रक्षा मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा- 2019, रक्षा मंत्रालय

Posted On: 27 DEC 2019 6:14PM by PIB Delhi

 रक्षा मंत्रालय के लिए वर्ष 2019 कई उल्लेखनीय घटनाक्रमों से भरा रहा। देश के उच्च रक्षा प्रबंधन में व्यापक सुधार के वास्ते सरकार ने चार सितारे वाले जनरल की रैंक के साथ एक सेवा प्रमुख के समान वेतन और अनुलाभ वाले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद तैयार किया। सीडीएस, रक्षा मंत्रालय के अधीन गठित सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) का प्रमुख भी होगा और सचिव के रूप में कार्य करेगा। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2019 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इससे संबंधित ऐलान करते हुए कहा, भारत की रणनीति बंटी नहीं होनी चाहिए। हमारी पूरी सैन्य शक्ति को एकजुट होकर काम करना होगा और आगे बढ़ना होगा। तीनों (सेवाओं) को एक गति से आगे बढ़ना चाहिए। उनके बीच अच्छा समन्वय होना चाहिए और यह हमारे लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए। यह युद्ध के बदलते तौर तरीकों और दुनिया के सुरक्षा परिदृश्य की तर्ज पर होना चाहिए। इस पद (सीडीएस) के तैयार होने के बाद सभी तीनों बलों को शीर्ष स्तर पर एक प्रभावी नेतृत्व मिल सकेगा। इस फैसले से सैन्य बलों के बीच समन्वय में सुधार होगा और वे ज्यादा प्रभावी होंगी। रक्षा मंत्रालय और सैन्य बलों से संबंधित अन्य बड़े फैसले इस प्रकार हैं:

 

·      प्रधानमंत्री ने 25 जनवरी को इंडिया गेट के पास हुए एक औपचारिक समारोह में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को राष्ट्र के लिए समर्पित किया। स्मारक की स्थापना उन योद्धाओं की स्मृति में बनाया गया है, जिन्होंने 1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन बलिदान कर दिया था।

·      26 फरवरी की सुबह भारत ने खुफिया जानकारी के आधार पर बालाकोट, पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के एक बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में जेईएम के आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और जेहादी समूह के सदस्य मारे गए, जिन्हें फिदायीन हमलों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा था।

·      इस शिविर का अगुआई मौलाना यूसुफ अजहर कर रहा था, जो जेईएम के प्रमुख मसूद अजहर का साला है। यह 14 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा कराए गए पुलवामा आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया में उठाया गया कदम था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए थे।

·      यह भारतीय वायु सेना के लिए एक यादगार दिन था, जब रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अक्तूबर में फ्रांस के मेरिजनाक में राफेल लड़ाकू विमान के हस्तांतरण के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मीडियम मल्टी रोल लड़ाकू विमान से भारतीय वायुसेना को मजबूति मिलेगी और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हवा में उसके वर्चस्व में भी इजाफा होगा। रक्षा मंत्री ने इस लड़ाकू विमान में उड़ान भी भरी।

·      श्री राजनाथ सिंह सितंबर, 2019 में बंगलुरू में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एलसीए) हवाईअड्डे पर हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजसमें उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए।

·      3 अगस्त को रक्षा पीएसयू भारत डायनैमिक्स लिमिटेड के हैदराबाद स्थित परिसर में उसके स्वर्ण जयंती समारोह में रक्षा मंत्री को मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल भारतीय वायु सेना के लिए हस्तांतरित की गई।

·      श्री राजनाथ सिंह ने 18 जून को शांतिपूर्ण क्षेत्रों में तैनात तीन सैन्य बलों के अधिकारियों के लिए राशन इन काइंड की बहाली का एलान किया।

·      रक्षा मंत्री ने युद्ध में हताहतों के परिजनों क लिए वित्तीय सहायता चार बढ़ाने की मंजूरी देकर 2 लाख रुपये से 10 लाख रुपये कर दी। युद्ध हताहतों को सरकारी आवास में रहने की अवधि तीन महीने से बढ़ाकर एक साल किए जाने को स्वीकृति दे दी गई।

·      सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क और पुलों के माध्यम से संपर्क में सुधार के लिए रक्षा मंत्री ने 20 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में 617.40 मीटर लंबे बसंतर पुल, कठुआ जिले में एक किलोमीटर लंबे उज्झ पुल का शुभारंभ किया।

·      श्री राजनाथ सिंह ने 21 अक्तूबर को पूर्वी लद्दाख में दुरबुक और दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाले सामरिक लिहाज से अहम कर्नल चेवांग रिनशेन पुल का शुभारम्भ किया।

·      रक्षा मंत्री ने 15 नवंबर को अरुणाचचल प्रदेश के ईस्ट सियांग से लोअर दिबांग वैली को जोड़ने वाले सामरिक लिहाज से अहम सिसेरी रिवर ब्रिज का शुभारम्भ किया।

·      सरकार ने 25 दिसंबर, 2019 को सामरिक तौर पर अहम रोहतांग दर्रे के के नीचे बनी सुरंग को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करके उनके योगदान को सम्मान देने का फैसला किया, जिस दिन उनका जन्म दिन पड़ता है। रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक सुरंग के निर्माण का फैसला 03 जून, 2000 को हुआ था, जब स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) बड़ी भौगोलिक, दुर्गम और मौसम संबंधी चुनौतियों से पार पाने के लिए अथक परिश्रम किया, जिसमें 587 मीटर लंबा सेरी नालाह फॉल्ट जोन का सबसे ज्यादा दुर्गम हिस्सा शामिल है।

·      श्री राजनाथ सिंह ने गोवा तट पर 9 सितंबर को आईएनएस विक्रमादित्य पर पूरा एक दिन बिताया। इस दौरान वह भारतीय नौसेना के सबसे बड़े जहाज पर रुके और रक्षा मंत्री इस दौरान लड़ाकू विमान से गोलीबारी और विमान वाहक पोत से हेलिकॉप्टर द्वारा रात्रि उड़ान परिचालन सहित व्यापक नौसेना परिचालन के गवाह बने।

·      20 फरवरी को तत्कालीन रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बंगलुरू में 12वें द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया, जिसमें 600 से ज्यादा भारतीय और 200 विदेशी कंपनियों ने भागीदारी की। इस कार्यक्रम में 61 विमानों ने हिस्सा  लिया।

·      रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने देश में एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता के प्रसार के लिए स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 7 दिसंबर को दिल्ली कैंट में विशेष स्वच्छता जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने क्षेत्र में कचरा उठाकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कचरा और एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को बीनने में स्कूली बच्चों सहित 3,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।

 

 द्विपक्षीय रक्षा सहयोग

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, रूस, यूक्रेन, जापान और दक्षिण कोरिया सहित विभिन्न देशों का दौरा किया। इन यात्राओं के दौरान आतंकवाद-रोधी अभियानों, भारत-प्रशांत और दक्षिण चीन सागर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

·      श्री राजनाथ सिंह और डॉ. एस जयशंकर ने 18 दिसंबर को वाशिंगटन में भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों और उनके अमेरिकी समकक्षों के बीच भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता में भाग लिया। दोनों पक्षों ने सैन्य-से-सैन्य सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की, जिसमें अमेरिका भारत- प्रशांत कमांड, केंद्रीय कमांड और अफ्रीकी कमांड के अंतर्गत भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसैनिक बेड़े के बीच सहयोग शामिल है। इसी प्रकार दोनों देशों की थल सेनाएं और वायु सेनाएं के बीच भी समान सहयोग की योजना है।

·      भारत-जापान 2+2 वार्ता 30 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित की गई। श्री राजनाथ सिंह और डॉ. एस जयशंकर ने अपने जापानी समकक्षों के साथ बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस बातचीत से द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग के रणनीतिक महत्व को और विस्तार मिलेगा।

·      जापान में अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री ने 2 सितंबर को टोक्यो में अपने जापानी समकक्ष के साथ वार्षिक रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने मौजूदा द्विपक्षीय भागीदारी व्यवस्था को मजबूत बनाने और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा हासिल करने की दिशा में नई व्यवस्थाओं और पहलों को अपनाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की।

·      श्री राजनाथ सिंह ने 17 नवंबर को छठे आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम- प्लस) में भाग लेने के लिए थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक का दौरा किया। उन्होंने संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए अमेरिका, थाईलैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के नेताओं के साथ विभिन्न द्विपक्षीय बैठकें कीं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की।

·      कोरिया गणराज्य की अपनी यात्रा के दौरान, श्री राजनाथ सिंह ने 6 सितंबर को सियोल में कोरिया गणराज्य के रक्षा मंत्री के साथ वार्ता की। उन्होंने कोरियाई और भारतीय रक्षा उद्योगों से जुड़ी कंपनियों के सीईओ को भी संबोधित किया। भारत और कोरिया गणराज्य ने द्विपक्षीय रक्षा उद्योग सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया।

·      रक्षा मंत्री और उनके सिंगापुर के समकक्ष ने 20 नवंबर को सिंगापुर में चौथी सिंगापुर-भारत रक्षा मंत्रियों की वार्ता की सह-अध्यक्षता की। दोनों मंत्रियों ने भारत और सिंगापुर के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर संतोष व्यक्त किया और भविष्य में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए उठाई जाने वाली आगे की पहलों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जाहिर की। सितंबर में अंडमान सागर में सिंगापुर-भारत-थाईलैंड समुद्री अभ्यास (सिटमेक्स) शुभारम्भ सत्र का आयोजन किया गया था।

·      श्री राजनाथ सिंह ने 2 नवंबर को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्षों की 18 वीं बैठक में भाग लिया। उन्होंने उज्बेक रक्षा मंत्री के साथ वार्ता की और सैन्य चिकित्सा और सैन्य शिक्षा में सहयोग बढ़ाने के लिए तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने पहले भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त अभ्यास 'डस्टलिक 2019' से जुड़ी तैयारियों (कर्टन रेजर) में भी भाग लिया।

·      श्री राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष के साथ मास्को में हुए सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर 19वें भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की सह-अध्यक्षता की।

·      मोजाम्बिक में अपनी उच्च-स्तरीय भागीदारी को जारी रखते हुए रक्षा मंत्री ने 30 जुलाई को मापुतो में आंतरिक मंत्री श्री जैमे बैसिलियो मोंटेइरो के साथ विचार-विमर्श किया। रक्षा मंत्री ने मोजाम्बिक के आंतरिक मंत्री को 44 एसयूवी उपहार में दीं।

·      मोजाम्बिक के रक्षा मंत्री ने भारत का दौरा किया और 29 नवंबर को श्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की। दोनों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

·      मालदीव के रक्षा मंत्री ने जनवरी में भारत की आधिकारिक यात्रा की। उन्होंने भारत की तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ एक बैठक की, जिसमें दोनों पक्षों ने मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

·      फरवरी में श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जर्मनी का दौरा किया और अपने समकक्ष से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने भारत-जर्मनी सामरिक भागीदारी के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विस्तार की समीक्षा की।

