विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव- आईआईएसएफ 2020 के पहले दिन एक साथ सबसे अधिक संख्या में बच्चों ने सौर घड़ी (सन डायल) बनाकर गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया
139 स्कूलों के 6,874 बच्चों ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिनमें से 130 बच्चे लंदन के भी शामिल थे
आईआईएसएफ 2020 के एक हिस्से के रूप में 'मेगा साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री एक्सपो' का भी शुभारंभ हुआ, जिसमें विज्ञान और उद्योग क्षेत्रों से संबंधित 400 से ज़्यादा संस्थानों ने भाग लिया
6वें आईआईएसएफ-2020 के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक 'स्टूडेंट साइंस विलेज -मेगा साइंस हब’ की भी शुरुआत की गई
Posted On:
22 DEC 2020 10:30PM by PIB Delhi
आईआईएसएफ-2020
![http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0031R6G.jpg](http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0031R6G.jpg)
आईआईएसएफ-2020 के पहले दिन गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (जीडब्ल्यूआर) कार्यक्रम में 50 छात्रों को आज नई दिल्ली में सीएसआईआर- राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास अध्ययन संस्थान- एनआईएसटीएडीएस के खुले पार्क क्षेत्र में इकट्ठा किया गया। इस आयोजन में लगभग 6,874 से अधिक छात्र वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। इस गतिविधि में, बच्चों ने धूप-छाया और समय यंत्र के साथ सौर घड़ी किट को संकलित किया। इस प्रकार से गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नामांकन के लिए सौर घड़ी बनाने हुए बच्चों को सबसे बड़ी संख्या में एकत्रित करने का प्रयास किया गया। लंदन की एक विशेषज्ञ महिला सुश्री सोफिया ने इस कार्यक्रम में ऑनलाइन हिस्सा लिया और उन्होंने बताया कि, लंदन में 130 छात्रों ने सौर घड़ी किट बनाने का प्रयास किया और वे इसे संकलित करने में सफल रहे। यह आईआईएसएफ-2020 की गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड इवेंट की पहली गतिविधि थी।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने स्कूली बच्चों को बधाई दी और उन्हें रोज़मर्रा के जीवन में विज्ञान को शामिल कर इसे आगे बढ़ाने तथा इसका आनंद लेने के लिए प्रेरित किया। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, हजारों बच्चों की वर्चुअल माध्यम से भागीदारी अपने आप में एक अनूठी उपलब्धि है और मुझे उम्मीद है कि, इस तरह की गतिविधियों से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का एहसास होगा।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मंडे, सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संयोजक सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे और आईआईएसएफ-2020 के समन्वयक (सचिवालय) डॉ. अरविंद सी रानाडे भी इस मौके पर उपस्थित थे।
![http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003CSE4.jpg](http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003CSE4.jpg)
![http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0044IQA.jpg](http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0044IQA.jpg)
एक अन्य कार्यक्रम में आज डॉ. हर्षवर्धन ने 'स्टूडेंट साइंस विलेज- मेगा साइंस हब' का उद्घाटन किया, जो कि 6वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2020 के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है, जिसे सीएसआईआर-एनआईएसटीएडी नई दिल्ली द्वारा समन्वित किया गया है। इस अवसर पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप; एनसीईआरटी नई दिल्ली के निदेशक डॉ. श्रीधर श्रीवास्तव, विभा के महासचिव डॉ. सुधीर एस. भदौरिया, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ भी मौजूद थे। इसके अतिरिक्त अनेक अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के कोने-कोने से छात्रों ने ऑनलाइन माध्यम से इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम "स्कूल साइंस फॉर सस्टेनेबिलिटी - निरंतरता के लिए विज्ञान विद्यालय" है जिसका मुख्य उद्देश्य विज्ञान को सुखद बनाना है। कोविड-19 महामारी के कारण स्टूडेंट साइंस विलेज के इस वर्ष के संस्करण को ऑनलाइन मंच के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। विज्ञान गाँव का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत के छात्रों का सही मार्गदर्शन करना और उन्हें विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की नई चुनौतियों एवं उपलब्धियों से अवगत कराना है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना से जुड़ा हुआ है। संसद सदस्यों के द्वारा छात्रों के नामांकन के अलावा, देश भर के सभी छात्रों को विज्ञान महोत्सव में शामिल होने के लिए मुफ्त प्रवेश सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के लिए रचनात्मक नवीन विचारों को साझा किया जा सके।
देश के विभिन्न हिस्सों के 30,000 से अधिक छात्रों ने छात्रों के विज्ञान ग्राम में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है। विशेषज्ञों और प्रख्यात वैज्ञानिकों के दल भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित में अनेक प्रयोगों पर अपने विचार सामने रखेंगे और उनका प्रदर्शन करेंगे। इंटरएक्टिव वैज्ञानिक चर्चा, अभिनव प्रयोगों, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के माध्यम से आयोजन में जुड़ने के बाद छात्रों को अपने वैज्ञानिक कौशल और ज्ञान को बढ़ावा देने तथा विज्ञान में उनकी उत्कृष्टता के लिए मार्ग प्रशस्त करने की उम्मीद है। यह समझा जाता है कि 'साइंस विलेज 2020' के ज़रिये छात्रों के बीच बहुत कम उम्र से ही वैज्ञानिक भावना विकसित करने का सही वैश्विक अनुभव साझा होगा।
केंद्रीय मंत्री ने आईआईएसएफ-2020 के एक हिस्से के रूप में 'मेगा साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री एक्सपो' का भी उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में वैज्ञानिक और उद्योग क्षेत्रों के 400 से अधिक संस्थान शामिल हुए हैं। यह एक्सपो पूरे आईआईएसएफ-2020 आयोजन के दौरान 24 घंटे खुला रहेगा और हमेशा लोगों के लिए आकर्षण एक बड़ा केंद्र रहा है। इसका उद्देश्य वैश्विक दर्शकों के समक्ष विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय विज्ञान क्षमता को प्रदर्शित करना है।
डॉ. हर्षवर्धन ने प्रसन्नता व्यक्त की कि, चूंकि यह 24x7 दिन खुला रहेगा, तो कोई भी किसी भी समय इसे देख सकता है और हर मंडप का आनंद ले सकता है। इस अवसर पर एक प्रदर्शन का भी आयोजन किया गया। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मंडे, सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संयोजक सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे और कई अन्य लोग भी इस दौरान ऑनलाइन मौजूद थे।
![http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005O6VT.jpg](http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005O6VT.jpg)
![http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0062M9R.jpg](http://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0062M9R.jpg)
***
एमजी/एएम/एनके/डीसी
(Release ID: 1682931)
Visitor Counter : 219