वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री पीयूष गोयल ने ब्रेक्जिट के बाद यूनाइटेड किंगडम और भारत पर आयोजित सीआईआई सम्मेलन को संबोधित किया;  श्री गोयल ने कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग बढ़ाने के लिए वस्तु और सेवा क्षेत्र में संभावनाएं तलाश रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुक्त व्यापार समझौते के फ्रेमवर्क के तहत अर्ली हार्वेस्ट प्रस्ताव को यूनाइटेड किंगडम स्वीकार कर लेगा।

Posted On: 17 DEC 2020 6:40PM by PIB Delhi

रेल, वाणिज्य और उद्योग एवं खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज ब्रेक्जिट के बाद यूनाइटेड किंगडम और भारत पर आयोजित सीआईआई के सम्मेलन को यूनाइटेड किंगडम के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड श्री ट्रस लिज के साथ संबोधित किया।

श्री गोयल ने कहा भारत, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री श्री बोरिस जॉनसन को अगले साल 71वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में मेजबानी करने पर खासा उत्साहित है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक यात्रा दोनों देशों के संबंधो के लिए बहुत मायने में नए बदलाव की गवाह होगी।

श्री गोयल ने उम्मीद जताई है कि मुक्त व्यापार समझौते के फ्रेमवर्क के तहत अर्ली हार्वेस्ट प्रस्ताव को यूनाइटेड किंगडम स्वीकार कर लेगा। जिसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्ली हार्वेस्ट प्रपोजिशन से हमारी राह आसान होगी और मुझे पूरी उम्मीद है कि दोनों देश के लोग बेहतरीन फलों के स्वाद का आनंद ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि हम आपस में व्यापार सहयोग बढ़ाने के लिए वस्तु और सेवा क्षेत्र में संभावनाएं तलाश रहे हैं। हम अर्ली हार्वेस्ट समझौते को मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में एक विकल्प के रूप मे देख रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच इसके लिए हाल ही में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। और दोनों देश अब जल्द ही किसी फैसले पर पहुंचने के करीब हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश संस्कृति और इतिहास के आधार पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसी धरोहर की वजह से दोनों देश एक-दूसरे के स्वाभाविक साथी हैं। हम इस रिश्ते को और आगे बढ़ा रहे हैं, जिसे वह कहीं ज्यादा मजबूत और लचीला बना सके।

श्री गोयल ने कहा कि भारत ऐसी उम्मीद करता है कि वह न केवल एक आत्मविश्वास से भरी अर्थव्यवस्था बने, बल्कि दुनिया को भरोसे के साथ जोड़कर एक भरोसेमंद सहयोगी भी बने। उन्होंने कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम के संबंध दोनों के लिए हितकारी हैं और उसी आधार पर उनके संबंधों का विस्तार भी होगा।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध परखे हुए भी है, आज उसमें राजनीतिक, कारोबारी और सामाजिक स्तर पर नई जान फूंकने की जरूरत है।

श्री गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नागरिकों के आने-जाने की प्रक्रिया को आसान करने और बड़ी मात्रा में निवेश के लिए मिलकर काम करने के लिए सहमत हो गए हैं। यह पहल दोनों के लिए बड़ा कदम साबित होगी।

श्री गोयल ने कहा कि दोनों देश, अपने संबंधों की सफलता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि दोनों देश आपसी चर्चा से वहां के नागरिकों के फायदे के लिए एक सुखद रास्ता तैयार करेंगे।

न्यू इंडिया के बारे में बात करते हुए श्री गोयल ने कहा कि लगातार परिवर्तनकारी ढांचागत सुधारों के जरिए भारत एक संभावनाओं और संपन्नता वाले देश के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में एक स्थायी सरकार हैं, यहां पर जमीन की उपलब्धता है, कुशल मानव संसाधन और भरोसेमंद जरूरी सुविधाएं, मित्रवत नीति, कानून का राज है, तय नीतिगत फ्रेमवर्क और पारदर्शी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि देश में बहुत से सेक्टर को बाजार के लिए खोला गया है। उन्होंने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम की भी चर्चा की, उनके अनुसार इस कार्यक्रम के जरिए दुनिया के लिए मेक इन इंडिया को मदद मिलेगी। उन्होंने इस दिशा में दुनिया के विभिन्न कारोबारियों द्वारा किए गए प्रयासों का भी स्वागत किया है। उन्होंने कहा हम प्रतिबद्धता के साथ फैसले ले रहे हैं, उसके लिए काम कर रहे हैं। जिसके जरिए हम अपनी आकांक्षाओं को पूरा करते हुए बेहतर संबंध भी बना रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि दोनों देश एक समान लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम का नया ग्लोबल टैरिफ दो हफ्ते में लागू हो जाएगा। जो कि मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में अहम कदम होगा।

श्री गोयल ने कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच 6-7 सेक्टर की हमने पहचान की है। जहां पर एक-दूसरे के साथ मिलकर प्रमुख रूप से सहयोग बढ़ाएंगे। सभी पहचान किए गए क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। और भारत, किसी भी यूनाइटेड किंगडम की कंपनी को भारत में निवेश के लिए पूरे लाइफ साइकल के लिए सहयोग देने में खुशी महसूस करेगा।

मंत्री ने इसके अलावा भारतीय रेल का भी उल्लेख किया, जिसमें बड़े पैमाने पर आमूल-चूल बदलाव किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल दुनिया की सबसे बड़ा रेल नेटवर्क होगा जो कि पूरी तरह से विद्युतीकृत होगी।

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