·      म्यांमार गणराज्य की रक्षा सेवाओं के कमांडर-इन-चीफ (सीडीएस) वरिष्ठ जनरल मिन ऑन्ग ह्लैंग (एमएएच) ने जुलाई-अगस्त में भारत का दौरा किया और रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक के साथ व्यापक वार्ता की। वार्ता का उद्देश्य रक्षा सहयोग को बढ़ाने, संयुक्त अभ्यास और म्यांमार रक्षा सेवाओं को प्रदान किए गए प्रशिक्षण की समीक्षा करना, संयुक्त निगरानी और क्षमता निर्माण, चिकित्सा सहयोग, प्रदूषण प्रतिक्रिया और नई बुनियादी ढांचे के विकास के लिए समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना था। वार्ता के समापन पर, भारत और म्यांमार ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

·      रक्षा मंत्री ने वियतनाम पीपुल्स आर्मी के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ और उप रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल फान वान गियांग के साथ बातचीत की और 25 नवंबर को नई दिल्ली में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। इस बीच उन्होंने सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत से भी मुलाकात की।

 

 

भारतीय सेना

 

·      जम्मू और कश्मीर से संविधान के 370 के प्रावधानों के निष्क्रिय किए जाने के बाद से राज्य में शांति व सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने में सहयोग किया गया।

·      सेना में सुधार के लिए सैन्य मुख्यालय के पुनर्गठन के क्रम में बेहतर कार्यकुशलता, ज्यादा संतोषजनक और क्षेत्र में युवा अधिकारियों की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित हुई।

·      तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल नाग का पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफलता पूर्ण परीक्षण किया गया। डीआरडीओ द्वारा विकसित इस मिसाइल का परीक्षण 7-18 जुलाई, 2019 के बीच किया गया था। नाग मिसाइल को किसी भी मौसम में दिन या रात में दुश्मन के ताकतवर टैकों को घेरने की शक्ति के साथ विकसित किया गया है। इसकी मारक क्षमता न्यूनतम 500 मीटर और अधिकतम चार किलोमीटर है।

·      रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने शैक्षिक सत्र 2021-22 से सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के प्रवेश के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।

·      भारतीय और नेपाल की सेना के बीच द्विपक्षीय वार्षिक सैन्य अभ्यास सूर्य किरण के 14वें संस्करण का आयोजन दिसंबर में नेपाल के रूपनदेही जिले में नेपाल आर्मी बैटल स्कूल (एनएबीएस), सैलीझंडी में हुआ था। संयुक्त सैन्य अभ्यास का 13वां संस्करण पिथौरागढ़, उत्तराखंड में पिछले साल जून में आयोजित किया गया था।

·      1 अक्टूबर को चीनी राष्ट्रीय दिवस का जश्न मनाने के लिए नाथू ला, बूम ला और किबिथु में सेरेमोनियल बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग्स (बीपीएम) का आयोजन किया गया था। बीपीएम तंत्र एक महत्वपूर्ण इंटरफेस के रूप में विकसित हुआ है, जिसमें स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की जाती है और उनका समाधान किया जाता है। इससे सीमा पर तैनात सेनाओं के बीच विश्वास बढ़ता है। इससे एलएसी पर शांति का प्रसार सुनिश्चित होता है।

·      भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के 22 छात्रों और तीन शिक्षकों के साथ क्षमता निर्माण दौरा प्रायोजित किया, जो 10 दिनों की यात्रा के बाद बटोट में लौट आया, जिसमें नई दिल्ली और भारतीय सैन्य अकादमीदेहरादून की यात्रा भी शामिल थी। सितंबर में दस दिनों की अवधि में, किश्तवाड़ जिले के नवोदित युवाओं को एक अनोखे अनुभव से अवगत कराया गया, जिन्होंने इस दौरान भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के अलावा राष्ट्रपति भवनइंडिया गेट  और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जैसे प्रमुख स्थानों का भ्रमण किया।

·      पर्यावरण संरक्षण पर सरकारी नीतियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली भारतीय सेना ने नई दिल्ली में अपने अधिकारियों के उपयोग के लिए ई कार्स की तैनाती जैसी पर्यावरण अनुकूल पहल के लिए एनर्जी इफिशिएंसी सर्विसेस लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ भागीदारी की है, जो बिजली मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का एक संयुक्त उद्यम है।

·      भारतीय सेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य करने में महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य प्राधिकरणों की सहायता की। अगस्त में  बाढ़ राहत कार्यों के लिए कर्नाटक के बेलगाम, बगलकोट, रायचूर और महाराष्ट्र के रायगढ़, कोल्हापुर  और सांगली जिले में लगभग 16 कॉलम और 12 इंजीनियर टास्क फोर्स के साथ ही लगभग 1000 सेना के जवानों को नियुक्त किया गया था।

·      पुलिस के एक प्रतिनिधि के साथ भारतीय सेना के एक 12 सदस्यीय गश्ती दल ने 30 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के रोइंग जिले में द्वितीय विश्व युद्ध के पुराने अमेरिकी वायु सेना के विमान का मलबा बरामद किया। पुलिस के माध्यम से लोअर दिबांग जिले के स्थानीय ट्रेकर्स से प्राप्त जानकारी के आधार पर, रोइंग से 30 किलोमीटर दूर एक दूरस्थ स्थान में मलबे का पता लगाने के लिए सेना के विशेष गश्ती दल को भेजा गया था।

·      अफ्रीका-भारत क्षेत्रीय प्रशिक्षण अभ्यास -2019 (एएफआईएनडीईएक्स- 19) के उद्घाटन संस्करण का शुभारम्भ 27 मार्च, 2019 को विदेशी प्रशिक्षण नोड, औंध सैन्य स्टेशन, पुणे में हुआ। भारतीय दल का प्रतिनिधित्व मराठा लाइट इन्फैंट्री (जंगी पल्टन) द्वारा किया गया था। 10 दिवसीय अभ्यास में विभिन्न सामरिक अभ्यासों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें नागरिकों की सुरक्षा, जंग के लिए तैनाती, काफिले की सुरक्षा, गश्त के पहलुओं और विस्फोटकों को निष्प्रभावी किया जाना शामिल था। इसमें भाग लेने वाले अफ्रीकी देशों में बेनिन, बोत्सवाना, मिस्र, घाना, केन्या, मॉरीशस, मोजाम्बिक, नामीबिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, सूडान, तंजानिया, युगांडा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे शामिल हैं।

·      भारतीय और श्रीलंकाई सेना के बीच 26 मार्च से 08 अप्रैल, 2019 के बीच 14 दिवसीय सैन्य अभ्यास मित्र शक्ति-6 का आयोजन दियतालावा परेड ग्राउंड, दियतावाला, श्रीलंका में किया गया था। यह दोनों राष्ट्रों के बीच संयुक्त अभ्यास का छठा संस्करण था। भारतीय सेना की टुकड़ी में बिहार रेजिमेंट की एक कंपनी और श्रीलंकाई सेना की पहली जेमुनु वॉच बटालियन शामिल हुई।

·      श्री राजनाथ सिंह ने 26 दिसंबर को दिल्ली छावनी में उत्कृष्टता पुरस्कार 2019 के प्रदान किया। स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता के साथ-साथ सार्वजनिक सेवाओं और भूमि प्रबंधन में नए अभिनव और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में उपलब्धियों को नई पहचान देने के लिए 2013 में रक्षा संपदा पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।

 

 भारतीय नौसेना

कमिशनिंग और डिकमिशनिंग (तैनाती और हटाना)

·      08 एक्स इन एलसीयू (मार्क 5) परियोजना का छठा जहाज इन एलसीयू एल56 की तैनाती 29 जुलाई को विशाखापट्टनम में की गई। परियोजना का सातवां जहाज एलसीयू एल57 की डिलिवरी 19 दिसंबर में की गई और निकट भविष्य में इसकी तैनाती होने की संभावना है।

·      स्कॉर्पियन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी (प्रोजेक्ट 75), आईएनएस खंडेरी और एयरक्राफ्ट कैरियर डॉक को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 28 सितंबर को मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में तैनात कर दिया था।

·      नौसेना एयर स्टेशन शिबपुर को 24 जनवरी को आईएनएस कोहासा के रूप में तैनात किया था।

·      तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विमानन परिसंपत्तियों की स्थापना के लिए, आईएनएएस 313 को 22 जुलाई को मीणामबक्कम में और आईएनएएस 314 को पोरबंदर में 29 नवंबर को तैनात किया गया था।

·      28 जनवरी को कानपुर के एचएएल में 12 नए डॉर्नियर समझौते के पहले दो विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। नवीनतम सेंसर से लैस और सुसज्जित ये विमान राष्ट्र के समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए निगरानी के प्रयास को बढ़ावा देंगे।

·      भारतीय नौसैनिक जहाजों रंजीत, कोझिकोड, एलसीयू एल -38 और एलसीयू एल -39 को 2019 में हटाया गया था, जिसके सभी जहाजों ने 30 से अधिक वर्षों तक राष्ट्र की सेवा की थी।

 

जहाजों/पनडुब्बियों की लॉन्चिंग / निर्माण 

 

·      प्रोजेक्ट 15 बी का तीसरा जहाज (विशाखापत्तनम श्रेणी) यार्ड 12706 (इम्फाल)  20 अप्रैल को मुंबई के एम/एमएस एमडीएल में लॉन्च किया गया था।

·      पी17ए फ्रिगेट्स श्रेणी के पहले नीलगिरिको 28 सितंबर को एमडीएल, मुंबई में लॉन्च किया गया था।

·      प्रोजेक्ट 75 की चौथी पनडुब्बी 06 मई को एमडीएल, मुंबई में लॉन्च की गई थी। पनडुब्बी का नाम नौसेना परंपराओं के अनुसार आईएनएस वेला रखा गया था।

·      प्रोजेक्ट 15बी के चौथे जहाज (विशाखापट्टनम श्रेणी) यार्ड 12707 की कील लेइंग सेरेमनी 07 नवंबर को मैसर्स शॉफ्ट शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (एसएसपीएल), भरूच में आयोजित की गई थी।

·      यार्ड 12652 (एम/एम एमडीएल में प्रोजेक्ट 17 ए के दूसरे जहाज) की कील लेइंग सेरेमनी का आयोजन 07 मई को मुंबई के एमडीएल में आयोजित किया गया था।

·      सर्वे वीजल लार्ज के पहले यार्ड 3025 की कील लेइंग सेरेमनी का आयोजन 08 नवंबर को एम/एस जीआरएसई, कोलकाता में किया गया था।

·      स्टील कटिंग के साथ जीआरएसई, कोलकाता में 20 अगस्त को यार्ड 3023 (जीआरएसई में पी-17 ए के दूसरे जहाज) का उत्पादन शुरू हुआ।

 

 

विदेश में तैनाती (ओएसडी)

 

