कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने भारतीय कौशल संस्थान, मुंबई का शिलान्यास किया

Posted On: 11 SEP 2019 4:53PM by PIB Delhi
  • आईआईटी और आईआईएम के समान आईआईएस होगा।
  • टाटासमूह सायन में 4.5 एकड़ भूखंड में बनने वाले संस्थान की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
  • आईआईएस का लक्ष्य है प्रतिवर्ष 5 हजार छात्रों का नामांकन। 70 प्रतिशत छात्रों को कैंपस से ही नौकरी मिलेगी।

 

भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के क्रम में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने आज मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान आईआईएस का शिलान्यास किया। यह संस्थान 10वीं और 12वीं पास छात्रों को अतिविशिष्ट क्षेत्रों के लिए तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा। विश्वस्तरीय यह कौशल प्रशिक्षण केंद्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के समान होगा।

इस अवसर पर महाराष्ट्र फिल्म, मंच एवं सांस्कृतिक विकास निगम लिमिटेड (एमएफएससीडीसीएल) के वाइस चेयरमैन श्री अमरजीत मिश्रा, कुर्ला क्षेत्र के विधायक श्री मंगेश एम. कुडालकर, पार्षद श्री मलिक अब्दुल राशिद, टाटा संस के श्री नटराजन चन्द्र शेखरन, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के चेयरमैन तथा लार्सन एंड टुब्रो के ग्रुप चेयरमैन श्री ए.एम.नाइक, एम.एस.डी.ई के सचिव श्री के.पी.कृष्णन और एम.एस.डी.ई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुंबई के एन.एस.टी.आई कैंपस में आईआईएस की स्थापना के लिए प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया द्वारा टाटा एजुकेशन डेवलपमेंट ट्रस्ट (टीईडीटी) का चयन किया गया है। टाटा समूह संस्थान के 4.5 एकड़ के कैंपस में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। छात्रों को आधुनिकतम सुविधाएं प्राप्त होंगी। प्रतिवर्ष 5 हजार छात्रों के नामांकन तथा 70 प्रतिशत छात्रों को कैंपस से नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

केंद्रीय कैबिनेट आईआईएस देश के तीन स्थानों – मुंबई, अहमदाबाद और कानपुर पर स्थापित करने की मंजूरी दी थी। ये संस्थान पीपीपी (सार्वजनिक – निजी - सहयोग) मॉडल के आधार पर बनाए जाएंगे।

इस अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर की यात्रा के दौरान वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर देखा तो उन्होंने अपने देश में आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की कल्पना की। उनके निर्देश के तहत कौशल संस्थान को आईआईटी और आईआईएम के समान विकसित किया जाएगा। मेक इन इंडिया की तरह ही हमें स्किल्ड इन इंडिया के लिए जाना जाएगा। देश में आज कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कार्यबल की आवश्यकता है जो उद्योगों की ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों की मांग को पूरा करे। पूरी दुनिया में कौशल परिदृश्य बदल रहा है और ये संस्थान हमें प्रतिस्पर्धी बनाएंगे। मुंबई का यह संस्थान महाराष्ट्र के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। सरकार ने इस संस्थान के लिए निजी सहयोगी को 25 वर्षों के लिए भूखंड आवंटित किया है।

टाटा संस के चेयरमैन श्री नटराजन शेखर ने शिलान्यास समारोह के लिए बधाई देते हुए कहा कि टाटा इस परियोजना से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इस परियोजना की परिकल्पना स्वयं प्रधानमंत्री ने की थी। आर्थिक विकास के लिए रोजगार महत्वपूर्ण है। जनसांख्यिकीय लाभांश को देखते हुए कौशल विकास सबसे सटीक समाधान है।

शिलान्यास समारोह के दौरान गणमान्य व्यक्तियों ने मुंबई के राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान में पौधारोपण भी किया।

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/जेके/डीए- 2958

 



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