विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

मोटापे और पेट के कैंसर के बीच संबंध की आणविक स्तर पर खोज की गई

Posted On: 13 MAR 2020 3:51PM by PIB Delhi

सीधे तौर पर मोटापा कैंसर का कारण नहीं है। लेकिनकैंसर रोगी के मोटे होने के आधार पर कैंसर का व्यवहार और पूर्वानुमान भिन्न हो सकते हैं। कई अलग-अलग कारक मोटापे का कारण बन सकते हैं। प्राकृतिक तौर पर इसकी एक बड़ी वजह अनुवांशिक है। डीएनए में एक म्यूटेशन या मामूली बदलाव से कोई व्यक्ति मोटा हो सकता है। लेप्टिन सिग्नलिंग पाथवे को निष्क्रिय बनाकर ऐसा होना संभव है। लेप्टिन सिग्नलिंग पाथवे भोजन की मात्राऊर्जा की खपत और शरीर में वसा सामग्री को विनियमित करने में अपनी भूमिका निभाता है।

लेप्टिन की कमी से उत्पन्न मोटापे का कैंसर पर प्रभाव निर्धारित करने के लिएपुणे के राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (नेशनल सेंटर फ़ॉर सेल साइंस) (एनसीसीएस) के डॉ. मनोज कुमार भट और उनकी अनुसंधान टीम ने आहार-प्रेरित मोटापे तथा आनुवांशिक रूप से जुड़े मोटापे के कारण बृहदान्त्र कैंसर के मामले और इसकी वृद्धि में अंतर का अध्ययन किया।

प्रयोगशाला में उत्पन्न किये गए चूहों के अध्ययन से इन दो समूहों के बीच महत्वपूर्ण अंतर का पता चला। इसके अलावाइन अंतरों को दो महत्वपूर्ण अणुओंलेप्टिन और टीएनएफ अल्फा के बीच संतुलन के बीच दृढ़ संबंध पाया गयाजो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को प्रभावित करते हैं। इन अध्ययनों को संस्थागत पशु आचार समिति के अनुमोदन से लागू किया गयाजिसमें लागू नियमों के अनुसार मानवीय और नैतिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया। उन्होंने बृहदान्त्र कैंसर के संदर्भ में आहार-प्रेरित और आनुवांशिकी-संबंधित मोटापे के बीच आणविक संबंधों में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की है। कैंसर के प्रबंधन के प्रति किसी प्रभाव तथा संबद्धता के निर्धारण के लिए, ये निष्कर्ष और अधिक गहन नैदानिक​​अध्ययनों के लिए प्रेरित करते हैं।

 

***

एएम/एसकेएस/सीएस-6264


(Release ID: 1606330) Visitor Counter : 258
Read this release in: English , Urdu