·      भारतीय नौसेना का जहाज तरकश ने 15 जून से 15 अक्टूबर तक वेस्टर्न फ्लीट ओएसडी 01/19 में हिस्सा लिया। ओएसडी के दौरान जहाज को 13 देशों के बंदरगाहों से न्यौता मिला। इस जहाज ने रूस के नौसेना दिवस समारोह, यूके में केओएनकेएन-19 और भारत व नाइजीरिया के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुए समारोहों में भाग लिया।

·      भारतीय जहाजों कोलकाता और शक्ति ने 3 अप्रैल से 31 मई के दौरान ईस्टर्न फ्लीट ओएसडी 01/19 में भागीदारी की। ओएसडी के दौरान जहाज ने कैम राह्न बे (वियतनाम), किंगदाओ (चीन), बुसान (दक्षिण कोरिया) और सिंगापुर का दौरा किया। जहाजों ने कैम राह्न बे (वियतनाम) में आईएन-वीपीएन द्विपक्षीय अभ्यास, किंगदाओ (चीन) में पीएलए (एन) आईएफआर, एडीएमएम प्लस अभ्यास बुसान (दक्षिण कोरिया) और सिंगापुर, अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक रक्षा प्रदर्शनी (आईएमडीईएक्स), सामुद्रिक सूचना साझेदारी अभ्यास (एमएआरआईएसएक्स) और सिंगापुर में सिम्बेक्स 19 में हिस्सा लिया।

·      सह्याद्रि और किल्तान ने 24 अगस्त से 21 नवंबर के बीच ईस्टर्न फ्लीट ओएसडी 02/9 में भागीदारी करते हुए बैंकॉक (थाईलैंड), सिहानौकविली (कम्बोडिया), कोटा किनाबालू (मलेशिया), सासेबो और याकोसूका (जापान), मनीला (फिलीपींस) और जकार्ता (इंडोनेशिया) का दौरा किया। ओएसडी के दौरान जहाजों ने यूएसएन और जेएमएसडीएफ के साथ मलेशिया और मालाबार-19 के साथ एक्स समुद्र लक्ष्मणा में भागीदारी की।

·      योकोसुका, जापान में 26 सितंबर से 4 अक्टूबर के बीच हुए त्रिपक्षीय अभ्यास मालाबार-19 में भारतीय नौसेना, जापानी समुद्री स्व-सुरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) और अमेरिका नौसेना (यूएसएन) में हिस्सा लिया। भारतीय जहाजों सह्याद्रि, किल्तान और समुद्री पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी 81 ने अभ्यास में हिस्सा लिया। जेएमएसडीएफ का प्रतिनिधित्व जहाजों कागा, सामीडेयर, चोकई, औमी और पी1 मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और यूएसएन का प्रतिनिधित्व यूएसएस मैक कैम्पबेल, पिकोस और परमाणु पनडुब्बी ओकोलामा सिटी ने किया।

·      भारतीय जहाजों कोलकाता और शक्ति ने पीएलए (एन) की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर 23 अप्रैल को किंगदाओ (चीन) हार्बर पर हुए इंटरनेशनल फ्लीट में भागीदारी की।

 

 

 नौसेना परिचालन/ गतिविधियां

 

·      भारतीय नौसेना ने राष्ट्रीय सामुद्रिक हितों की रक्षा के उद्देश्य से भारतीय समुद्री क्षेत्र (आईओआर) से जुड़े उसके हितों वाले क्षेत्रों में मिशन आधारित तैनाती करती रही है और आईओआर में अहम सामुद्रिक महत्व वाले क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बनाए हुए है। ये तैनातियां प्रधानमंत्री के क्षेत्र में सभी को सुरक्षा और विकास (सागर) के विजन के अनुरूप भी है। भारतीय जहाजों को ओमान की खाड़ी / अरब की खाड़ी, अदन की खाड़ी / लाल सागर, दक्षिण और केंद्रीय भारतीय समुद्री क्षेत्र (आईओआर), सुंडा जल संधि, अंडमान सागर / मलक्का संधि और उत्तरी बंगाल की खाड़ी में नियमित रूप से तैनात किया जाता रहा है। इन तैनातियों से सामुद्रिक क्षेत्र जागरूकता, आईओआर तटों पर तुरंत एचएडीआर सहायता, भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक समुदाय को सुरक्षा और क्षमता विकास व क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से मित्र नौसेनाओं के साथ परिचालनगत भागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है। इन तैनातियों से भारत आईओआर में विभिन्न एचएडीआर/एसएआर परिचालनों में पहले प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो जाता है।

·      फजैराह और ओमान की खाड़ी में टैंकरों पर क्रमशः मई और 19 जून को हुए हमले के क्रम में भारत ने खाड़ी क्षेत्र से गुजर रहे भारत के व्यापारिक जहाजों (आईएफएमवी) की सुरक्षआ सुनिश्चित करने के क्रम में ओपी संकल्प को रवाना किया।

·      आईओआर में 7 जनवरी से 10 मार्च तक भारत के सबसे बड़े द्विवार्षिक युद्ध खेल, थिएटर लेवल ऑपरेशनल रेडीनेस एक्सर्साइज (ट्रोपेक्स- 19) का आयोजन किया। इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य नौसेना के युद्ध कौशल में सुधार करना था।

 

तटीय सुरक्षा और पायरेसी (समुद्री डाकू) रोधी परिचालन

 

·      22-23 जनवरी को भारत की पूरी तटीय रेखा और विशेष आर्थिक क्षेत्र पर व्यापक स्तर पर अखिल भारतीय तटीय रक्षा अभ्यास, एसईए-विजिल 19 का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य तटीय सुरक्षा में लगी सभी एजेंसियों को सक्रिय करना और खामियों की पहचान करना व उन्हें दूर करना था। इसके अलावा राष्ट्र की तटीय सुरक्षा ढांचे से जुड़ी भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और अन्य सभी हितधारकों ने अभ्यास में हिस्सा लिया।

·      लक्षद्वीप और मिनिसॉय (एलएंडएम) द्वीप समूहों सहित भारत के पूरे पूर्वी तट पर सतह और हवाई निगरानी को बरकरार रखने के लिए भारतीय जहाजों और विमानों को तैनात किया गया। इसी तरह के कदम अंडमान निकोबार द्वीप समूहों की समुद्र तटीय निगरानी बढ़ाने के लिए भी उठाए गए।

·      भारतीय समुद्री क्षेत्र में नौवहन को सुरक्षा उपलब्ध कराने में व्यापक भूमिका के तहत भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी में समुद्री हमलों को रोकने के लिए एक जहाज की तैनाती की गई। 19 नवंबर तक कुल 75 भारतीय युद्धक जहाजों को तैनात किया जा चुका है। भारत ने अदन की खाड़ी में तैनात दूसरे मित्र देशों के साथ पैसेज अभ्यास कराया गया। भारतीय व्यापार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र में भारत की मौजूदगी को बरकरार रखा गया है।

 

भारतीय वायु सेना

अधिग्रहण

 

·      शांति काल के दौरान भी ड्रोन की घुसपैठ जैसी चुनौतियों के साथ विशेष रूप से हाल के वर्षों में हवाई रक्षा की चुनौतियां खासी बढ़ गई हैं। विरोधी सेनाओं द्वारा हथियारों, प्रोजेक्टाइल और क्रूस मिसाइलों की तैनाती से यह चुनौती खासी बढ़ गई है। बीते वर्षों के दौरान भी शत्रु देशों और अन्य तत्वों दोनों की तरफ से हवाई चुनौतियां बढ़ने के कारण भी अहम संपदाओं में खासा इजाफा किया गया है।

 

. रूस सरकार से एस-400 जैसी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की पांच स्क्वाड्रन के लिए समझौता किया गया है। पहला स्क्वाड्रन 2020 के मध्य तक पहुंचने का अनुमान है।

. आईएएफ, डीआरडीओ और आईएआई द्वारा संयुक्त रूप से विकसित मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की 18 स्क्वाड्रन खरीद रहा है। मध्यम रेंज की यह मिसाइल प्रणाली 2020 की शुरुआत से मिलनी शुरू हो जाएगी।

. अतिरिक्त सात स्वदेशी आकाश स्क्वाड्रन और उससे जुड़े विशेष ढांचे के लिए सितंबर 2019 में समझौते पर हस्ताक्षर हुए। ये 2021 की शुरुआत से मिलने शुरू हो जाएंगे।

·      राफेल विमानः भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने और इसके स्क्वाड्रन में सुधार का कार्य लगातार जारी है। राफेल एक ओम्नी-रोल लड़ाकू विमान है, जो दूर तक लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता उपलब्ध कराता है और दुश्मन पर बढ़त दिलाने वाले शक्तिशाली हथियार और प्रणालियां उपलब्ध कराता है। इस विमान की डिलिवरी शुरू हो गई है और आईएएफ कर्मचारियों को इससे संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

·      अतिरिक्त सु-30 एमकेआई विमानः आईएएफ ने विभिन्न समझौतों के अंतर्गत 272 एसयू-30 एमकेआई खरीदने के लिए करार किया था। वर्तमान में ब्लॉक-4 के अंतर्गत डिलिवरी जारी है और इसके मार्च 2020 तक पूरा होने का अनुमान है। एसयू- 30 एमकेआई वर्तमान में भारतीय वायुसेना का सबसे ज्यादा ताकतवर परिचालित हवाई बेड़ा है।

·      अपाचे हेलिकॉप्टरः अपाचे टैंडम (आगे) सीटिंग, रात/दिन, हर मौसम में चलने में सक्षम है। यह बेहद फुर्तीला, युद्ध में नुकसान से सक्षम और कुशल है। यह हेलिकॉप्टर लंबे दुर्गम और मरुस्थलीय हालात में चलने वाले अभियानों को पार करने में सक्षम है। मल्टी-रोल नेटवर्क सेंट्रिक प्लेटफॉर्म पर होने के कारण यह हवाई लड़ाई, एडी, सीआई परिचालन, यूएवी को तबाह करने, सीएसएआर, शहरी कल्याण के लिए तैनात किया जा सकता है। साथ ही यह वायुसेना के साथ ही सेना की हर हमले से संबंधित जरूरतों को पूरा करने की खूबी रखता है। अपनी तरह के अनूठे अग्नि नियंत्रण रडार (एफसीआर) से युक्त एएच-64 में दिन की रोशनी, रात में और कम दृश्यता वाले हालात में खोज करने, तैनाती, नजर रखने और लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता रखता है। इन 17 हेलिकॉप्टरों की डिलिवरी अभी तक की जा चुकी है।

·      चिनूक हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर (एचएलएच): मार्च 2019 से 15 चिनूक हेलिकॉप्टरों की डिलिवरी शुरू हो गई है और यह मार्च 2020 तक पूरी हो जाएगी। इनकी नियुक्ति मार्च, 2019 से शुरू हो गई है। अभी तक 10 हेलिकॉप्टर मिल चुके हैं।

·      अस्त्रः अस्त्र बीवीआर मिसाइल को डीआरडीओ ने डिजायन और विकसित किया है, साथ ही प्रदर्शन और विदेशी ठिकानों पर मिसाइल फायरिंग का सफलतापूर्वक मूल्यांकन किया गया है। आईएएफ की लड़ाकू विमानों के इनकी खरीद करने की योजना है।

