जल शक्ति मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा:जल शक्ति मंत्रालय
सीवरेज क्षेत्र में 14 एमएलडी क्षमता वाला भारत का पहला एसटीपी
हरिद्वार के सराय में समय से पहले पूरा हुआ,
नदी की सफाई का कार्य मिशन मोड में किया जाएगा
भारत के विशालतम ग्रामीण स्विच्छ ता सर्वेक्षण का शुभारम्भ्
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31 DEC 2019 5:37PM by PIB Delhi
- प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत बापू और देश की जनता को समर्पित किया:
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2019 को गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित एक विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देश भर से पहुंचे 20,000 स्वच्छाग्रहियों एवं सरपंचों के समक्ष स्वच्छ भारत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश की जनता को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में खुले में शौच करने वाले लोगों के 60% हिस्से को कम करके भारत ने एसडीजी6 की वैश्विक उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर, 2019 को महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर साफ और खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) भारत समर्पित किया जाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाने के मिशन के आह्वान पर लाखों स्वच्छाग्रहियों द्वारा किए गए कार्यों को सलाम किया और अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए सभा को झुककर नमन किया।
2.प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता ही सेवा(एसएचएस) -2019 का शुभारंभ किया:
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 11 सितंबर 2019 को ‘प्लास्टिक अपशिष्ट जागरूकता और प्रबंधन’ पर विशेष बल देते हुए मथुरा में स्वच्छता पर एक व्यापक देशव्यापी जागरूकता अभियान - स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2019 का शुभारंभ किया। एसएचएस का शुभारम्भ केन्द्र सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
3. राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक:
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश के कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक की अध्यक्षता की।
परिषद को गंगा और उसकी सहायक नदियों सहित गंगा नदी बेसिन के प्रदूषण निवारण और कायाकल्प का समग्र उत्तरदायित्व सौंपा गया है। परिषद की प्रथम बैठक का उद्देश्य संबंधित राज्यों के सभी विभागों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालयों में गंगा केंद्रित दृष्टिकोण के महत्व पर विशेष रूप से ध्यान देना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने ’स्वच्छता’, ‘अविरलता’ और ‘निर्मलता’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए गंगा नदी की स्वच्छता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
4. स्वच्छ भारत पुरस्कार:
नई दिल्ली में 6 सितम्बर को आयोजित स्वच्छ महोत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने देश में व्यवहार संबंधी ऐतिहासिक बदलाव लाने और विश्व के सामने अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छ भारत पुरस्कार भी प्रदान किए। इस भव्य आयोजन में स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेट्स, स्वयंसेवियों और एनएसएस और एनवाईकेएस, स्वच्छाग्राहियों, सरपंचों, राज्यों और संघशासित प्रदेशों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और मीडिया कर्मियों सहित 1300 से ज्यादा स्वच्छता चैम्पियन्स ने भाग लिया।
5.छठा भारत जल सप्ताह -2019 :
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 24 सितम्बर, 2019 को नई दिल्ली में छठे भारत जल सप्ताह-2019 का उद्घाटन किया। भारत जल सप्ताह-2019 का विषय ‘जल सहयोग- 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटना’ है।
6.जल शक्ति अभियान :
जल शक्ति अभियान पानी के संकट से सबसे ज्यादा जूझ रहे भारत के प्रखण्डों और जिलों में जल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में प्रगति की दिशा में तेजी लाने का केंद्र और राज्य सरकारों का सहयोगपूर्ण प्रयास है। इस अभियान के तहत पारम्परिक जल स्रोतों के पुनर्भरण और कायाकल्प सहित जल संचयन और संरक्षण के लिए केंद्रित हस्तक्षेप करने हेतु केंद्र सरकार के 1000 अधिक अधिकारियों सहित भारत सरकार की मशीनरी राज्यों के साथ कार्य कर रही है।
7.पटना रिवरफ्रंट जनता को समर्पित किया गया:
