पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
भारतीय मौसम विभाग ने 22 से 27 नवंबर, 2020 के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान "निवार" पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की
भारतीय मौसम विभागने इस घटना से पहले काफी सटीकता के साथ इसके निगरानी, तट से टकराने तीव्रता और प्रतिकूल मौसमी दशाओं जैसे भारी बारिश तथा तेज हवाओं सहित अन्य सभी कारकों का अनुमान लगाया था इसकी वजह से लोगों को नुकसान को कम किया गया
भारतीय मौसम विभाग ने उत्तरी हिंद महासागर पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी और चक्रवात पर 5 नवंबर से लगातार नजर रखी गई जो निम्न दबाव बनने से 16 दिन पहले कीअवधि थी
भारतीय मौसम विभागने इस चक्रवाती प्रणाली के बारे में भारी बारिश और तेज हवाएं को लेकर नियमित एडवाइजरी जारी की
भारतीय मौसम विभागकीसभी वेबसाइटों पर ये एडवाइजरी अपलोड की गई थी;फ़ेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप इत्यादि सहित सभी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर भी चेतावनी अपलोड की गई और राष्ट्रीय स्तर के आपदा प्रबंधकों और सम्बद्ध राज्यों के मुख्य सचिवों को भी एसएमएस भेजे गए
प्रविष्टि तिथि:
29 NOV 2020 12:38PM by PIB Delhi
भारतीय मौसम विभाग की चक्रवाती चेतावनी इकाई ने 22 से 27 नवंबर, 2020 के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान "निवार" पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा की गई है:
21 नवंबर को भूमध्यरेखीय हिंद महासागर (ईआईओ) और इससे सटीदक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों में कम दबाव का क्षेत्र बना। यह 23 नवंबर के शुरुआती घंटों (0230 बजे) में बहुत ही दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर जाकर यह 23 नवंबर की शाम को गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल गया तथा 24 नवंबर तड़के दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान निवार में बदल गया। इसके बाद, यह 24 तारीख की अर्धरात्रि (2330 बजे) में एक बहुत ही भीषण गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप लेते हुए। 25 नवंबर दोपहर (1430 बजे) में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में तबदील हो गया।
उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, यह 25 नवंबर (2330 बजे) से 26 नवंबर (0230 बजे) एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पुदुचेरी के पास तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों को पार कर गया। (लगभग 12.1° उत्तरी अक्षांश और 79.9° पूर्वीदेशान्तर)। इस समय हवाओं की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे लेकर 135 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई थी।
उत्तर तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश की ओर जाते हुए यह दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और समीपर्ती मध्य बंगाल की खाड़ी में 27 नवंबर सुबह (0530 बजे)कम दबाव वाले क्षेत्र में परिवर्तित होकर कमजोर हो गया।
भारतीय मौसम विभाग ने उत्तरी हिंद महासागर पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी और चक्रवात पर 5 नवंबर से लगातार नजर रखी गई जो निम्न दबाव बनने से 16 दिन पहले की अवधि थी। चक्रवात की निगरानी इन्सैट 3डी और 3डीआर, एससीएटी सैट, ध्रुवीय परिक्रमा उपग्रहों और क्षेत्र में उपलब्ध जहाजों और ओर क्षेत्र में उपलब्ध निगरानी प्रणालियों से की गई।
चक्रवाती तूफान पर निगरानी डॉपलर वेदर राडार (डीडब्ल्यूआर) चेन्नई, कराईकल और श्रीहरिकोटा द्वारा भी की गई थी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों (आईएमडी, आईआईटीएम, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ, आईएनसीओआईएस) की और से दिये गये अनुमान संबंधी मॉडल, वैश्विक मॉडल और गतिशील-सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग चक्रवात की उत्पत्ति, इस पर नजर रखने, तट से टकराने और तीव्रता की भविष्यवाणी करने के लिए किया गया था।
भारतीय मौसम विभाग की डिजीटल पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग चक्रवात के विश्लेषण में किया गया था इसके अलावा विभिन्न मॉडलों की तुलना कर इससे संबंधित चेतावनी जारी की गई थी।
भारतीय मौसम विभागने चक्रवात से जुड़े विभिन्न प्रतिकूल प्रभावों भारी बारिश और तेज हवाओं को लेकर नियामित रूप से एडवाइजरी जारी की।
राष्ट्रीय स्तर के आपदा प्रबंधकों और तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल और लक्षद्वीप के मुख्य सचिवों को कुल 38 बुलेटिन जारी किये गये।
इसके अलावा,24 नवंबर को भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक ओर से 7 प्रेस विज्ञप्ति और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के लिए 6 बुलेटिन, नागरिक उड्डयन के लिए 13 बुलेटिन जारी किये गये और मौसम विभाग उपमहाप्रबंधक तथा एनडीआरएफके महानिदेशक ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।
भारतीय मौसम विभागकी सभी वेबसाइटों परwww.mausam.imd.gov.inऔर www.rscmcnewdelhi.imd.gov.inपर 3 घंटे की एडवाइजरी अपलोड की गई थी। चक्रवाती तूफान के तट टकराने से 12 घंटे पहले प्रत्येक घंटे बुलेटिन जारी किये गये।
भारतीय मौसम विभाग ने काफी समय पहले तूफान पर नजर रखी, और इसके तट से टकराने तीव्रता और प्रतिकूल मौसम दशाओं जैसे भारी वर्षा और तेज हवाओं सहित सभी संबंधित सुविधाओं का सटीक अनुमान लगाया गया था। इस प्रकार इससे होने वाले नकुसान को कम किया जा सके।
यह रिपोर्ट आरएसएमसी की वेबसाइट पर पब्लिकेशन सेक्शन के तहत और मौसम वेबसाइट पर साइक्लोन सेक्शन के तहत उपलब्ध है:
http://www.rsmcnewdelhi.imd.gov.in/images/pdf/publications/preliminary-report/nivar20.pdf
विस्तृत रिपोर्ट के लिए कृपया यहां क्लिक करें।
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एमजी/एएम/जेके/एनके
(रिलीज़ आईडी: 1676987)
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