राष्ट्रपति सचिवालय

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने मंगोलिया के राष्ट्रपति की मेजबानी की; कहा भारत और मंगोलिया न केवल 'सामरिक साझीदार' हैं, बल्कि अपनी साझा बौद्ध विरासत से जुड़े 'आध्यात्मिक पड़ोसी' भी हैं

Posted On: 21 SEP 2019 10:05AM by PIB Delhi

  राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (20 सितंबर, 2019) राष्ट्रपति भवन में मंगोलिया के राष्ट्रपति श्री कोट्टमगिगीं बत्तुलगा की मेजबानी की। उन्होंने मंगोलिया के राष्‍ट्रपति के सम्‍मान में एक प्रीतिभोज की भी मेजबानी की।      

  राष्ट्रपति बत्तुलगा का भारत में स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने कहा कि पिछले दस वर्षों में किसी मंगोलियाई राष्ट्रपति की यह प्रथम भारत यात्रा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा भारत-मंगोलिया द्विपक्षीय संबंधों में मील का पत्थर साबित होगी।   

 राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मंगोलिया के साथ अपने घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्‍होंने कहा कि भारत और मंगोलिया 'सामरिक साझीदार' ही नहीं बल्कि अपनी साझा बौद्ध विरासत से जुड़े 'आध्यात्मिक पड़ोसी' भी हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात का हर्ष है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में अब बुनियादी ढांचे, अंतरिक्ष और डिजिटल संपर्क जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग का विस्तार हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देश साइबर सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन, खनन और पशुपालन के क्षेत्र में भी परस्‍पर सहयोग कर रहे हैं।      

 राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का निरंतर समर्थन के लिए मंगोलिया की सराहना की। उन्होंने 'अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन' में शामिल होने के मंगोलिया के फैसले की भी सराहना की। राष्‍ट्रपति ने कहा कि इससे अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी साझेदारी मजबूत होगी और हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी।     

   राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सदियों से लोगों के बीच आदान-प्रदान हमारे संबंधों का आधार रहा है। भारत के बौद्ध भिक्षु और व्यापारी शांति, सद्भाव और मित्रता के संदेश के साथ मंगोलिया गए। इसी प्रकार वक्‍त के साथ-साथ मंगोलियाई विद्वान और तीर्थयात्री बौद्ध अध्ययन और आध्यात्मिक लाभ के लिए भारत आए और यह परंपरा निरंतर रूप से जारी है। भारत आज बौद्ध अध्ययन में लगे लगभग 800 मंगोलियाई छात्रों की मेजबानी करने का विशेषाधिकार रखता है।  

 राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार, मंगोलियाई सरकार और उनके निवासियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि दोनों देशों के नागरिकों की समृद्धि के लिए हमारी सामरिक भागीदारी को और मजबूत और विस्तारित किया जा सके।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एसएस/एसएस – 3142



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