निर्मल गंगा की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 फरवरी को कर्मालिचक (पटना), बाढ़, सुल्तानगंज और नवगछिया सहित बिहार के चार शहरों में सीवेज से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री 16 घाटों, एक शवदागृह, 4.9 किलोमीटर लंबा सैर करने का स्थान, सामुदायिक सह सांस्कृतिक केंद्र, दृश्य-श्रव्य थिएटर और एक पर्यावरण केंद्र सहित पटना रिवरफ्रंट जनता को समर्पित किया। इनके निर्माण पर 243.27 करोड़ रुपये की लागत आई है।
प्रधानमंत्री ने जिन सीवेज आधारभूत संरचना परियोजनाओं की आधारशिला रखी उनमें पटना में कर्मालिचक में 96.54 किलोमीटर लंबे सीवेज नेटवर्क और सीवेज पम्पिंग स्टेशन (एसपीएस), 11 एमएलडी जलमल शोधन क्षमता वाला संयंत्र, बाढ़ में मलजल प्रवाहित करने वाले तीन बड़े नालों का पानी नदी में गिरने से रोकने और उनके बहाव का मार्ग बदलने के लिए तीन एसपीएस , सुल्तानगंज में 10 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी, 4 एसपीएस और पांच गंदे नालों को रोकने और उनके बहाव का रास्ता बदलने तथा नवगछिया में 9 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी,6 एसपीएस और 9 गंदे नालों को नदी में बहने से रोकने और उनके बहाव का रास्ता बदलने की परियोजनाएं शामिल हैं। इन सीवेज परियोजनाओं पर 452.24 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इनसे प्रतिदिन 6.7 करोड़ लीटर सीवेज गंगा नदी में गिरने से रोका जा सकेगा।
8. पूरे भारत के गांवों में जल संरक्षण पर प्रधानमंत्री के पत्र पर चर्चा:
मानसून के मौसम से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में सभी सरपंचों को पत्र लिखे और उनसे ग्रामीण भारत में वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण गतिविधियों को शुरू करने का अनुरोध किया। देश भर में 22 जून को ग्राम सभाएं बुलाई गईं और गांव के सभी निवासियों के समक्ष प्रधानमंत्री के पत्र को सार्वजनिक रूप से पढ़ा गया। ग्राम सभाओं की बैठकों के बाद जल संरक्षण के लिए श्रमदान किया गया जिसका प्रधानमंत्री के पत्र में उल्लेख किया गया था। गतिविधियों में वर्षा जल संचयन के लिए छोटे तालाबों का निर्माण और उनकी साफ- सफाई करना, वृक्षारोपण अभियान, वर्षा जल के संचयन के लिए भंडारण टैंक का निर्माण / स्थापित करना और वनीकरण शामिल था।
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के जोधपुर में जल संरक्षण श्रमदान का शुभारंभ किया और ग्रामीणों और स्वच्छता के लिए काम करने वाले युवाओं- स्वच्छ भारत ग्रीष्म प्रशिक्षुओं, के साथ जन संवाद का आयोजन भी किया। उन्होंने नरवा गांव में एक वर्षा जल संचयन इकाई का भी उद्घाटन किया और जिले में शौचालयों के निर्माण और कम्पोस्ट गड्ढों के निर्माण के लिए श्रमदान किया।
9. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कुम्भ में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया :
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी को कुम्भ में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों का आदर और सम्मान करते हुए उनमें से पांच के चरण धोए।
उनका यह भाव प्रदर्शन ‘‘स्वच्छ कुम्भ, स्वच्छ आभार” कार्यक्रम का अंग था, जिसके तहत प्रधानमंत्री ने कल प्रयागराज में कुम्भ मेले में 10,000 सफाई कर्मचारियों, स्वच्छाग्राहियों, पुलिस कर्मियों और नाविकों की सभा को सम्बोधित किया। इस सभा का आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया गया था।
10.सीवेज क्षेत्र में भारत की प्रथम एचएएम परियोजना 14एमएलडी एसटीपी सराय, हरिद्वार में समय से पहले पूर्ण :
हरिद्वार के सराय में 5 दिसम्बर, 2019 को 14 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन किया गया। सराय का 14 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हाइब्रिड एन्युटी (एचएएम) आधारित सार्वजनि-निजी भागीदारी मॉडल के तहत पूरी होने वाली पहली परियोजना है, जिस पर 41.40 करोड़ रुपए की लागत आई है और ये संयत्र निर्धारित समय से पहले पूरा कर लिया गया।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की दृष्टि दीर्घकालिक है और इसलिए इसकी क्षमता को 2035 तक की समस्त आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सृजित किया जा रहा है। नगर निगमों का सीवेज गंगा के प्रदूषण का मुख्य स्रोत है, इसलिए 23,000 करोड़ रुपये (3 बिलियन डॉलर से अधिक) की लागत वाली 150 सीवेज परियोजनाओं के माध्यम से इस समस्या से निपटा जा रहा है। इसके अलावा गंगा में औद्योगिक और प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर काबू पाने के लिए विविध कदम उठाए जा रहे हैं।