·      हवा से सतह पर हमला करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को एसयू-30 एमकेआई के साथ एकीकरणः ब्रह्मोस मिसाइल का एसयू- 30 एमकेआई में एकीकरण का काम सफलतापूर्वक पूरा कर दिया गया है। इससे विमान का सामरिक महत्व और युद्धक क्षमता खासी बढ़ जाएगी।

·      फ्लाइट इंस्पेकेशन सिस्टम एयरक्राफ्ट (डोर्नियर- 228) को शामिल करनाः आईएएफ ने आईएएफ बेसिस पर आधुनिक एयरफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (एमएएफआई) पर उपलब्ध नेविगेशनल एड्स की कैट-2 जांच पूरी करने के लिए उड़ान निरीक्षण प्रणाली (एफआईएल) से डो-228 डोर्नियर विमानों को जोड़ दिया है। एफआईएस विमान की तैनाती से एमएएफआई संपदाओं और नैव एड्स की जांच करना आसान हो जाएगा।

 

अपग्रेड (उन्नयन)

 

·      मिराज- 2000: मार्च 2018 में अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) डीएंडडी पूरी हो गई और सीरीज उत्पादन शुरू हो गया है।

·      मिग- 29: अपग्रेड किए गए विमान फ्रंटलाइन स्क्वाड्रन को आवंटित कर दिए गए हैं और परिचालनों में इनका उपयोग किया जा रहा है। उन्नत विमान अनूटी एविओनिक्स, ताकतवर हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों से युक्त हैं और इन-फ्लाइट ईंधन भरने में सक्षम हैं, जिससे वायुसेना की मारक क्षमता खासी बढ़ गई है।

·      जगुआर डैरिन-3 : एचएएल द्वारा डैरिन-1 जगुआर एयरक्राफ्ट को डैरिन - 3 में अपग्रेड किए गए विमानों में नए मिशन कंप्यूटर, कॉकपेट डिसप्ले (एसएमडी, इंजन और फ्लाइट इंस्ट्रुमेंटेशन सिस्टम), फायर कंट्रोल रडार, हाइब्रिड नेविगेशन सिस्टम और ऑटो पायलट को जोड़ा गया है। नए मिशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन प्रणालियों के एकीकरण के साथ कॉकपिट को पूरी तरह कार्यरत ग्लास कॉकपिट में तब्दील हो गया है। प्राइमरी सेंसर के साथ रडार के एकीकरण जगुआर की हवा, सतह और समुद्र में लक्ष्यों को पता लगाने की क्षमता कई गुना बढ़ गई है। एविओनिक्स के साथ डैरिन-3 विमान की क्षमता खासी बढ़ गई है। एफओसी के लिए विमान परीक्षण का काम नवंबर, 2019 में पूरा कर लिया गया है। डैरिन- 3 प्लेटफॉर्म अपनी तरह के अनूठे सेंसरों के एकीकरण के साथ सक्षम हमलावर प्लेटफॉर्म के तौर पर परिपक्व हो गया है। अपग्रेड किए गए विमान की डिलिवरी दिसंबर, 2019 से चालू हो जाएगी।

 

परियोजनाओं को तैयार करना

 

·      एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) : एईडब्ल्यूएंडसी डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी प्रणाली है। दूसरा एईडब्ल्यूएंडसी विमान 11 सितंबर 2019 को सीएबीएस द्वारा आईएएफ को हस्तांतरित कर दिया गया था।

·      इंटिग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (आईएसीसीएस) : आईएसीसीएस पूरी तरह से देश में विकसित परियोजना है, जिसमें कम्पोजिट एयर सिचुएशन पिक्चर देने वाले सभी सेंसर जुड़े हुए हैं। इसमें तेजी से फैसले लेने की भी क्षमता है।

 

अंतरराष्ट्रीय अभ्यास

 

·      एक्स गरुड़ : चार एसयू- 30 एमकेआई ने 1 से 14 जुलाई 2019 के बीच मोन्ट-डि-मारसन में हुए एक्स गरुड़ में भागीदारी की।

·      एक्स ईस्टर्न ब्रिज :  15 से 26 अक्टूबर 2019 तक ओमान में हुए एक्स ईस्टर्न ब्रिज 5 में पांच मिग- 29 ने भागीदारी की। ऐसा पहली बार है कि मिग-29 ने विदेश में किसी अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लिया। यह अभ्यास व्यावसायिक रूप से संपन्न हुआ और इसमें मिग-29 के प्रदर्शन को खासी तारीफ मिली।

·      जेएमटी : 14 से 29 नवंबर 2019 के बीच वायुसेना स्टेशन कालाईकुंडा में सिंगापुर वायुसेना के साथ संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण पूरा हुआ। एसयू- 30 एमकेआऐई ने इस अभ्यास में भागादीरी की।

 

 

एचएडीआर

 

·      एरियल फायर फाइटिंग ऑपरेशन : थेनी (तमिलनाडु), कटरा, पठानकोट, कसौली, मालवीय नगर, बांदीपुर (कर्नाटक) में फायर फाइटिंग ऑपरेशन के लिए एमआई- 17 वी5 हेलिकॉप्टरों द्वारा हवाई मदद उपलब्ध कराई गई थी। वहीं सुंदरबन क्षेत्र में तट पर व्यावसायिक जहाज से मदद दी गई। कुल 93 उड़ानें /52.20 घंटे / 154 किलोलीटर पानी का उपयोग किया गया।

·      बाढ़ राहत परिचालनः 2019 (ऑपरेशन वर्षा) : भारतीय वायुसेना ने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और बिहार सहित कई राज्यों में बाढ़ राहत के लिए हेलिकॉप्टरों की तैनाती की गई। इस काम में कई हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया। कुल 219 उड़ान/ 172.10 घंटे के माध्यम से 1061 पैक्स और 84.4 टन वजन की एयर लिफ्टिंग की गई।

·      हताहत को निकालनाः वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 25 अक्टूबर तक 103 उड़ानों से 85 घंटों की एयरलिफ्टिंग से 85 पैक्स निकाले गए। इनमें हिमस्खलन के चलते नंदा देवी दर्रे में फंसे लोग (12 ट्रेकर्स जो ब्रिटेन के नागरिक थे) शामिल थे। एक महीने के प्रयासों में 45 घंटे की 47 उड़ानों से 4 ट्रेकर्स और 7 मृतकों को निकाला गया।

 

भारतीय वायुसेना में महिला सशक्तिकरण

 

·      एनसीसी विशेष प्रविष्टिः एनसीसी विशेष प्रविष्टि का पहली बार सी प्रमाण पत्र रखने वाली महिला वायु शाखा कैडेट तक विस्तार कर दिया गया है। इससे उनके लिए सीधे एसएसबी में जाना संभव होगा, जिसके लिए वे बिना किसी स्क्रीनिंग टेस्ट के आईएएफ की फ्लाइंग ब्रांच में शॉर्ट सर्विस कमिशंड अधिकारी बन सकेंगी।

·      लड़ाकू इकाई में जोड़नाः महिला पायलटों ने आईएएफ की परिवहन और हेलिकॉप्टर इकाइयों में सराहनीय प्रदर्शन किया है। स्वाभाविक रूप से आईएएफ ने महिला पायलटों को लड़ाकू शाखा में शामिल कर दिया है। इस क्रम में तीन महिला प्रशिक्षुओं के पहले बैच को लड़ाकू शाखा में शामिल किया गया था। वर्तमान में छह महिलाओं को लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया गया और दो को हॉक- 132 एसी पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक अतिरिक्त महिला प्रशिक्षु को दिसंबर, 2019 में लड़ाकू शाखा में तैनाती दी गई।

·      राजनयिक कार्यः विदेश में भारत मिशन पर राजनयिक पदों पर पारंपरिक तौर पर पुरुष अधिकारियों को नियुक्त किया जाता रहा है। विंग कमांडर अजंलि सिंह पहली महिला अधिकारी बनीं, जिन्हें आईएएफ द्वारा रूस के दूतावास में डिप्टी एयर अटैचे के तौर पर नामित किया गया है।

·      फ्लाइट कमांडरः विंग कमांडर शैलजा धामी ने दिसंबर, 2003 में आईएएफ की हेलिकॉप्टर शाखा में नियुक्त गिया गया था। उन्हें दिसंबर, 2018 में पीसी बनाया गया। वह नवंबर, 2013 में आईएएफ में पहली महिला हेलिकॉप्टर क्यूएफआई बनीं। उन्हें 2000 घंटे से ज्यादा उड़ान भरने का अनुभव है। उन्हें हाल में आईएएफ (26 अगस्त 2019 को 131 एफएसी एफएलटी, हिंडन) की लड़ाकू शाखा में पहली महिला फ्लाइट कमांडर नियुक्त किया गया।

 

 

भारतीय तटरक्षक बल 

·      रक्षा मंत्री ने तटीय सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए 25 सितंबर, 2019 को चेन्नई में इंडियन कोस्ट गॉर्ड शिप (आईसीजीएस) वाराहा की स्थापना की।

·      भारतीय तटरक्षक बल के लिए 05 ऑफशोर पेट्रोल जहाजों की सीरीज का तीसरे जहाज के परिचालन का शुभारम्भ 14 नवंबर, 2014 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक की पत्नी श्रीमती विजया श्रीपद नाइक के हाथों किया गया। जीएसएल द्वारा पूरी तरह डिजाइन किए गए ओपीवी आईसीजी बेड़े का एक अहम भाग बन जाएगा और इसका भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र की रक्षा के लिए उपयोग किया जाएगा।

 

जहाज अधिग्रहण

 

·      साल के दौरान निम्नलिखित जहाज अधिग्रहण के प्रस्तावों के लिए आरएफपी जारी किए गएः-

 

 

क्रम संख्या

परियोजना

परियोजना की लागत (करोड़ रुपये में)

आरएफपी जारी करने की तारीख

टिप्पणियां

(क)

2 प्रदूषण नियंत्रण जहाजों (पीसीवी) का की खरीद

673.00

27

फरवरी 2019

-

(ख)

12 एयर कुशन वाहनों (एसीवी) की खरीद

355.80

26 जून 2019

आईसीजी के लिए 06 और आईए के लिए 06

(ग)

फास्ट पैट्रोल वाहनों (एफपीवी) की खरीद

803.68

26 जून 2019

-

 

·      रक्षा उपकरणों की स्वदेशी डिजाइन और विकास को प्रोत्साहन देने के लिए सभी आरएफपी बाई (इंडियन-आईडीडीएम) के अंतर्गत जारी किए गए।

·      जहाजों को शामिल करनाः कैलेंडर वर्ष 2019 में 11 सरफेस प्लेटफॉर्म (2 ऑफशोर पेट्रोल जहाज, 3 फास्ट पेट्रोल जहाज, 6 इंटरसेप्टर बोट) शामिल की गईं।

 

 

विदेशी सामुद्रिक एजेंसियों के लिए क्षमता निर्माणः

 

