गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (AIMA) द्वारा आयोजित 46 वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन की अध्यक्षता की


लक्ष्यों और उद्देश्यों को सुनिश्चित करने के लिए विचारों और कार्यों में तालमेल रखना तथा सभी को साथ लेकर चलना आवश्यक है – केंद्रीय गृह मंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक नागरिक को विश्वास दिलाया है कि 21 वीं सदी भारत की हो सकती है: श्री अमित शाह

हवाई हमले और सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला : श्री अमित शाह

धारा 370 निरस्त होने के बाद कश्मीर में कोई आतंकवादी हमला या हिंसा की घटना नहीं हुई है : श्री अमित शाह
 

Posted On: 17 SEP 2019 4:22PM by PIB Delhi

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज 46 वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (AIMA) द्वारा किया गया था।

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर श्री शाह ने कहा कि यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक नागरिक को विश्वास दिलाया है कि 21 वीं सदी भारत की हो सकती है। श्री शाह ने हैदराबाद में पुलिस कार्रवाई करने के अपने साहसिक निर्णय के लिए सरदार पटेल को भी याद किया जिसके कारण 1948 में इस दिन भारत के साथ राज्य का विलय हुआ।

श्री शाह ने "न्यू इंडिया- ग्रेट इंडिया" विषय पर बोलते हुए कहा कि न्यू इंडिया का विज़न प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का एक सुरक्षित, समृद्ध और प्रगतिशील भारत का विज़न है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दृष्टिकोण को प्रबंधन के कुछ सबसे बुनियादी सिद्धांतों का पालन करके प्राप्त किया जा सकता है। लक्ष्यों और उद्देश्यों को सुनिश्चित करने के लिए विचारों और कार्यों में तालमेल रखना तथा सभी को साथ लेकर चलना आवश्यक है।

श्री शाह ने कहा कि पिछले पांच साल भारत के लिए परिवर्तनकारी रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच वर्षों में मजबूत और निर्णायक नेतृत्व प्रदान किया और विकास और सावधानीपूर्वक निष्पादन के माध्यम से राष्ट्रीय विकास के उद्देश्यों को निर्धारित किया। श्री शाह ने सरकार के पहले कार्यकाल में जीएसटी, विमुद्रीकरण, सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले और जन धन योजना जैसे साहसिक फैसलों की बात की और दूसरे कार्यकाल में ट्रिपल तालाक के निरस्तीकरण के साथ ही धारा 370 को निरस्त करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हर अभूतपूर्व सुधार में शुरुआती समस्याएं होती हैं और ऐसे फैसलों का फल लेने के लिए लोगों को धैर्य रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा लोगों और राष्ट्र के लिए बेहतरीन परिणाम को ध्यान में रखते हुए फैसले लेती है।

श्री शाह ने कहा कि सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है और सामाजिक विकास और विभिन्न क्षेत्रों में समग्र विकास सुनिश्चित किया है।

श्री शाह ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में 8 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन, 2.5 करोड़ लोगों को आवास, 2.5 करोड़ लोगों को बिजली, 8 करोड़ लोगों को शौचालय और 50 करोड़ लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान की है। श्री शाह ने कहा कि यह पहली सरकार थी जिसने यह साबित किया कि यह गरीब और सुधार दोनों के लिये काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ एक इंच भी समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बालाकोट हवाई हमले और सर्जिकल स्ट्राइक ने दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदल दिया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार भारत की सीमाओं के किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगी चाहे वह कितना भी मामूली क्यों न हो।

श्री शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने के साथ ही अखंड भारत के सपने को साकार किया गया है। उन्होंने कहा कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में कोई आतंकवादी हमला या हिंसा की घटना नहीं हुई है।

श्री शाह ने भारत के वैश्विक नेतृत्व की भूमिका पर बोलते हुए  कहा कि दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हिंदी में भाषण से पता चला कि दुनिया भारत का सम्मान करती है। श्री शाह ने पेरिस जलवायु वार्ता के दौरान श्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्वकारी भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आठ देशों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को उनके सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया| उन्होंने ने कहा कि यह दुनिया का भारत और भारतीयों के प्रति सम्मान है।

श्री शाह ने कहा कि भारत 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और सरकार द्वारा इस दिशा में एक मजबूत नींव रखी गई है। पिछले पांच वर्षों में राष्ट्र के आर्थिक परिवर्तन पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि देश की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय में 78,000 रुपये से 1,26,406 रुपये की वृद्धि देखी गई, कृषि विकास दर -0.2 से बढ़कर 6.7 और 2.9 हो गई , कृषि बजट 1.21 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.11 लाख करोड़ रुपये हुआ और आयकर दाताओं की संख्या 3.8 करोड़ से बढ़कर 6.9 हो गई । इसके अलावा, उन्होंने कहा कि एफडीआई 304 बिलियन डॉलर से बढ़कर 429 बिलियन डॉलर हो गया और सकल कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी 46.5% से बढ़कर 56% हो गई।

उन्होंने पिछले पांच वर्षों में विभिन्न सूचकांकों में वृद्धि को भी इंगित किया। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2014 में 142 से बढ़कर आज 77 हो गई है। वर्ल्ड बैंक इलेक्ट्रिसिटी ऐक्सेसिबिलिटी रैंकिंग में 2014 से 2018 के बीच भारत ने 99 वें से 26 वें स्थान पर सुधार देखा है। ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस इंडेक्स ने भारत की रैंक में 71 से 58 तक का सुधार देखा है, जबकि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ट्रैवल एंड टूरिज्म कॉम्पिटिटिव इंडेक्स में भारत की 65 से 40 रैंक तक सुधार हुआ है। । श्री शाह ने कहा कि ये सूचकांक श्री नरेंद्र मोदी सरकार के व्यवस्थित सुधार दिखाते हैं।

श्री शाह ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विकास की तीव्र गति की बात की। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गति में 12 से 30 किलोमीटर प्रति दिन का सुधार हुआ है, जबकि ग्रामीण सड़क निर्माण 70 से 130 किलोमीटर प्रति दिन हो गया। उन्होंने कहा कि रेलवे विद्युतीकरण की गति पिछले पांच वर्षों में 3000 किमी से बढ़कर 13000 किमी से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर गांव में विद्युतीकरण किया है। कुल बिजली उत्पादन क्षमता 248 GW से बढ़कर 357 GW हो गई थी और उसी अवधि में अक्षय उत्पादन क्षमता 32 से बढ़कर 78 GW हो गई । उन्होंने कहा कि 2014-19 से देश में ऑप्टिकल फाइबर की कुल लंबाई 360 से बढ़कर 3.48 लाख किमी हो गई थी और ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जुड़ी ग्राम पंचायतों की संख्या 59 से बढ़कर 1.2 लाख जीपी हो गई जो ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत को 2022 तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा।

श्री शाह ने कहा कि वित्तीय समावेशन दर 58% से बढ़कर 99.4% हो गई है और पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण बैंकिंग में 9 गुना सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 5 वर्षों में 83 लाख घरों का निर्माण किया और 2022 तक सभी के लिए आवास सुनिश्चित करेगी।

श्री शाह ने कहा कि राष्ट्र में स्थिरता और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए कानून का शासन एक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एआईएमए जैसे संगठनों की जिम्मेदारी अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) समूहों को विकसित करने, उद्योगों को विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करने के लिए उद्योगों का मार्गदर्शन करने की है। उन्होंने यह भी कहा कि बदलते समय और चुनौतियों के बीच वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए हमें अपने उद्योगों को तैयार करना चाहिए।

 

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डॉ वीजी/ डॉ डीडी



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