11 नदी की सफाई का कार्य मिशन मोड में किया जाएगा :
गंगा और उसकी सहायक नदियों की साफ-सफाई का कार्य मिशन मोड में किया जाएगा। यह बात उन्होंने नयी दिल्ली में ओखला बैराज के समीप कालिंदी कुंज में ‘’नमामि गंगे’’ क्लीनेथॉन कार्यक्रम में भाग लेते समय कही। जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार केवल उत्प्रेरक हो सकती है, किन्तु प्रधानमंत्री के ‘अविरल धारा’, ‘निर्मल धारा’ और ‘स्वच्छ किनारा’ के सपने को साकार करने के लिए क्लीनेथॉन परियोजना को सचमुच जन आंदोलन बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेसिन तक पहुंच कायम करते हुए सरकार परियोजना पर काम कर रही है, जो अधिक टिकाऊ है।
12.स्वच्छ भारत महोत्सव 2019
जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का जश्न मनाने और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हितधारकों को सम्मानित करने के अभियान 'स्वच्छ महोत्सव 2019' का उद्घाटन किया। महोत्सव के आरंभ के दौरान राजधानी में स्वच्छ सुंदर शौचालय के विजेताओं को मंत्री महोदय द्वारा सम्मानित किया गया। जल मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा महोत्सव का आयोजन किया गया और 2 अक्टूबर, 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इसका समापन हुआ।
13.जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दीनापुर और रमना में नमामि गंगे एसटीपी परियोजनाओं का निरीक्षण किया:
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वाराणसी में 18 जून की अपनी यात्रा के दौरान वर्तमान में जारी नमामि गंगे परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने 140 मिलियन लीटर डे (एमएलडी) दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) प्रवेशिका से लेकर वरुणा में गिरने तक का निरीक्षण किया। उनके साथ राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा भी थे।
श्री शेखावत ने दीनापुर एसटीपी के अधिकारियों को समय-समय पर रासायनिक जांच करने के निर्देश दिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके हो कि सीवेज में कोई औद्योगिक या अन्य विषाक्त पदार्थ न जाए। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत, दीनापुर और गोइठा (120 एमएलडी) संयंत्र अभी हाल में पूरे हुए हैं। इनमें से दीनापुर एसटीपी का प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन पिछले साल नवंबर 2018 में किया था।
इसके अलावा, रमना में निर्मित 50 एमएलडी एसटीपी शहर की मौजूदा सीवेज उपचार क्षमता को बढ़ाएगा और उसे 412 एमएलडी तक ले जाएगा, जो 2035 तक की सीवेज उपचार संबंधी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी और अनुपचारित सीवेज को वाराणसी में गंगा में प्रवेश करने से रोकेगी।
श्री शेखावत ने नाव द्वारा वाराणसी के सभी 84 प्रतिष्ठित घाटों का निरीक्षण किया। इनमें विशेष रूप से वे 26 घाट भी शामिल हैं जहां नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मरम्मत/ नवीनीकरण की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने 84 घाटों की नियमित सफाई के साथ-साथ नदी की सतह की सफाई परियोजनाओं की भी समीक्षा की। इन्हें गंगा नदी के अंदर और आसपास की सफाई सुनिश्चित करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
घाटों का निरीक्षण करने के अलावा, उन्होंने घाट पम्पिंग स्टेशनों और नालों की निकासी का भी अवलोकन किया। 23 नालों में से 20 नालों की पहले ही निकासी की जा चुकी है। अस्सी सहित शेष 3 नालों की रमना एसटीपी परियोजना के माध्यम से निकासी की जा रही है, जिसे इसी वर्ष पूर्ण किया जाना है।
14. श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ऋषिकेश और हरिद्वार में चल रही परियोजनाओं का निरीक्षण किया:
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 13 जून को ऋषिकेश और हरिद्वार में चल रही नमामि गंगे परियोजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर श्री शेखावत को सराय जलशोधन संयंत्र (एसटीपी) के परिचालनों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने अधिकारियों के साथ एसटीपी संयंत्र के नियंत्रण कक्ष का भी निरीक्षण किया।
श्री शेखावत ने जगजीतपुर में निर्माणाधीन एसटीपी का भी निरीक्षण किया। इस साल के अंत तक यह एसटीपी बनकर तैयार हो जाएगा। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने चार परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें दो परियोजनाएं गंदे नालों को रोकने और उनका मार्ग बदलने से संबंधित है, जबकि दो अन्य परियोजनाएं 82 (68+14) मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) एसटीपी क्षमता वाले संयंत्र लगाये जाने से संबंधित है।
