विधि एवं न्‍याय मंत्रालय

राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति को डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्लेटिनम अवार्ड प्रदान किया

Posted On: 30 DEC 2020 6:59PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति ने आज ऑनलाइन डिजिटल इंडिया पुरस्कार समारोह में सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति को डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्लेटिनम अवार्ड से सम्मानित किया।

सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति द्वारा परिकल्पित और न्याय विभाग एवं एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना केन्द्र) के साथ मिलकर कार्यान्वित ई-कोर्ट्स परियोजना, भारत सरकार की एक मिशन मोड परियोजना है। यह परियोजना एक सफल ई-गवर्नेंस परियोजना का उदाहरण पेश करते हुए देश के मुकदमा करने वाले लोगों और आम नागरिकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है। मिशन मोड परियोजना श्रेणी में शीर्ष पर रहने वाली इस परियोजना के तहत 14 दिसंबर 2020 तक 232,42,83,034 करोड़ ई-लेन-देन दर्ज किए गए थे, जोकि प्रतिदिन 67.06 लाख की दर से (ई-ताल वेबसाइट के अनुसार) वर्ष 2020 में 343 दिनों के लिए औसत ई-लेन-देन था।

कोई भी नागरिक 3293 न्यायालय परिसरों से जुड़ी ई-कोर्ट्स सर्विसेज वेबसाइट, मोबाइल ऐप, एसएमएस, ई-मेल सेवा के जरिए कहीं से और किसी भी समय केस की स्थिति, अभियोग सूची और कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, नागरिकों/वादियों/वकीलों के लिए 13.79 करोड़ मुकदमों, 13.12 करोड़ आदेश और निर्णय की जानकारी 24x7 ऑनलाइन बिना किसी शुल्क के उपलब्ध है। महामारी के दौरान ई-कोर्ट्स परियोजना द्वारा मुहैया करवाए गए डिजिटल अवसंरचना का उपयोग करते हुए 55,417,58 मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए की गई। इस परियोजना ने पूरे देश में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुकदमों की सुनवाई करने के मामले में भारतीय न्यायालयों को विश्व में अग्रणी बना दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति में बतौर मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे, भारत के मुख्य न्यायाधीश; अध्यक्ष, डॉ. न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय; उपाध्यक्ष, श्री न्यायमूर्ति आर.सी. चव्हाण, पूर्व न्यायाधीश, बम्बई उच्च न्यायालय और चार सदस्य शामिल हैं।

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