रक्षा मंत्रालय

परियोजना 17ए श्रेणी के रेडार से बच निकलने वाले तीसरे युद्धपोत के लिए जहाज का पेंदा लगाया गया

Posted On: 10 SEP 2020 6:49PM by PIB Delhi

भारतीय नौसेना के सीओएम और सीडब्‍ल्‍यूपी और ए वाइस एडमिरल एस.आर. सरमा और अतिरिक्‍त सचिव (रक्षा उत्‍पादन) श्री वी.एल. कांता राव ने 10 सितंबर, 2020 को प्रतिष्ठित पी 17ए श्रेणी के रेडार से बच निकलने वाले तीसरे युद्धपोत (यार्ड- 12653) के लिए जहाज का पेंदा लगाया। वाइस एडमिरल आर.बी. पंडित, चीफ ऑफ स्टाफ, एचक्यूडब्ल्यूएनसी और वाइस एडमिरल नारायण प्रसाद (सेवानिवृत्त) - सीएमडी एमडीएल की उपस्थिति में ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से समारोह आयोजित किया गया।

पी 17ए श्रृंखला के तहत सात युद्धपोतों का निर्माण किया जाएगा जिनमें से चार का निर्माण एमडीएल में और तीन का जीआरएसई में एमडीएल के साथ लीड यार्ड के रूप में किया जा रहा है। पी 17ए श्रेणी के युद्धपोत को स्वदेशी रूप से विकसित स्टील का उपयोग करके बनाया जा रहा है और इसमें एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम के साथ हथियार और सेंसर लगाए गए हैं। इन जहाजों की रेडार से बच निकलने की विशेषता होती है।

पी 17ए जहाजों का निर्माण आधुनिक तकनीक इंटीग्रेटेड कंस्ट्रक्शन (आईसी) को अपनाने के तरीके से युद्धपोत निर्माण की अवधारणा से भिन्न है, जहां युद्धपोतों के शामिल होने से पहले उनके निर्माण की अवधि कम करने के लिए ब्लॉक पहले से ही निर्मित किए जाते हैं। इनका जलावतरण करते समय प्लेटफॉर्म भारतीय नौसेना के बेड़े की युद्धक क्षमता को बढ़ाएगा।

समारोह में डीजीएनडी रियर एडमिरल जी.के. हरीश, निदेशक (सीपी और पी), एमडीएल, कमोडोर टी.वी. थॉमस (भारतीय नौसेना सेवानिवृत्‍त), निदेशक (जहाज निर्माण) रियर एडमिरल ए.के. सक्सेना (सेवानिवृत्त), कमांडर जसबीर सिंह (भारतीय नौसेना सेवानिवृत्‍त), निदेशक,एमडीएल(एस और एचई), निदेशक,एमडीएल, (वित्त) श्री संजीव सिंघल, सीवीओ, एमडीएल श्री महेश चंद्रा एमडीएल और नौसेना के वरिष्‍ठ अधिकारियों और युद्धपोत निरीक्षण दल सहित ई-समारोह के माध्यम से शामिल हुए।

 

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