15. जल संरक्षण, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) विषय पर सभी राज्यों के साथ बैठक:
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 11 जून को नई दिल्ली में जल संसाधन, पेयजल और स्वच्छता तथा पीएचईडी विषय पर सभी राज्यों के मंत्रियों तथा प्रधान सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में देश के विभिन्न राज्यों द्वारा पेयजल और स्वच्छता के क्षेत्र में उठाए गए कदमों और कार्ययोजनाओं विशेषकर मानसून के महीनों में वर्षा जल संरक्षण की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। 24 राज्यों के जल और स्वच्छता मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों के इन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस बैठक में भाग लिया।
16. 2.5 लाख पंचायतों के लिए क्षमता सुदृढ़ीकरण पहल का आरंभ :
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 27 जुलाई को झारखंड की राजधानी रांची में जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) की क्षमता सुदृढ़ीकरण पहल आरंभ की। यह पहल अपने आरंभिक प्रशिक्षणों में 2800 क्षेत्र प्रशिक्षकों का एक पूल बनाएगी, जो पूरे देश में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों तक पहुंच बनाएंगे।
यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के तहत सृजित खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) गांवों की दीर्घकालिक रूप से निरंतरता सुनिश्चित करने का प्रयास करती है और फील्ड ट्रेनर्स तथा पीआरआई (पंचायत राज संस्थाओं) के सदस्यों को ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करने की क्षमता उत्पन्न करने में सक्षम बनाती है और इसके साथ-साथ सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल आपूर्ति तक पहुंच को बेहतर बनाती है।
इस अवसर पर उपस्थित 6000 से अधिक मुखिया, जल सहिया, स्वच्छाग्रहियों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने लोगों की भागीदारी पर जोर देते हुए रेखांकित किया कि आसन्न जल संकट को टालने के लिए अब "जल के आंदोलन" को "जन का आंदोलन " में बदलने का समय आ गया है।
17 जल संरक्षण के लिये जल शक्ति अभियान की शुरूआत:
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 1 जुलाई को जल शक्ति अभियान की शुरूआत की घोषणा की। यह अभियान जल संरक्षण और जल सुरक्षा के लिये चलाया जा रहा है। मानसून मौसम के दौरान 1 जुलाई, 2019 से 15 सिंतबर 2019 तक जन भागीदारी से यह अभियान चलाया जायेगा। कुछ राज्यों के लिये अभियान का दूसरा चरण 1 अक्टूबर, 2019 से 30 नवंबर, 2019 तक चलाया जायेगा, जहां लौटते हुए उत्तर पूर्व मानसून की बारिश होगी। इस अभियान में पानी की कमी वाले जिलों और प्रखंडों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
18. जल जीवन मिशन के लिए राज्य के मंत्रियों की बैठक:
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 26 अगस्त को नई दिल्ली में जल जीवन मिशन पर राज्य के मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में 17 राज्यों से पेयजल के प्रभारी मंत्रियों और प्रधान सचिवों/सचिवों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य हाल ही में घोषित जल जीवन मिशन को लागू करने के तरीकों पर चर्चा करना था। इसके तहत 2024 तक देश के सभी ग्रामीण घरों को नलों द्वारा जलापूर्ति की सुविधा से जोड़ा जाएगा।
19. देश के सबसे बड़े ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण का शुभारंभ:
जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 14 अगस्त को नई दिल्ली में ‘स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2019 (एसएसजी 2019)’ का शुभारंभ किया। सर्वेक्षण में देश भर के 698 जिलों के 17,450 गांवों को कवर किया गया और इसमें 87,250 सार्वजनिक स्थलों यथा स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों, हाट/बाजारों/धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया। इस आधार पर यह भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण था। सर्वेक्षण के तहत लगभग 2,50,000 नागरिकों से साक्षात्कार लिया गया। नागरिकों से स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर ऑनलाइन फीडबैक भी लिया जाएगा। इसके लिए विशेष रूप से विकसित किए गए एक एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा।
