वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने ‘केपेक्सिल निर्यात पुरस्‍कार’ प्रदान किए


भारत का भविष्‍य एमएसएमई सेक्‍टर में निहित है : श्री पीयूष गोयल

पर्यावरण की देखभाल सभी के लिए लाभप्रद है : वाणिज्‍य मंत्री

श्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत से ‘मेक इन इंडिया’ उत्‍पादों के ब्रांड मूल्‍य पर ध्‍यान केन्द्रित करने का अनुरोध किया

Posted On: 18 SEP 2019 4:31PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्‍ली में रसायन एवं संबद्ध उत्‍पाद निर्यात संवर्धन परिषद (केपेक्सिल) के निर्यात पुरस्‍कार प्रदान किए। सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम राज्‍य मंत्री श्री प्रताप चन्‍द्र सारंगी भी पुरस्‍कार समारोह में उपस्‍थि‍त थे।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि रसायन एवं संबद्ध सेक्‍टरों, जिनमें देश के कुछ सबसे पुराने उद्योग हैं, की जितनी क्षमता का दोहन अब तक किया गया है उससे भी कहीं अधिक क्षमता इनमें निहित है। उन्‍होंने कहा कि अब समय आ गया है कि समूचा सेक्‍टर नई चुनौतियों से पार पाने, अपेक्षाकृत ऊंचे लक्ष्‍य तय करने और असाधारण नतीजे हासिल करने की आकांक्षा पूरी करने के लिए मिल-जुलकर प्रयास करे।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने पुरस्‍कार विजेताओं की सराहना की और इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इन पुरस्‍कार विजेताओं को निश्चित तौर पर उन लोगों को साहसिक निर्णय लेने एवं जोखिम उठाने तथा अपने उद्योग में असाधारण या उत्‍कृष्‍ट कार्य करने की आकांक्षा पूरी करने के लिए प्रेरित करना चाहिए जो आज कोई पुरस्‍कार नहीं जीत पाए हैं। उन्‍होंने कहा कि केपेक्सिल सेक्‍टर के उद्योगों को नई प्रौद्योगिकी अपनानी चाहिए एवं नए बाजार तलाश करने चाहिए, फिलहाल तैयार किए जा रहे उत्‍पादों का मूल्‍यवर्द्धन करना चाहिए और केवल कच्‍चे माल एवं बुनियादी उत्‍पादों के निर्माताओं तथा निर्यातकों के तौर पर ही निरंतर काम करते हुए संतुष्‍ट नहीं बैठ जाना चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि वैसे तो भारत के रसायन एवं संबद्ध सेक्‍टरों के निर्यात का वैश्विक रसायन बाजार में 10 प्रतिशत योगदान है, लेकिन अब इस सेक्‍टर के उत्‍पादों का नंबर वन निर्यातक बनने की आकांक्षा करने का समय आ गया है। वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने इसके लिए इस सेक्‍टर के सभी उद्योगों से निर्यात बाजार में शामिल अपने उत्‍पादों का और अधिक मूल्‍यवर्द्धन करने के लिए हरसंभव तरीके पर विचार करने और साहसिक एवं फुर्तीला बनने का अनुरोध किया।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत का भविष्‍य एमएसएमई (सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम) सेक्‍टर में निहित है। उन्‍होंने एमएसएमई सेक्‍टर के उद्योगों से बंदरगाहों के निकट क्‍लस्‍टरों का विकास करने, बड़े पैमाने पर भूमि की उपलब्‍धता, साझा उत्‍सर्जन शोधन संयंत्रों और साझा परीक्षण सुविधाओं के लिए सरकार से सहायता की मांग करने का अनुरोध किया।

श्री गोयल ने यह भी कहा कि पर्यावरण की देखभाल एवं इसमें निवेश उद्योग जगत एवं नागरिकों के साथ-साथ सभी के लिए लाभप्रद है क्‍योंकि इससे अनुकूल निवेश माहौल सुनिश्चित करने और विश्‍व भर में भारतीय उत्‍पादों को स्‍वीकार्य बनाने में मदद मिलती है।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने दुनिया के साथ विभिन्‍न क्षेत्रों में सहभागिता करने और उन मुक्‍त व्‍यापार समझौतों के जरिए उपलब्‍ध सभी अवसरों से लाभ उठाने का अनुरोध किया जिन पर भारत ने अन्‍य देशों के साथ हस्‍ताक्षर किए हैं। वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने इसके साथ ही राष्‍ट्रीय हितों, अपने कारोबारी हितों और इन सबसे ऊपर उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा करने का भी अनुरोध किया।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/वीके 3097



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