कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत गठित की जाएगी। एसपीवी एक गैर लाभकारी कंपनी होगीजो आईजीओटी-कर्मयोगीप्लेटफॉर्म का स्वामित्व संभालते हुए इसका प्रबंधन करेगी। एसपीवी सामग्री और बाजार का निर्माणएवं संचालन और सामग्री प्रमाणीकरण, स्वतंत्र निरीक्षण आकलन और दूरमापी (टेलीमेट्री) डेटा उपलब्धता से संबंधित आईजीओटी-कर्मयोगीप्लेटफॉर्म की प्रमुख व्यावसायिक सेवाओं का प्रबंधन करेगी। एसपीवी भारत सरकार की ओर से सभी बौद्धिक संपदा अधिकारों का मालिक होगी। आईजीओटी-कर्मयोगीप्लेटफॉर्म के सभी उपयोगकर्ताओं के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए एक उपयुक्त निगरानी एवं मूल्यांकन संरचना भी बनाया जाएगा ताकि एक ऐसा डैशबोर्ड बनाया जा सके जिसमें सभी मुख्य प्रदर्शन संकेतक साफ दिखें।

पृष्ठभूमि

सिविल सेवाओं की क्षमता विभिन्न सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने, कल्याण कार्यक्रमों को लागू करने और प्रमुख शासन कार्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है। सिविल सेवा क्षमता में पूरा बदलाव लाने का प्रस्ताव है जो संगठित रुप से कार्य संस्कृति में बदलाव लाने, सार्वजनिक संस्थानों को मजबूत करने और नागरिकों तक सेवाओं को कुशलतापूर्वक पहुंचाना सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य के साथ सिविल सेवा क्षमता के निर्माण के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाने से संभव होगा।

माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चुनिंदा केंद्रीय मंत्रियों,मुख्यमंत्रियों,प्रख्यात सार्वजनिक मानव संसाधनविशेषज्ञों, देशी-विदेशी विचारकों,और लोक सेवा के अधिकारियों की एक सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद सिविल सेवा सुधार और क्षमता निर्माणके कार्य को रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए शीर्ष निकाय के रूप में काम करेगी।

  1. डाकिये के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए घर तक (डोरस्टेप) सेवा शुरू की गई

पेंशनभोगियों को घर पर रहते हुए जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में बड़ी राहत।

डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, आईपीपीबी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नवंबर 2020 में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की पहल "डाकिये के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए घर तक (डोरस्टेप) सेवा" का सफलतापूर्वक शुभारम्भ किया। पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में आसान और पारदर्शी सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से नवंबर, 2014 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा जीवन प्रमाण पोर्टल का शुभारम्भ किया गया जिसके माध्यम से ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा कराया जा सकता है।

तब से केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के कुशल मार्गदर्शन में डीओपीपीडब्ल्यू बुजुर्ग पेंशनभोगियों के लिए के लिए प्रणाली को सहज और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिएसाल दर साल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ा रहा है।

इस सुविधा को पूरे देश में उपलब्ध कराने के लिए डीओपीपीडब्ल्यूने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) से बात की और पेंशनभोगियों को ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए उन्हें घर तक सेवा उपलब्ध कराने में इसके डाकियों एवं ग्रामीण डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क का उपयोग किया।

आईपीपीबी ने अपने बैंक सॉफ्टवेयर में कुछ सुधार कर पेंशनभोगियों को दरवाजे तक डीएलसी सेवाएं प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और यूआईडीएआईके जीवन प्रमण सॉफ्टवेयर के साथ इसे जोड़ दिया है। यह सुविधा बैंक खाते से धन की निकासी जैसी अन्य सुविधाओं के साथ घर बैठे ही प्राप्त की जा सकती है। आईपीपीबी घरों तक डाक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए डाकघरों में अपने 1,36,000 से अधिक पहुंच केंद्रों और 1,89,000 से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के राष्ट्रीय नेटवर्क को स्मार्ट फोन और बॉयोमीट्रिक उपकरणों के साथ उपयोग कर रहा है। परिणामस्वरूप, देश भर में बड़ी संख्या में पेंशनभोगी बैंक शाखाओं में गए बिना या बैंक शाखाओं के बाहर लंबे कतार में खड़े हुए बिना ही घर बैठे डाकियों / ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से घर तक सेवाओं (डोरस्टेप सुविधा) का लाभ उठा सकेंगे।

आईपीपीबी के माध्यम से डीएलसी जमा करने के लिए घर तक सेवा का लाभ उठाने के लिएपेंशनभोगी ippbonline.comपर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए शुल्क लिया जाएगा और यह सेवा देश भर में केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगियों के लिए उपलब्ध होगी चाहे उनके पेंशन खाते किसी भी बैंक में हों। आईपीपीबी के माध्यम से "डीएलसी की घर तक सेवा" प्राप्त करने की प्रक्रिया को @ यू-ट्यूब (पेंशन डीओपीपीडब्ल्यू)और डी/ओ पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण के फेसबुक पर देखा-समझा जा सकता है। कोविड-19 के मौजूदा महामारी को देखते हुए पेंशनभोगियों के लिए घर पर रहते हुए जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना एक बड़ी राहत है।