20. 10 वर्षीय ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) का राष्ट्रीय स्तर पर उद्घाटन:
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने 10 वर्षीय ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) की शुरुआत की है जो स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत हासिल स्वच्छता संबंधी व्यवहार परिवर्तन को बनाए रखने पर केंद्रित है। इसके तहत सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी पीछे न रहे और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन तक पहुंच बढ़े।
वर्ष 2014 में एसबीएम-जी के आरंभ के बाद से अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 10 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, 5.9 लाख से अधिक गांवों, 699 जिलों और 35 राज्यों/ संघशासित प्रदेशों ने खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है। यह रणनीति डीडीडब्ल्यूएस द्वारा राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है। यह स्थानीय सरकारों, नीति निर्माताओं, कार्यान्वयन कर्ताओं एवं अन्य संबंधित हितधारकों को ओडीएफ प्लस के लिए योजना बनाने में मार्गदर्शन के लिए एक रूपरेखा तैयार करती है। ओडीएफ प्लस ऐसी श्रेणी है जहां हर कोई शौचालय का उपयोग करता है और हर गांव में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन है।
21. राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार - 2019 :
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा है कि देश में जल संबंधी चुनौती से निपटने के लिए जल संरक्षण के साथ-साथ जल संचयन और जल का विवेकपूर्ण और बहुविध उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। नई दिल्ली में 25 सितम्बर को राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार, 2019 प्रदान करने के अवसर पर श्री शेखावत ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि सीएसआर दायित्व का केवल चार प्रतिशत ही जल पर खर्च किया जाता है जबकि जल-गहन उद्योगों के लिए यह लगभग 11 प्रतिशत है। उन्होंने इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। श्री शेखावत ने नीति नियोजकों से भी अनुरोध किया कि वे इस अपर्याप्त संसाधन का समझदारी से उपयोग करने के लिए कृषि और उद्योग में जल के बहुविध उपयोगों पर गौर करें।
22. गंगा आमंत्रण - गंगा के हितधारकों के साथ जुड़ने की एक अनूठी पहल का आरंभ :
‘गंगा आमंत्रण अभियान’ 10 अक्टूबर, 2019 से 11 नवम्बर, 2019 तक आयोजित गंगा नदी पर पहला और ऐतिहासिक अन्वेषी ओपन-वॉटर राफ्टिंग और कायाकिंग अभियान है। देवप्रयाग से आरंभ होकर गंगा सागर में समाप्त होने वाला यह अभियान गंगा नदी के 2500 किलोमीटर से अधिक की दूरी को कवर करेगा।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा पूरी गंगा नदी में राफ्ट करने का यह अब तक का पहला प्रयास है साथ ही यह साहसिक खेल गतिविधि के माध्यम से चलाया गया सबसे बड़ा सामाजिक अभियान है जिसके तहत नदी पुनर्जीवन और जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। यह अभियान गंगा के सामने आने वाली पारिस्थितिकी संबंधी चुनौतियों की ओर ध्यान आकृष्ट करेगा।
इस अभियान में ऋषिकेश, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, सोनपुर एवं कोलकाता पर विराम के साथ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित पांच गंगा बेसिन राज्य शामिल होंगे।
23.सीजीडब्ल्यूबी ने ऑस्ट्रेलिया के मारवी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए :
केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने 22 नवम्बर को नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के ‘मारवी’ (मैनेजिंग एक्वीफर रीचार्ज एंड सस्टेनिंग ग्राउंडवॉटर यूज थ्रू विलेज-लेवल इंटरवेंशन) के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, जल शक्ति तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रत्तन लाल कटारिया, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव श्री यू. पी. सिंह, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री श्री डैन टेहन और भारत में ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त सुश्री इवेन मैके उपस्थित थीं।
24.श्री नितिन गडकरी ने आगरा और मथुरा में नमामि गंगे परियोजनाओं की आधारशिला रखी:
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने 23 जनवरी 2019 को आगरा और मथुरा में 6 नमामि गंगे परियोजनाओं की आधारशिला रखी। मथुरा की चार परियोजनाओं पर 511.74 करोड़ रुपये लागत को स्वीकृति दी गई है। इनमें दो सीवरेज परियोजनाएं हैं।