·      मोजाम्बिक नौसेना को इंटरसेप्टर बोट्स (आईबी) का उपहारः महानिदेशक के नटराजन, पीटीएम, टीएम ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ 28 से 30 जुलाई तक मोजाम्बिक का दौरा किया और वहां की नौसेना को दो इंटरसेप्टर बोट्स का हस्तांतरण किया। इन बोट्स के परिचालन और रखरखाव में सहयोग के लिए मोजाम्बिक नौसेना का सहयोग व प्रशिक्षण देने के लिए एक चार सदस्यीय आईसीजी दल को मापुतो, मोजाम्बिक में तैनात किया गया। दल को नियुक्त करने से पहले मोजाम्बिक नौसेना के 14 कर्मचारियों को 05-16 नवंबर, 18 तक चेन्नई स्थित आईबी परिचालन में 12 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

·      मालदीव को इंटरसेप्टर बोट का उपहारः भारत सरकार ने नवंबर, 2019 में मालदीव को एक आईसीजी इंटरसेप्टर बोट (सी-447) उपहार में दी गई। एमएनडीएफ क्रू को इसके लिए चेन्नई में प्रशिक्षण भी दिया गया।

·      श्रीलंका तटरक्षक बल शिप सुरक्षा को कलपुर्जेः श्रीलंका तटरक्षक बल के अनुरोध पर आईसीजी ने जहाज परिचालन के लिए जरूरी कलपुर्जे उपहार में दिए।

 

निगरानी

 

·      भारत के सामुद्रिक क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के अलावा आईसीजी जहाजों और विमानों को तटीय राज्यों में तैनात किया गया। 2019 में आईसीजी ने मालदीव ईईजेड में पांच विस्तारित विशेष आर्थिक क्षेत्र तैनातियां की गईं।

·      आईसीजी द्वारा सभी तटीय राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के लिए 22-23 जनवरी को एक राष्ट्रीय स्तर के तटीय रक्षा अभ्यास (सीडीई) सी विजिल- 19 का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य समुद्र में पैदा होती नई-नई चुनौतियों से पार पाने के लिए देश के तटीय रक्षा संगठन की क्षमता में विस्तार करना है।

 

 

सामान्य प्रशासन को सहायता

 

·      अगस्त में तटीय राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी होने के क्रम में आईसीजी जिलों और स्टेशनों में सामान्य प्रशासन को सहयोग करने के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में कुल 53 सीजीडीआरटी लगा दिए गए। आईसीजी दलों द्वारा कुल 4,418 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

·      भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों के क्रम में आईसीजी ने बंगाल की खाड़ी में फानी चक्रवात, अरब सागर में गंभीर चक्रवाती तूफान वायु, चक्रवाती तूफान कियार, चक्रवाती तूफान माहा और चक्रवाती तूफान बुलबुल के दौरान कई सुरक्षात्मक उपाय किए गए।

 

 

तटीय सुरक्षा

 

·      भारतीय तटरक्षक बल ने सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद तटीय सुरक्षा के मुद्दों पर विभिन्न एजेंसियों के समन्वय के लिए राज्यवार मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का निर्माण किया। इन एसओपी का उद्देश्य तटीय सुरक्षा तंत्र की क्षमता में विस्तार करना था। हर तटीय राज्य में द्विवार्षिक अभ्यास के माध्यम से इस तंत्रि के साथ एसओपी की पुष्टि की गई, जिनमें सभी हितधारकों ने भागीदारी की। 2019 में अभी तक कुल 16 तटीय सुरक्षा अभ्यास कराए गए।

·      गोपनीय सूचना के आधार पर तटीय बलों द्वारा तटीय सुरक्षा परिचालन का आयोजन या भागीदारी भी की जा रही है। 2019 में अभी तक कुल 45 तटीय सुरक्षा अभियान किए गए।

 

विदेशी बंदरगाहों पर आईसीजी जहाजों की तैनाती

·      भारतीय तटरक्षक बलों के जहाजों को विदेशी तटरक्षक बलों और क्षेत्र की अन्य सामुद्रिक एजेंसियों से संवाद बढ़ाने के लिए विदेश में तैनात किया जाता रहा है। जनवरी 2019 से अभी तक कुल 6 आईसीजी जहाज 15 देशों की यात्रा कर चुके हैं।

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ)

·      आईएएफ ने हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल के किए पांच परीक्षणः डीआरडीओ ने चांदीपुर, ओडिशा के तट पर एसयू-30 एमकेआई प्लेटफॉर्म से दृश्य सीमा से आगे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल’ (बीवीआरएएएम) अस्त्र का परीक्षण किया। ये परीक्षण 16-19 सितंबर, 2019 के दौरान किए गए। भारतीय वायु सेना ने सभी संभावित चुनौती के परिदृश्यों में जेट बंशी लक्ष्य एयरक्राफ्ट के खिलाफ इनके परीक्षण किए। इस अवधि के दौरान विभिन्न कोणों से इन मिसाइलों के पांच परीक्षण किए गए। इस परीक्षण में अधिकतम दूरी से टेलीमीटर्ड मिसाइल द्वारा सीधे लक्ष्य को भेदा गया।

·      एलसीए (नौसेना) कराई अरेस्टेड लैंडिंगः तटीय परीक्षण सुविधा (एसबीटीएफ) आईएनएस हंसा, गोवा में 13 सितंबर, 2019 में अभी तक की पहली हल्के लड़ाकू विमान (नौसेना) की अरेस्टेड लैंडिंग पूरी हुई। इस परीक्षण से भारतीय नौसेना के विमानवाहक विक्रमादित्य पर स्वदेशी प्लेटफॉर्म के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर लैंडिंग प्रदर्शन के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ।

·      कम वजन के, आग लगाओ और भूल जाओ मानव पोर्टेबल टैंकरोधी निर्देशित मिसाइल का परीक्षणः डीआरडीओ ने 11 सितंबर, 2019 में कुर्नूल, आंध्र प्रदेश रेंज में स्वदेश में में विकसित कम वजन की आग लगाओ और भूल जाओ मानव पोर्टेबल टैंकरोधी निर्देशित मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का परीक्षण किया। इस मिसाइल का मानव पोर्टेबल ट्रिपोड लॉन्चर से सक्रिय टैंक के लक्ष्य पर परीक्षण किया गया। यह एमपीएटीजीएम के सफल परीक्षण की तीसरी सीरीज थी। इस परीक्षण से तीसरी पीढ़ी के स्वदेशी एमपीएटीजीएम के परीक्षण का रास्ता साफ हुआ। इससे पहले मिसाइल का सफल परीक्षण 13 मार्च 2019 को किया गया था।

 

·      डीआरडीओ ने दूसरी स्वदेशी एईडब्ल्यूएंडसी प्रणाली का भारतीय वायु सेना को हस्तांतरण कियाः डीआरडीओ ने तीन स्वदेशी डिजाइन की गई एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) प्रणालियों नेत्र में से दूसरी का 11 सितंबर, 2019 को भारतीय वायु सेना को हस्तांतरण कर दिया। यह प्रणाली पंजाब में भटिंडा वायु सेना स्टेशन पर डिलीवर की गई। इस प्रणाली में एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) रडार, द्वितीयक निगरानी रडार, इलेक्ट्रॉनिक और संचार उपकरण, डाटा लिंक्स, उपग्रह संचार प्रणाली, उन्नत मित्र या शत्रु पहचान प्रणाली शामिल है। साथ ही यह 250 किलोमीटर से ज्यादा रेंज तक निगरानी करती है।

·      क्विक रिएक्शन मिसाइल का परीक्षणः डीआरडीओ ने अपनी तरह की अनूठी क्विक रिएक्शन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (क्यूआरएसएएम) का 4 अगस्त, 2019 को एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में हवाई लक्ष्यों पर परीक्षण किया। डीआरडीओ द्वारा विकसित दो मिसाइलों का दो जिंदा लक्ष्यों पर परीक्षण किया गया, जिन्होंने लक्ष्यों को भेदकर अपने उद्देश्यों को पूरी तरह हासिल किया। कई उन्नत तकनीकों के साथ क्यूआरएसएएम विभिन्न रेंज पर और ऊंचाइयों पर लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। प्रणाली का एक वाहन पर एक रडार और लॉन्चर पर मौजूद मिसाइल के साथ परीक्षण किया गया। इसमें स्वदेशी फेज्ड ऐरे रडार, स्थिर नौवहन प्रणाली, डाटा लिंक और आरएफ सीकर शामिल होता है और इसे भारतीय नौसेना के लिए विकसित किया जा रहा है। इससे पहले मिसाइल का परीक्षण 26 फरवरी, 2019 को किया गया था।

·      लो अर्थ ऑर्बिट में जिंदा उपक्रम को भारत ने निष्क्रिय कियाः भारत इस क्षमता को रखने वाला दुनिया के चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है। डीआरडीओ ने 27 मार्च, 2019 को ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मिशन शक्ति के तहत एक उपग्रह रोधी (एएसएटी) मिसाइल का सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ ने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर मिसाइल विकसित की, जिससे लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में जिंदा उपक्रम को नष्ट किया जा सकता है। इंटरसेप्टर मिसाइल एक तीन चरणों वाली मिसाइल थी, जिसमें दो ठोस रॉकेट बूस्टर होते हैं। रेंज सेंसर्स से डाटा ट्रैकिंग के माध्यम से इस बात की पुष्टि हुई कि मिशन ने अपने सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया है। इस परीक्षण से पुष्टि हुई कि भारत अंतरिक्ष में अपनी संपदाओं की रक्षा कर सकता है। साथ ही इससे डीआरडीओ के कार्यक्रमों की ताकत और क्षमता का भी पता चलता है।

·      एलसीए तेजस एमके 1 को भारतीय वायु सेना के लिए अंतिम परिचालन मंजूरीः एक ऐतिहासिक अवसर पर हल्के लड़ाकू विमान तेजल एमके 1 को भारतीय वायु सेना में शामिल किए जाने के लिए 20 फरवरी, 2019 को अंतिम मंजूरी दे दी गई। रक्षा शोध एवं अनुसंधान विभाग में सचिव और डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने रक्षा सचिव श्री संजय मित्रा और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक श्री आर माधवन की उपस्थिति में चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा को एफओसी प्रमाण पत्र और रिलीज टू सर्विस डॉक्यूमेंट (आरएसडी) का हस्तांतरण कर दिया। आईओसी स्टैंडर्ड का तेजस जुलाई, 2016 से आईएएफ के 45वें स्क्वाड्रन में सेवाएं दे रहा है।

·      एचईएमआरएल, पुणे में डीआरडीओ का इग्नाइटर कॉम्पलेक्सः रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नायक ने 5 नवंबर, 2019 को हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लैबोरेटरी (एचईएमआरएल) में रक्षा शोध अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) के इग्नाइटर कॉम्पलेक्स का शुभारम्भ किया। एचईएमआरएल में इग्निशन प्रणाली के डिजाइन, प्रसंस्करण और मूल्यांकन के लिए तैयार की गई अपनी तरह की अनूठी सुविधा है। इस सुविधा में प्रक्रिया, असेंबली और स्टोरेज बिल्डिंग और एक डिजाइन केंद्र शामिल है। प्रोसेस बिल्डिंग में दूर से नियंत्रित होने वाले परिष्कृत उपकरणों में सीव शेकर, प्लानेटरी मिक्सर, पेलेटिंग मशीन आदि को लगाया गया है। डिजाइन, मॉडलिंग और सिमुलेशन लैबोरेटरी, असेंबली व परीक्षण केंद्र भी इग्नाइटर कॉम्पलेक्स का हिस्सा हैं।