  1. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक प्रशासन 2020 में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की नई योजना और वेबपोर्टल www.pmawards.gov.inकी शुरुआत की

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवंपेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जुलाई, 2020 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए संशोधित पीएम पुरस्कार योजना और वेब पोर्टल www.pmawards.gov.inका शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को संबोधित करते हुएडॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस योजना को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नागरिक भागीदारी के शासन मॉडल के अनुरूप बनाया गया है। उन्होंने कहा कि "अधिकतम शासन,न्यूनतम सरकार" का मंत्र नागरिकों की भागीदारी और नागरिकों को केंद्र में रखे बिना अधूरा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही इसकी जुड़वां पहचान हैं।

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना 2020 को परिणाम संकेतक,आर्थिक विकास, जन भागीदारी और लोक शिकायतों के निवारण की दिशा में जिला कलेक्टरों के योगदान को पहचानने के लिए फिर से सुधार के साथ शुरू किया गया है। इसके लिए चार प्रमुख श्रेणियों जिला प्रदर्शन संकेतक कार्यक्रम, नवाचार सामान्य वर्ग, आकांक्षी जिला कार्यक्रम और नमामि गंगे कार्यक्रम में नामांकन मंगाया गया है। जिला प्रदर्शन संकेतक कार्यक्रम के तहतजिला कलेक्टरों का मूल्यांकन  प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण प्रवाह के माध्यम से समावेशी विकास, एसबीएम (ग्रामीण) और एसबीएम (शहरी) कार्यक्रमों के प्राथमिकता क्षेत्र की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने में जनभागीदारी को बढ़ावा देने, सेवा वितरण में सुधार करने और लोक शिकायतों के निवारण में उनके योगदान के आधार पर किया जाएगा। राष्ट्रीय,राज्य और जिला स्तर पर नवाचारों के लिए अलग-अलग पुरस्कार श्रेणियां उपलब्ध करने के लिए योजना की नवाचार श्रेणी को व्यापक आधार दिया गया है। इन पुरस्कारों के लिए 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020के बीच किए गए कार्यों पर विचार किया जाएगा। 2020 योजना के तहत कुल 15 पुरस्कारप्रदान किए जाएंगे।

 

  1. भारत में अब तक 23 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में नौकरियों के लिए साक्षात्कार समाप्त किए गए

भारत के 23 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में नौकरियों के लिए साक्षात्कार समाप्त कर दिया गया है। यह 2016 के बाद से केंद्र सरकार में समूह -बी (गैर-राजपत्रित) और समूह - सी के पदों के लिए साक्षात्कार को समाप्त करने के बाद अगला नया कदम है।

15 अगस्त 2015 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साक्षात्कार को समाप्त करने और नौकरी का चयन पूरी तरह से लिखित परीक्षा के आधार पर करने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि जब भी किसी को लिखित परीक्षा में चयन के बाद साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, उसका पूरा परिवार अंतिम चयन को लेकर आशंका और चिंता से परेशान हो जाता है। प्रधानमंत्री की इस सलाह का तुरंत पालन करते हुए डीओपीटी ने इस दिशा में तेजी से काम किया और 1 जनवरी, 2016 से केंद्र सरकार में भर्ती के लिए साक्षात्कार को समाप्त करने की घोषणा करने की पूरी प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी कर ली।

6. तीन नए सूचना आयुक्तों ने नवंबर में पद की शपथ ली

मुख्य सूचना आयुक्त श्री वाई.के. सिन्हा ने इस साल नवंबर में केंद्रीय सूचना आयोग में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सूचना आयुक्त श्री हीरालाल समारिया,सुश्री सरोज पुन्हानी और श्री उदय माहुरकर को पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित सूचना आयुक्तों की कुल संख्या 8 हो गई है।

पूर्व आईएएस अधिकारी श्री हीरालाल समारिया सेवानिवृत्ति से पहले भारत सरकार में श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव थे। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की है। उन्हें प्रशासन और शासन के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है।

केन्द्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के रूप में शामिल होने से पहले आईएएंडएएस अधिकारी सुश्री सरोज पुन्हानी भारत सरकार में उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (एचआर और प्रशिक्षण) का पद संभाल रही थीं। उनके पास मानविकी में स्नातक की डिग्री है। उनकी विशेषज्ञता प्रशासन और शासन के क्षेत्र में हैं।

वरिष्ठ पत्रकार श्री उदय माहुरकर  केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के रूप में शामिल होने से पहलेएक अग्रणी मीडिया हाउस में वरिष्ठ उप संपादक के रूप में कार्य कर रहे थे। उन्होंने भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विषय से महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। उनकी विशेषज्ञता मीडिया के क्षेत्र में है। वे काफी लंबे समय तक मीडिया से जुड़े रहे हैं।

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