25. स्वच्छ गंगा कोष में योगदान देने के लिए एनएमसीजी अधिकारी और साझेदार एक साथ आए:
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के अधिकारी और साझेदार स्वच्छ गंगा कोष के लिए स्वैच्छिक आधार पर निजी दान देने के लिए 15 जनवरी को एक मंच पर एकत्र हुए। विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के अधिकारियों, हितधारकों और भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड, वाप्कोस, एचडीएफसी आदि सहित टीम एनएमसीजी के साझेदारों ने एनएमजीसी मुख्यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में स्वच्छ गंगा कोष के लिए योगदान दिया।
26.रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध के लिए समझौता ज्ञापन :
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने 11 जनवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर के साथ नई दिल्ली में ऊपरी यमुना बेसिन में रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध के लिए समझौता ज्ञापन(एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना के अंतर्गत, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी यमुना बेसिन के पहाड़ी क्षेत्रों में यमुना और इसकी दो सहायक नदियों- टोंस और गिरि पर तीन भंडारण परियोजनाओं का निर्माण करने का प्रस्ताव है। इन परियोजनाओं में उत्तराखंड में यमुना नदी पर लखवार परियोजना तथा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में टोंस नदी पर किसाउ परियोजना और हिमाचल प्रदेश में गिरि नदी पर रेणुकाजी परियोजना शामिल हैं।
श्री गडकरी ने हाइब्रिड अन्यूइटी मोड और एक शहर एक परिचालक अवधारणा के तहत प्रयागराज शहर के लिए नमामि गंगे परियोजनाओं के लिए रियायत अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने संबंधी समारोह की अध्यक्षता की। इस समझौते पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से श्री अखिल कुमार, उत्तर प्रदेश जल निगम की ओर से श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव और प्रयागराज वाटर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से श्री दिलीप पोरमल के बीच हस्ताक्षर किए गए।
27. श्री नितिन गडकरी ने हरिद्धार के चण्डी घाट पर 5894 करोड़ रूपए की परियोजना का उद्घाटन और शिलान्यास किया
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने 21 फरवरी को हरिद्धार के चण्डी घाट में 5894 करोड रूपए की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत उत्तराखंड में 18 पंपिंग स्टेशनों के साथ ही छह नए सीवर शोधन संयंत्रों (एसटीपी) का निर्माण शामिल है। उद्घाटन स्थल चण्डी घाट था। चण्डी घाट उत्तराखंड के उन 36 अन्य घाटों में से एक है जिनका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। ये एसटीपी और घाट, सीवेज प्रबंधन, घाट और शवदाहगृहों के निर्माण, रिवर फ्रंट विकास कार्यों, वनारोपण ,जैव निस्तारण ,ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई और नदी तलछट सफाई कार्यों से जुड़ी 1354.33 करोड़ रुपये की 48 परियोजनाओं का हिस्सा है जो पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं।
28. श्री नितिन गडकरी ने बिहार में कई सीवर परियोजनाओं की आधारशिला रखी:
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास, गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने 29 फरवरी को बिहार के छपरा में 2785.23 करोड़ रुपये की सीवर परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित थे।
इन परियोजनाओं से गंगा किनारे बसे 13 शहरों के सीवर का 32 करोड़ लीटर पानी गंगा नदी में गिरने से रोका जा सकेगा। बिहार के ये 13 शहर – पटना, छपरा, सोनपुर, दानापुर, मनेर, फुलवारी शरीफ, बख्तियारपुर, फतुहा, मोकामा, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर और भागलपुर हैं।
29. जल शक्ति अभियान जन आंदोलन बना:
कैबिनेट सचिव श्री प्रदीप कुमार सिन्हा ने 26 अगस्त को जल शक्ति अभियान के अंतर्गत अब तक किए गए कार्यों खासकर भारत के भीषण जल संकट वाले 256 जिलों में 1100 केंद्रीय अधिकारियों के दूसरे दौरों की समीक्षा की। उन्होंने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जल शक्ति अभियान को जन आंदोलन में बदलने के लिए अधिकारियों की कोशिशों और संकल्प की सराहना की।
30.ओडीएफ प्लस और जल संरक्षण पर राष्ट्रीय योजना कार्यशाला का दिल्ली में आयोजन किया गया