·      जमीन और हवा में मौजूद प्लेटफॉर्म से दो ब्रह्मोस मिसाइलों का सफल परीक्षणः डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और ब्रह्मोस ने संयुक्त रूप से एक ही दिन में जमीन और हवा में मौजूद प्लेटफॉर्म्स से दो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। पहली मिसाइल जमीन पर स्थित मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च की गई, जिसमें मिसाइल एयरफ्रेम, ईंधन प्रबंधन प्रणाली और डीआरडीओ डिजाइंड सीकर सहित ज्यादातर कलपुर्जे स्वदेशी हैं। वहीं मिसाइल का दूसरा लॉन्च भारतीय वायु सेना ने एसयू-30 एमकेआई प्लेटफॉर्म से समुद्र में मौजूद लक्ष्य को भेदने के लिए किया। इस परीक्षण से क्रूज मिसाइल की हवा से जहाज पर सटीक हमला करन की क्षमता की भी पुष्टि हुई।

·      साल्वो मोड में दो पिनाका मिसाइलों का सफल परीक्षणः पिनाका मिसाइल प्रणालियों के सफल परीक्षणों के तहत रक्षा शोध एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने दिसंबर, 2019 को दो परीक्षण पूरे किए। पहला परीक्षण 19 दिसंबर, 2019 को किया गया, जिसमें एक मिसाइल 75 किलोमीटर की रेंज से दागी गई थी।

·      ओडिशा के तट पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षणः डीआरडीओ द्वारा विकसित क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम) का 23 दिसंबर, 2019 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज पर सफल परीक्षण किया गया। इस पूरे परीक्षण की ग्राउंड टेलीमेट्री सिस्टम्स, रेंज रडार सिस्टम्स, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम आदि द्वारा निगरानी की गई।

 

 

रक्षा उत्पादन

 

·      मेक इन इंडिया के अंतर्गत रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 9 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली में एमएसएमई और स्टार्टअप्स सहित भारतीय और विदेशी रक्षा कंपनियों के सीईओ का एक गोलमेज सम्मेलन हुआ।

·      रक्षा और विमानन क्षेत्र में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने की पहल को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 16 जुलाई, 2019 को प्रतिष्ठित रक्षा मंत्री के उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को आयुध कारखानों और डीपीएसयू के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए स्वीकृति दी।

·      रक्षा मंत्री ने रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी), रक्षा मंत्रालय के डैशबोर्ड की पेशकस की। आम जनता के लिए डैशबोर्ड https://ddpdashboard.gov.in पर उपलब्ध है। डीडीपी डैशबोर्ड में विभाग की रक्षा निर्यात, रक्षा ऑफसेट, रक्षा उत्पादन, बौद्धिक संपदा अधिकार (मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति), मेक इन इंडिया रक्षा परियोजनाएं, रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप, रक्षा गलियारों में निवेश और रक्षा में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस परियोजनाओं जैसी अहम पहलों पर प्रगति से जुड़ा ब्योरा मौजूद है।

·      श्री राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 और रक्षा खरीद मैनुअल (डीपीएम) 2019 की समीक्षा के लिए महानिदेशक (अधिग्रहण) की अध्यक्षता में एक समिति की स्थापना को स्वीकृति दे दी है। समिति निर्बाध संपत्ति खरीद से लेकर चक्रीय समर्थन सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं में संशोधन और सुधार करेगी।

·      स्वदेशी और किफायती तकनीक के लिहाज से आत्म-निर्भर बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विचार, नवाचार और ऊष्मायन (नवोन्मेष) काफी अहम है। 5 अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित डीईएफ कनेक्ट 2019 विषय से भी यह रेखांकित होता है। इसका आयोजन इनोवेशंस फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) पहल की उपलब्धियों के प्रदर्शन और रक्षा क्षेत्र के संभावित भावी उद्यमियों तक मजबूत पहुंच बनाना था। डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डीआईएससी) के तीसरे चरण संभावित स्टार्टअप्स को मौका दिया गया, जिसमें सेना, नौसेना और वायुसेना की तरफ से तीन चुनौतियां दी गईं।

 

 डीईएफएक्सपोर 2020

 

·      रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 9 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली में अपेक्स कमेटी फॉर डीईएफएक्सपो 2020 की पहली बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। 5-8 फरवरी, 2020 के बीच लखनऊ में पहली बार होने जा रही इस प्रदर्शनी में भारत के साथ दुनिया की शीर्ष रक्षा विनिर्माता कंपनियों की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने इसकी वेबसाइट www.defexpo.gov.in का भी शुभारम्भ किया, जो प्रदर्शनी में भाग लेने वाली कंपनियों को ऑनलाइन सेवाओं के अलावा डीपीएसयू और आयुध कारखानों के उत्पादों से जुड़ी सूचनात्मक जानकारी भी उपलब्ध कराती है।

·      रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में ने 4 नवंबर, 2019 को दुनिया के बड़े रक्षा विनिर्माता उद्योगों तक पहुंच कायम करने के लिए नई दिल्ली में डीईएफएक्सपो 2020 पर राजदूतों के एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में 80 देशों के दूतावास प्रमुखों और रक्षा सहयोगियों ने भागीदारी की।

·      रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आगामी डीईएफएक्सपो 2020 के लिए 27 दिसंबर को एक मोबाइल ऐप की पेशकश की। यह ऐप एपल ऐप स्टोर और एंड्रॉयड प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस ऐप की मुख्य विशेषताएं सूचनाएं देना, जोड़ना और फीडबैक लेना है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम के बारे में विस्तृत विवरण मुहैया कराता है।

 

पूर्व कर्मचारी कल्याण विभाग (डीईएसडब्ल्यू)

·      सैन्य बल झंडा दिवस (एएफएफडी), केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) के अवसर डीईएसडब्ल्यू की तरफ से 2 दिसंबर को पहली सामाजिक दायित्व निर्वहन (सीएसआर) कॉनक्लैव की पहली और उसका आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य पूर्व कर्मचारियों के बारे में जागरूकता का प्रसार करना और यह बताना था कि कैसे भारतीय उद्योग जगत उनके पुनः स्थापन और पुनर्वास में अहम भूमिका निभा सकता है। इस कॉनक्लेव की अध्यक्षता रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने ईएसएम और उनके आश्रितों के सामने आने वाली चुनौतियों से श्रोताओं को अवगत कराया और उद्योग जगत को आगे आने और उनके कल्याण में सहयोग करने का आह्वान किया।

·      रक्षा सेवा अनुमान (डीएसई) बजट के अलावा एएफएफडी कोष युद्ध विधवाओं, ईएसएम और उनके आश्रितों के कल्याण और पुनर्वास का बड़ा स्रोत है। वित्त वर्ष 2019-20 (9 दिसंबर, 2019 तक) के दौरान कुल 9.97 करोड़ रुपये का संग्रह हो सका है। कोष का रखरखाव केएसबी सचिवालय द्वारा रक्षा मंत्री की अगुआई वाली उसकी प्रबंधन समिति और सचिव, डीईएसडब्ल्यू की अध्यक्षता वाली कार्यकारी समिति द्वारा किया जाता है।

·      विभाग द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर तैयार कार्ययोजना के तहत इसके इस्तेमाल को न्यूनतम करने के लए सभी संबंधित कार्यालयों और क्षेत्रीय प्रतिष्ठानों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।

·      कार्ययोजना के तहत विभाग और उससे जुड़े कार्यालयों ने 17 अगस्त को एक राष्ट्रव्यापी जल शक्ति अभियान चलाया। इस विषय पर पोस्टर और अन्य सूचनात्मक सामग्री तैयार की गई और सभी क्षेत्रीय कार्यालयों/ प्रतिष्ठानों को साझा की गई।

·      जल शक्ति अभियान (जेएसए) और स्वच्छ भारत अभियान (एसबीए) पर नई दिल्ली में 6 दिसंबर को जागरूकता के प्रसार के लिए एक एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

·      31 अक्तूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने के लए मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित रन फॉर यूनिटी में बड़ी संख्या में पूर्व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

 

पुनर्वास

·      22 जून को रिशेन ऑडिटोरियम लेह में डीआरजेड (उत्तर) द्वारा उद्यमशीलता- कम – पुनर्वास सेमिनार का आयोजन किया गया। बुजुर्गों के लिए एक डीजीआर स्टाल की स्थापना की गई है और संवादात्मक व्याख्यानों के रूप में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

·      6 सितंबर को केएसबी हेल्पलाइन (011- 26717987) के लिए एक इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस) का शुभारम्भ किया गया, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी भाषा में 20 कॉल ली जा सकती हैं। इससे ईएसएम की शिकायतों के समाधान के लिए प्रतीक्षा अवधि में कमी आएगी और ईएसएम अपने आवेदनों की स्थिति के संबंध में जानकारी लेने में सक्षम हो जाएंगे।

·      पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) द्वारा प्रबंधित विभिन्न स्व-रोजगार योजनाओं के माध्यम से कुल 65,483 ईएसएम को रोजगार दिए जा चुके हैं, जिनमें सुरक्षा एजेंसी योजना, ईएसएम कोयला ढुलाई और टिपर अटैचमेंट योजना, सीएनजी के प्रबंधन, बीपीसीएल/आईओसीएल/एचपीसीएल की कंपनी के स्वामित्व और कंपनी द्वारा परिचालित (सीओसीओ) योजना, तेल उत्पाद एजेंसियों के आवंटन, मदर डेयरी मिल्क बूथ/सफल बूथ, डीजीआर और राज्य सैनिक बोर्डों आदि के द्वारा ईएसएम नियुक्ति आदि शामिल हैं।

·      ईएसएम रोजगार मेलों के माध्यम से निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए नौकरियों में बढ़ोतरी हुई है। डीजीआर और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीच हुए समझौतों के आधार पर ईएसएम रोजगार मेलों का आयोजन किया गया। ये रोजगार मेले उपयुक्त स्थानों पर आयोजित किए गए, जहां चिह्नित ईएसएम नौकरियों के आधार पर कॉरपोरेट नियोक्ताओं को उपलब्ध कराए गए। 2019 में हुए रोजगार मेलों का विवरण इस प्रकार हैं-

 

 

स्थान

तारीख

भागीदारी

नौकरियों की संख्या (लगभग)

कंपनी

नियोक्ता

ईएसएम

कोलकाता

27 फरवरी 2019

17

1924

3180

गोवा

15 मार्च 2019

23

402

368

अहमदाबाद

23 अगस्त 2019

31

1526

559

चंडीगढ़

11 अक्टूबर 2019

31

1090

2570

पुणे

16 अक्टूबर 2019

29

856

2779

चेन्नई

22 नवंबर 2019

42

1438

2430

कोलकाता

29 नवंबर 2019

41

1815

1192

कुल

214

9051

13078

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

·      डीईएसडब्ल्यू के 16 सितंबर, 2019 के आदेश के क्रम में सरकार द्वारा निम्नलिखित चार पूर्व सेवा कर्मचारी संगठनों को मान्यता दी गई है।

.     

