रक्षा मंत्रालय
अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) में नौसेना दिवस 2020 मनाया गया
Posted On:
03 DEC 2020 10:37PM by PIB Delhi
हर साल दिसंबर की चार तारीख को नौसेना दिवस मनाया जाता है। राष्ट्र और भारतीय नौसेना के इतिहास में इस दिन का बहुत महत्व है क्योंकि यह भारत के लिए एक निर्णायक जीत का प्रतीक है, जब 1971 के भारत-पाक युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान भारतीय नौसेना की मिसाइल नौकाओं ने कराची में पाकिस्तान के जहाजों, तेल प्रतिष्ठानों और तट रक्षा प्रतिष्ठानों पर सफलतापूर्वक अपनी मिसाइलें दागी थीं। 1971 के अभियानों के दौरान, भारतीय नौसेना ने युद्धक रसद के प्रयासों और महत्वपूर्ण भंडारों को ले जाने वाले कई पाकिस्तानी जहाजों को डूबा दिया। आईएनएस विक्रांत के डेक से लड़ाकू विमान, दुश्मन के बंदरगाह और चटगांव व खुलना में हवाई पट्टियों पर हमला किया और जहाजों, रक्षा सुविधाओं और प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया गया। कराची में दोनों मिसाइल हमले और विक्रांत के हवाई हमलों ने पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेनाओं को हरा दिया।
बीते सालों में, भारतीय नौसेना के जहाजों और विमानों ने समुद्रों में लगातार गश्त की है। अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) के जहाजों ने मलक्का के जलडमरूमध्य में निर्बाध सतर्कता बनाए रखी, जो दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक है, जो कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से सिर्फ 80 किलोमीटर दक्षिण में है। कोविड-19 महामारी के बावजूद हमारे जहाजों ने क्षेत्र में बेहतर समझ, तालमेल और सहयोग की पुन: पुष्टि करने के लिए मित्र पड़ोसी देशों की नौसेनाओं के साथ काम किया और अभ्यास किया। कमान के जहाजों ने ‘मिशन सागर’ और ‘समुद्र सेतु’ में भाग लिया और महामारी के कारण अभूतपूर्व मानवीय संकट से निपटने में मदद दी और विदेशों से और देश के भीतर बड़ी संख्या में कर्मियों को लाने और ले जाने में भूमिका निभायी। हिंद महासागर क्षेत्र के कई द्वीपीय देशों के विशेषज्ञ चिकित्सा कर्मियों के साथ 500 टन से अधिक आपातकालीन राशन और चिकित्सा सहायता प्रदान कर एएनसी के आईएनएस केसरी ने ‘मिशन सागर’ में तैनाती के दौरान अपनी अलग पहचान बनायी। नौसेना की परिसंपत्ति ने द्वीपों को कई तरीकों से मदद करने में अंडमान और निकोबार प्रशासन को सहायता प्रदान की।
इस महत्वपूर्ण दिन को मनाने और भारतीय नौसेना के बारे में सामान्य जागरूकता बढ़ाने के लिए, हर साल भारतीय नौसेना द्वारा सामुदायिक गतिविधियां, धूमधाम और विस्तृत समारोहों का आयोजन किया जाता है। हालांकि, कोविड-19 महामारी की स्थिति और उससे जुड़े प्रतिबंधों के कारण, इस वर्ष नौसेना दिवस के लिए योजनाबद्ध कार्यक्रमों को सीमित रखा गया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इस वर्ष की योजनाबद्ध गतिविधियों में 1971 के युद्ध में शहीद हुए बहादुर सैनिकों और इस महान राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुरों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध स्मारक पर पारंपरिक माल्यार्पण समारोह शामिल हैं। हाशिये के लोगों और जरूरतमंद बच्चों को सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न सामुदायिक आउटरीच गतिविधियों का आयोजन किया गया और स्कूल व कॉलेज के छात्रों को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने की संभावनाओं की सूचना देने के बारे में लिए एक वेबिनार किया गया। मरीना पार्क के पास नौसेना जहाजों द्वारा रोशनी, पोस्टरों और बैनरों का प्रदर्शन तथा वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे जैसे प्रमुख स्थान के साथ ही मोबाइल फ्लेटफार्मों पर भी एक नौसेना टेलीफिल्म की स्क्रीनिंग की भी योजना है।
‘हमले के लिए तैयार, विश्वसनीय और समन्वित’ भारतीय नौ सेना भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए दृढ़तापूर्वक प्रतिबद्ध है और नौसेना दिवस 2020 के अवसर पर खुद को राष्ट्र और अपने लोगों की सेवा में फिर से समर्पित करता है।
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