वित्‍त मंत्रालय

एडीबी और भारत ने असम में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 231 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 01 JAN 2021 5:38PM by PIB Delhi

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने असम राज्य में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 231 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर 30 दिसंबर 2020 को हस्ताक्षर किए। इसके तहत 120 मेगावाट (एमडब्‍ल्‍यू) के पनबिजली संयंत्र का निर्माण किया जाएगा जिससे विभिन्‍न घरों या परिवारों के लिए बिजली की उपलब्धता बढ़ जाएगी।

यह फि‍लहाल जारी असम विद्युत क्षेत्र निवेश कार्यक्रम के लिए तीसरी किस्‍त वाला ऋण है। इस कार्यक्रम को जुलाई 2014 में एडीबी के बोर्ड ने मंजूरी दी थी। इस कार्यक्रम के तहत असम में ऊर्जा उत्पादन और वितरण प्रणाली की क्षमता एवं दक्षता बढ़ाने पर फोकस किया जाता है, ताकि अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए बिजली सेवा को बेहतर किया जा सके। इस कार्यक्रम में पिछली दो ऋण किस्‍तें भी शामिल हैं।

इस ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में अपर सचिव डॉ. सी. एस. मोहापात्राऔर एडीबी की ओर से एडीबी के भारत निवासी मिशन के प्रभारी अधिकारी श्री होई यून जियोंग ने हस्‍ताक्षर किए।

ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद  डॉ. मोहापात्रा ने कहा कि इस परियोजना के तहत स्वच्छ पनबिजली के स्रोत से असम की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी और इसके साथ ही बिजली की उपलब्धता बेहतर होगी।

श्री जियोंग ने कहा,  ‘इस परियोजना के माध्यम से किफायती और स्वच्छ बिजली की आपूर्ति बढ़ने से लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने, कारोबार के विस्तार को बढ़ावा देने, और इस राज्य में रोजगार अवसरों में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिलेगी।’

प्रस्तावित पनबिजली परियोजना दरअसल कोपिली नदी पर रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है जिससे स्वच्छ ऊर्जा से आपूर्ति की जाने वाली बिजली में वर्ष 2025 तक 469 गीगावाटऑवर (जीडब्ल्यूएच) की वृद्धि करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे हर साल 360,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के जरिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिलेगी। ऋण के एक हिस्से का उपयोग निर्माण, संचालन एवं रखरखाव और हिफाजत के मामलों में असम पावर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एपीजीसीएल) की परियोजना क्षमता के निर्माण में किया जाएगा। यह परियोजना दरअसल एपीजीसीएल की उद्यम संसाधन नियोजन प्रणाली के लिए धनराशि की व्‍यवस्‍था करेगी। इतना ही नहीं, यह परियोजना एपीजीसीएल की महिला-पुरुष योगदान क्षमता को बढ़ाकर महिला-पुरुष समानता बढ़ाने में भी योगदान करेगी। इसके अलावा, यह परियोजना प्रशिक्षण के साथ-साथ समुदाय की अगुवाई में किए जाने वाले उपायों में महिलाओं की भागीदारी एवं योगदान बढ़ाने में भी मदद करेगी।

गरीबी कम करने के लिए जापान फंड (जेएफपीआर) से प्राप्‍त 2 मिलियन डॉलर का अनुदान भी इस परियोजना के साथ जुड़ा हुआ है, ताकि संसाधन प्रबंधन और सामुदायिक सुदृढ़ता के लिए क्षमता बढ़ाने हेतु विभिन्‍न उपकरणों और परामर्श सेवाओं के लिए धनराशि की व्‍यवस्‍था हो सके।  

एडीबी अत्यधिक गरीबी को मिटाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, सुदृढ़ एवं सतत एशिया-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।  वर्ष 1966 में स्थापित एडीबी में कुल 68 सदस्य देश हैं जिनमें से 49  सदस्‍य देश एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ही हैं।  

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