(क)   विकल युद्धवीर (भारत)

(ख)  भारतीय पूर्व सेवा लीग (आईईएसएल)

(ग)   एयरफोर्स एसोसिएशन

(घ)   राष्ट्रीय पूर्व सेवा कर्मचारी समन्वय समिति

 

स्वास्थ्य

·      डीईएसडब्ल्यू ने 8 जनवरी को योल, शिमला (हिमाचल प्रदेश) और भुवनेश्वर (ओडिशा) में पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के दो अतिरिक्त क्षेत्र केंद्रों की स्थापना को स्वीकृति दी गई है।

·      30 जनवरी को अधिकृत स्थानीय केमिस्ट (एएलसी) से संबंधित प्रावधान में संशोधन के द्वारा ईसीएचएस के लाभार्थियों को दवाओं की आपूर्ति के लिए मंजूरी दे दी गई।

·      डीईएसडब्ल्यू असम राइफल्स के पेंशनरों और भारत व नेपाल में रहने वाले उनके आश्रितों के लिए ईसीएचएस सुविधाओं का आदेश जारी किए हैं।

·      विश्व युद्ध-2 के बुजुर्गों, आपात स्थिति में नियुक्त अधिकारियों, शॉर्ट सर्विस कमिशंड ऑफिसर और समय-पूर्व सेवानिवृत्तों को ईसीएचएस सुविधाएं देने के लिए सीसीएस को आदेश जारी किए गए हैं।

·      सेना अस्पतालों की ईसीएचएस ओपीडी में ईसीएचएस सदस्यों और 75 साल उम्र से ऊपर के आश्रितों को प्राथमिकता देने के लिए सभी कमान मुख्यालयों और क्षेत्रीय केंद्रों को निर्देश जारी किए गए हैं।

·      ईसीएचएस लाभार्थियों को अधिवास चिकित्सा उपकरण हासिल करने की अनुमति दे दी गई, जिसके लिए ईसीएचएस सीलिंग दर सरकारी अस्पताल के विशेषज्ञों के अलावा सैन्य अस्पतालों के विशेषज्ञ की सिफारिश पर उपलब्ध हैं।

·      सामान्य सवालों पर ईसीएचएस लाभार्थियों को निर्देशित और सहयोग देने के वास्ते 24x7 हेल्पलाइन का परिचालन शुरू किया गया।

·      ईसीएचएस के पैनल में शामित निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विस्तृत मानक परिचालन प्रक्रिया को अधिसूचित किया गया, जिससे अनियमितताओं में लिप्त अस्पतालों के खिलाफ पारदर्शी तरीके से और तेजी से निगरानी को मजबूती मिले।

·      दिल्ली/एनसीआर के ईसीएचएस पॉलिक्लीनिक में पायलट परियोजना के तौर पर उपचार की आयुष प्रणाली की सुविधा शुरू करने का फैसला लिया गया।

 

 

रक्षा सम्पदा महानिदेशालय (डीजीडीई)

·      सभी छावनी बोर्डों के लिए एक सामान्य मोबाइल एप्लीकेशन सीबी ई-सर्विसेस की पेशकश की गई और यह गूगल प्ले स्टोर के लिए उपलब्ध है। इसका उद्देश्य एक ही प्लेटफॉर्म छावनी के बाशिंदों को ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराना है।

·      सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सभी छावनी बोर्डों में स्वच्छ और हरित छावनी क्षेत्रों के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सभी 62 छावनियों को पहले ही खुले में शौच से मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है और सभी को ओडीएफ का दर्जा दे दिया गया है।

·      विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई सिफारिश और सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद सभी छावनी बोर्डों बिना शौचालय वाली इमारतों में उनके निर्माण की मंजूरी देने के निर्देश जारी किए गए। साथ ही इनके लिए जरूरी सीवरेज कनेक्शन करने के भी निर्देश दिए गए।

·      विशेषज्ञ द्वारा की गई सिफारिश और सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद छावनी बोर्डों को अधिकृत इमारतों में मरम्मत की परिभाषा के संबंध में 10 दिसंबर को जरूरी निर्देश जारी किए गए, जिनके लिए छावनी अधिनियम, 2006 की धारा 235 के अंतर्गत मंजूरी के लिए नोटिस की जरूरत नहीं होती है।

·      मरम्मत कार्य की परिभाषा में आंतरिक बंटवारे की दीवार, मुंडेर की दीवार या छज्जा, सीढ़ियों की मरम्मत, क्षतिग्रस्त छत, चाहरदीवारी, फर्श का दोबारा निर्माण, प्लास्टर और पैच वर्क, टूटी ईंटों और पत्थरों को बदलवाना, फाल्स सीलिंग, पुताई, प्लंबिंग की मरम्मत, सैनिटरी और अन्य सेवाएं शामिल हैं।

·      इस फैसले के साथ छावनियों की स्थितियों में सुधार होगृ, जिससे छावनी बोर्डों के तमाम निवासियों को फायदा होगा।

 

भूमि प्रबंधन:

 

Ø 2019 में 264 पट्टों का नवीकरण या उनका विस्तार किया गया।

Ø साल के दौरान 15,155 फाइलों का डिजिटलीकरण किया गया।

Ø रक्षा क्षेत्र की 2,65,096 एकड़ जमीन (छावनियों के भीतर और बाहर दोनों) का सर्वेक्षण किया गया।

Ø रक्षा मंत्रालय द्वारा 21 मामलों में रक्षा भूमि को बुनियादी ढांचा या सरकारी परियोजनाओं को हस्तांतरित किए जाने को मंजूरी दी गई।

 

 

सीमा सड़क संगठन

 

·      बीआरओ ने लगभग 60,000 किलोमीटर लंबी सड़कें, 51,000 मीटर लंबाई के स्थायी पुल, 19 एयरफील्ड और देश के दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों में 2 सुरंगों का निर्माण किया। पड़ोसी देशों के साथ मित्रता को मजबूत बनाने में अपने योगदान के तहत बीआरओ ने पड़ोस में स्थित कुछ मित्र देशों में सड़कों का निर्माण किया।

·      प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास

(i)      अखनूर- पुंछ मार्गः पुंछ मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग दोहरी लेन (एनएचडीएल) में तब्दील करने की योजना बनाई गई। इस प्रस्तावित सुधार में चार सुरंगें और बाईपास भी शामिल हैं, जिससे एडब्ल्यू संपर्क सुनिश्चित होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 3 फरवरी 2019 को इन मार्गों का शिलान्यास किया।

(ii)     से ला सुरंगः से ला दर्रा से होते हुए तवांग तक संपर्क उपलब्ध कराने के लिए बालीपारा- चारदौर- तवांग मार्ग पर से ला सुरंग का निर्माण किया गया, जो 13,960 फुट की ऊंचाई पर है। प्रधानमंत्री ने 9 फरवरी, 2019 को इस शिलान्यास किया।

 

·      कार्य लक्ष्यों हुए हासिलः जनवरी 2019 से नवंबर 2019 की अवधि के दौरान बीआरओ की उपलब्धियां निम्नलिखित हैः- 

 

         

कार्य

/यू

20 नवंबर 2019 तक उपलब्धियां

निर्माण कार्य

किमी इक्यूवीटी सीएल 9

1123.46

सरफेसिंग कार्य

किमी इक्यूवीटी सीएल 9

2099.58

रिसरफेसिंग कार्य

किमी सीएल- 9

2339.38

स्थायी कार्य

करोड़

1601.15

सुरंग

करोड़

282.12

बड़ा पुल

मीटर

2557.64

 

·      बड़े पुल (सेतु) का शुभारम्भः

                  

(क). माननीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 18 जनवरी 2019 को अरुणाचल प्रदेश में उदयक परियोजना के अंतर्गत रोइंग- कोरोनू- पाया मार्ग पर डिफो नदी पर डिफो पुल (426.6 मीटर लंबा) का शुभारम्भ किया।

(ख). सी- उत्तरी कमान में लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, जीओसी ने 17 जनवरी 2019 को जम्मू कश्मीर क्षेत्र में संपर्क परियोजना के अंतर्गत जम्मू- राजौरी – पुंछ मार्ग पर सुरन नदी पर कलाई ब्रिज (265 मीटर लंबी बीसी बॉक्स ग्रिडर ब्रिज) का शुभारम्भ किया।

(ग). माननीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 8 मार्च, 2019 को वीडियो लिंक के माध्यम से जम्मू कश्मीर में संपर्क परियोजना के अंतर्गत परोल- कोरेपन्नू- राजपुरा मार्ग पर बीन ब्रिज (331.20 मीटर लंबा पीएससी बॉक्स ग्रिडर ब्रिज सीएल 70 आर) का शुभारम्भ किया।

(घ). सांसद श्री जुगल किशोर ने 8 मार्च 2019 को जम्मू कश्मीर क्षेत्र में संपर्क परियोजना के अंतर्गत अखनूर- पलानवाला मार्ग पर ढोक नाला पर डोक पुल (120.80 मीटर लंबा मल्टी सेल बॉक्स ब्रिज, लोड क्लास 70 आर) का शुभारम्भ किया।

(ङ) लेफ्टिनेंट जनरल सुरिंदर सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम*, वीएसएम, जीओसी, पश्चिमी कमान ने 4 अप्रैल, 2019 को हिमाचल प्रदेश में परियोजना दीपक के अंतर्गत एनएच 05 पर स्थित अवेरी पत्ती सैन्य शिविर के लिए संपर्क मार्ग पर अवेरी पत्ती पुल (135 मीटर लंबा बड़ा स्थायी पुल, लोड क्लास 70 आर) का शुभारम्भ।

(च) लेफ्टिनेंट जनरल हरीश ठुकराल, पीवीएसएम, एसएम, जीओसी यूबी क्षेत्र ने 6 जून 2019 को उत्तराखंड में परियोजना शिवालिक के अंतर्गत नागा- सोनम मार्ग पर जद गंगा- 2 पुल (45 मीटर लंबा पीएससी बॉक्स ग्रिडर ब्रिज सीएल 70 आर) का शुभारम्भ किया।

(छ) उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रवेंद्र सिंह रावत ने 14 जून, 2019 को उत्तराखंड में परियोजना शिवालिक के अंतर्गत सिमली- ग्वालडैम मार्ग पर मालोट ब्रिज (45 मीटर लंबा पीएससी बॉक्स ग्रिडर ब्रिज सीएल 70 आर) का शुभारम्भ किया।

(ज) माननीय पीएमओ और सीओएएस राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 20 जुलाई 2019 को जम्मू कश्मीर क्षेत्र में परियोजना संपर्क के अंतर्गत परोल- राजपुरा मार्ग के अंतर्गत उज्झ पुल (100 मीटर, सीएल 70) का शुभारम्भ किया।

