कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का क्रियान्वयन


खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के दौरान धान की खरीद 356.18 लाख मीट्रिक टन से अधिक हुई; इस दौरान 20.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई

805262 किसानों से 12150.84 करोड़ रुपये मूल्य की 4152628 कपास गांठे खरीदी गईं

Posted On: 09 DEC 2020 5:44PM by PIB Delhi

खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के दौरान सरकार द्वारा अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद की प्रक्रिया जारी है, जिस प्रकार से विगत वर्षों में होती रही है।


खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद सुचारु रूप से चल रही है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार से धान की खरीद की जा रही है। 8 दिसंबर 2020 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 356.18 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है, जबकि समान अवधि के तुलना में पिछले वर्ष केवल 295.79 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। इस वर्ष में अब तक हुई धान की खरीद में पिछले वर्ष के मुक़ाबले 20.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 356.18 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 202.77 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 56.93 प्रतिशत है।


धान की खरीद के ज़रिये लगभग 37.38 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार 67248.22 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।


इसके अलावा प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 48.11 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

08.12.2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 143425.38 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस खरीद से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 81301 किसानों को 770.84 करोड़ रुपये की आय हुई है।

इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए 08.12.2020 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। हालांकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 293.44 मीट्रिक टन खोपरा की खरीद की गई थी। खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है। इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन फसलों के आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।


न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत ही पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा और कर्नाटक राज्यों से कपास की खरीद का कार्य सुचारु रूप से जारी है। दिनांक 8 दिसंबर 2020 तक 805262 किसानों से 12150.84 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 4152628 गांठों की खरीद की जा चुकी है।

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