रक्षा मंत्रालय

आकाश से सतह पर उतारे जा सकने वाले कंटेनर ‘सहायक-एनजी’ का पहला उड़ान परीक्षण

Posted On: 30 DEC 2020 7:41PM by PIB Delhi

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय नौसेना के साथ आज गोवा तट से कुछ दूर समुद्र में ‘सहायक-एनजी’ का पहला सफल उड़ान परीक्षण सम्‍पन्‍न किया। सहायक-एनजी भारत का पहला स्‍वदेशी तौर पर डिजाइन और विकसित किया गया ऐसा कंटेनर है, जिसे आकाश से सतह पर उताया जा सकता है। यह परीक्षण भारतीय नौसेना के आईएल- 38एसडी विमान से किया गया।

भारतीय नौसेना ने इसकी परिचालन लॉजिस्टिक क्षमता में वृद्धि करने और तट से 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर तैनात पोतों को महत्‍वपूर्ण इंजीनियरिंग भंडारण सुविधा मुहैया कराने के लिए यह परीक्षण किया।

इस सहायक-एनजी कंटेनर का विकास डीआरडीओर की दो प्रयोगशालाओं – विशाखापत्तनम स्थित एनएसटीएल और आगरा स्थित एडीआरडीई ने अपने उद्योग साझेदार मैसर्स अवान्‍टेल के साथ मिलकर किया है। मैसर्स अवान्‍टेल ने इसके लिए जीपीएस समेकन का काम किया है। सहायक-एनजी, सहायक एमके-1 का आधुनिक संस्‍करण है। नव विकसित जीपीएस समर्थित कंटेनर 50 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है और इसे किसी भारी विमान से सतह पर उतारा जा सकता है।

रक्षा विभाग के अनुसंधान एवं विकास सचिव और डीआरडीओ के अध्‍यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों, भारतीय नौसेना और उसके सहायक उद्योग साझीदार को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी।    

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एमजी/एएम/एसएम/जीआरएस



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