(झ) माननीय पीएमओ और सीओएएस राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 20 जुलाई 2019 को जम्मू कश्मीर क्षेत्र में परियोजना संपर्क के अंतर्गत राजपुरा- मडवाल- पंगादुर- फूलपुर मार्ग के अंतर्गत बसंतर पुल (617.40 मीटर, सीएल 70) का शुभारम्भ किया।

(ञ) लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, एवीएसएम, वीएसएम, महानिदेशक, सीमावर्ती सड़कें ने 29 अगस्त, 2019 को परियोजना विजयक के अंतर्गत निम्मू- पदम- दारचा मार्ग पर जन्सकार पुल (70 मीटर, सीएल 70) का शुभारम्भ किया।

(ट) माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 21 अक्टूबर 2019 को लद्दाख क्षेत्र में परियोजना हिमांक के अंतर्गत डी-एस-डीबीओ मार्ग पर कर्नल चेवांग रिनशेन, एमवीसी*, एसएम पुल (430 मीटर) का शुभारम्भ किया।

(ठ) लद्दाख से लोकसभा सदस्य श्री जामयांग टी सेरिंग नामग्यास ने लद्दाख क्षेत्र में परियोजना विजयक के अंतर्गत जोजिला- कारगिल- लेह मार्ग (एनएच1) पर नूरला पुल (85 मीटर लंबाई, सीएल 70) का शुभारम्भ किया।

(ड) रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 15 नवंबर, 2019 को अरुणाचल प्रदेश में परियोजना ब्रह्मांक के अंतर्गत राणाघाट- मेबो- दमबुक- बोमजीर (एनएच- 13) पर सिस्सेरी पुल (200 मीटर) का शुभारम्भ किया।

 

·      पुलों का निर्माण पूरा हुआः    निम्नलिखित पुलों का निर्माण पूरा किया गयाः-

 

क्रम संख्या

पुल का नाम

सड़क

लंबाई

राज्य

()

सीधार

जॉलजीबी- मुनस्यारी

40 मीटर, सीएल-70

उत्तराखंड

()

सिराली

जॉलजीबी- मुनस्यारी

45 मीटर, सीएल-70

उत्तराखंड

()

भोउलीखलता

जॉलजीबी- मुनस्यारी

45 मीटर, सीएल-70

उत्तराखंड

()

छरीगाड

जॉलजीबी- मुनस्यारी

85 मीटर, सीएल- 70

उत्तराखंड

()

दोंगातोली

पिथौरागढ़- तवाघाट

30 मीटर, सीएल- 70

उत्तराखंड

()

तवांगचू

बालीपारा- चारदौर

50 मीटर, सीएल- 70

अरुणाचल प्रदेश

()

सुखा

ओरांग- कल्कतांग- शेरगांव- रूपा- तेंगा

45 मीटर, सीएल- 70

अरुणाचल प्रदेश

()

दराज

राजौरी- कांदी- भूधाल

72 मीटर, सीएल -70

जम्मू कश्मीर

()

पुनेजा

बासोली- बानी- भदेरवाह

50 मीटर, सीएल- 70

जम्मू कश्मीर

()

जदगंगा- 1

निलॉन्ग- नागा

40 मीटर, सीएल- 70 आर,

उत्तराखंड

()

पुनार

जोशीमठ- मालारी

35 मीटर/सीएल- 70 आर

उत्तराखंड

()

करचा- 2

भैरोंघाटी- नेलॉन्ग

50 मीटर/सीएल- 70 आर

उत्तराखंड

()

कुलानागढ़

पिथौरागढ़- तवाघाट

45 मीटर/सीएल-70 आर

उत्तराखंड

()

दोबात- 1

पिथौरागढ़- तवाघाट

40 मीटर/सीएल- 70 आर

उत्तराखंड

()

खंडपैर

जॉलजीबी- मुनस्यारी

45 मीटर/ सीएल-70 आर

उत्तराखंड

()

उलेतोप्को

जोजिला- कारगिल- लेह

35 मीटर/ सीएल-70 आर

जम्मू कश्मीर

 

·सड़क निर्माण पूरा हुआः  जिन सड़कों का निर्माण पूरा हुआ, वे निम्नलिखित हैं:-

          ()      जोशीमठ- मलारी                                                - 62.67 किमी

          ()      नागा- सोनम                                             - 11.20 किमी 

          ()      मूसापानी- घस्तोली                                               - 7.40 किमी

          ()      त्रि जेएन- भीम बेस- डोकला                        - 19.72 किमी

          ()      नाचो- तामा चुंग चुंग                      - 53.55 किमी

()     गिरथीडोबला- सुम्मा                                    - 7.05 किमी

()      सासोमा - सासेरला                                        - 52.39 किमी

          ()     कोयुल- फोतिल- चुश्मुले- जुरसार                   - 80.30 किमी

          ()      एनएचडीएल की विशेषता के साथ दामचू- हा लिंक              - 12.80 किमी 

 

·दर्रों (पास) को खोलनाः समय से बर्फ की सफाई के बाद खोले गए अहम दर्रे निम्नलिखित हैं:-

         

क्रम संख्या

दर्रों (मार्गों) के नाम

Date of opened for Traffic

()

राजधान दर्रा

06 मई 2019

()

जोजिला दर्रा

28 अप्रैल 2019

()

रोहतांग दर्रा

19 मई 2019

()

बाराचूला दर्रा

जून 2019

 

·      भारत- चीन सीमावर्ती मार्ग (आईसीबीआर): बीआरओ को 3,346 किमी लंबाई की 61 भारत- चीन सीमावर्ती मार्गों (आईसीबीआर) का हस्तांतरण किया। अभी तक 75 फीसदी निर्माण पूरा हो गया है और 98 फीसदी मार्गों को जोड़ दिया गया है। अभी तक 2,501 किमी लंबी 36 सड़कों का निर्माण पूरा कर दिया गया है।

·      ब्रह्मपुत्र नदी पर पानी के भीतर सुरंगः रक्षा मंत्रालय द्वारा इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव में 2 रोड ट्यूब और 1 रेल ट्यूब शामिल हैं। बीआरओ ने 15 अक्टूबर 2019 को डीपीआर के लिए वैश्विक आरएफपी जारी की, जिसके लिए तकनीक निविदा खोले जाने की तारीख 22 जनवरी, 2020 तक बढ़ा दी गई है।

·      निम्मू- पदम- दारचा (एन-पी-डी) मार्ग और सुरंगें: 297 किमी लंबे निम्मू- पदम- दारचा (एन-पी-डी) मार्ग को 400 किमी तक बढ़ाकर श्रीनगर- कारगिल- लेह मार्ग तक ले जाया जाएगा, जम्मू कश्मीर राज्य में लेह से 34 किमी पहले और हिमाचल प्रदेश में मनाली-लेह मार्ग के 145 किमी तक दारचा में खत्म होगा। 2002 में शुरुआत में जम्मू कश्मीर के लिए पीएम पैकेज के अंतर्गत सीएल- 9 (सिंगल लेन) की विशेषता के साथ इसे बनाने की योजना तैयार की गई थी। हालांकि परिचालन जैसे विभिन्न कारणों से 2007 के दौरान इसे राष्ट्रीय राजमार्ग दोहरी लेन की विशेषता के साथ विकसित करने का फैसला किया गया। 297 किमी संपर्क में 257.55 किमी को हासिल कर लिया गया है।

 

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी)

·      दुर्गम/ एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचः एनसीसी लगातार दूरदराज/ एलडीई क्षेत्रों और तटीय/ सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। नई बनी इकाइयों में से 35 प्रतिशत यानी 54,000 कैडेट इन्हीं क्षेत्रों से आते हैं।

·      स्वच्छ भारत अभियानः इस साल 8 अगस्त से 27 अक्टूबर तक 10.5 लाख से ज्यादा कैडेट ने स्वेच्छा से विभिन्न स्वच्छता अभियानों में हिस्सा लिया।

 

. स्वच्छता अभियानः जनवरी 2017 से एनसीसी कैडेट स्वच्छता आधारित गतिविधियों से जुड़े हुए हैं, जिसमें पखवाड़ा आदारित आठ स्वच्छता पखवाड़े शामिल हैं। 11 सितंबर से 27 अक्टूबर तक चले मेगा स्वच्छता पखवाड़े में मुख्य रूप से प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो पीएम के स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) योजना का हिस्सा है जिसमें 9 लाख कैडेट ने भागीदारी की। मेगा स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत अखिल भारतीय स्तर पर जागरूकता के प्रसार के लिए 8 अगस्त को देश के चारों कोनों में राज्यों और अंतर राज्यीय स्तर पर साइकिल रैलियों का आयोजन किया गया।

. मेगा प्रदूषण पखवाड़ाः एनसीसी के पांच लाख कैडेट ने 1 से 31 जुलाई तक अखिल भारतीय स्तर पर एक प्रदूषण रोधी पखवाड़े का आयोजन किया गया। रैलियों और जागरूकता अभियानों में वायु, जल, भूमि एवं ध्वनि हर प्रकार के प्रदूषणों को शामिल किया गया।

. रक्षा मंत्रालय स्वच्छता पखवाड़ाः 7.5 लाख कैडेट ने 01-15 दिसंबर तक चले स्वच्छता पखवाड़े में भाग लिया। 7 दिसंबर को लगभग 4.5 लाख कैडेट ने प्लास्टिक हटाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय स्तर पर प्लॉग रन में हिस्सा लिया।

 

·      विश्व जल दिवस (22 मार्च): लगभग 78,000 एनसीसी कैडेट ने अखिल भारतीय स्तर पर जल संरक्षण रैलियों/ कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

·      नशा और अवैध तस्करी रोधी दिवस (26 जून): हमारी सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास कार्ययोजना के तहत लगभग 95,000 कैडेट ने अखिल भारतीय स्तर पर विभिन्न रैलियों और जागरूकता कार्यक्रमों में भागीदारी की।

·      वृक्षारोपणः स्वतंत्रता दिवस समारोह के तहत इस साल एनसीसी कैडेट्स ने विशेष अभियान के तहत लगभग 4.2 लाख पौधे लगाए।

·      रक्त दानः 19 नवंबर को एनसीसी दिवस के अवसर पर स्वैच्छिक कार्यक्रमों और विशेष अभियान के तहत रक्त की लगभग 1 लाख यूनिट दान की गईं।

·      अंतरराष्ट्रीय योग दिवसः बीते साल की अपनी परंपरा को ध्यान में रखते हुए इस साल भी 7.38 लाख से ज्यादा कैडेट ने लगभग 6,400 विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम में भागीदारी की।

·      आपदा  राहतः एनसीसी कैडेट्स ने बिहार, केरल और महाराष्ट्र बाढ़ और ओडिशा में चक्रवात के कारण हुए नुकसान में राहत अभियान में सामान्य प्रशासन को सहयोग देने में सक्रिय भागीदारी की थी।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एमपी-5166

 



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