पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति के मसौदे पर मिले सुझाव और टिप्पणी जारी

Posted On: 19 AUG 2019 8:58PM by PIB Delhi

प्राकृतिक संसाधन किसी भी आर्थिक विकास का आधार होता है। 2.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) के साथभारत आज विश्व में  सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था में से एक है। भारत में वर्ष 1970 में जहां 7 बिलियन टन की सामान खपत होती थी,वहीं वर्ष 2015 में यह छह गुना बढ़कर 1.18 बिलियन टन के स्तर पर पहुंची। सामान की खपत, बढ़ती हुई जनसंख्या,तेजी से हो रहे शहरीकरण और बढ़ती हुई आकांक्षाओ के चलते इसके ओर बढने की उम्मीद है। संसाधन क्षमता में वृद्धि और अतिरिक्त कच्चे सामान का प्रयोग वृद्धि, संसाधन बाधा और पर्यावरण के प्रति देखभाल संबंधी भविष्य की समस्याओ का निवारण करेगा।

पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 25 जून,2019 को राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति का मसौदे जारी कर सार्वजनिक और निजी संगठनो,विशेषज्ञो और नागरिको सहित सभी भागीदारो से टिप्पणी और सुझाव आमंत्रित किए थे।

राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति केमसौदे(एनआरईपी) में पर्यावरणीय वहनीय और समान आर्थिक वृद्धि,संसाधन सुरक्षा, स्वच्छ वातावरण( वायु,जल और भूमि) तथा समृद्ध पर्यावरण और जैवविविधिता के साथ पुन स्थापित पारिस्थितिकी तंत्र के भविष्य की परिकल्पना की गई है। राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति कामसौदा(i) दीर्धकालीन विकास लक्ष्य और भूमंडलीय सीमा तक रहने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वहनीय स्तर तक प्राथमिक संसाधनो की खपत में कमी (ii) संसाधन क्षमता और चक्रकार दृष्टिकोण द्वारा कम सामान से अधिक मूल्य की वस्तु बनाना(iii) अपशिष्ट को कम करना (iv) सामान सुरक्षा और रोजगार अवसरो को सृजन और पर्यावरण रक्षण और संरक्षण के हित हेतु लाभदायक व्यापार मॉडल की नीतियो से दिशा निर्देशित है।

राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति कामसौदा(एनआरईपी) मंत्रालय की वेबसाइट पर http://moef.gov.in/draft-national-resource-efficiency-policy2019-inviting-comments-and-suggestions-of-stakeholders-including-publicprivate-organization-experts-and-concerned-citizens/.लिंक पर उपलब्ध है

निर्धारित प्रारूप में टिप्पणी और सुझाव 24 अगस्त,2019 तक स्वीकार किए जाएगें। 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एजे-2531

 

 

 

 



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