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत ग्रामीण भारत के 30 राज्यों/संघशासित प्रदेशों में 5.6 लाख से अधिक गांवों, 622 जिलों द्वारा स्वयं को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किए जाने के साथ जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने नई दिल्ली में 12-13 जुलाई, 2019 को ओडीएफ प्लस और जल संरक्षण पर दो दिवसीय राष्ट्रीय योजना कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में 29 राज्यों/संघशासित प्रदेशों के स्वच्छता प्रभारी सचिवों, मिशन निदेशकों और अन्य प्रमुख राज्य स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया।
इसके पश्चात राज्य मंत्री ने ओडीएफ-प्लस गतिविधियों को संचालित करने तथा राज्यों एवं जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) डैशबोर्ड, ओडीएफ-प्लस एडवाइजरी और ओडीएफ-प्लस एवं स्वच्छ ग्राम दर्पण मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया।
31. मंत्रिमंडल ने पूरे देश में बाढ़ प्रबंधन कार्यों और वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित नदी प्रबंधन गतिविधियों और कार्यों के लिए “एफएमबीएपी” को मंजूरी दी:
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 मार्च को पूरे देश में बाढ़ प्रबंधन कार्यों और वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित नदी प्रबंधन गतिविधियों और कार्यों के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को 3342.00 करोड़ रुपये परिव्यय के साथ मंजूरी प्रदान की।
लाभ :
एफएमबीएपी योजना प्रभावी बाढ़ प्रबंधन भू-क्षरण नियंत्रण और समुद्र क्षरण रोकथाम के लिए पूरे देश में लागू की जाएगी। यह प्रस्ताव देश में बाढ़ और भू-क्षरण से शहरों, गांव, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, संचार सम्पर्क, कृषि क्षेत्रों, अवसंरचना आदि को बचाने में मदद करेगा। जलग्रहण क्षेत्र उपचार कार्यों से नदियों में तलछट भार को कम करने में सहायता मिलेगी।
वित्त पोषण पद्धति :
सामान्य श्रेणी के राज्यों में किए जाने वाले कार्यों के लिए वित्त प्रबंधन घटक के वित्त पोषण की पद्धति केंद्र और राज्य के 50-50 प्रतिशत अनुपात में जारी रहेगी। पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण पद्धति 70 प्रतिशत (केंद्र) और 30 प्रतिशत (राज्य) के अनुपात में जारी रहेगी।
32. नमामि गंगे के तहत यमुना नदी के किनारे बसे शहरों के लिए 1387.71 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत
कार्यकारी समिति ने 15 फरवरी, 2019 को आयोजित अपनी 20वीं बैठक में यमुना नदी के किनारे बसे शहरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 1387.71 करोड़ रुपये की लागत वाली सीवरेज अवसंरचना और अन्य परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं में सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) का निर्माण एवं मरम्मत, सीवेज शोधन संयंत्रों और अन्य अवसंरचना परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी प्रणालियां शामिल हैं।
33. कानपुर-उन्नाव चमड़ा क्लस्टर के सतत विकास के लिए एनएमसीजी ने सॉलिडैरिडैड बहु-हितधारक मंच के साथ साझेदारी की :
कानपुर-उन्नाव चमड़ा क्लस्टर के सतत विकास के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने बहु-हितधारक मंच की शुरूआत करने के लिए सॉलिडैरिडैड के साथ साझेदारी की है। सॉलिडैरिडैड ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक अनूठी सार्वजनिक-निजी साझेदारी बहु-हितधारक मंच का आयोजन किया।
कानपुर क्षेत्र के चमड़ा कारख़ाने गंगा संरक्षण के लिए प्राथमिकता रहे हैं और जाजमऊ टैनरी क्लस्टर के लिए नमामि गंगे के तहत ढुलाई, क्रोम रिकवरी और पायलट जेडएलडी प्लांट के लिए प्रबंध के साथ-साथ सामान्य जल निकासी संयंत्र की एक व्यापक परियोजना शुरु की गई है। चमड़े का कारख़ानों को अधिक हरित और टिकाऊ बनाने के लिए उनके भीतर की प्रक्रियाओं में सुधार पर भी जोर दिया गया है। सॉलिडैरिडैड एक ऐसी ही संस्था है, जो इसमें सहायता करती है। यह कार्यक्रम वर्तमान में कानपुर-उन्नाव चमड़ा क्लस्टर में लगभग 100 चमड़ा कारख़ानों के साथ कार्य कर रहा है और जल्द ही भारत और आसपास के अन्य देशों के चर्म उद्योंगो (कारखानों) में भी इसका विस्तार किया जाएगा।
34. देश भर में जल शक्ति अभियान के तहत एक महीने में 3.5 लाख से ज्यादा जल संरक्षण के उपायों की शुरुआत हुई:
