वित्‍त मंत्रालय

मौजूदा आंशिक ऋण गारंटी योजना में संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी


सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा डबल ए या उससे नीचे की रेटिंग वाले बॉन्ड और व्यावसायिक पत्रों की खरीद के लिए पोर्टफोलियो गारंटी

Posted On: 20 MAY 2020 2:32PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मौजूदा आंशिक ऋण गारंटी योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा माइक्रो फाइनेंस कंपनियों, सार्वजनिक बैंकों, आवास वित्‍त कंपनियों और गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता अवधि वाले उच्च रेटिंग तथा बिना रेटिंग वाले साख पत्र खरीदने पर पहली दफा होने वाले 20 प्रतिशत तक के नुकसान की भरपाई की गांरटी की व्यवस्था की गई है।

मंत्रिमंडल ने मौजूदा पीसीजीएस के तहत समूह में साथ लाई गई परिसंपत्तियों की खरीद पर संशोधनों को भी मंजूरी दे दी, जिससे इसकी कवरेज निम्नानुसार बढ़ गई है-

· इस योजना के दायरे में वे गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां (एनबीएफसी)/आवास वित्‍त कंपनियां (एचएफसी) आएंगी, जो 01 अगस्‍त, 2018 से पहले की एक वर्ष की अवधि के दौरान संभवत: 'एसएमए-1' श्रेणी में शामिल हैं। इससे पहले 'एसएमए-2' श्रेणी में शामिल कंपनियां भी इसके दायरे में रखी गई थीं।

· गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों/आवास वित्‍त कंपनियों के शुद्ध लाभ के मानकों में भी बदलाव किया गया है। अब योजना के दायरे में ऐसी कंपनियां आएंगी जिन्होंने वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में से कम से कम एक वित्तीय वर्ष में लाभ अर्जित किया हो। इससे पहले गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों/आवास वित्‍त कंपनियों को वित्त वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में से किसी एक वित्तीय वर्ष में लाभ अर्जित किया होना चाहिए था।

· परिसंपत्तियों के शुरू होने की तारीख को लेकर भी संशोधनों के तहत कुछ रियायतें दी गई हैं। ये रियायत उन परिसंपत्तियों के मामले में होंगी, जो इनीशियल पूल रेटिंग के कम से कम छह महीने पहले अस्तित्व में आई हों। इसके पहले 31 मार्च 2019 तक अस्तित्व में आई परिसंपत्तियों को ही ऐसी रियायत देने का प्रावधान था।

· समूह में साथ लाई गई परिसंपत्तियों की खरीद योजना की अवधि को 30 जून 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है।

मौजूदा आंशिक ऋण गांरटी योजना के तहत वित्‍तीय दृष्टि से मज़बूत एनबीएफसी की कुल एक लाख करोड़ रुपये मूल्‍य की उच्‍च रेटिंग वाली संयोजित परिसंपत्तियों की खरीद के लिये सरकार द्वारा 10 प्रतिशत तक के प्रथम नुकसान के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एकबारगी 6 माह की आंशिक ऋण गारंटी देने की व्यवस्था है। कोविड के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से इन कंपनियों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका अदा करने वाली इन वित्तीय कंपनियों को ऐसे समय में सहारे की जरुरत है इसलिए सरकार ने आंशिक ऋण गांरटी योजना में संशोधन को मंजूरी दी है।

कार्यान्वन संबंधी कार्यकम :

भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित यह एकमुश्त आंशिक ऋण गारंटी की यह विंडो एक समूह में साथ लाई गई परिसंपत्तियों की खरीद के लिए 31 मार्च, 2021 तक और बॉन्ड/सीपी की खरीद के लिए इस योजना के तहत निर्दिष्ट अवधि या ऐसी तारीख तक के लिए खुली रहेगी जिसमें 10,000 करोड़ रुपए मूल्य की गारंटी, जिसके तहत एक समूह में साथ लाई गई परिसंपत्ति और बॉन्ड/सीपी की खरीद की गारंटी शामिल है, सरकार द्वारा प्रदान की जाती है, इसमें से जो भी पहले हो।

कोविड के कारण गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों और एचएफसी की परिसंपत्तियों की साख बुरी तरह प्रभावित हुई है। इससे ऋण कारोबार भी मंद हुआ है। इसकी सबसे ज्यादा मार सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्योगों पर पड़ी है जो इन कपंनियों से कर्ज लेते हैं।

मौजूदा परिदृश्य में सरकार ने इन कंपनियों के लिए आंशिक ऋण गांरटी योजना में संशोधन कर बहुत राहत पहुंचाने का काम किया है।

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एएम/एमएस



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