देश भर में विशेषकर जल संकट से जूझ रहे जिलों में जल सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों के तहत केन्द्र की ओर से शुरू किए गए जल शक्ति अभियान (जेएसए) के तहत 256 जिलों में जल संरक्षण के 3.5 लाख से ज्यादा उपाय किए हैं। इनमें से 1.54 लाख जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के उपाय हैं, 20,000 पारंपरिक जल स्रोतों के कायाकल्प से संबंधित हैं, 65000 से ज्यादा जल के दोबारा इस्तेमाल और पुनर्भरण ढांचे तथा 1.23 लाख वाटर-शेड विकास परियोजनाएं हैं। अनुमानित 2.64 करोड़ लोग पहले ही इस अभियान में भाग ले चुके हैं और इस अभियान को जन आंदोलन बना रहे हैं। इन प्रयासों के तहत लगभग 4.25 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। नई दिल्ली में 2 अगस्त को कैबिनेट सचिव की समीक्षा बैठक में जल शक्ति अभियान के पहले चरण के परिणाम की घोषणा की गई।
पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने कहा कि जल शक्ति अभियान के परिणामस्वरूप भूजल स्तर, सतही जल भंडारण क्षमता, कृषि भूमि में मिट्टी की नमी में वृद्धि हुई है और पेड़-पौधों के कवर में बढ़ोत्तरी हुई है। जल शक्ति अभियान केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकार का सामूहिक प्रयास है और यह मुख्य रूप से जल संचय अभियान है, जिसे पिछले एक महीने में अभूतपूर्व गति मिली है।
यह अभियान केंद्र सरकार, राज्यों और जिलों के लगभग 1300 अधिकारियों की भागीदारी के साथ सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है जिनके द्वारा 3 फील्ड विजिट की जानी हैं।
35.अपना शौचालय पेंट करे:
शौचालय के स्वामित्व और सतत उपयोग को बढ़ावा देने और स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये गये करोड़ो शौचालयों को नया रूप प्रदान करने के प्रयासों के तहत पेय जल तथा स्वच्छता मंत्रालय ने ‘स्वच्छ सुंदर शौचालय’ नामक एक महीने तक चलने वाला अभियान शुरू किया। यह अभियान एक जनवरी को शुरू किया गया। इस अभियान में एक अनूठी प्रतियोगिता शामिल की गई है, जिसके तहत सभी लोगों को अपने शौचालय पेंट करने और सजाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसका नेतृत्व ग्राम पंचायतों द्वारा और समन्वय जिला प्रशासन द्वारा किया गया।
36.ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) पर 30 - 31 जनवरी 2019 को राष्ट्रीय कार्यशाला :
पेय जल तथा स्वच्छता मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएमजी) ने 30 और 31 जनवरी 2019 को नई दिल्ली में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में देश भर के जिला कलेक्टरों, सीईओ, सीडीओ, अधिशासी अभियंताओं और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला में ग्रामीण सेंसस टाउन्स और विशाल घनत्व वाले गांवों के लिए फीकल स्लज मैनेजमेंट (एफएसएम) और ग्रामीण क्षेत्रों में जैविक खाद जैव कृषि संसाधन धन (गोबर-धन) योजना (गोबर-धन) के महत्व पर बल दिया गया। इसमें प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रे वॉटर मैनेजमेंट और देश भर की केस स्टडीज को कवर किया गया।
37. “दरवाजा बंद-भाग 2” अभियान का आरंभ:
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 6 फरवरी को देश भर के गांवों का खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) का दर्जा बनाए रखने पर केंद्रित ‘दरवाजा बंद –भाग-2’ अभियान का आरंभ किया गया। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया यह अभियान मुम्बई में विख्यात अभिनेता श्री अमिताभ बच्चन की मौजूदगी में आरंभ किया गया। ‘दरवाजा बंद –भाग-2’ अभियान को विश्व बैंक की सहायता प्राप्त है और इसे आरंभ किए जाने के तत्काल बाद देश भर में लागू कर दिया गया।
38. स्वच्छ भारत ग्रामीण के स्वतंत्र सत्यापन से शौचालयों के 96 प्रतिशत से भी अधिक उपयोग की पुष्टि हुई:
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) की विश्व बैंक सहायता परियोजना के तहत एक स्वतंत्र सत्यापन एजेंसी (आईवीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण (एनएआरएसएस) 2018-19 से पता चला है कि ग्रामीण भारत के जिन 96.5 प्रतिशत से भी अधिक परिवारों की शौचालय तक पहुंच है वे इसका उपयोग कर रहे हैं। एनएआरएसएस ने भी उन 90.7 प्रतिशत गांवों की खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) की स्थिति की पुन: पुष्टि की, जिन्हें विभिन्न जिलों और राज्यों द्वारा पहले ही ओडीएफ घोषित और सत्यापित किया गया था। यह सर्वेक्षण नवम्बर 2018 और फरवरी 2019 के बीच आयोजित किया गया था। इसमें देश भर राज्यों और संघशासित प्रदेशों के 6136 गांवों के 92040 परिवारों को शामिल किया गया था
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आरकेमीणा/आरएनएम/एएम/आरके-5152
(Release ID: 1598616)
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